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निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 17 दिसंबर तक बढ़ी न्यायिक रिमांड, मनोज द्विवेदी भी कोर्ट में पेश

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के चर्चित DMF घोटाला मामले में आज निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर को कोर्ट में पेश किया गया. दोनों आरोपियों को ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. एक बार फिर रानू साहू और माया वारियर की मुश्किलें बढ़ गई है. कोर्ट ने दोनों की न्ययिक रिमांड बढ़ा दी है. 17 दिसंबर तक दोनों की न्यायिक रिमांड बढ़ गई है.

वहीं निलंबित IAS रानू साहू के कथित सहयोगी मनोज द्विवेदी को भी आज कोर्ट में पेश किया गया. मनोज द्विवेदी पर रानू साहू के साथ मिलकर NGO के माध्यम से DMF के करोड़ों रुपए गबन का आरोप है.

बता दें कि रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं. इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं. इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं. कलेक्टर रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में ED ने छापा मारा था. DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है. इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर को भी गिरफ्तार किया गया है.

जानिए क्या है DMF घोटाला

जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है.

पद का गलत इस्तेमाल

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है. ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था.

शहर कांग्रेस कमेटी ने 10 जोन मुख्यालयों का किया घेराव, जनता की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन …

रायपुर-   आज शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में राजधानी के सभी 10 जोन मुख्यालयों का घेराव किया गया. नगर निगम से संबंधित आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा गया.

ज्ञापन में मांग की गई कि आवास सर्वे में धरसा, अस्थाई पट्टा, नहरपार, तालाबपार के निवासियों को लाभ मिलेगा की नहीं, बड़े कॉम्पलेक्स, बड़े मकान के टैक्स छोड़कर गरीब और मध्यम वर्ग पर गलत टैक्स लगाने और दबाव बनाने जैसी समस्या, गौठान एवं गोबर खरीदी बंद करने से सैंकड़ों गाय मरने की रिपोर्ट, भाजपा के नेताओं द्वारा अवैध निर्माण, अवैध प्लाटिंग को बचाने की बात, पार्षदनिधि की समस्त वार्डों में पिछले साल से भाजपा सरकार बनने के बाद भी अभी तक राशि ना दे पाने का विरोध, भूमिपूजन की ड्रामेबाजी करने बाद अभी तक अधिकांश काम सभी वार्डों में प्रारंभ नहीं करने और भाजपा नेताओं के ठेकों में बंदरबांट होने का विरोध, विधायकों एवं सांसद द्वारा नगर निगम के रोजाना कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का विरोध, भाजपा सरकार के बनने के बाद बढ़ते अवैध निर्माण पर नियंत्रण ना कर पाने का विरोध कर कांग्रेस पार्टी ने सभी जोन मुख्यालयों में जाकर ज्ञापन सौंपा.

आज के इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के साथ शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरिश दुबे भी शामिल हुए.

साय कैबिनेट की बैठक कल
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 11 दिसम्बर को पूर्वान्ह 11 बजे से मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी।
महिला आयोग ने पीड़िता को दिलाया 20 लाख की क्षतिपूर्ती, तो इधर ठगी की शिकार हुई महिला को दिलाया जमीन वापस…

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं, जिनमें एक तरफ एक महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिलवाई गई, वहीं दूसरी ओर एक भतीजे और बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर बड़ी ठगी के मामले में कार्रवाई की गई.

पहला मामला एक महिला द्वारा आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि एक शासकीय शिक्षक ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और बाद में शादी से इंकार कर उसे बर्बाद करने की धमकी दी. इस मामले में आयोग ने केवल तीन सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनकर सुलहनामा करवाया और अनावेदक को महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा. इसमें 10 लाख रुपये नगद और 10 लाख रुपये का चेक शामिल था. यह राशि महिला आयोग द्वारा किसी भी प्रताड़ित महिला को दिलवाई गई अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति राशि है. दोनों पक्षों ने सुलह का इकरारनामा प्रस्तुत किया, जिसमें यह भी कहा गया कि भविष्य में आवेदिका को परेशान नहीं किया जाएगा.

दूसरे मामले में महिला आयोग के पास एक आवेदिका ने शिकायत की थी कि उसके भतीजे और एक बैंक मैनेजर ने झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन निकाल लिया था. आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महज दो सुनवाई में मामला लगभग सुलझा लिया. आयोग ने तत्कालीन बैंक मैनेजर और आवेदिका के भतीजे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बैंक के मुख्य अधिकारी को निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है. यह भी सामने आया कि यह आरोपी गिरोह कई वर्षों से इस प्रकार के ठगी के मामलों में लिप्त थे.

महिला आयोग से आवेदिका ने दो प्रमुख मांगें की थीं, पहली यह कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले और दूसरी यह कि उसकी 15 एकड़ जमीन जो बैंक में बंधक रखी गई है, उसे वापस किया जाए. आयोग ने इस मामले में बैंक अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया कि जल्द से जल्द आवेदिका की जमीन को बंधनमुक्त किया जाए.

गरीबों और किसानों के रक्षक के रूप में अमर शहीद वीर नारायण सिंह की गौरवगाथा सदैव अमर रहेगी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आदिमजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक पुरन्दर मिश्रा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद वीर नारायण सिंह के मातृभूमि के प्रति योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी जन-नायक वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। वे सोनाखान के ज़मींदार परिवार से थे लेकिन उन्होंने आदिवासियों, किसानों और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए अनाज गोदाम से अनाज निकालकर गरीबों में बांट दिए। उन्होंने सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता में देश भक्ति का संचार किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह के संघर्ष, मातृभूमि के प्रति समर्पण और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। गरीबों और किसानों के रक्षक के रूप में उनकी गौरवगाथा सदैव अमर रहेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के लिए भेजा महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण

रायपुर-  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को प्रयागराज के पवित्र संगम में वर्ष 2025 में आयोजित हो रहे महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण भेजा है। उन्होंने सभी छत्तीसगढ़ वासियों को भी महाकुंभ में आमंत्रित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उनका आमंत्रण लेकर उत्तर प्रदेश के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा और समाज कल्याण राज्य मंत्री संजय गोंड ने मुख्यमंत्री श्री साय से सौजन्य मुलाकात की और उन्हें आमंत्रण पत्र, पवित्र गंगा जल और कुंभ का प्रतीक चिन्ह सौंप कर उन्हें महाकुंभ में आमंत्रित किया। मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि कुंभ स्थल पर छत्तीसगढ़ का भी एक पंडाल लगाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के पंडाल के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र मंत्रीद्वय को सौंपा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंडाल में छत्तीसगढ़ से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्री द्वय का छत्तीसगढ़ में आत्मीय स्वागत करते हुए आमंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में शामिल होना सौभाग्य का विषय है। वे पहले भी कुंभ में शामिल होते रहे हैं, लेकिन इस बार का कुंभ विशेष है। आमंत्रण देने के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने दो-दो मंत्रियों को भेजा है। हम महाकुंभ में जरूर आएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ प्रयागराज महाकुंभ 2025 के अवसर पर महाकुंभ में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस प्रदेश की संस्कृति, विकास और उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए उत्सुक है। छत्तीसगढ़ से महाकुंभ के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के भोजन एवं रहने-ठहरने की व्यवस्था हेतु महाकुंभ क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लिए भूमि आरक्षित करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है।

महाकुंभ मेले के लिए छत्तीसगढ़ से प्रयागराज तक चलेगी स्पेशल ट्रेन…

रायपुर-    प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने के लिए प्रयागराज आने वाले यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान की जाए, इस उद्देश्य से स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है. महाकुंभ के दौरान रेलवे के दौरान 3000 स्पेशल गाडियाँ सहित 13000 से अधिक रेल गाडियाँ चलाई जाएंगी. इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से तीन कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. 

महाकुंभ मेले के दौरान ट्रेन में होने वाली अतिरिक्त भीड़-भाड़ के दौरान रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ/सीट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा तीन कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है जो रायगढ़-वाराणसी, दुर्ग-वाराणसी एवं बिलासपुर-वाराणसी के मध्य तीन फेरे के लिए चलाई जा रही है. 

 08251/08252 रायगढ़-वाराणसी-रायगढ़ कुंभ मेला स्पेशल, 08791/08792 दुर्ग-वाराणसी-दुर्ग कुंभ मेला स्पेशल एवं 08253/08254 बिलासपुर-वाराणसी-बिलासपुर कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन व्हाया बिलासपुर, कटनी, प्रयागराज के मार्ग से चलाई जा रही है.

विदेशों में पहचान बनाने वाली छत्तीसगढ़ी कलाकार पद्म विभूषण डॉ. तीजन बाई की आवाज पड़ी फीकी, इलाज के खर्च बने पहाड़, पेंशन का मामला भी लटका
दुर्ग-  छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायन विधा को विदेशों तक पहुंचाने वाली पद्मश्री पदम् विभूषण और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. तीजन बाई की आवाज पर हजारों तालियां बजती थीं. लेकिन अब यह पांडवों की कथा कापालिक शैली में सुनाने वाली आवाज फीकी पड़ती जा रही है. अब शायद हमें उनकी आवाज फिर से सुनने को न मिले. क्योंकि अब तीजन बाई ने बात करना भी बंद कर दिया है. उनकी सेहत में सुधार होने की बजाए धीरे-धीरे बिगड़ रही है. ये देश की एक मात्र ऐसी महिला हैं, जिन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया है.

दुर्ग जिले के गनियारी गांव में रहने वाली पारधी समाज से आने वाले पदम् विभूषण से सम्मानित तीजन बाई ने अपना जीवन पंडवानी गायन विधा को समर्पित कर दिया. डॉ. तीजन बाई पर रविशंकर विश्विद्यालय में शोध किये जा रहें. उन्हें डी लिट् और पीएचडी की कई उपाधिया प्रदान की गई है. बॉलीवुड उनके जीवन पर फ़िल्म बनाने के लिए 4 साल पहले अनुबंध कर चुका है. लेकिन 24 साल हो चुके छत्तीसगढ़ राज्य में पदम् सम्मानों से सम्मानित डॉ. तीजन बाई को अब तक राज्य सरकार से कोई पेंशन नहीं मिल पाया है. संस्कृति विभाग भी ऐसे कलाकरों के लिए कोई योजना नहीं बना पाया, जिनके कारण छत्तीसगढ़ को विदेशों में पहचान मिली है.

करीब डेढ़ साल से तीजन बाई लकवा होने की वजह से बिस्तर पर ही है. उनके दो महीने पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से बंद हुई फीजियोथैरेपी दोबारा शुरू नहीं हो सकी है. तीजन बाई की बहन रम्भा की बहू वेणु देशमुख जो उनका देखभाल करती हैं वे बताती हैं कि अब उनके इलाज में होने वाले खर्च को लेकर परेशान है. पेंशन के नाम पर पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई को केंद्र सरकार से 4 हजार 3 सौ 66 रुपये मिलते हैं. इलाज में होने वाला खर्च तीजन बाई की जमा पूंजी से किया जा रहा है. इधर परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. वहीं पंडवानी की पुरोधा मानी जाने वाली डॉ. तीजन बाई के बीमार पड़ते ही उन सभी लोगों ने किनारा कर लिया जो कभी उनके बुलंदियों के दिनों में साथ हुआ करते थे.

78 वर्ष की हो चुकी डॉ. तीजन अब लोगों को पहचान नहीं पाती, लेकिन जिंदगी भर मीडिया की चकाचौंध के बीच रह चुकी कैमरे के सामने फोटो खिचंवाना नहीं भूलती. इशारों से ही सही लेकिन वे लोगों को अभिवादन भी करती हैं. डेढ़ साल पहले बीमार होने के बाद उनके अपने की लोगों ने लोगों से उनके बीमार होने की बात छिपाई क्योंकि उनके नाम से आने वाले पंडवानी के कार्यक्रम की आय से परिवार चलता था. बीएसपी में कार्यरत रही तीजन बाई को बीएसपी के पंडित जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल सेक्टर नाइन में भी इलाज की सुविधा मिली.

पुलिस ने 52 पत्तियों पर दांव लगा रहे 7 जुआरियों को रंगे हाथों पकड़ा, नकदी समेत 4 बाइक जब्त
तखतपुर-  पुलिस ने नगचुई स्थित नीलगिरी प्लॉट में जुआ खेल रहे 7 जुआरियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को क्षेत्र में लंबे समय से जुआ खेलने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उन्होंने इस पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने जब दबिश दी, तो जुआरी ताश की पत्तियां पर दाव लगा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने जुआ खेलने में संलिप्त आरोपियों से 15,000 हजार रूपये नकद और चार मोटरसाइकिल जब्त की है।
बता दें कि पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र में बढ़ते जुआ के खिलाफ जारी अभियान का हिस्सा है और भविष्य में ऐसे अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
सरपंच और उपसरपंच बर्खास्त, सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में हुई कार्रवाई

बिलासपुर-     बिल्हा विकासखंड के ग्राम पंचायत बसिया की सरपंच और उपसरपंच को बर्खास्त कर दिया गया है. शासकीय भूमि पर काबिज होने के आरोपों की जांच के बाद शिकायत की पुष्टि होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई. अतिरिक्त कलेक्टर न्यायालय बिलासपुर ने एसडीएम के प्रतिवेदन और संबंधित पक्षों की सुनवाई के बाद आज बर्खास्तगी आदेश जारी किए. बसिया में वर्तमान में उषा यादव सरपंच के पद पर और बलदाऊ यादव उपसरपंच के पद पर कार्यरत हैं.

अतिरिक्त कलेक्टर न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार बसिया की सरपंच उषा यादव पति कृष्ण कुमार यादव और उपसरपंच बलदाऊ यादव के विरूद्ध शासकीय घास भूमि में कब्जे की शिकायत की गई थी. उषा यादव द्वारा गोठान के नजदीक स्थित भूमि पर पक्का मकान बना रही थी. उपसरपंच बलदाऊ यादव द्वारा जमीन के एक हिस्से में कब्जा कर डेयरी फार्म खोला गया था. मामले की जांच कर अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर द्वारा 8 अक्टूबर 2024 को दिए गए प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि सरपंच पति कृष्ण कुमार यादव द्वारा खसरा नम्बर 231/1 रकबा 8.260 हेक्टेयर घास मद की शासकीय भूमि के अंश भाग पर गोठान के पास पक्का मकान निर्माण किया जा रहा है. खसरा नम्बर 213/8 रकबा 0.607 हेक्टेयर शासकीय भूमि आबादी आवास के अंश भाग पर उप सरपंच द्वारा डेयरी फार्म बना कर अतिक्रमित किया जाना प्रतिवेदित किया गया है.

सरपंच ने उक्त भूमि पर कब्जा कर मकान निर्माण किये जाने की पुष्टि अपने जवाब में की है. इसी प्रकार उप सरपंच ने भी आबादी आवास के अंश भाग पर डेयरी फार्म बनाया जाना स्वीकार किया है. इस प्रकार सरपंच एवं उप सरपंच निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हुए भी शासकीय भूमि में अतिक्रमित किये जाने से यह स्पष्ट होता है कि उक्त कार्य में सरपंच एवं उपसरपंच संलिप्त हैं. इसलिए सरपंच एवं उप सरपंच छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 एक के तहत पंचायत पदधारी बने रहने के लिए निर्रहित हो गये हैं. अतः बसिया की सरपंच उषा यादव और उप सरपंच बलदाऊ यादव को क्रमशः सरपंच एवं उप सरपंच के पद से तत्काल प्रभाव से पृथक किया जाता है.