एकनाथ शिंदे की डिमांड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर नहीं हो रही राजी
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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति गठबंधन में पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दिनों तक विवाद चला था और अब मंत्रालयों पर खूब खींचतान हो रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग पकड़ ली है। हालांकि, भाजपा इसे देने को तैयार नहीं है।अब खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय की जगह 3 अन्य मंत्रालयों में से चुनने का विकल्प दिया है।
भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है। शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक पद की शपथ भी ले ली है। वहीं महाराष्ट्र सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे और महत्वपूर्ण मंत्री पदों को लेकर जंग तेज हो चुकी है।सरकार के गठन के पहले से एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं वहीं उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक बार फिर भाजपा के सामने गृह मंत्रालय की डिमांड रख दी है। जिसने भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है।
शिंदे की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं
मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है। सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है।ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को साफ कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।"भाजपा ने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।
शिवसेना कर रही शिंदे के पक्ष में वकालत
शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है, केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।
किन मंत्रालयों पर फंसा है पेंच?
महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। भाजपा और शिंदे सेना इस पर दावेदारी कर रहे हैं।इसके अलावा वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास, सिंचाई और सामान्य प्रशासन जैसे मंत्रालयों को लेकर भी मतभेद है। पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने जीत दर्ज की थी, इस वजह से सहमति बनाना और मुश्किल हो गया है।
कैसा हो सकता है मंत्रिमंडल?
रिपोर्ट के मुताबिक, महायुति में मंत्रिमंडल को लेकर 6 विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला तय हुआ है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22, शिंदे गुट को 12 और अजित गुट को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।







Dec 09 2024, 13:26
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