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बस्तर के तोकापाल की बबीता नाग ने मुख्यमंत्री को बांधा निरामय सूत्र
रायपुर-    एम्स रायपुर के आडिटोरियम में आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिनों तक टीबी, मलेरिया एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी तथा उनका उपचार किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे लोगों का भी सम्मान किया गया जिन्होंने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से लड़ाई लड़ी और आज स्वस्थ जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इन्हीं मे से एक हैं बस्तर के तोकापाल की रहने वाली बबीता नाग जो कुछ समय पहले तक टीबी के रोग से पीड़ित थीं। इन्होंने सरकारी अस्पताल में अपनी जांच करायी और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए समय पर दवाइयों और पोषण आहार का सेवन किया। इसकी वजह से बबीता आज पूरी तरह स्वस्थ हैं। बबीता ने अपने स्वस्थ होने का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दिया है जिनकी पहल की वजह से वो टीबी जैसी बीमारी के प्रति जागरूक हो सकीं और समय पर अपना इलाज कराया। मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद देने के लिए बबीता आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में उपस्थित थीं। उन्होने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपने हाथों से निक्षय निरामय सूत्र बांधा और प्रदेश में स्वास्थ्य संवर्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के ऐम्स परिसर में "निक्षय निरामय छत्तीसगढ़"  100 दिवसीय जांच व उपचार अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता व टीबी जांच हेतु संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर संभाग के लिए एक-एक वाहन शामिल हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उपस्थित थे।

मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा अभियान के दौरान चिन्हाकित किये गए जोखिम समूहों की टीबी हेतु स्पॉट स्क्रीनिंग की जाएगी जिससे संदेहास्पद टीबी मरीजों का स्पॉट पर ही टीबी रोग का पता लगाया जा सकेगा । मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा ए.आई. तकनीक से हैंड हेल्ड एक्स रे , CY-टीबी जांच व  16 चैनल वाले ट्रूनाट मशीन से टीबी के संभावित मरीजों की तुरंत एक्स रे द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा ।

सोमवार से होगा समितियों से धान का उठाव, सरकार और राइस मिलर्स के बीच लंबित मुद्दों पर बनी सहमति

रायपुर-  आखिरकार राइस मिलर्स और सरकार के बीच लंबित मुद्दों पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर से समितियों में जमा हो रहे धान के उठाव का रास्ता खुल गया है. सरकार और राइस मिलर्स ने एक स्वर में सोमवार से धान उठाव की बात कही है.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल समेत प्रदेश भर से राइस मिलरों ने आज मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से मुलाक़ात कर बैठक में बातचीत की. बैठक के बाद मंत्री जायसवाल ने बताया कि राइस मिलर्स हड़ताल पर नहीं थे. कई मुद्दों को लेकर सरकार नए नियम और प्रक्रिया लाती है, राइस मिलरों की कुछ आपत्ति थी. जिसे मुख्यमंत्री ने बैठक कर पूरा करने आश्वासन दे दिया था. आने वाले कैबिनेट में राइस मिलर्स की मांगें पूरी की जाएगी, इसके साथ ही तकनीकी समस्याओं का भी हल निकाल लिया गया है.

मंत्री जायसवाल ने कहा कि सबसे बड़ा उद्योग और व्यवसाय राइस मिलिंग का है. सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं राज्य के बाहर भी धान भेजा जाता है. प्रदेश में तीन हज़ार से अधिक राइस मिलर्स है. आज बैठक में तय किया गया है. पूरी ताक़त के साथ राइस मिलर्स धान उठाव करेंगे. एक-एक दाना धान ख़रीदी की ओर कार्य होगा. जिसका पंजीयन और एग्रीमेंट नहीं हुआ वो करेंगे. सोमवार से धान उठाव होगा.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि हम हड़ताल में नहीं गए थे. हमारी समस्या कुछ बिंदुओं को लेकर थी, जिनका सरकार के साथ बैठक में निराकरण हो गया है. प्रोत्साहन राशि 60 से 80 रुपए कर दी गई है. सरकार पहले भाड़ा राशि देने से इनकार कर रही थी, लेकिन अब वो भी मिलेगा.

अग्रवाल ने कहा कि चार हजार करोड़ लंबित राशि सरकार से लेना था, जिसे किश्तों के जरिये देने पर सहमति बनी है. हम सरकार के साथ खड़े है. साय सरकार का आभार की हमारी सुविधाओं और मांगों पर विचार कर पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे राइस मिलर्स और किसानों के बीच समन्वय बने. सोमवार से धान का उठाव होगा.

छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश की संभावना…

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में आज से फिर बदली-बारिश का दौर शुरू हो गया है. सुबह से ही राजधानी समेत कई जिलों में बादल छाए हुए हैं. मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है, जिसकी वजह से बस्तर, रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है. मौसम वैज्ञानिक अगापित एक्का ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का असर प्रदेश में दिखेगा. 9 दिसंबर तक प्रदेश में बारिश बदली-बारिश का दौर जारी रहेगा, जिसके बाद मौसम साफ होगा और रात के तापमान में गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड पड़ेगी.

बता दें, बीते कुछ दिनों से प्रदेश में ठंड कम रहा. लेकिन बारिश होने से दिन के तापमान में कमी आएगी और प्रदेश का मौसम ठंडा रहेगा. हालांकि रात के तापमान में कोई खास बदलाव आने की संभावना नहीं है.

बीते दिन प्रदेश का तापमान

शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया. वहीं दिन में सबसे अधिक तापमान बालोद में 33 डिग्री दर्ज किया गया. इसके अलावा राजधानी में दिन का तापमान 32.8 डिग्री और रात का तापमान 19.2 डिग्री दर्ज किया गया. सूरजपुर में रात का पारा 11.1 डिग्री, कोरिया में 11.8 डिग्री बलरामपुर में 17.7 और जशपुर में 18.5 डिग्री रिकॉर्ज किया गया. जबकि बस्तर संभाग में बदली-बारिश के चलते रात का पारा 17 से 21 डिग्री के बीच रहा. दंतेवाड़ा में रात का तापमान सबसे अधिक 21.5 डिग्री दर्ज किया गया.

इन जिलों में हुई बारिश

छत्तीसगढ़ के सुकमा, नानगुर, छिंदगढ़, गदिरस, बस्तानार, कोंटा और जगदलपुर में बारिश हुई. सबसे अधिक बारिश बस्तर के नानगुर में 38.4 मि.मी. दर्ज की गई.

प्रदेश के प्रमुख शहरों के तापमान

यहां तापमान के बारे में जानकारी को एक तालिका में प्रस्तुत किया गया है:

दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट लिखने चौकी प्रभारी ने पति से मांगी रकम, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया सवाल…

जशपुर- दुष्कर्म का शिकार महिला की जांच और बयान के नाम पर उसके पति से चौकी प्रभारी द्वारा रकम ऐंठने का मामला सामने आया है. इसमें पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ रकम के लिए बंधक रखी गई जमीन को छुड़ाने की बात कही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले का सोशल मीडिया में जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. 

मामला जशपुर जिले के पंडरापाठ चौकी क्षेत्र का है. दुष्कर्म पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से की लिखित शिकायत में बताया कि 2 दिसंबर को उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ था, जिसकी शिकायत करने वह अपनी पत्नी के साथ पंडरापाठ चौकी पहुंचा था।

जहां चौकी प्रभारी मानेश्वर राम साहनी ने रिपोर्ट लिखने के नाम पर 5000 रुपए नगद देने के साथ एक मुर्गा देने की मांग की. लेकिन उसके पास मात्र 500 रुपए थे, जिसे चौकी प्रभारी ने ले लिया और उसकी पत्नी को मेडिकल कराने के लिए बगीचा अस्पताल ले गया.

पीड़िता के पति ने बताया कि दूसरे दिन घटना के समय पहने कपड़ों की जांच के लिए फिर से बगीचा जाने को कहा गया. इस दिन फिर चौकी प्रभारी ने 500 रुपए लिया, इसके बाद चौकी प्रभारी के कहने पर गांव से 600 रुपए का मुर्गा खरीदकर दिया. इसके बाद 5 दिसंबर को चौकी प्रभारी ने बयान देने के लिए पत्नी को जशपुर बुलाया, इसके लिए वह किराए पर गाड़ी लेकर जशपुर पहुंचा, लेकिन बयान नहीं हुआ, इसके बाद अगले दिन फिर से गाड़ी किराए पर लेकर बयान देने पहुंचा.

पीड़िता के पति ने बताया कि चौकी प्रभारी की मांगों को पूरा करने के लिए उसने अपनी जमीन को बंधक कर 10,000 रुपए लिया था, जिसमें से 9000 रुपए खर्च हो गए हैं. शिकायत में पीड़िता के पति ने चौकी प्रभारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए बंधक जमीन को छुडाने का आग्रह किया है.

भूपेश बघेल ने सरकार पर साधा निशाना

इस पूरे घटनाक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने शिकायत की कॉपी के साथ पीड़िता के पति का मीडिया द्वारा लिए गए बयान को संलग्न करते हुए कहा कि देखिए क्या हो रहा है आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में एक आदिवासी के साथ… एक कोरवा आदिवासी की पत्नी के साथ हुए बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मुर्गा और पांच हजार रुपए मांग रही है.

ओडिशा सीमा पर चेक पोस्टों की हालात दयनीय, होमगार्ड मोबाइल की रोशनी में कर रहे ड्यूटी…

गरियाबंद-  धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए ओडिशा सीमा पर बनाए गए चेक पोस्टों की स्थिति बेहद दयनीय है. इन चेक पोस्टों में ज्यादातर जगहों पर बिजली, बैठने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं. इन समस्याओं के चलते होमगार्ड जवान मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हुए नजर आ रहे हैं. कई चेक पोस्टों पर रात के समय कर्मी नदारद रहते हैं, और कुछ जगहों पर रात को चेक पोस्ट खुले छोड़ दिए जाते हैं.

जिला प्रशासन ने ओडिशा को जाने वाले देवभोग क्षेत्र के 16 रास्तों पर चेक पोस्ट लगवाए थे. इन चेक पोस्टों पर स्थानीय कर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन जब कलेक्टर को जानकारी मिली कि रात के समय चेक पोस्ट पर कर्मी नदारद रहते हैं, तो उन्होंने एक होमगार्ड जवान को प्रत्येक चेक पोस्ट पर तैनात कर दिया. चेक पोस्ट तैयार करने और जरूरी संसाधन की व्यवस्था का जिम्मा एसडीएम को सौंपा गया था, लेकिन कई चेक पोस्टों को ठहरने योग्य बनाने में वे नाकाम रहे, या फिर उनके अधीनस्थ कर्मियों ने निर्देशों का सही पालन नहीं किया.

रात को मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते दिखे होमगार्ड जवान

हमारी टीम ने रात के समय खोखसरा, ठिरलीगुड़ा और झिरिपानी चेक पोस्ट का दौरा किया, जहां केवल एक-एक होमगार्ड जवान ड्यूटी करते हुए दिखाई दिए. इन चेक पोस्टों पर एक-एक कच्ची झोपड़ी बनाई गई है, लेकिन बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. जवानों ने बताया कि संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधि और सचिव से संपर्क किया गया, लेकिन वे केवल बातों को टालते रहे. बिजली की कमी के कारण यहां सीसी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं.

सुविधाओं की कमी के कारण कर्मी रात को नदारद रहते हैं

ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक, चेक पोस्टों पर होमगार्ड के अलावा स्थानीय कोटवार, सचिव, रोजगार सहायक और अन्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये कर्मी बारी-बारी से 8-8 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं. लेकिन खम्हारगुड़ा, केन्दूबन, उसरीपानी, धूपकोट, पीठापारा, नागलदेही जैसे कई चेक पोस्टों पर रात के समय कोई कर्मी नहीं मिलते. झलियापड़ा चेक पोस्ट भी एक ऐसा स्थान है, जहां कर्मी हमेशा नदारद रहते हैं. इस अव्यवस्था का फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं, और रात के समय अवैध धान परिवहन बढ़ गया है.

अकेले ड्यूटी कर रहे जवानों का कहना

खोखसरा चेक पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे संतोष यादव ने कहा कि यह जगह उनके लिए नई है. कोटवार रात में रहते हैं, लेकिन अंधेरे में जीव-जंतु का खतरा बना रहता है. झिरिपानी चेक पोस्ट पर अकेले ड्यूटी कर रहे राजेंद्र मेश्राम ने बताया कि कच्ची झोपड़ी में दिन में होटल चलता है और रात में वहां सोने की जगह मिल जाती है. वे मोबाइल को दिन में गांव वालों से चार्ज कराते हैं और रात में उसी मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हैं.

एसडीएम का बयान: “दो-तीन जगह बिजली नहीं है, बाकी जगह व्यवस्था है”

एसडीएम तुलसी दास मरकाम ने कहा कि जहां बिजली के खंभे दूर हैं, वहां थोड़ी मुश्किलें हैं, लेकिन अधिकांश चेक पोस्टों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. उन्होंने खुद इन जगहों का निरीक्षण किया है और दावा किया कि सभी जगह व्यवस्था दुरुस्त है.

छत्तीसगढ़ में होने वाली राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता स्थगित
रायपुर-   अपर संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की चतुर्थ राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। यह राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता राजधानी रायपुर में 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2024 तक आयोजित होने वाली थी। उन्होंने बताया कि उक्त राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन आगामी जनवरी माह में संभावित है, जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी।
बी.एड., डी.एल.एड., बी.ए.बी.एड. एवं बी.एस.सी.बी.एड. में प्रवेश के लिए अंतिम चरण के आबंटन की तारीख जारी…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने 2024-25 सत्र के लिए डी.एल.एड., बी.एड., बी.ए.बी.एड. और बी.एस.सी.बी.एड. पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम चरण की तिथियां घोषित कर दी हैं।

अंतिम चरण में पंजीयन एवं ऑनलाइऩ विकल्प फार्म भरने की प्रक्रिया 7 से 10 दिसम्बर तक होगी। जिन अभ्यर्थियों ने पहले चरणों में प्रवेश नहीं लिया है, वे निःशुल्क पंजीयन कर सकते हैं, जबकि नए पंजीकरण करने वाले अभ्यर्थियों को निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। अभ्यर्थी 7 दिसम्बर 2024 से 12 दिसम्बर 2024 तक सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक किसी भी महाविद्यालय/संस्था के लिए ऑनलाइन विकल्प दर्ज कर सकते हैं।

अंतिम चरण की प्रथम सूची 12 दिसम्बर 2024 को जारी की जाएगी। महाविद्यालय में प्रवेश की तिथि 12 से 16 दिसम्बर 2024 तक शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। इसके बाद, द्वितीय सूची 19 दिसम्बर 2024 को प्रकाशित होगी और महाविद्यालय में प्रवेश की अंतिम तिथि 22 दिसम्बर 2024 शाम 5 बजे तक होगी। अंतिम सूची 23 दिसम्बर 2024 को प्रकाशित की जाएगी, और अंतिम प्रवेश की तिथि 24 दिसम्बर 2024 को शाम 5 बजे तक होगी।

अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी के लिए एससीईआरटी रायपुर की आधिकारिक वेबसाइट https://scert.cg.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। पंजीयन की प्रक्रिया के लिए चिप्स की आधिकारिक वेबसाइट https://slcm.cgstate.gov.in/SCERTOnline/ पर जाकर निर्धारित कार्यवाही पूरी की जा सकती है।

छत्तीसगढ़ में 4 नए केंद्रीय विद्यालय होंगे शुरू, सीएम साय ने पीएम मोदी का जताया आभार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी प्रदान कर दी है. नए स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय मुंगेली, सूरजपुर, बेमेतरा और जांजगीर-चांपा जिले के हसौद में प्रारंभ होंगे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नये केंद्रीय विद्यालय के प्रारंभ होने से राज्य के विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय विद्यालय अभिनव शिक्षण पद्धति और नवीनतम अधोसंरचना को लेकर लोकप्रिय है. छत्तीसगढ़ में इन विद्यालयों के प्रारंभ होने से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज आर्थिक मामलों के मंत्रिमण्डल समिति द्वारा देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने की मंजूरी दी गई है.

साय सरकार ने कलेक्टरों को दिया निर्देश, कहा- किसानों को धान विक्रय के लिए टोकन जारी करने की प्रक्रिया का करें पालन

रायपुर-   राज्य शासन द्वारा सभी कलेक्टरों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के तहत किसानों को टोकन जारी करने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी वितरण संघ के प्रबंध संचालक ने सभी कलेक्टरों को प्रेषित पत्र में टोकन आवेदन समिति मॉड्यूल एवं टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से किए जाने की सुविधा का उल्लेख करते हुए कहा है कि कुल टोकन आवेदन का 40 प्रतिशत समिति मॉड्यूल और 60 प्रतिशत एप के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है. टोकन आवेदन के लिए रविवार से शुक्रवार तक प्रातः 9.30 बजे सायं 5 बजे तक का समय निर्धारित है.

किसानों द्वारा आवेदन के दौरान आवश्यक प्रविष्टि करने के उपरांत आवेदन दिनांक से 15 जनवरी 2025 तक रिक्त स्लॉट में धान विक्रय के लिए दिवस का चयन किया जा सकता है. समितियों में, धान विक्रय किये जाने के लिए पंजीकृत रकबा एवं खरीदी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन खरीदी लिमिट भी निर्धारित है, जिसकी जानकारी खाद्य अधिकारी माड्यूल एवं समिति माड्यूल में उपलब्ध है. प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत टोकन तुहर हाथ एप के माध्यम से आवेदित टोकन लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य वही अनुपात निर्धारित है, जो उस समिति में पंजीकृत लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य है. प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत समिति माड्यल के माध्यम से आवेदित टोकन में लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य किसी प्रकार कोई अनुपात निर्धारित नहीं किया गया है.

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए राज्य में लघु एवं सीमांत कृषकों को 2 टोकन एवं दीर्घ कृषकों 3 टोकन की सुविधा प्रदाय की गई है. लघु सीमांत कृषक अपने दूसरे टोकन में तथा दीर्घ कृषक अपने तीसरे टोकने में उनके द्वारा अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा के अध्याधीन शेष संपूर्ण मात्रा के लिए टोकन ले सकेगा. यदि कृषकों द्वारा अंतिम टोकन में प्रविष्ट की गई धान की मात्रा उपार्जन केन्द्र में निर्धारित खरीदी लिमिट से अधिक होती है, तो उस स्थिति में उक्त उपार्जन केंद्र में खरीदी लिमिट के 30 प्रतिशत तक का अधिक का उपार्जन किया जा सकेगा.