पश्चिमी देशों के विरोध के बीच ईरान का बड़ा कदम, लॉन्च किया सबसे भारी स्पेस पेलोड, अमेरिका-इजराइल की बढ़ेगी परेशानी!
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इजरायल के साथ चल रहे भारी तनाव के बीच ईरान ने अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण कर अपने दुश्मनों को बड़ी चुनौती दे दी है। ईरान ने अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण किया है।ईरान ने अपना सबसे भारी अंतरिक्ष पेलोड सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। ये ईरान के नवीनतम प्रक्षेपण कार्यक्रम का हिस्सा है। जिसकी पश्चिमी देश लगातार आलोचना करते आ रहे हैं।पश्चिमी देशों का आरोप है कि इस कार्यक्रम से तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बढ़ावा मिल रहा है। बता दें कि ईरान का यह बहुत गुप्त प्रक्षेपण कार्यक्रम था। प्रक्षेपण सफल होने के बाद ईरान की ओर से इसकी जानकारी साझा की गई।
अमेरिका और पश्चिम की ओर से बार-बार कहा गया है कि ईरान के इन लॉन्च का परमाणु मिसाइल बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। ईरान के इस लॉन्च का समय इसलिए भी खास है क्योंकि फिलहाल उसकी इजरायल और अमेरिका से तनातनी चरम पर है। ईरान की ओर से इस प्रक्षेपण की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के जारी युद्ध तथा लेबनान में कमजोर युद्ध विराम समझौते के कारण पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ रहा है।
ईरान ने उपग्रह ले जाने में सक्षम अपने सिमोर्ग व्हीकल के जरिए यह लॉन्च किया। इससे पहले इस व्हीकल से की गई लॉन्च की कई कोशिशें नाकामयाब रही हैं। यह प्रक्षेपण ईरान के सेमनान प्रांत में स्थित इमाम खुमैनी स्पेसपोर्ट से किया गया। ईरान ने सिमोर्ग का पेलोड का वजन पहले के मुकाबले इस बार ज्यादा रखा है।
300 किलोग्राम वजन वाले इस पेलोड में फख्र-1 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट और समन-1 स्पेस टग शामिल हैं। समन-1 एक ऑर्बिटल ट्रांसमिशन सिस्टम है। यह लॉन्च शुक्रवार को घरेलू स्तर पर विकसित सैटेलाइट कैरियर से सफलता के साथ किया गया है। ये पेलोड सैटेलाइट्स को निचली कक्षाओं से ऊपरी कक्षाओं में ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह लॉन्च सैटेलाइट्स को ऊपरी कक्षाओं में स्थानांतरित करने की दिशा में एक ऑपरेशनल कदम है। इस सिस्टम को पहली बार फरवरी 2017 में एक समारोह में पेश किया गया था और इसका परीक्षण 2022 में किया गया था।
बता दें कि ईरान हाल के कुछ सालों में अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने पर काम कर रहा है। ईरान ने हाल के वर्षों में 15 से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च की है। जिनमें से कुछ सैटेलाइट रूस के सहयोग से सैटेलाइट लांच की गई हैं। आधिकारिक तौर पर ईरान इन लॉन्च का मकसद कृषि और रिसर्च जैसे नागरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कहता है, हालांकि पश्चिमी विशेषज्ञ इसके पीछे छिपे एक व्यवस्थित सैन्य प्रयास होने का दावा करते हैं।
अमेरिका और पश्चिमी देशों ने बार-बार ईरान को ऐसे लॉन्च के खिलाफ चेतावनी दी है। उनका तर्क है कि सैटेलाइट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक को बैलिस्टिक मिसाइलों पर लागू किया जा सकता है। ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो सकती हैं। ईरान इस बात से इनकार करता है कि वह परमाणु हथियार चाहता है। उसने लगातार कहा है कि उसके सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च नागरिक और रक्षा एप्लीकेशन पर केंद्रित हैं।
Dec 07 2024, 09:54