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डीएम ने की सड़क सुरक्षा समिति की बैठक, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

गोण्डा। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा प्रशासन की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसकी जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों एवं अभिभावकों की भी होगी, अतः यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ऑन रोड सेफ्टी द्वारा दिए गए नवीनतम दिशा निर्देशों के अनुपालन में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्देश दिए कि संयुक्त भ्रमण करते हुए दुर्घटना बाहुल्य ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए होर्डिंग एवं बैनर के माध्यम से जो कार्यवाही की है उसका सत्यापन कराए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में जनपद के समस्त विद्यालयों के प्रबंधकों एवं संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सभी लोग अपने-अपने स्कूली वाहनों का परमिट एवं फिटनेस कराकर परिवहन विभाग को अवगत कराये अन्यथा की दशा में ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन तत्काल निरस्त करते हुए कार्यवाही की जायेगी। साथ ही जांच करने के बाद गलत पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सड़क सुरक्षा के दृष्टि से की जाने वाली प्रवर्तन कार्यवाही जैसे वाहनों में बैकलाइट, हैडलाईट एवं इण्डीकेटर, दो पहिया वाहनों में हैलमेट का प्रयोग, चार पाहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग तथा व्यवसायिक वाहनों /गन्ना ढोने वाले ट्रेक्टर ट्रालियों में तत्काल रिफ्लेक्टर लगाने जनपद के सभी चिनी मिल एवं पीटीओ शैलेंद्र त्रिपाठी को निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा की हाइवे किनारे स्थित ढाबों पेट्रोल पंप आदि पर यातायात नियमों के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। बैठक में झूलेलाल चौराहे पर जल्द करायी जाय सिग्नल लाइट एवं आटोमेटिक कैमरे से चालान की व्यवस्था।

बैठक में नगर पालिका गोण्डा को जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश दिये हैं कि मनकापुर बस स्टाप और वी-मार्ट के सामने रोड के किनारे अवैध रूप से लगा रहे सब्जी एवं फल के ठेलों को तत्काल हटाया जाय अन्यथा होगी कार्रवाई।इस दौरान अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार रावत, नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, एक्सईएएन प्रांतीय खंड प्रमोद त्रिपाठी, सीडी-1, एआरटीओ प्रशासन, एआरटीओ प्रवर्तन (पीटीओ) शैलेन्द्र त्रिपाठी, रोडवेज विभाग, ईओ नगरपालिका गोण्डा संजय कुमार मिश्र, प्राधानाचार्य राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोंडा, चिनी मिल्स पदाधिकारी, सहित सभी संबंधित आधिकारी उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक पैदल गश्त कर जुमा की नमाज को सकुशल संपन्न कराया गया

गोण्डा। जुमा की नमाज़" के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा पुलिस बल के साथ शहर क्षेत्र में पैदल गस्त किया गया। गस्त के दौरान ड्यूटी पर लगे जवानों के पास मौजूद दंगा नियंत्रण उपकरणों को चेक किया गया तथा चिन्हित हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों व मस्जिदों में शांतिव्यवस्था ड्यूटी में लगे जवानों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया।

पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर क्षेत्र के मौलवी, धर्मगुरूओं से संवाद स्थापित कर जुमा की नमाज़ को शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया गया। स्थानीय अभिसूचना इकाई एवं अन्य अभिसूचना तंत्रों के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले विभिन्न असामाजिक, अवांछनीय एवं साम्प्रदायिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी गयी। पुलिस सोशल मीडिया सेल द्वारा भी लगातार सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो, ट्विटर, फेसबुक व व्हाट्सएप ग्रुपों सहित अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्मो पर निरंतर निगरानी की गयी।

राजकीय इण्टर कालेज के छात्र/छात्राओं को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा। साइबर अपराध को इंटरनेट और कंप्यूटर के अवैध उपयोग के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है। तकनीकी के विकास के चलते अपराधी भी अपराध करने के नये-नये तरीके इजाद कर रहे है। आजकल प्रत्येक व्यक्ति मोबाइल व इण्टरनेट बैकिंग का प्रयोग कर रहा है।

इंटरनेट के प्रयोग किये जाने से जानकारी के अभाव में कई लोग साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जायसवाल द्वारा जनपद गोण्डा में आमजन को साइबर अपराध से बचाव एवं इससे निपटने के लिये बरती जाने वाली सावधानियों के प्रचार प्रसार हेतु जनपद में ऑपरेशन “साइबर कवच’’ अभियान की शुरूआत की गई है। यह ऑपरेशन दिनांक 27.11.2024 से एक सप्ताह तक चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद के सभी थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन विद्यालयों, प्रतिष्ठित संस्थाओं एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर वर्कशॉप एवं गोष्ठियां कर इंटरनेट के माध्यम से हो रहे इन अपराधों के बारे में जानकारी दे रहे है और इंटरनेट के प्रयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में पम्पलेट वितरित कर महत्वपूर्ण स्थानों पर पम्पलेट/पोस्टर चस्पा किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

आज अभियान के तीसरे दिन अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत द्वारा फखरूद्दीन अली अहमद राजकीय इण्टर कालेज में छात्र-छात्राओं एवं स्कूल के स्टाफ के साथ वर्कशाप का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक को पुष्प भेंट कर स्वागत किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा साइबर अपराध की जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है। ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाए, इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, ट्विटर(एक्स), फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर सकता है।

इस प्रकार के एप्स डाउनलोड किये जाते समय प्राईवेसी सम्बन्धी आप्शन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद ही सहमती/असहमती देते हुए प्रक्रिया पूर्ण करें। फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें। डिजिटल अरेस्ट से बचाव हेतु बताया गया कि किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें, टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है, इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें। इस कार्यक्रम का संचालन श्री सुरेश कुमार सिंह प्रवक्ता (अंग्रेजी) एवं श्री ऋषि कुमार शुक्ल सहायक अध्यापक(विज्ञान/गणित) द्वारा किया गया। इस अवसर पर साइबर सुरक्षा टीम के आलोक सविता, शिवम कुमार मिश्र द्वारा छात्र/छात्राओं को विस्तारपूर्वक व्हाट्सअप, ट्विटर(एक्स), फेसबुक व इंस्टाग्राम आदि को सुरक्षित रखने बताया गया।

अन्त में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी ने सभी छात्र-छात्राओं व स्कूल के स्टाफ से अपेक्षा की कि वर्कशॉप में दी गई जानकारी को अपने परिवार, आस-पड़ोस में अधिक से अधिक लोगों को बतायें जिससे की कोई भी व्यक्ति जानकारी के आभाव में साइबर अपराधियों का शिकार न हो। इसी दौरान वर्कशाप में उपस्थित स्कूल के छात्र व स्टाफ को पम्पलेट वितरित किये गये तथा स्कूल के अन्य छात्रों को जागरुक करने हेतु पोस्टर एवं बुकलेट उपलब्ध करायी गयी।

प्रभावी पैरवी कर अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलायें कि एक नजीर बनें - डीएम

गोण्डा।डीएम नेहा शर्मा की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। समीक्षा बैठक में डीएम ने निर्देश दिया कि गम्भीर प्राकृति के वादों में प्रभावी पैरवी कर अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलायी जाय। डीएम ने कहा कि अपराधी किस्म के लोगों को यह मैसेज जाये कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वे सजा से बच नहीं सकते हैं।

उन्हें ऐसी सजा दिलाई जाए कि वह एक नजीर बनें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि न्यायालय में साक्ष्य के लिए आने वाले गवाहों से शत प्रतिशत परिक्षित कराया जाय तथा दोषमुक्त मामलों में नियमानुसार अपील की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि अभियोजन के कार्य को गंभीरता से लें। सभी सम्बन्धित विभाग के द्वारा अपने शासकीय कार्यों के साथ साथ अभियोजन के कार्यों में गंभीरता दिखायें।

इस दौरान अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन अजीत कुमार मिश्र, औषधि निरीक्षक रजिया बानो, जिला पूर्ति अधिकारी, समस्त शासकीय अधिवक्ता व संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

डीएम नेहा शर्मा की सख्ती: 08 घंटे में पीड़ित को मिला न्याय, अवैध कब्जा हटाया गया

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर जनपद गोण्डा में प्रशासनिक तत्परता और संवेदनशीलता का उदाहरण पेश किया। जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान, करनैलगंज तहसील के अंतर्गत मौजा-जगतापुर, परगना-पहाड़ापुर की एक महिला ने शिकायत की कि उनके आवंटित आवासीय पट्टे पर कुछ स्थानीय लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है। मामला बुधवार का है। महिला ने बताया कि कब्जा हटाने के प्रयास में उन्हें धमकी और गाली-गलौज का सामना करना पड़ा। यह पट्टा अप्रैल 2023 में आवंटित हुआ था।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत एसडीएम करनैलगंज और तहसीलदार को मौके पर जांच कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

निर्देश के बाद प्रशासनिक टीम ने तत्काल हरकत में आते हुए मात्र 8 घंटे के भीतर मौके पर जांच की। जांच में महिला की शिकायत सही पाई गई। बुधवार सुबह यह शिकायत दर्ज की गई थी। टीम ने शाम तक अवैध कब्जे को हटवाकर महिला को उनकी जमीन का पुन: कब्जा सौंपा। कार्रवाई के दौरान स्थानीय शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती।

जिलाधिकारी ने इस कार्रवाई पर कहा, "प्रत्येक शिकायत का त्वरित और निष्पक्ष निस्तारण प्रशासन की प्राथमिकता है। अवैध कब्जा करने और कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

महिला को उनकी जमीन वापस मिलने से उन्हें बड़ा राहत मिली और प्रशासन की तत्परता से स्थानीय नागरिकों में विश्वास और मजबूत हुआ है। डीएम नेहा शर्मा की इस कार्रवाई को क्षेत्रवासियों ने सराहा और प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण बताया।

यह घटना न केवल त्वरित न्याय का उदाहरण है बल्कि यह भी दशार्ती है कि जिला प्रशासन नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है।

फातिमा सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के छात्र/छात्राओं को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा । साइबर अपराध को इंटरनेट और कंप्यूटर के अवैध उपयोग के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है। तकनीकी के विकास के चलते अपराधी भी अपराध करने के नये-नये तरीके इजाद कर रहे है।

आजकल प्रत्येक व्यक्ति मोबाइल व इण्टरनेट बैकिंग का प्रयोग कर रहा है। इंटरनेट के प्रयोग किये जाने से जानकारी के अभाव में कई लोग साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा जनपद गोण्डा में आमजन को साइबर अपराध से बचाव एवं इससे निपटने के लिये बरती जाने वाली सावधानियों के प्रचार प्रसार हेतु जनपद में ऑपरेशन “साइबर कवच’’ अभियान की शुरूआत की गई है। यह ऑपरेशन दिनांक 27.11.2024 से एक सप्ताह तक चलाया जा रहा है।

इस अभियान के अन्तर्गत जनपद के सभी थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन विद्यालयों, प्रतिष्ठित संस्थाओं एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर वर्कशॉप एवं गोष्ठियां कर इंटरनेट के माध्यम से हो रहे इन अपराधों के बारे में जानकारी दे रहे है और इंटरनेट के प्रयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में पम्पलेट वितरित कर महत्वपूर्ण स्थानों पर पम्पलेट/पोस्टर चस्पा किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

आज अभियान के दूसरे दिन पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा फातिमा सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में छात्र-छात्राओं एवं स्कूल के स्टाफ के साथ वर्कशाप का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा महोदय को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

इस दौरान वर्कशाप में क्षेत्राधिकारी नगर, प्रभारी निरीक्षक थाना को० नगर, प्रभारी साइबर सेल व स्कूल के छात्र व स्टाफ आदि सहित करीब 300 छात्र व अध्यापक मौजूद रहे। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा प्रेजेंटेशन (PPT) के माध्यम से सभी को साइबर अपराध की जानकारी दी गयी और बताया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है । इसी क्रम में ATM में ट्रांजेक्सन करते समय अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित न रहे, बैंक के नाम पर टेलीफोन कॉल पर एटीएम/बैंक अकाउंट्स सम्बन्धी कोई जानकारी जैसे OTP, CVV नम्बर आदि कभी भी किसी से साझा न करे। बीमा कम्पनी, नौकरी.कॉम के नाम से कॉल किये जाने पर बिना सत्यापन किये कोई जानकारी न दे। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, ट्विटर(X), फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर सकता है। इस प्रकार के एप्स डाउनलोड किये जाते समय प्राईवेसी सम्बन्धी आप्शन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद ही सहमती/असहमती देते हुए प्रक्रिया पूर्ण करें। फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें। डिजिटल अरेस्ट से बचाव हेतु बताया गया कि किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें, टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है, इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें। कोई कम्पनी कम लागत में अधिक पैसे कमाने का लालच देती है तो सावधान रहिये ऐसी कंपनी फर्जी होती हैं जो आपका पैसा लेकर कंपनी को बंद कर भाग जाते हैं। ठगों द्वारा फर्जी ऑफिस खोलकर, कम ब्याज दर पर अधिक लोन, बिना किसी कागज के आसानी से लोन दिलवाने हेतु फर्जी विज्ञापन प्रसारित किया जाता है और प्रोसेसिंग फीस के रुप में एकाउंट में रुपये जमा कराके फरार हो जाते है। मोबाइल व सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के सुरक्षित प्रयोग के बारे में भी बताया गया। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर इंटरनेट प्रयोग किये जाने पर साइबर अपराध के शिकार होने से बचा जा सकता है। जागरूक बनें और अपने धन की स्वयं सुरक्षा करने के सिद्वान्त पर काम करें। अन्त में पुलिस अधीक्षक गोण्डा ने सभी छात्र-छात्राओं व स्कूल के स्टाफ से अपेक्षा की कि वर्कशॉप में दी गई जानकारी को अपने परिवार, आस-पड़ोस में अधिक से अधिक लोगों को बतायें जिससे की कोई भी व्यक्ति जानकारी के आभाव में साइबर अपराधियों का शिकार न हो। इसी दौरान वर्कशाप में उपस्थित स्कूल के छात्र व स्टाफ को पम्पलेट वितरित किये गये तथा स्कूल के अन्य छात्रों को जागरुक करने हेतु पोस्टर एवं बुकलेट उपलब्ध करायी गयी।

साइबर कवच" अभियान के दृष्टिगत साइबर जागरूकता हेतु किया गया कार्ड वितरित

गोण्डा।पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा जनसुनवाई के दौरान आगंतुकों की समस्याओं को सुनकर विधिक निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया ।

महोदय द्वारा "साइबर कवच" जनजागरूकता अभियान के दृष्टिगत साइबर अपराधों से बचने हेतु जागरूक करते हुए साइबर अपराध से बचने हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया। उन्होंने आगंतुकों को साइबर जागरूकता कार्ड वितरित कर साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 पर काल करने हेतु बताया गया।

मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक में मंडलायुक्त ने सुनी उद्यमियों की समस्याएं

गोण्डा। बुधवार को देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील की अध्यक्षता में मण्डलायुक्त सभागार में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक हुई। बैठक में उद्यगियों द्वारा उठाए गई समस्याओं एवं सुझावों को सुना गया। ऋण सम्बन्धी आवेदन को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए।

बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि यदि कोई उद्यमी ऋण हेतु आवेदन कराता है तो आवेदन करने को दौरान ही उसे सभी जरूरी अभिलेखों के संबंध में अवगत करा दिया जाए जिससे कि यह समय रहते ही सभी अभिलेख उपलब्ध करा सके। बार-बार पत्रावली में कमी निकाल कर उनका समय बर्बाद ना किया जाये। उद्यमियों को समय से ऋण उपलब्ध कराना सभी बैंकों की जिम्मेदारी है।

मंडलायुक्त ने कहा कि सभी जिलों में समय से उद्योग बंधु की बैठक आयोजित की जाये। बैठक में जो भी समस्याएं निकल कर आए उसका संबंधित अधिकारियों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराया जाए। आयुक्त ने मण्डल के समस्त उपायुक्त उद्योग को निर्देशित किया कि जनपद में उद्यमियों एवं रियल स्टेट से जुड़े व्यक्तियों के मध्य प्रचार-प्रसार कराते हुए जनपद में कम से कम एक-एक प्लेज पार्क की स्थापना प्रत्येक दशा मे सुनिश्चित करायें, ताकि जनपद में औद्योगिक इकाईयों की स्थानपा हो सके। उपायुक्त उद्योग अपने-अपने जनपद की नवीनतम प्रगति से समिति को भी अवगत करायें।

बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग सविता भारती रंजन, सभी जिलों के उपायुक्त उद्योग, एलडीएम एवं व्यापार मंडल के प्रतिनिधि व उद्यमी उपस्थित रहे।

निर्माण कार्यों की डीएम ने की समीक्षा बैठक,समय से पूरे किए जाएं सभी निर्माण कार्य

गोण्डा ।बुधवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में चल रहे विभिन्न विभागों के भवन निर्माण कार्य एवं सड़क, पुल आदि के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। जिसमें उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्यों को समय से पूरा किया जाय। निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई भी समझौता न किया जाए। जिन भवन निर्माण में बजट के अभाव से कार्य रुका है उसे बजट मंगाकर पूरा किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर से निर्माण कार्यों की समीक्षा की जाती है अतः कार्यदायी संस्थाएं सभी निर्माण कार्यों को समय से पूरा करें। देर से निर्माण पूरा करने पर शासकीय धन की क्षति होती है। जिलाधिकारी ने कहा कि जो निर्माण कार्य मामूली सी कमी होने के कारण शतप्रतिशत पूर्ण नहीं हो पा रहे है। उन सभी निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए। जो कमी है उसे तत्काल पूरा कर कर सम्बन्धित विभाग को हैंडओवर किया जाए।

इन अधिकारियों को जारी हुआ स्पष्टीकरण

बैठक में समीक्षा के दौरान निर्माण कार्यों की प्रगति संतोषजनक न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता उ०प्र० आवास विकास परिषद गोण्डा, अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं जनसंसाधन तथा परियोजना प्रबंधक उ०प्र० सेतु निगम लि० सेतु निर्माण इकाई अयोध्या को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, डीएसटीओ अरुण कुमार सिंह, एडीएसटीओ राजेश पाण्डेय, एक्सईएएन प्रान्तीय खण्ड प्रमोद त्रिपाठी, एक्सईएएन सीडी- 1, 2, एक्सईएएन ग्रामीण अभिन्यंत्रण विभाग, सहायक पर्यटन अधिकारी वन्दना पाण्डेय, प्राधानाचार्य जीजीआईसी, एबीएसए नगर, सभी संबंधित निर्माण कार्यदायी संस्था के अधिकारीगण सहित अन्य सभी अधिकारी उपस्थित रहे।

बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर उप निदेशक महिला कल्याण को कारण बताओ नोटिस जारी

देवीपाटन मण्डल, गोण्डा। 27 नवम्बर देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने महिला कल्याण उप निदेशक नरेन्द्र प्रताप सिंह को बिना अवकाश स्वीकृति मुख्यालय छोड़ने और झूठा आश्वासन देने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयुक्त ने इस कृत्य को गंभीर कदाचार मानते हुए उपनिदेशक महिला कल्याण को तीन दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

मंडलायुक्त द्वारा दी गई ये नोटिस न्याय पीठ बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट के आधार दी गई है। जिसमें वन स्टॉप सेंटर की संरक्षित एक पीड़ित बालिका के मामले में देरी और उप निदेशक की गैर-उपस्थिति का मुद्दा उठाया गया था। आयुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही और नियमों का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि बिना अवकाश स्वीकृति मुख्यालय छोड़ना कर्तव्यहीनता की श्रेणी में रखा है। न्याय पीठ से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी अधिकारी को किसी भी न्यायालय, फोरम या आयोग रिपोर्ट में द्वारा व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए बाध्य करना विधि के अनुरूप नहीं है।

वहीं दूसरी ओर 25 नवंबर को दूरभाष के माध्यम से उप निदेशक नरेन्द्र प्रताप सिंह को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने आश्वासन तो दिया, लेकिन देर रात तक न तो वे पहुंचे और न ही उनका फोन उपलब्ध था। उन्होंने उस दिन का कोई अवकाश स्वीकृत नहीं कराया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ा।

आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि यदि उपनिदेशक तीन दिनों के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को अधिकारियों के अनुशासन और कर्तव्य पालन को सुनिश्चित करने के एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।आयुक्त ने सितंबर 2024 में भी मंडलीय अधिकारियों को बिना अनुमति मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इस प्रकरण का हवाला देते हुए अधिकारियों को नियमों के पालन की सख्त हिदायत दी है।