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लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकी, पप्पू यादव ने कहा- हम किसी से डरते नहीं.

पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव गुरुवार को उत्तर प्रदेश की गाजीपुर कोर्ट में पेश होने के लिए आए. इस दौरान झारखंड चुनाव और बिहार के उपचुनाव चुनाव के साथ ही लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा दी गई धमकी पर खुल कर बोले. पप्पू यादव 1993 में चुनाव प्रचार के दौरान बड़े काफिले के साथ गाजीपुर में दाखिल हुए थे. इसके बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा उनके काफिले को रोका गया था और मुकदमा दर्ज किया गया था. हालांकि इस मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन शासकीय अधिवक्ता के द्वारा इस मामले में एक बार फिर से अपील की गई.

इसके बाद एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. पहली बार चार नवंबर को डेट पड़ी थी, लेकिन तब पप्पू यादव हाजिर नहीं हुए थे. कोर्ट ने उनके खिलाफ बएनबीडब्ल्यू जारी किया था और मोहम्मदाबाद पुलिस से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद गुरुवार को पप्पू यादव अपने काफिले के साथ एमपी-एमएलए कोर्ट के जज शक्ति सिंह की अदालत में पेश हुए. वहीं इस मामले में अब अगली तारीख चार दिसंबर तय की गई है.

गाजीपुर पहुंचने पर पप्पू यादव के पास आया फोन

कोर्ट कार्रवाई पूरी होने के बाद पप्पू यादव जब वापस निकले, तब उन्होंने बिहार उपचुनाव, झारखंड चुनाव के नतीजे और सरकार बनने को लेकर बात की. इस दौरान लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा धमकी दिए जाने को लेकर कहा कि धमकी से कौन डरता है. अभी जब मैं गाजीपुर में दाखिल हुआ था, तब एक बार फिर से फोन आया कि गाजीपुर पहुंच गए.

लॉरेंस गैंग से मिल रही पप्पू यादव को धमकी

लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा धमकी दिए जाने पर कहा कि हम किसी से डरते नहीं हैं. अभी रास्ते में भी धमकी भरा फोन आया कि गाजीपुर पहुंच गए. बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर पप्पू यादव को लगातार धमकी दी जा रही है. अभी दो दिन पहले भी वॉट्सऐप के माध्यम से धमकी दी गई थी और उसके पहले पाकिस्तान से भी धमकी भरा कॉल आया था, जिसको लेकर पप्पू यादव ने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं.

क्या बिकने जा रहा है Google Chrome, अब कैसे चलाएंगे इंटरनेट?

गूगल क्रोम दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंटरनेट ब्राउजर है. भारत में भी इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करना हो तो लगभग हर बार क्रोम का ही इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन अब ये ब्राउजर बिकने की कगार पर पहुंच चुका है. ऐसे में आप कैसे इंटरनेट चला पाएंगे? अमेरिकी में चल रही एक सुनवाई के दौरान इस बात जोर दिया गया कि गूगल को क्रोम बेच देना चाहिए. लेकिन ऐसी मांग क्यों उठ रही है, यह एक बड़ा सवाल है.

गूगल क्रोम दुनिया का सबसे बड़ा ब्राउजर है, और यही बात इसके खिलाफ जा रही है. गूगल पर आरोप है कि वो इंटरनेट सर्च इंडस्ट्री पर मोनोपॉली जमाकर बैठा है. अब इस एकाधिकार को खत्म करने के लिए एक अदालती कार्यवाही के दौरान मांग की गई कि गूगल को क्रोम बेचना चाहिए. इसके अलावा गूगल के खिलाफ और भी सख्त मांग रखी गई हैं.

जज के सामने की अपील

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (doj) ने गूगल से क्रोम को बेचने की डिमांड की है. इसके लिए एक 23 पेज का डॉक्यूमेंट भी फाइल किया गया है. doj में शामिल सरकारी वकीलों ने डिस्ट्रिक्ट जज अमित मेहता से आग्रह किया कि वो गूगल को सैमसंग और एपल के साथ कॉन्ट्रेक्ट करने से रोके, क्योंकि इससे कई स्मार्टफोन पर क्रोम को डिफॉल्ट बनाए जाने की संभावना है.

एंड्रॉयड को बेचने की मांग

यह भी मांग की गई है कि गूगल अमेरिकी सरकार से अप्रूव्ड खरीदार को एंड्रॉयड बेच दे. अगर गूगल फिर भी एंड्रॉयड का मालिकाना हक अपने पास रखता है और मौजूदा रेमेडी का पालन नहीं करता है, तो सरकार एक पिटिशन दाखिल करके गूगल की इस हरकत का पर्दाफाश करे.

गूगल पर लगे 5 साल का बैन

सरकारी वकीलों ने मांग रखी कि गूगल को ब्राउजर बिजनेस में दाखिल होने से रोका जाए. क्रोम के बिकने के बाद गूगल पर किसी ब्राउजर को खरीदने, सर्च इंजन या सर्च टेक्स्ट एड राइवल में इन्वेस्टमेंट करने, सर्च डिस्ट्रिब्यूटर या कंपटीशन क्वेरी-बेस्ड एआई प्रोडक्ट या एड टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए 5 सालों तक बैन किया जाए.

अगर वकीलों के प्रोपोजल को जज मान लेते हैं, तो इससे गूगल के कंपटीटर्स और नई इंटरनेट ब्राउजर कंपनियों को कारोबार करने का भरपूर मौका मिल सकता है.

अडानी ग्रुप पर बड़ा झटका, केन्या ने 6,215 करोड़ की एनर्जी डील कर दी कैंसिल

उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें फिर एक बार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आरोपों से लगभग 2 साल जूझने और उबरने के बाद अब उनकी कंपनी के खिलाफ अमेरिका में केस दर्ज हुआ है. इसके बाद उन पर बड़ी गाज गिरी है और केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने अडानी ग्रुप के साथ होने वाली एक बड़ी डील कैंसिल कर दी है.

केन्या के मुख्य हवाईअड्डे के ऑपरेशन को अपने हाथ में लेने के लिए अडानी ग्रुप ने एक प्रपोजल वहां की सरकार को दिया था. केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने 21 नवंबर को इसे कैंसिल कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने एक बड़ी एनर्जी डील को कैंसिल करने के निर्देश भी दिए हैं.

6,215 करोड़ की है एनर्जी डील

केन्या के ऊर्जा मंत्रालय के साथ भी अडानी ग्रुप एक बड़ी डील करने जा रहा था, जिसके अब रद्द होने की संभावना बढ़ गई है. अडानी ग्रुप केन्या में 73.6 करोड़ डॉलर (करीब 6,215 करोड़ रुपए) की एक डील में पॉवर ट्रांसमिशन लाइंस का निर्माण करने वाला था, जिसे अब कैंसिल करने के निर्देश दिए गए हैं.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा है, ” मैंने ट्रांसपोर्ट मंत्रालय और ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाली एजेंसियों को निर्देश दिया है वह किसी भी तरह की खरीद को तत्काल कैंसिल कर दें.” राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि सहयोगी देश और जांच एजेंसियों की ओर से सामने आई नई जानकारियों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है.

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्युशंस ने इसी साल अक्टूबर में केन्या इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन कंपनी के साथ एक पब्लिक-प्राइवेट डील साइन की थी. ये डील 30 साल के लिए साइन की गई थी. केन्या की एक अदालत ने अक्टूबर में ही इस डील को सस्पेंड कर दिया था और जांच करने की बात कही थी.

अडानी और भतीजे पर रिश्वत देने के आरोप

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के साथ-साथ उनके ग्रुप के अन्य अधिकारियों पर सौर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट के लिए रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं. ये रिश्वत भारत सरकार के अधिकारियों को दी गई और इसक मूल्य 250 मिलियन डॉलर (करीब 2110 करोड़ रुपए) के आसपास बैठता है.

अमेरिका की एक अदालत में इन आरोपों को लेकर एक केस दर्ज किया गया है. अडानी ग्रुप की ओर से यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच बड़े सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए देने के आरोप है. इन डील की वजह से अडानी ग्रुप को 2 बिलियन डॉलर से अधिक का लाभ होने की संभावना थी.

अडानी ग्रुप ने आरोपों पर कही ये बात

अमेरिकी प्रोसीक्यूटर की ओर से लगाए गए आरोपों का अडानी ग्रुप ने खंडन किया है. ग्रुप की ओर से हवाला दिया गया है कि अमेरिका के न्याय विभाग ने स्वयं कहा है कि केस में लगाए गए आरोप अभी सिर्फ आरोप हैं. जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें निर्दोष ही माना जाएगा. अडानी ग्रुप ने इस मामले को लेकर सभी कानूनी विकल्प अपनाने की बात कही है.

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सेना भर्ती के दौरान भगदड़, कई अभ्यर्थी घायल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बीते 9 दिनों से सेना भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. वहीं सेना भर्ती के नौवें दिन उत्तर प्रदेश के युवाओं की भर्ती होने थी. जिसके लिए करीब 20 हजार अभ्यर्थी पिथौरागढ़ पहुंचे थे. वहीं भर्ती के दौरान भगदड़ मचने से कई अभ्यर्थी घायल हो गए. जबकि एक अभ्यर्थी के हाथ और पैर टूट गए. भगदड़ मचने से भर्ती स्थल पर अफरातफरी मच गई. जानकारी के मुताबिक, पहले भर्ती स्थल में घुसने के दौरान मारामारी हुई और उसके बाद भगदड़ मच गई.

पिथौरागढ़ के जाजरवेल के देवकटिया इलाक में सेना में भर्ती के लिए अलग-अलग राज्य के अभ्यर्थी पहुंच थे. हालांकि हर राज्य के अभ्यार्थियों को अलग-अलग दिन भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना था. वहीं नौवे दिन यानी बुधवार के दिन यूपी के अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. राज्य के करीब 15 से 20 हजार अभ्यर्थी पहुंचे थे. अभ्यर्थियों की भारी संख्या के कारण भर्ती स्थल पर अफरातफरी का माहौल बना रहा. वहीं युवाओं को संभालने में पुलिस के पसीने छूट गए. वहीं भगदड़ के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. इसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया.

पुलिस के छूटे पसीने

उत्तर प्रदेश से करीब 20 हजार अभ्यर्थी पहुंचे तो भारी संख्या के कारण अफरातफरी का माहौल रहा. पहले तो भर्ती स्थल में प्रवेश करने के दौरान अभ्यर्थियों में मारामारी हुई. भर्ती स्थल के अंदर जाने के दौरान युवाओं में धक्का-मुक्की हुई. धक्का-मुक्की और अंदर जाने के दौरान युवाओं ने भर्ती स्थल पर बने दरवाजे को तोड़ दिया. वहीं युवाओं को संभालने में पुलिस से पसीने छूट गए. उसके बाद भर्ती स्थल पर भगदड़ मच गई. युवाओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया.

117 पद के लिए पहुंचे 35 हजार अभ्यर्थी पहुंचे

पिथौरा गढ़ में बेरोजगारों की भीड़ उमड़ी हुई थी. सेना भर्ती के दौरान भीड़ के कारण अलग ही हालात बन गए. 117 पदों के लिए भर्ती होनी थी इसके लिए अब तक 35 हजार से अधिकर अभ्यर्थी फिजिकल टेस्ट दे चुके हैं. इस हिसाब से एक पद के लिए करीब 300 अभ्यर्थी पहुंचे हैं.

एससी-एसटी एक्ट मामले में सलमान खान और शिल्पा शेट्टी को जोधपुर हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत,मामला हुआ खत्म

फिल्म अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को गुरुवार को जोधपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान के जोधपुर हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि बिना मंजूरी और जांच के एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती.

दरअसल, यह मालमा साल 2013 को सलमान खान और शिल्पा शेट्टी कुंद्रा के एक इंटरव्यू का है. जहां याचिकाकर्ता ने इस इंटरव्यू में सलमान और शिल्पा की ओर से भंगी शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ती जताई थी. उनका कहना है कि इस शब्द से वाल्मीकि समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.वहीं, इस मामले में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने साल 2017 में ही माफी मांग ली थी.

वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को पहुंचीठेस

सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ साल 2013 में ये मामला दर्ज किया गया था. वहीं, तीन साल बाद साल 2017 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में दोनों कलाकारों पर टीवी पर दिए गए इंटरव्यू में वाल्मीकि समुदाय के लोगों के खिलाफ कथित ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप था. वहीं, इस मामले की सुनवाई गुरुवार को जोधपुर हाईकोर्ट में हुई. जहां कोर्ट ने शिल्पा शेट्टी और सलमान खान के पक्ष में फैसला सुनाया.

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि कानून की यह स्थापित धारणा है कि जब तक एफआईआर में देरी का कारण नहीं बताया जाता, तब तक यह अपने आप में घातक है. वहीं, जोधपुर हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि बिना मंजूरी और जांच के एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती. साथ ही सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का फैसला सुनाया है.

मैं सभी धर्मो का सम्मान करती हूं- शिल्पा

यह मामला चूरू कोतवाली थाने में दर्ज किया गया था. वहीं शिल्पा शेट्टी इस मामले में साल 2017 में ही माफी मांग चुकी हैं. माफी मांगते हुए उन्होंने कहा था, ‘अगर उन्होंने ऐसा किया है तो मैं माफी मांगती हूं. मुझे ऐसे देश से होने पर गर्व है जहां अलग-अलग जातियां और धर्म हैं. मैं उनमें से प्रत्येक का सम्मान करती हूं.’

कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया गया कि इस मामले में एससी-एसटी अधिनियम लागू नहीं होता है. क्योंकि कथित टिप्पणियों में जाति के आधार पर अपमानित करने का इरादा नहीं था. इस प्रकार यह एफआईआर कानूनी रूप से अस्थिर है और प्रक्रिया का दुरुपयोग है. वहीं, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी आरोप नहीं था जो वर्तमान शिकायत को जारी रखने के योग्य हो और मामले को रद्द कर दिया.

उत्तराखंड में शिक्षा के नाम पर छात्राओं के साथ अन्याय: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं से बनवाया जा रहा है भोजन

उत्तराखंड सरकार एक ओर सरकारी स्कूलों में बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा को बेहतर बनाने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकारी विद्यालय में बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे नजर आ रहा है. दरअसल, मामला बहादराबाद विकास खंड क्षेत्र के रानी माजरा गांव में स्थिति कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का है. जहां विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं से भोजन बनवाया जा रहा है और जूठे बर्तन धुलवाए जा रहे हैं. यहां तक कि छात्राओं का आरोप है कि उन्हें जूठे बर्तन का दूध दिया जा रहा है.

दरअसल सोशल मीडिया पर चिकन को साफ करते हुए छात्राओं का वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो की जांच पड़ताल की गई तो मामला रानी माजरा गांव में स्थिति कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निकला. वहीं जांच में पूरी सच्चाई खुलकर सामने आ गई. छात्राओं ने पूछताछ के दौरान सारी सच्चाई बताई. उन्होंने कहा कि विद्यालय में सभी से खाना बनवाया जा रहा और बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं. यहां तक कि कैमरे के सामने छात्राओं ने कहा कि उन्हें जूठे बर्तन का दूध दिया जा रहा है.

वार्डन ने दी सफाई

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में जब विद्यालय की वार्डन तन्नू चौहान इस पूरे मामले में कहा कि उनके विद्यालय में कोई चिकन नहीं बना है. चिकन बना बनाया मंगाया गया था. सिर्फ चिकन को गर्म किया गया जो वीडियो में भी रिकॉर्ड है, जिसे आप देख और साफ-साफ सुन सकते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों ने चिकन खाने के लिए कहा था जिस पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से बच्चों को चिकन खिलवाने की अनुमति ली थी. वहीं वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्राएं कच्चे चिकन को साफ करती नजर आ रही हैं. छात्राएं कैमरे के सामने भी साफ-साफ हकीकत बयां कर रही हैं. इसके बावजूद विद्यालय की वार्डन झूठी सफाई पेश करती कर रही हैं.

कार्रवाई की मांग कर रहे लोग

इस मामले में स्कूल की वार्डन और शिक्षकों की मिली भगत की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि छात्राएं जब अपनी परेशानी बयां कर रही थी तो वार्डन ने उन्हें कैमरे के सामने से हटा दिया और कुछ भी बोलने से मना कर दिया. बरहाल अब देखना यह होगा की इस पूरे मामले में आगे क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है. इस पूरी घटना को शिक्षा के नाम पर छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है. वहीं वीडियो वायरल होने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई मांग की जा रही है.

शरद पवार को 29 साल बाद मिल सकती है सीएम की कुर्सी, जानें

क्या 29 साल बाद शरद पवार के पास महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी आ सकती है? मतदान के बाद बन रहे सियासी समीकरण को देखते हुए मुंबई से लेकर दिल्ली तक इस बात की चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि चुनाव में भले आंकड़े कुछ भी हो, लेकिन सत्ता की चाबी पवार के हाथों में ही होगी.

महाराष्ट्र की 288 सीटों पर 23 नवंबर को नतीजे आएंगे. राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है.

सरकार गठन के लिए सिर्फ 3 दिन का समय

महाराष्ट्र में 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी और 26 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. 3 दिन के भीतर अगर सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया जाएगा तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकती है.

राष्ट्रपति शासन लागू होने की स्थिति में गेंद केंद्र के पाले में आ जाएगी. कहा जा रहा है कि ऐसी ही स्थिति से बचने के लिए पार्टियां जल्द से जल्द सरकार गठन की कवायद करेगी. पवार इसका फायदा उठा सकते हैं.

2019 में राष्ट्रपति शासन लागू होने की वजह से पवार महाविकास अघाड़ी की सरकार में वित्त, गृह जैसे कई अहम विभाग अपने पास रख लिए.

करीब 70 सीटों पर पवार परिवार की दावेदारी

महाराष्ट्र को लेकर जितने भी एग्जिट पोल आए हैं, उन सभी में दोनों पवार को करीब 70 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. विधानसभा की करीब 42 सीटों पर अजित पवार और शरद पवार के उम्मीदवार के बीच ही मुकाबला है.

2024 के लोकसभा चुनाव में 38 विधानसभा सीटों पर शरद पवार और 6 सीटों पर अजित पवार को बढ़त मिली थी. दोनों के उलट-पलट की गुंजाइश भी है.

अजित पवार ने पूरे चुनाव में खुलकर उन मुद्दों का विरोध किया है, जिससे बीजेपी चुनाव में ध्रुवीकरण की कवायद कर रही थी. जूनियर पवार इस वजह से बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के निशाने पर रहे हैं.

इसी पावर की वजह से कहा जा रहा है कि इस बार सीएम की कुर्सी पवार परिवार के पास जा सकती है

न काहू से दोस्त न काहू से बैर वाला फॉर्मूला

शरद पवार महाराष्ट्र की सियासत में न तो किसी से ज्यादा दोस्ती रखते हैं और न ही दुश्मनी. 2014 में बीजेपी को समर्थन देने वाले पवार 2019 में उद्धव के साथ चले गए. उनके पुराने सहयोगी और अजित गुट के उम्मीदवार नवाब मलिक ने हाल ही में दावा किया था कि शरद पवार किसी तरफ जा सकते हैं.

दिलचस्प बात है कि इस बार न तो महाविकास अघाड़ी और न ही महायुति ने सीएम फेस घोषित कर रखा है. ऐसे में दोनों तरफ सीएम पद का स्पेस बचा है.

पवार के मन में क्या चल रहा है?

84 साल के शरद पवार ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी थी. उन्होंने पूरे चुनाव में करीब 55 रैलियों को संबोधित किया. पवार अपने हर रैली में सिर्फ महाराष्ट्र को नई दिशा में ले जाने की बात करते रहे.

इस्लामपुर की एक रैली में सीनियर पवार ने जयंत पाटिल को लेकर बड़ी टिप्पणी भी की थी. शरद पवार ने इस रैली में कहा था कि जयंत को अब पूरे राज्य की जिम्मेदारी संभालनी है, इसलिए अभी से तैयार रहें.

सीनियर पवार के इस बयान के बाद से ही महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि आखिर उनके मन में क्या चल रहा है?

1995 के बाद नहीं मिली कुर्सी

1995 के विधानसभा चुनाव हारने के बाद शरद पवार को कभी भी मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं मिली. महाराष्ट्र की सियासत में इसके बाद वे करीब 4 बार किंगमेकर की भूमिका में जरूर रहे, लेकिन सियासी समीकरणों की वजह से वे सीएम की कुर्सी से दूर ही रहे.

पवार की पार्टी से छगन भुजबल और अजित पवार जरूर कई सरकारों में उपमुख्यमंत्री रहे हैं. अजित अभी भी उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं.

89 पर शरद 60 पर अजित लड़ रहे

महाविकास अघाड़ी के बैनर तले विधानसभा की 89 सीटों पर शरद पवार चुनाव लड़ रहे हैं. शरद का 42 सीटों पर मुकाबला अजित गुट के उम्मीदवारों से है. बाकी बचे 47 सीटों पर शरद के उम्मीदवारों का सीधा मुकाबला शिवसेना (शिंदे) और बीजेपी प्रत्याशियों से है.

अजित पवार इस चुनाव में करीब 60 सीटों पर लड़ रहे हैं. शरद के अलावा अजित गुट का अधिकांश सीटों पर कांग्रेस से मुकाबला है.

साइबर फ्रॉड पर बड़ा एक्शन: गृह मंत्रालय की i4c विंग ने 17,000 व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक किए.

साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं हर रोज सामने आ रही हैं. इन घटनाओं के कारण लोगों को लाखों रुपये का चूना भी लगा है. इसी पर लगाम लगाने के लिए अलग-अलग तरह से कार्रवाई की जा रही है. साइबर फ्रॉड पर लगाम कसने के लिए गृह मंत्रालय की I4C विंंग ने बड़ा एक्शन लिया है. टीम ने 17000 व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं. जिनपर फाइनेंशियल फ्रॉड काल और डिजिटल अरेस्ट कॉल में शामिल होने का आरोप है.

जिन नंबरों को बंद किया गया है उनमें से ज्यादातर नम्बर कंबोडिया, म्यामांर लाओस,और थाईलैंड से एक्टिंव थे. कंबोडिया और म्यांमार और लाओस से चल रहे डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्राड संबधित कॉल सेंटर की जांच लंबे समय से एजेंसियां कर रही थीं. I4C साइबर और डिजिटल क्राइम निषेध पर काम करने वाला संगठन है. जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है.

रिपोर्टों से पता चलता है कि जिन व्हाट्सएप अकाउंट को बंद किया गया है. उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक जनवरी 2024 में ही शुरू हुए थे. जिनका उपयोग कई फ्रॉड में किया गया था. जिनमें अक्सर “डिजिटल अरेस्ट” शामिल है, जहां पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि वे कानूनी जांच के अधीन हैं. इन फ्रॉड को अंजाम देने के लिए कई सिम कार्डों का इस्तेमाल किया गया. जिनका पता लगाना काफी मुश्किल था. इसके बाद भी टेक्नोलॉजी की मदद से उन नंबरों का पता लगातार आज उन्हें बंद किया गया है.

इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए किया गया AI टेक्नोलॉजी का यूज

सरकार ने इन धोखाधड़ी वाले व्हाट्सएप अकाउंट की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है. देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस बलों ने भी ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में केंद्रीय एजेंसियों की मदद की है. यह पहली बार नहीं है जब भारतीय अधिकारियों ने साइबर ठगों पर कार्रवाई की है. इससे पहले, घोटालों पर लगाम लगाने के इसी तरह के प्रयास में स्काइप एकाउंट को ब्लॉक किया गया था. इन व्हाट्सएप अकाउंट को ब्लॉक करने से साइबर फ्रॉड के नेटवर्क को एक और बड़ा झटका लगा है.

साइबर फ्रॉड का पीएम मोदी भी कर चुके जिक्र

पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड को लेकर मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया था. पीएम ने कहा था कि कभी कोई ऐसा कॉल आए तो डरना नहीं चाहिए और याद रखना चाहिए की कोई भी जांच एजेंसी फोन पर पूछताछ नहीं करती है. पीएम ने डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताए.रुको, सोचो,एक्शन लो पीएम ने कहा ऐसा कुछ हो तो शांत रहना चाहिए, घबराओ नहीं है और फिर सोच कर एक्शन लेना चाहिए. साथ ही पीएम ने कहा ऐसा कुछ होने पर राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें. साथ ही साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें. परिवार और पुलिस को सूचित करें.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: बीजेपी नेता राम कदम ने किया बड़ा दावा, 170 से ज्यादा सीटें जीतेंगे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले बीजेपी नेता राम कदम ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि हम 170 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. निर्दलीय और छोटी पार्टियों की हमें जरूरत नहीं पड़ेगी. मगर, हम सबको साथ लेकर चलेंगे. एग्जिट पोल में अनुमान लगाया जा रहा है. हम उससे बेहतर प्रदर्शन करेंगे.

राम कदम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने झूठ बोला था. इनके झूठ का गुब्बारा फूट गया है. लोग सच जान गए हैं. लोग लाडली बहन, लाडला भाई और लाडला किसान जैसी योजनाओं पर भरोसा कर रहे हैं. पूर्व में इनकी सरकार ने राज्य में विकास कार्य रोक दिए थे. हमारी सरकार ने राज्य का विकास किया है.

ये करप्शन और चोरी करने के लिए साथ आए थे

बीजेपी नेता राम कदम ने इंडिया गठबंधन पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में मचे घमासान से साफ दिखने लगा है कि ये पहले एक साथ थे, अब आम आदमी पार्टी एकतरफा अपने उम्मीदवार घोषित कर रही है. इनका गठबंधन नहीं है. ये करप्शन और चोरी करने के लिए साथ आए थे.

अच्छे काम के पक्ष में मतदान करते हैं लोग

राम कदम के साथ ही महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता महायुति के साथ है. डबल इंजन सरकार लोगों की भावना है. मतदान प्रतिशत में इजाफा को हमारे पक्ष में है. जब कोई मतदाता उत्साह के साथ बाहर आता है तो वो सरकार और अच्छे काम के पक्ष में मतदान करता है.

चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया, बहनों ने खूब वोट किया है. किसानों ने भी जमकर मतदान किया है. जो लोग डबल इंजन की सरकार चाहते हैं, उन्होंने वोट दिया है. शहरी से लेकर ग्रामीण मतदाता हमारे पक्ष में हैं. कांग्रेस ने लोकसभा में झूठ बोलकर लोगों के वोट लिए थे. उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए. हमारी अच्छी जीत होगी. उम्मीद से भी बड़ी जीत होगी.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू, जानें पूरा शेड्यूल और सुरक्षा व्यवस्था

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने आज यानि 21 नवंबर से अपनी 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू कर दी है. यह पदयात्रा सुबह 8 बजे बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर (Bageshwar Dham Padyatra) के दर्शन एवं राष्ट्रध्वज व भगवां ध्वज फहराकर प्रारंभ हुई. हिन्दुओं के बीच मौजूद जाति भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने के लिए यह पदयात्रा निकाली गई है. 9 दिन तक इस यात्रा में क्या-क्या होगा चलिए जानते हैं पूरा शेड्यूल…

बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी. इस पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा. पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोककलाओं का प्रदर्शन भी करेंगे.

क्या बोले बागेश्वर बाबा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है. इस पदयात्रा का उद्देश्य हिन्दुओं को जगाकर भारत को सामथ्र्यवान बनाना है. यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं.

लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं. जबकि, इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है.

इन संतों की रहेगी उपस्थिति

इस यात्रा को सफल बनाने के लिए देश के अनेक सनातनी संत बागेश्वर महाराज के संकल्प में साथ खड़े नजर आ रहे हैं. बागेश्वर धाम समिति की ओर से बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर जगतगुरू तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य जी के द्वारा भगवां ध्वज दिखाया जाना तय किया गया था. किन्तु आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वो नहीं आ सके. किन्तु 21 को देश के जाने-माने संत गोपालमणि जी, कथाव्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज एवं सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहे.

इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथाव्यास अनिरूद्धाचार्य, कृष्णचन्द्र ठाकुर, मृदुलकांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोरदास जी महाराज, भिण्ड से दंदरूआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंददेव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी जी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्रदास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत भी उपस्थित हैं.

महापुरूषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा

इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरूषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है. यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौरथ, महापुरूषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है. इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखण्ड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे. पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा एवं भगवां ध्वज लेकर चलेंगे.

600 पुलिस जवान तैनात

इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे. पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस, चार स्तर का होगा सुरक्षा घेरा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों तक पहुंच चुकी है. उनकी इस यात्रा में किसी प्रकार का विघ्र उत्पन्न न हो इसलिए मप्र सरकार और उप्र सरकार की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी. छतरपुर एसपी अगम जैन ने बताया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय एवं सागर पुलिस मुख्यालय से 600 पुलिस जवान भेजे गए हैं.

160 किमी की यात्रा

इसके अलावा जिले का पुलिस अमला भी व्यवस्था में तैनात है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 160 किमी तक चलने वाली इस पदयात्रा में पैदल ही निकले हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को लेकर भी चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है. मध्य में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कुछ संत भी हैं. इसके बाद उनकी वाई श्रेणी के सुरक्षाकर्मी, तीसरे घेरे में पुलिस की रस्सा पार्टी और चौथे घेरे में बागेश्वर धाम के सेवादारों की एक रस्सा पार्टी चल रही है.

जानी मानीं हस्तियां भी आएंगी

बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब तक देश की कई जानी-मानी हस्तियों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है. इनमें फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कन्हैया मित्तल, कॉमेडियन श्याम रंगीला, अभिनेत्री अक्षरा सिंह, गायक शीतल पाण्डेय दिल्ली, बुन्देली गायिका कविता शर्मा, बुन्देली कलाकार हिमालय यादव, सोनू तिवारी, बिन्नू रानी, गायिका अंजलि द्विवेदी और जाने-माने कवि कुमार विश्वास के नाम शामिल हैं. ये लोग अलग-अलग तरीखों पर इस यात्रा में सम्मिलित होंगे.

बागेश्वर धाम से पेप्टेक टाउन तक

21 नवंबर को पदयात्रा बागेश्वर धाम से प्रारंभ हुई है. इसके बाद गढ़ा तिराहे, टुरया तिराहे, मड़तला, बसारी स्टेण्ड, डीपी पब्लिक स्कूल, हरिकृपा रेस्टोरेंट, महिन्द्रा एजेंसी पर पदयात्रियों को स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है. पदयात्रा शाम होते-होते कदारी फार्मेसी कॉलेज पहुंचेगी जहां पदयात्रियों के भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है. यहां संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें बुन्देली कलाकार हरिया भैया और सोनू तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे.

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

22 नवंबर की सुबह यह पदयात्रा कदारी से प्रारंभ होकर गठेवरा पहुंचेगी जहां पदयात्रियों को दोपहर भोजन कराया जाएगा. तदोपरांत यह पदयात्रा आगे बढ़ती हुई रूद्राक्ष होटल से छतरपुर शहर में प्रवेश करेगी. यात्रा 22 को दिन भर छतरपुर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगी, छत्रसाल चौराहे पर बागेश्वर महाराज के द्वारा एक सभा की जाएगी. इस सभा में हैदराबाद के हिन्दू नेता टी राजा भी शामिल होंगे. 22 नवंबर की शाम यह पदयात्रा बस स्टेण्ड होते हुए नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन में पहुंचेगी जहां रात्रि भोजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व बागेश्वर महाराज के प्रवचन होंगे. यहां दिल्ली के जाने-माने गायक शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.

नौगांव में कुमार विश्वास, अक्षरा सिंह होंगे शामिल

हिन्दू एकता पदयात्रा 23 नवंबर को मऊसहानियां के महाराजा छत्रसाल शौर्यपीठ पर महाराजा छत्रसाल को प्रणाम करते हुए दोपहर भोजन के साथ आगे बढ़ती हुई नौगांव पहुंचेगी. नौगांव के शांति कॉलेज में यात्रियों का रात्रि विश्राम है और यहीं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के अनेक राष्ट्रवादी कवियों के साथ-साथ कुमार विश्वास और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह सम्मिलित होंगी.

24 नवंबर को देवरी रेस्टहाउस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बुन्देली गायिका कविता शर्मा एवं जानी-मानी गायिका अंजली द्विवेदी प्रस्तुति देंगी. 25 नवंबर को मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली, कॉमेडियन श्याम रंगीला और वीआईपी अपनी प्रस्तुति देंगे. 26 को गुजरात के लोकगायक कीर्तिदान गढ़वी और 27 को कन्हैया मित्तल यात्रा में शामिल होंगे. इसके अलावा अनेक कलाकारों की स्वीकृति आना शेष है.