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एसजीएसटी की छापेमारी में आया मामला, अब पांच लाख रुपये का जुर्माना

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक अलग ही मामला सामने आया है। सिविल लाइंस की एक मोमोज दुकान पर हुए कारोबार के आंकड़ों को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, शहर के युवाओं को अब मोमोज खूब पसंद आ रहा है। सिविल लाइंस की एक दुकान में 10 महीने में डेढ़ करोड़ के मोमोज खाने की बात सामने आई है। इस मामले में अब दुकानदार पर जीएसटी में बिना रजिस्ट्रेशन कराए करोड़ों का धंधा किए जाने की बात सामने आई है। सोमवार को स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) ने दुकान पर छापामारी की।

एसजीएसटी की छापेमारी में ट्रैक्स चोरी पकड़ी गई है। आरोपी के खिलाफ पांच लाख का जुमार्ना लगाया। वहीं, इस मामले अभी जांच चल रही है। एसजीएसटी के जोनल कमिश्नर मुक्तिनाथ वर्मा के निर्देश पर अपर आयुक्त राजेश सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर शक्ति सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव, वणिज्य कर अरविंद और राजेश कुमार ने सोमवार को सिविल लाइंस स्थित एक मोमोज की दुकान पर छापा मारा।

एसजीएसटी की जांच में खुलासा हुआ है कि सिविल लाइंस में एक छोटी से दुकान खोलकर लाखों रुपये का मोमोज बेच रहा था। दुकानदार ने एसजीएसटी में अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। सरकार को लाखों रुपये टैक्स का नुकसान हो रहा था। दुकान में आॅनलाइन पेमेंट भी हो रहा था। एसजीएसटी की ओर से इस मामले में दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की गई।

एसजीएसटी ने मोमोज दुकानदार के खिलाफ पांच लाख रुपये जुमार्ना लगाया गया। एसजीएसटी के एक अधिकारी के अनुसार, अभी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन लाखों का कर चोरी करने वाले दुकानदारों पर विभाग की नजर है।

एंग्लो बंगाली इंटरमीडिएट कॉलेज में विज्ञान एवं गणित प्रतियोगिता का आयोजन

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। जनपद के अति प्राचीन विद्यालय एंग्लो बंगाली इंटरमीडिएट कॉलेज ने अपनी 150वीं स्थापना-वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज एक भव्य अन्तर्विद्यालयी विज्ञान एवं गणित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता दो श्रेणियों—जूनियर और सीनियर—में आयोजित की गई, जिसमें 33 से अधिक विद्यालयों के 82 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री स्वास्तिक बोस के प्रेरणादायक संबोधन से हुआ। उन्होंने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा, "यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों की बौद्धिक क्षमताओं को प्रोत्साहित करती है, बल्कि उनके अंदर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्कशीलता विकसित करने में सहायक सिद्ध होती है।

इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के अंजन मित्रा भी उपस्थित थे।कार्यक्रम के सफल आयोजन में मयंक श्रीवास्तव, शुभांकर दत्ता, आशीष श्रीवास्तव, और गिताली बसु, शक्तिगोपाल मुखर्जी,राकेश श्रीवास्तव, रंजीता रॉय,डॉ. प्रसन्न कुमार घोष व अभय श्रीवास्तव, की विशेष भूमिका रही।कार्यक्रम में डॉ. अजय मालवीया, इंद्रदेव दुबे आदि ने सहयोग प्रदान किया। प्रतियोगिता का संचालन कुशलता और निष्पक्षता के साथ किया गया।

प्रतियोगिता का परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा।यह आयोजन छात्रों के ज्ञानवर्धन और प्रतिस्पर्धी भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा। एंग्लो बंगाली इंटरमीडिएट कॉलेज अपनी स्थापना के 150 वर्षों की गरिमा को और ऊंचा उठाने के लिए ऐसे शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।

प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट की हुई बैठक सम्पन्न


विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट की हुई बैठक में श्याम सुंदर की तरफ से बैठक का कार्य मंच संभाला गया l उनके द्वारा संगठन में जिसका जो दायित्व है उसको किस प्रकार संभाला जाए और कैसे एक दूसरे का सम्मान किया जाए और अपने दायित्वों का निर्वहन किस प्रकार किया जाए यह सभी दिशा निर्देश दिए गए l बैठक शुरू होने के पहले और बैठक खत्म होने के बाद क्या करना चाहिए? कैसे बैठक को चलाना चाहिए? एवं किस प्रकार अपना परिचय देना चाहिए? और संगठन को कैसे मजबूती देनी है यह सभी चीज बताइ गई।

इस बैठक में प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट के राष्ट्रीय सचिव शिवम केशरवानी प्रदेश अध्यक्ष विवेक सिंह करछना ब्लॉक अध्यक्ष अनुराग द्विवेदी उपाध्यक्ष आदर्श द्विवेदी महामंत्री विकास मिश्रा मंत्री रोहित पाल और गौ सेवक नितेश कुमार उपलब्ध रहे।

तिवारीपुर की दंगल में चैंपियन का निर्णय नहीं हो सका

विश्वनाथ प्रताप सिंह

दुर्गागंज, प्रतापगढ़।आयोजन समिति ने मथुरा के जितेन्द्र सिंह और सोरांव के रहबर को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया। बता दें कि तिवारीपुर में पिछले 54 साल से दंगल और मेले का आयोजन होता आ रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के बाद आने वाले रविवार को प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम आयोजित होता है। इसकी शुरुआत इसी गांव के स्व. शारदा प्रसाद तिवारी ने की थी।इस वर्ष भी 17 नवम्बर रविवार को गांव में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। दूर-दूर से आए पहलवानों ने कुश्ती कला के दांवपेंच दिखा दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। दर्शकों ने भी तालियां बजाकर उनकी कला को सराहते हुए पहलवानों का उत्साहवर्धन किया।

अंत में कमेटी की ओर से चैंपियन का बीड़ा रखा गया। मथुरा से आए पहलवान जितेन्द्र सिंह ने बीड़ा उठा लिया। उनके बीड़ा उठाते ही तीन और पहलवान उनसे लड़ने को तैयार हो गए। मगर कमेटी के निर्णय पर सोरांव (प्रयागराज) के पहलवान रहबर से उनकी भिड़ंत हुई। दोनों पहलवानों के बीच 50 मिनट से अधिक समय तक मुकाबला चला। दोनों पहलवानों ने अपने दांवपेंच से एक दूसरे को चित करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। अन्त में दोनों रेफरी की सलाह पर कमेटी ने दोनों ही पहलवानों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया। विजेता और उपविजेता पहलवानों को कमेटी की ओर से नकद धनराशि प्रदान की गई। चैंपियन पहलवान के लिए कमेटी ने पुरस्कार के रूप रेंजर सायकिल रखी थी।

मगर संयुक्त विजेता घोषित होने पर सायकिल के कीमत की धनराशि दोनों पहलवानों में समान रूप से बांट दी गई। रेफरियों और अतिथियों को शगुन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इस बार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी थे। मगर अचानक बाहर चले जाने से वह नहीं आ सके थे। रानीगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक आदित्य सिंह और क्षेत्रीय चौकी प्रभारी रोहित यादव बतौर अतिथि उपस्थित थे। दुबेपट्टी के घनश्याम दुबे और तिवारीपुर के श्रीराम गुप्ता ने रेफरी की भूमिका निभाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक मंडल के एडवोकेट प्रभाकर तिवारी, अनिल तिवारी, ज्ञानप्रकाश तिवारी, शिवम तिवारी, शुभम तिवारी, अनुपम तिवारी, नितेश तिवारी, अभिषेक तिवारी, अनमोल तिवारी, नन्हें लाल गुप्ता, बाजीगर निर्मल का सहयोग सराहनीय रहा।

अमिलिया तरहार मेले में नहीं है सौच करने की व्यवस्था नगर निगम और प्रशासन कि लापरवाही

विश्वनाथ प्रताप सिंह

लालापुर, प्रयागराज। मामला जनपद प्रयागराज लालापुर थाना अंतर्गत मसुरियं माई धाम अमिलिया तरहार मेले का है जहां पर मार्ग शीर्ष महीने शुरू होते एक महीने का मेला विशाल मेला लगता है आज मेले का दूसरा दिन है लेकिन वहां पर सौच करने की व्यवस्था तक नहीं है बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ता है यहाँ पर मेला प्रशासन और नगर निगम कि लापर वही देखने को मिल रही की इतना विशाल मेला शौचालय एक भी नही।

भारतीय किसान संघ ने किसानो को अगर परेशान किया तो प्रशासन को दि चेतावनी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

बारा, प्रयागराज।तहसील बारा जिला प्रयागराजइस समय किसानी के काम में एक ओर जहां धान की कटाई और मिजाई चल रही हैं वहीं गेहूं राई व अन्य फसलों की बुवाई चल रही हैं यह समय किसानों का सबसे कीमती समय हैं ।और इसी समय धान को बेचने हेतु किसान अपने अपने कागज बनवाने हेतु तहसील के चक्कर लगा रहा हैं और बारा तहसील के  NIC कंप्यूटर ऑफिस 12 बजे खुल रहा हैं किसानों में भारी आक्रोश हैं।भारतीय किसान संघ की चेतावनी हैं कि किसानों को अगर परेशान किया गया तो मामले को उच्चाधिकारियों सहित शासन तक का ध्यान यहां आकृष्ट कराया जाएगा।

प्रयागराज प्रतिबंध के बावजूद किसानों ने जलाई कई बीघा पराली

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। बहरिया थाना क्षेत्र के गोपालापुर गांव में सोमवार के दिन लगभग 2 बजे किसानों ने अपने खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को दूषित कर दिया ।जिससे तमाम तरह की बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है।

आंगनबाड़ी उपकेन्द में कार्यरत कार्य करती व एनम विनीता सिंह ने सरकार पर लगाये गम्भीर आरोप

विश्वनाथ प्रताप सिंह

लेडियारी, प्रयागराज ।ग्राम पंचायत डीही खुर्द पोस्ट लेंड़ियारी तहसील व ब्लॉक कोरांव जनपद प्रयागराज के पठान मोहल्ला में बनी आंगनबाड़ी उप केंद्र में कार्यरत कार्य करती राजकुमारी व विनीता सिंह एनम के द्वारा बताया गया कि आंगनबाड़ी के उपकेंद्र में सरकार द्वारा ना तो बैठने के लिए कुर्सी टेबल की व्यवस्था ना तो पानी की व्यवस्था न शौचालय की व्यवस्था न लाइट बत्ती कोई व्यवस्था नहीं दी गई है ।

हम लोग अपनी मर्यादा को किस तरह से बचाकर यहां गुजारा कर रही हूं यहां पर ग्राम प्रधान द्वारा जो शौचालय बनवाई गई आज तक अभीउसकालाक नहीं खुला है कई बार यह सूचना उच्च अधिकारियों को बताया गया लेकिन अनसुनी करते हुए यहां की व्यवस्था पर ध्यान नही दिया जाता आशा कलावती का कहना है की जो कुर्सी बेंच मिला है वह हम लोग अपने घर पर रखी हुई हूं कि यहां रखने पर चोरी ना हो जाए इस तरह से यहां की व्यवस्था देखी गई ऐसे में वर्तमान सरकार को चाहिए कि ऐसी तानाशाह अधिकारी कर्मचारियों को लापरवाही करने पर नियमतह उचित कार्रवाई कर व्यवस्था मुहैया कराई जाए।

प्रयागराज महाकुंभ में प्रत्येक 10 शौचालयों पर नियुक्त होगा एक सफाईकर्मी, योगी सरकार पूरी तत्परता से कर रही काम

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य यही है कि महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को साफ सुथरे टॉयलेट्स, यूरिनल पॉट्स की सुविधा प्रदान की जा सके, ताकि वो यहां से एक यादगार अनुभव लेकर वापस लौटें। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके अनुसार, शौचालयों की साफ सफाई पर फोकस रहेगा। साथ ही, मैनपावर की कमी न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। सभी वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप 10 शौचालयों पर एक सफाई कर्मी तैनात किया जाएगा, जबकि 10 सफाई कर्मियों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया जाएगा। इसी तरह, 20 यूरिनल्स पर एक सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर तैनात रहेगा।

सार्वजनिक स्वच्छता को किया जाएगा सुनिश्चित

विशेष कार्याधिकारी महाकुंभ मेला आकांक्षा राना के अनुसार, मेला क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की बेहतर देखरेख के लिए जनशक्ति तैनाती पर मेला प्रशासन की ओर से कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें हर हाल में वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा। इन नए मानकों का उद्देश्य सार्वजनिक स्वच्छता को उन्नत करना और श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। इसके तहत, 10 शौचालयों पर 1 सफाईकर्मी, 10 सफाईकर्मियों पर 1 सुपरवाइज़र, 20 यूरिनल्स पर 1 सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाईकर्मी सफाई करते समय दस्ताने और जूते जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) अवश्य पहने हों। इसके माध्यम से सफाई के साथ-साथ सफाईकर्मियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

किया जाएगा गंध नियंत्रण तकनीक का उपयोग

निर्धारित मानकों के अनुसार, शौचालय, वॉशबेसिन, फर्श, और टाइलों को दाग और गंदगी मुक्त रखा जाएगा। टॉयलेट पेपर, साबुन डिस्पेंसर, हैंड सैनिटाइज़र और महिला स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, फ्लश सिस्टम, नल और शॉवर बिना किसी रिसाव के सही तरीके से क्रियाशील होने चाहिए। साथ ही, गंध नियंत्रण तकनीक का उपयोग करते हुए शौचालय की दुर्गंध को 10-15 मिनट में हटाने और कचरे को 24 घंटे में विघटित करने की व्यवस्था लागू होगी। इससे बार-बार उपयोग होने के बावजूद गंध या गंदगी से निजात मिल सकेगी और बिना किसी हिचकिचाहट के लोग इसका उपयोग कर सकेंगे। प्रमुख स्नान पर्व पर भी यह व्यवस्था पूरी तत्परता से लागू रहेगी, जिससे अत्यधिक भीड़ के बावजूद किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

दिव्यांगों के लिए सुलभ होंगे शौचालय

शौचालय इकाइयों में उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था अनिवार्यता के साथ लागू की जाएगी। साथ ही, गड्ढे, दरारें या कंक्रीट जोड़ों, विद्युत फिटिंग्स, और साइनेज में किसी भी प्रकार की क्षति का समय पर समाधान किया जाएगा। शौचालयों में मग और बाल्टी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शौचालय सुविधाएं आसानी से सुलभ स्थानों पर उपलब्ध हों। हर 10 शौचालयों में से कम से कम 1 शौचालय को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाएगा। सक्शन मशीनों की पर्याप्त संख्या में तैनाती और अपशिष्ट का उचित निपटान किए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। शौचालयों में सभी जेट स्प्रे मशीनों को सही तरीके से स्थापित और क्रियाशील रखने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
महाकुम्भ में मन मोह लेगी 90 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों का कलरव

प्रयागराज। महाकुम्भ का साक्षी बनने लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर का 150 जोड़ा यहां आ चुका है। संगम की रेत पर रंग बिरंगे इन मेहमानों की कलरव गंगा मइया की कल-कल से मिलकर अलौकिक राग छेड़ रही है। इसी बर्ड साउंड थेरेपी के लिए देश विदेश से लोग आने लगे हैं। अभी दुनिया में सबसे तेज उड़ान वाले पेरेग्रीन फाल्कन का भी इंतजार किया जा रहा है।जापान और चीन की बुलेट ट्रेन से तेज रफ्तार वाला यह पक्षी 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में हवा से बातें करता है। संगम क्षेत्र में यह अलौकिक दृश्य योगी सरकार के द्वारा प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयासों को बढ़ावा दे रहा है। वन विभाग भी इस अवसर को महाकुम्भ से पूर्व बर्ड फेस्टिवल आयोजित कर सेलिब्रेट करने जा रहा है।

वाइल्डलाइफ की टीम कर रही निगरानी

वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि महाकुम्भ से पहले ही बड़ी संख्या में अप्रवासी पक्षी प्रयागराज आ रहे हैं। इनके साथ लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर और साइबेरियन सारस भी बड़ी संख्या में हैं। इतनी बड़ी तादात में आने वाले देशी और विदेशी पक्षियों की गणना के लिए वाइल्डलाइफ की टीम लगाई गई है जो दिन रात इन पक्षियों की विशेष निगरानी कर रही है। वाइल्डलाइफ के सामुदायिक अधिकारी केपी उपाध्याय ने बताया कि दुनिया भर में लुफ्तप्राय इंडियन स्कीमर करीब 150 से अधिक के जोड़ों में संगम किनारे आ चुकी हैं। यह प्रदूषण को रोकने में काफी हद तक मददगार होती है। यही नहीं ये पानी की शुद्धता को बढ़ाने का भी काम करती हैं।

महाकुम्भ की शोभा बढ़ा रहे उड़ते हुए विदेशी मेहमान

महाकुम्भ की शुरुआत से पहले ही इतनी बड़ी संख्या में संगम किनारे पहुंचे ये पक्षी देश-विदेश से आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। इंडियन स्कीमर फिलहाल रेत के टीले पर सुबह शाम आपको टहलते हुए आसानी से दिख जाते हैं। यहां मां गंगा के किनारे शेड्यूल वन की इंडियन स्कीमर, साइबेरियन, ब्लैक क्रेन, सारस जैसी 90 से अधिक प्रजातियों के पक्षी फिलहाल महाकुम्भ के स्वागत के लिए आ गए हैं। अभी दो साल पहले प्रयागराज में पेरेग्रीन फाल्कन को भी देखा जा चुका है जिसके महाकुम्भ के दौरान पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

यह दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी

यह दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी है, जिसकी रफ्तार जापान और चीन की बुलेट ट्रेन से भी अधिक मानी जाती है। यह 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक तीव्र गति से उड़ने में सक्षम है। इनके अलावा विभिन्न प्रकार के देशी और विदेशी पक्षी संगम को मुफीद मानते हुए महाकुम्भ की शोभा बढ़ाने आ चुके हैं। इनमें साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से ये विदेशी मेहमान महाकुम्भ का आनंद बढ़ाने आए हैं।

महाकुम्भ तक हमारा साथ निभाएंगे साइबेरियन पक्षी

पक्षी वैज्ञानिकों ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में पहुंच चुके इंडियन स्कीमर बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। यह अपने अंडों को बचाने के लिए तरह-तरह के इंतजाम करते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये अधिकतर तीन ही अंडे देते हैं। मादा जब अपने पंखों से अंडों को ढक कर उनकी रखवाली करती है तो नर अपने पंखों में पानी भरने जाता है। नर जब वापस लौटता है तो अपने भीगे पंखों से अंडों को नमी देता है। फिर मादा को भेजता है अपने पंखों को नम करने के लिए।

भारत में इन्हें पनचीरा भी कहा जाता है, क्योंकि यह पानी को चीरते हुए आगे बढ़ते हैं। इनकी एक चोंच छोटी तो दूसरी बड़ी होती है। साइबेरियन पक्षी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर टापू को अपना निवास बनाते हैं। इन पक्षियों का आना सर्दियों की शुरुआत का संकेत है। साइबेरिया, मंगोलिया और अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से पहुंचे ये साइबेरियन पक्षी महाकुम्भ तक यहां वक्त बिताएंगे।

दिखाई दे सकती है रॉकेट बर्ड

दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाला पक्षी पेरेग्रीन फाल्कन भी महाकुम्भ के दौरान संगम तट पर देखा जा सकता है। ये बाज की ही एक प्रजाति है। इसकी उड़ान की रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक होती है। इसे रॉकेट बर्ड भी कहते हैं। यह आम तौर पर उत्तरी अमेरिका में मिलता है। इसीलिए इसको जापान और अमेरिका की बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज उड़ने वाला पक्षी माना जाता है। पक्षी वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2022 में इसे संगम के किनारे देखा गया था। माना जा रहा है कि महाकुम्भ तक यह संगम की शोभा बढ़ाएगा।