देवबंद विस्फोट मामले में बड़ी कामयाबी: नजीर अहमद वानी गिरफ्तार!
1993 के देवबंद विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी नजीर अहमद वानी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे जम्मू और कश्मीर के बडगाम जिले से गिरफ्तार किया है. मंगलवार 19 नवंबर को अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि वानी को यूपी पुलिस की टीम ने जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है. पुलिस के लिए वानी की गिरफ्तारी बड़ी कामयाबी है.
हाल ही में जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में वानी बडगाम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरा था, हालांकि इस चुनाव में उसे हार मिली थी. पुलिस अधिकारी के मुताबिक 51 साल के नजीर अहमद वानी ने अपने चुनावी हलफनामे में अपना पेशा व्यवसाय बताया था. उसने हलफनामे में देवबंद विस्फोट मामले का जिक्र नहीं किया था, जबकि वो 1993 के विस्फोट मामले में जमानत पर बाहर था.
फरार चल रहा था नजीर अहमद वानी
1993 में हुए विस्फोट चार लोग जख्मी हो गए थे, जिनमें उत्तर प्रदेश के दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे. नजीर अहमद वानी1993 में गिरफ्तार किया गया था. 1994 में उसे जमानत मिल गई थी और वह रिहा कर दिया गया था. हालांकि इसके बाद वह जमानत की शर्तों का पालन नहीं करते हुए फरार हो गया था.बताया जा रह है कि नजीर अहमद वानी पिछले 31 सालों से अपना हुलिया बदलकर सभी को चकमा दे रहा था वह अलग-अलग जगहों पर रह रहा था. बानी के खिलाफ पिछले साल बडगाम जिले में गलत तरीके से रोकने और आपराधिक धमकी देने का मामला भी दर्ज किया गया था.
जम्मू कश्मीर से हुई नजीर अहमद की गिरफ्तारी
सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने के मुताबिक आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और देवबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी बानी को जम्मू कश्मीर से रविवार को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि साल 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के दौरान देवबंद में कई स्थानों पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. इसी दौरान 1993 में शहर में पुलिसकर्मियों पर बमों से हमला किया गया था. जिसके बाद नजीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी.
Nov 20 2024, 11:10