जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का आयोजन जिलाधिकारी विशाल सिंह की अध्यक्षता में कृषि भवन घरांव परिसर में सम्पन्न हुआ। जिलाधिकारी द्वारा कृषकों से अपील किया गया कि अधिकारियों एवं कृषकों द्वारा बतायी गयी तकनीकी ज्ञान को अपने खेतों में अपनायें, जिससे उत्पादन बढे एवं उसका लाभ मिल सके। उनके द्वारा गोष्ठी की उपयोगिता के बारे में बताया गया कि रबी की बुवाई प्रारम्भ हो गयी है।
कृषकों को अच्छी प्रजाति के बीज का चयन कर, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संस्तुति के आधार पर उर्वरक का प्रयोग करते हुए बुवाई करें। जिससे अधिक उत्पादन हो सके। जिलाधिकारी द्वारा कृषकों से अपील किया गया कि पराली को न जलायें, बल्कि उसे सड़ा दें, जिससे खेत की उर्वरता बढ़ सके और उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उन्होंने सरकार द्वारा चलायी जा रही कृषक कल्याणकारी योजनाओं के बारें में भी बताया। दीपक मिश्र जिलाध्यक्ष भाजपा द्वारा कृषकों के हितार्थ सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार कृषकों के कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। कृषकों को किसी भी प्रकार की समस्याएं न हो पाये इसके लिए ऐसे कार्यक्रम सम्पादित किये जाते रहते हैं।
डा० शिवाकान्त द्विवेदी मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मृदा की जीवाश्म कार्बन को बढ़ाने एवं उसके उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए कृषकों से अपील किया कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बतायी गयी तकनीकी जानकारी को स्वयं के साथ अन्य कृषकों को भी प्रदान करें। जिससे जनपद का उत्पादन बढ़ सके और कृषक लाभान्वित हो सके। उप कृषि निदेशक डा०अश्वनी कुमार सिंह द्वारा गोष्ठी को रेखांकित करते हुए बताया कि रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गयी है। इसके लिए खाद, बीज एवं सिंचाई की व्यवस्था के बारे में रूपरेखा तैयार की जाती है।
इन्होंने बताया कि तिलहन मेला से जनपद में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कृषकों से अपील किया गया कि पराली को न जलायें। बल्कि आधा किलो यूरिया डालकर खेत का पलेवा करने से पराली सड़ जायेगी और इससे जीवांश्म कार्बन की मात्रा बढ़ेगी, जबकि पराली जलाने से उत्पादन घटता है एवं जीवांश्म कार्बन का क्षरण होता है। उनके द्वारा एफ०पी०ओ० एवं कृषि यंत्रीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
सतीश कुमार पाण्डेय जिला कृषि अधिकारी द्वारा कृषि निवेश के बारे में बताया गया कि जनपद में उर्वरक एवं बीज की कोई कमी नहीं है। कृषक राजकीय कृषि बीज भण्डारों, सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से कय कर बुवाई करें। डा० विश्ववेन्दु द्विवेदी हेड एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक के०वी० के० बेजवां द्वारा मृदा स्वास्थ्य, जैविक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। इनके द्वारा श्री अन्न के उत्पादन एवं उसके लाभ के बारे में भी जानकारी दी गयी। डा० किरन कुमार कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र बेजवां के द्वारा सम-सामायिक जानकारी देते हुए बताया कि सरसों की बुवाई, गेहूँ, चना, मटर आदि की बुवाई एवं उसमें लगने वाले रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
डा० ताराचन्द बैरवा द्वारा मृदा स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। सीआॅट्स वि०वि० नैनी के कृषि वैज्ञानिक डा० शिशिर कुमार द्वारा खेतों में रासायनिक खाद एवं दवाओं का कम या न के बराबर प्रयोग करने पर बल दिया गया। इनके द्वारा बताया गया कि जैविक विधि से खेती करें एवं बीज शोधन हेतु ट्राइकोडर्मा, राइजोबियम कल्चर आदि का प्रयोग करें। ममता यादव जिला उद्यान अधिकारी द्वारा एकीकृत बागवानी योजनान्तर्गत सब्जी की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया। इनके द्वारा स्प्रिंकलर सेट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। रामेश्वर सिंह प्रगतिशील कृषक द्वारा तिलहन खेती के बारे में जानकारी दी गयी। ओमकार नाथ राय द्वारा पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गयी।
मेले में हृदयतोष कुमार उपाध्याय, राम अकबाल तिवारी, इन्द्रजीत मौर्य सहित जनपद के समस्त विकास खण्डों से बड़ी संख्या में कृषकों की सहभागिता रही। मेले में विभिन्न विभागों एवं निजी विकतों द्वारा स्टाल के माध्यम से कृषकों को जानकारी दी गयी। रत्नेश कुमार सिंह जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा अध्यक्ष महोदय की अनुमति से उपस्थित समस्त अधिकारियों, कृषकों एवं पत्रकार बन्धुओं का आभार प्रकट करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया।
Nov 18 2024, 13:32