राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी स्थाई नहीं होती, पीएम मोदी और सीएम नीतीश की इस गजब की बांडिंग में यह बात फिर हुई साबित
राजनीति कब किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता। यहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। राजनेता भी यह बात हमेशा कहते रहते है। वे जब भी पाला बदलते है तो यह कहते है कि राजनीति में स्थाई दोस्ती और दुश्मनी नही होती है। वहीं अपने इस तर्क को साबित करने के लिए जनता की भलाई का दुहाई देते है। हालांकि उनके इस तर्क के पीछे कितनी सच्चाई होती है ये तो वही जाने लेकिन उनकी यह बात सही है कि पॉलिटिक्स में स्थाई दोस्ती और दुश्मनी नही होती है। समय के अनुसार यह रिश्ता बदलता रहता है। इसका ज्वलंत उदाहरण बीते दिनों बिहार के दरभंगा में देखने को मिला। जहां देश के पीएम और बिहार के सीएम के बीच के कई बार तल्लखी देखने के बाद एकबार फिर गजब की दोस्ती का नजारा देखने को मिला।
बीते 13 नवंबर को बिहार के दरभंगा में पीएम मोदी ने एम्स की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार ने सुशासन का जो मॉडल विकसित करके दिखाया वो अद्भुत है। बिहार को जंगल राज से मुक्ति दिलाने में उनकी भूमिका की जितनी सराहना की जाए वह कम है। पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार बिहार में विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार का तेज विकास, यहां का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां के छोटे किसानों, छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने से ही संभव होने वाला है। एनडीए सरकार इसी रोड मैप पर काम कर रही हैं। आज बिहार की पहचान यहां बनने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट, एक्सप्रेस-वे से मजबूत हो रही है।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक है। आज दूसरे एम्स निर्माण की शुरूआत हो रही है। हमारे प्रधानमंत्री बिहार आए हैं। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि आप सभी लोग हाथ उठाओ और अफने प्रधानमंत्री का अभिनंदन-नमन करो। नीतीश कुमार ने खुद दोनों हाथ उठाया, इसके बाद जनसमूह से भी ऐसा ही करने को कहा। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करता हूं। आज काफी महत्वपूर्ण दिन है। दरभंगा एम्स निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है।
मोदी से नीतीश के रिश्ते अब बदल गए हैं
आपको बता दें कि पीएम मोदी के साथ सीएम नीतीश के शुरुआती रिश्ते बहुत ही खराब रहे। एक दूसरे से नफरत का आलम यह रहा कि मोदी के साथ नीतीश कुमार मंच साझा करने से भी बचते रहे थे। उनके साथ अपनी तस्वीर पर एक बार उन्होंने घोर आपत्ति की थी। नीतीश के गुस्से का आलम यह था कि वर्ष 2010 में भाजपा के साथ अपने मधुर रिश्तों की परवाह किए बगैर उन्होंने भोज का न्यौता देकर ऐन वक्त कैंसल कर दिया था। दरअसल वर्ष 2010 में लुधियाना में एनडीए की एक रैली हुई। रैली में नीतीश कुमार भी शामिल हुए। भाजपा के साथ तब नीतीश कुमार बिहार में सरकार चला रहे थे। रैली में मंच पर उनकी आमने-सामने भिड़ंत नरेंद्र मोदी से हो गई। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। मंच पर बैठे नीतीश कुमार को हाथ पकड़ कर नरेंद्र मोदी ने उठाया और गले मिले। उस वक्त नीतीश कुछ कर भी नहीं सकते थे। गुजरात दंगों की वजह से नीतीश और नरेंद्र मोदी में अनबन हो गई थी। नीतीश उन्हें तनिक भी पसंद नहीं करते थे।
रैली से लौट कर नीतीश पटना पहुंचे तो उन्होंने अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन देखा, जिसमें नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीर लगी हुई थी। यह विज्ञापन भाजपा की ओर से जारी किया गया था। दरअसल भाजपा कार्यकारिणी की पटना में बैठक हो रही थी, जिसमें नरेंद्र मोदी भी शिरकत करने वाले थे। कार्यकारिणी के सम्मान में एनडीए के पर्टनर होने के नाते नीतीश कुमार ने रात्रि भोज दिया था। अखबारों में विज्ञापन देख कर नीतीश ऐसे भड़के कि उन्होंने अचानक भोज रद्द कर दिया। बिहार में बाढ़ राहत के लिए नरेंद्र मोदी के भेजे पैसे लेने से भी नीतीश ने इनकार कर दिया था।
इतना ही नहीं भाजपा ने जब नरेंद्र मोदी को पीएम फेस बनाने की घोषणा की, तब भी नीतीश बिदके थे। गुस्से में उन्होंने भाजपा से नाता ही तोड़ लिया था। हालांकि 2014 में अकेले चुनाव लड़ कर उन्हें अपनी ताकत का एहसास हो गया। जेडीयू को लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा ने 22 सीटें जीत कर नरेंद्र मोदी की ताकत का एहसास करा दिया था। यही वजह रही कि बाद में नीतीश कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी से हाथ मिला लिया और पहली बार बिना भाजपा की मदद से नीतीश बिहार के सीएम बने। पर, यह दोस्ती अधिक दिनों तक नहीं चली। नीतीश ने 2017 में आरजेडी को झटका देकर भाजपा का हाथ पकड़ लिया। बीच में कई ऐसे मौके आए, जब नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश मंच पर बैठने से कतराते रहे।
लेकिन अब मामला ठीक उलट हो गया है। सीएम नीतीश कुमार को हाल के दिनों में जब भी पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने का मौका मिला है वे खुलकर पीएम मोदी से मिले है और उनकी जमकर तारीफ की है। वहीं पीएम मोदी भी सीएम नीतीश कुमार के साथ उसी गर्म जोशी के साथ मिलते नजर आए है। ऐसे में यह सही है कि राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी स्थाई नहीं होती।

						




 

 
 
  
  
  
  

Nov 15 2024, 14:17
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