/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png StreetBuzz 'कचरे से बिजली' प्रोजेक्ट से कैसे घुट रहा है दिल्ली के 10 लाख लोगों का दम? रिपोर्ट में हुआ बड़ा दावा Jyoti Shukla
'कचरे से बिजली' प्रोजेक्ट से कैसे घुट रहा है दिल्ली के 10 लाख लोगों का दम? रिपोर्ट में हुआ बड़ा दावा


डेस्क: आज के दौर में पूरी दुनिया में 'ग्रीन' क्रांति का बढ़ चढ़ कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की सरकार भी बढ़ते कचरे के पहाड़ों के खात्मे के लिए आधुनिक योजना लाई थी। इस योजना के तहत कचरे को जलाकर बिजली पैदा करने का प्लान बनाया गया था। कचरे के पहाड़ों के खात्मे के लिए तिमारपुर-ओखला वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट को पेश किया गया। हालांकि, अब ये ग्रीन क्रांति योजना ही आम लोगों के लिए खतरनाक रिजल्ट लेकर सामने आई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कचरे से बिजली प्रोजेक्ट का धुआं दिल्ली में 10 लाख लोगों का दम घोंट रहा है। ये योजना लोगों को बिजली के साथ ही गंभीर बीमारियां भी दे रही है।

जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें दावा किया गया है कि तिमारपुर ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से जो राख और धुआं निकलता है उसमें आर्सेनिक, लेड, कैडमियम और कई अन्य घातक केमिकल निकल रहे हैं। ये केमिकल लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है। रिपोर्ट ये भी बताती है कि इस प्लांट के आस-पास बसी बस्तियों के लोग हर दिन जहरीले कणों की चपेट में आ रहे हैं और सांस की तकलीफ, अस्थमा, कैंसर और त्वचा संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के तिमारपुर ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों में अस्थमा, कैंसर और त्वचा रोग के केस बड़ी संख्या में बढ़ गए हैं। इन बामीरियों की चपेट में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, हर आयु के लोग आ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट्स भी ये मानती है कि तिमारपुर ओखला वेस्ट टू एनर्जी  प्लांट में से छोडे गए केमिकल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

इतना ही नहीं, तिमारपुर ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से जो कचरे की राख निकलती है उसे खुले में बस्तियों के करीब ही फेंक दिया जा रहा है। इसके बाद इन्हीं राख के ऊपर से बच्चों के खेलने के लिए पार्क बना दिए गए। अब खुले में राख फेंके जाने से बच्चों में सांस से जुड़ी हुईं समस्याएं बढ़ रही हैं। राख में स्थित घातक धातु बच्चों के विकास पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अन्य संस्थाए इस प्लांट पर नजर रखने में विफल साबित हई हैं।

अगर आप ज्यादा समय तक कैडमियम के संपर्क में रहते हैं तो इसका शरीर की हड्डियों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही कैडमियम गुर्दे, फेफड़ों और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों की भी वजह बन सकता है।

अगर आप मैंगनीज धातु के संपर्क में ज्यादा आते हैं तो आप 'मैनगेनिज्म' नाम की एक दु्र्लभ बीमारी का शिकार हो सकते हैं। मैनगेनिज्म एक तरह से पार्किंसन की तरह होता है। इसके कारण रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर भी असर पड़ता है।

ज्यादा समय तक आर्सेनिक के संपर्क में रहना भी घातक हो सकता है। इसके कारण आप सांस और दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। ये न्यूरोलॉजिकल और डायबिटीज की भी वजह बन सकता है।

लेड के संपर्क में ज्यादा रहने से व्यक्ति के नर्वस और रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर असर पड़ता है। इसके अलावा लेड हार्ट-इम्यून सिस्टम में भी समस्या कर सकता है। लेड के कारण बच्चों के दिमाग के विकास और IQ लेवल पर भी असर पड़ता है।

कोबाल्ट के संपर्क में ज्यादा आने से आपको कैंसर, त्वचा और हृदय संबंधी समस्या का शिकार होना पड़ सकता है। इसके साथ ही कोबाल्ट के कारण फेफड़े और आंखों से संबंधित समस्या भी देखने को मिल सकती है।
जम्मू कश्मीर में सेना भर्ती में जमकर उमड़ी भीड़, बड़ी संख्या में आए सीमा से सटे इलाकों के युवा


डेस्क: जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आयोजित सैनिक भर्ती में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। भर्ती अभियान में पहले दिन से ही सैकड़ों की तादाद में कश्मीरी युवा सेना में भर्ती होने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े दिखे। युवाओं का उत्साह यह दर्शा रहा था कि कश्मीर के युवाओं की सोच में बदलाव आया है। बारामूला में सोमवार को शुरू हुई इस रैली में ज्यादातर युवा उत्तरी कश्मीर के विभिन्न जिलों, खासकर सीमा रेखा से सटे गांवों से आए थे

भर्ती में शामिल होने आए युवाओं का जोश और उत्साह साफ तौर पर बता रहा था कि वे सेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। बढ़ती बेरोज़गारी और देश सेवा की चाहत इन युवाओं के बिना किसी डर या भय के भर्ती में शामिल होने की एक बड़ी वजह है।

बचपन से सेना में शामिल होने का सपना देख रहे युवा
सैनिक भर्ती में यहां पहुंचे हर नौजवान की कोशिश थी कि वह कुछ अच्छा करे और सेना में भर्ती हो सके। कई युवा बचपन से ही भारतीय सेना का सपना देख रहे हैं और जब यह मौका मिला है तो वह इसे इसे गंवाना नहीं चाहते थे। इन युवाओं का मानना है कि बेरोजगारी खत्म करनी है। इसके लिए ये एक अच्छा कदम है। इसके साथ देश की रक्षा करने का गर्व भी हासिल होगा।

सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान में जनरल ड्यूटी, क्लर्क, शेफ और कारीगर वुडवर्कर और उपकरण मरम्मतकर्ता जैसी विभिन्न भूमिकाओं के लिए सैनिक की भर्ती होनी है। रैली को बारामुला, कुपवाड़ा, गंदेरबल, बडगाम और बांदीपुरा के योग्य उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए सावधानीपूर्वक संचालित किया जा रहा है। बारामुल्ला के उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग 11-12 नवंबर को, गंदेरबल और बडगाम के उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग 13 नवंबर को और कुपवाड़ा और बांदीपुरा के उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग 14 नवंबर को की जा रही है, जबकि 16-17 नवंबर को दो दिन मेडिकल जांच के लिए हैं।

जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने में जुटी हुई है। आतंकियों के खात्मा करने के लिए लगातार सर्च अभियान चलाए जा रहे हैं। यहां विधानसभा चुनाव भी कराए गए हैं। अब यहां के युवाओं के सेना में शामिल कर मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोगों के शामिल होने से सेना को फायदा होगा और आतंकियों को पनाह देने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आएगी।
दिल्ली में डेंगू ने बरपाया कहर, बीते हफ्ते सामने आए 472 मामले, इस साल इतने लोग गंवा चुके जान


डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते एक हफ्ते में डेंगू के 472 मामले सामने आए हैं। इस साल अब तक डेंगू से 3 मौतें भी हुई हैं। इस साल अब तक कुल 4533 मामले सामने आ चुके हैं। ये जानकारी दिल्ली नगर निगम ने दी है।

डेंगू बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है। इस बीमारी में शरीर से तेजी से प्लेटलेट्स गिरते हैं, इससे मरीज की हालत बिगड़ती जाती है और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ता है। गंभीर स्थिति में पहुंचने पर मरीज की मौत भी हो जाती है। इस बीमारी के आम लक्षण तेज बुखार, उल्टी और सिर में दर्द हैं।

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
मंदिर जाने के लिए लेनी होगी परमिशन, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में भारी बवाल, चीफ वार्डन ने दी सफाई

डेस्क: भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में सुंदरकांड और मंदिर जाने को लेकर एक विवाद सामने आया है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का आरोप है कि चीफ वार्डन आयशा रईस के आदेश पर उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने पर रोका और माफीनामा लिखवाया गया। छात्राओं के अनुसार, वार्डन ने कहा कि अगर उन्हें मंदिर जाना है तो पहले विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत लेनी होगी।

छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने से रोका गया और इसके बाद माफीनामा लिखवाने की बात कही गई। इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय में हलचल मच गई है। छात्राएं इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं।

वहीं, इस विवाद को लेकर बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की चीफ वार्डन आयशा रईस का बयान सामने आया है। उन्होंने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, "यह मजहबी मुद्दा है नहीं, यह मुद्दा निपटा दिया गया था। मुद्दा कहीं जाने का नहीं है, मुद्दा अनुशासन का है। वाइस चांसलर ने एक कमेटी बना दी है। वह और भी तहकीकात करेगी। बच्ची हमारी औलाद की तरह हैं। उन्हें कुछ नहीं होना चाहिए। अपने मां-बाप से दूर रहते हम उन्हें इतना प्यार देते हैं। हम उन्हें सेफ्टी देते हैं, ताकि वह खुशहाली से अपनी पढ़ाई करें।"

इस विवाद को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ABVP के छात्र विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन कर प्रशासन से इस मुद्दे पर सद्बुद्धि की अपील की। दिवाकर शुक्ला, ABVP के अध्यक्ष ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।

हिंदू संगठनों में इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, "मोहन के राज में सुंदरकांड और धार्मिक आयोजनों पर रोक नहीं सहन की जाएगी।"
अब भगवा रंग में रंगे जाएंगे राजस्थान के सभी सरकारी कॉलेज, भजनलाल सरकार का निर्देश


डेस्क: राजस्थान के सरकारी कॉलेज अब भगवा रंग में रंगे जाएंगे। इस संबंध में प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है। सरकारी कॉलेजों के मुख्य द्वार और गैलरी को भगवा रंग में रंगा जाना आवश्यक किया गया है। अंदर के शेष इलाके को रंगने में भी भगवा रंग को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। अंदर हॉल में सफेद रंग होगा।

शुरूआती दौर में 20 प्रमुख कॉलेजों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। इसके बाद प्रदेश के सभी कॉलेजों में इस आदेश की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी। कॉलेज आयुक्तालय की ओर से ये आदेश जारी किया गया है।

इस आदेश में साफ कहा गया है कि पहले चरण में प्रदेश के हर संभाग में दो कॉलेजों को ऑरेंज और ब्राउन रंग से रंगा जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों को जिलेवार कॉलेजों का सुंदरीकरण का काम होगा। इसकी शुरुआत प्रदेश के 20 सरकारी कॉलेज से की गई है।

इस मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राजस्थान कांग्रेस के महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि यह कॉलेजों में शिक्षा का राजनीतिकरण करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। सरकार के पास अपनी उपलब्धियों के रूप में बताने के लिए कुछ भी नहीं है और ध्यान भटकाने के लिए वह इस तरह के कदम उठा रही है।'
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री हरशरण सिंह बल्ली बेटे समेत बीजेपी में शामिल

डेस्क: दिल्ली विधानसभा में अब जबकि कुछ महीने ही बाकी रह गए हैं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सीनियर नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सरदार हरशरण सिंह बल्ली अपने बेटे समेत आज बीजेपी में शामिल हो गए।

बल्ली और उनके बेटे के बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते समय दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, बल्ली के पुराने सहयोगी सुभाष आर्य और सुभाष सचदेवा भी मौजूद थे। हरशरण सिंह बल्ली के बेटे और आम आदमी पार्टी का युवा चेहरा सरदार गुरमीत सिंह 'रिंकू' बल्ली भी बीजेपी में शामिल हो गए।
कौन हैं बबिता चौहान, जिन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिया ऐसा प्रस्ताव, जिसकी हर तरफ हो रही चर्चा


डेस्क: बबिता चौहान उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं। वे मूल रूप से आगरा की रहने वाली हैं। बबिता चौहान उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनने से पहले भी भाजपा में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने प्रस्ताव दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। इस प्रस्ताव को महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान द्वारा रखा गया। यूपी राज्य महिला आयोग के इस प्रस्ताव के तहत टेलर की दुकान पर अब महिलाओं की माप पुरुष दर्जी नहीं ले सकते। साथ ही जिम और योग सेंटर्स में पुरुष महिलाओं को ट्रेनिंग नहीं दे सकते।

आयोग की ओर से स्कूल बस में महिला सुरक्षाकर्मियों को लेकर भी सिफारिश की गई है। साथ ही  महिलाओं के कपड़ों की दुकान पर भी महिला कर्मचारियों की सिफारिश की गई है। इस प्रस्ताव को समर्थन भी मिल रहा है। बता दें कि इस मामले पर 28 अक्टूबर को हुई बैठक में फैसले लिए गए।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने कहा, "जिम और महिलाओं के बुटीक में पुरुष प्रशिक्षकों द्वारा बैड टच की शिकायतें बढ़ रही हैं। कपड़े सिलने के लिये महिलाओं के नाप लेने वाले ज्यादातर दर्जी पुरुष होते हैं। हमारा कहना है कि अगर दर्जी पुरुष है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन नाप सिर्फ महिलाओं को ही लेना चाहिए।" उन्होंने कहा, "हमें पता है कि इन सभी जगहों पर प्रशिक्षित महिलाओं को काम पर रखना होगा और इसमें कुछ समय लग सकता है लेकिन फिर भी इस कदम से महिलाओं को बैड टच से बचाने के अलावा ज़्यादा महिलाओं को रोजगार मिलेगा।"


महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने कहा, "हमारा मानना है कि इस तरह के पेशे में पुरुष भी शामिल हैं और नाप लेने के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। वे (पुरुष) गलत तरीके से छूने की कोशिश करते हैं। कुछ पुरुषों की मंशा भी अच्छी नहीं होती। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी पुरुषों की मंशा खराब होती है। इसलिए महिलाओं को ही महिलाओं का नाप लेना चाहिए।" उन्होंने कहा, "अभी यह प्रस्ताव है और हमने कहा है कि ऐसा होना चाहिए।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट से रिटायर, फेयरवेल स्पीच में मांगी मांफी, जानें और क्या कहा


डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर हो गए। अपने आखिरी कार्य दिवस पर विदाई भाषण (फेयरवेल स्पीच) में उन्होंने कहा कि अगर मैंने किसी को ठेस पहुंचाई हो तो कृपया मुझे माफ कर देना। यह अदालत ही है जो मुझे आगे बढ़ाती है। हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्हें हम संभवतः जानते तक नहीं हैं। मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं। यदि मैंने कभी अदालत में किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मैं चाहूंगा कि आप कृपया मुझे माफ कर दें। इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए धन्यवाद।

डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के अवसर पर यह भी खुलासा किया कि वह सेरेमोनियल बेंच के सूचीबद्ध होने से पहले 'जितना हो सके उतने मामले' सुनना चाहते थे। जब मेरे कोर्ट स्टाफ ने कल मुझसे पूछा कि सेरेमोनियल बेंच को किस समय सूचीबद्ध किया जाएगा, तो मैंने कहा कि मैं जितने मामले कर सकता हूं, करूंगा। मैं आखिरी समय तक न्याय करने का अवसर नहीं चूकना चाहूंगा।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कल रात मैं सोच रहा था कि दोपहर 2 बजे कोर्ट खाली हो जाएगा और मैं स्क्रीन पर खुद को देख रहा हूं। मैं आप सभी की उपस्थिति से अभिभूत हूं। इतने सारे लोगों की कोर्ट में उपस्थित से मैं खुद को 'विनम्र' महसूस कर रहा हूं।

भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के अंतिम दिन डीवाई चंद्रचूड़ ने इस वास्तविकता को स्वीकार किया कि वह अब देश के शीर्ष न्यायाधीश के रूप में काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं कल से न्याय नहीं दे पाऊंगा, लेकिन मैं संतुष्ट हूं। चंद्रचूड़ ने न्यायाधीशों की भूमिका को तीर्थयात्रियों के समान बताया, जो सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ हर दिन अदालत आते हैं। उन्होंने कहा कि हम जो काम करते हैं वह मामले बना या बिगाड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पीठ को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के सक्षम हाथों में सौंपकर वे आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायधीश होंगे।

बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ ने दो साल पहले नवंबर में देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था। वह मई 2016 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। सीजेआई ने आज रिटायर होने से पहले कई याचिकाओं का भी निपटारा किया।
एम्सटर्डम में इजरायली फुटबाल प्रशंसकों पर हिंसक हमला, 5 लोग घायल और 62 गिरफ्तार


डेस्क: एम्सटर्डम में फुटबाल मैच के दौरान बड़ा बवाल होने की सूचना आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां फुटबाल प्रशंसक यहूदियों को निशाना बनाकर हमला किया गया। इसमें कई इजरायली घायल हो गए हैं। एम्सटर्डम पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि फुटबॉल मैच के बाद यहूदी विरोधी दंगाइयों ने इजरायली समर्थकों पर हमला किया, जिसके बाद 5 लोग घयाल हो गए। उन्हें पुलिस के द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि इस घटना के संबंध में 62 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

घटना के बाद पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने हिंसा की अलग-अलग घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस ने बृहस्पतिवार रात हुई हिंसा में घायल हुए लोगों और हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। इससे पहले एम्सटर्डम की महानगरपालिका, पुलिस और अभियोजन कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एजेक्स और मैकाबी तेल अवीव टीमों के बीच खेला गया यूरोपा लीग का मैच “ बहुत ही व्यवधानपूर्ण रहा, जिसमें मैकाबी के समर्थकों को निशाना बनाकर हिंसा की कई घटनाएं हुईं।

गाजा और लेबनान में हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के भीषण पलटवार करने के चलते दुनिया भर में यहूदी इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। एम्सटर्डम से पहले, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस में भी यहूदियों पर हमले हो चुके हैं। कई बार तो उन पर चाकू और अन्य धारदार हथियार से हमला करके निशाना बनाया गया है। अब एम्टर्डम मैच के दौरान इजरायली फुटबाल प्रेमियों पर यह हमला हुआ है।
'50 करोड़ ले लो, मंत्री बना देंगे,' मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता का BJP से ऑफर मिलने का दावा


डेस्क: मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता के बयानबाजी से सियासत गरमा गई है। ग्वालियर में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा बयान दिया है। सिंघार ने दावा किया कि बीजेपी ने उन्हें 50 करोड रुपए और मंत्री पद का लालच दिया, लेकिन वह नहीं बिके। सिंघार ने कहा, 'जनता ने हमको चुनकर भेजा है। हमारी यह जवाबदारी बनती है।'

सिंघार के बयान पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने पलटवार करते हुए कहा कि सिंघार सुर्खियों में रहने के लिए बयान बाजी करते हैं। अगर उन्हें भाजपा से ऑफर मिला तो नाम सार्वजनिक करना चाहिए।

विजयपुर उपचुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक बयान देकर सियासी सनसनी मचा दी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, 'रामनिवास रावत जनता का विश्वास बेचकर बीजेपी में शामिल हुए हैं। इस उपचुनाव में विजयपुर की जनता उन्हें घर बैठा देगी। मैं तो यह कहता हूं की बीजेपी ने मुझे भी ऑफर दिया था कि 50 करोड़ ले लो और मंत्री भी बना देंगे लेकिन मैं नहीं बिका क्योंकि मैं समझता हूं कि जनता जब चुनाव जिताती है तो उसके प्रति आपकी जवाबदारी होती है। उसके प्रति आपकी ईमानदारी भी होती है।'


कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा, 'जो बिक जाते हैं। वह आप सबको पता है कि कैसे बाहर हो जाते हैं। जनता उन्हें पूरी तरह जानकारी देती है। कई ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने पार्टी को बदला था। आज वह घर बैठ गए।

उमंग सिंघार के बयान को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने पलटवार किया है। ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि उमंग सिंघार सुर्खियों में रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं। सिंघार ने पहले दिग्विजय सिंह पर भी वसूली और उगाई का आरोप लगाया था। अगर सिंघार को बीजेपी से किसी ने ऑफर दिया था तो उनका नाम उजागर करना चाहिए। सिंघार सुर्ख़ियों में रहने के लिए बयानबाजी करने की बजाए धरातल पर आकर बात करना चाहिए।