आरसीपी की पार्टी के चुनाव मैदान में आने से किसका होगा फायदा और किसका होगा नुकसान ?
डेस्क : बिहार में पिछले 30-35 सालों से तीन दलों राजद, जदयू और बीजेपी ही सत्ता में है। इन्हीं तीन पार्टियों को बिहार की जनता अबतक अपना मत देती रही है। हालांकि इसके पीछे यह भी वजह रहा है कि अन्य कोई विकल्प नही था। लेकिन 2025 के चुनाव से पहले जनता को दो अन्य विकल्प मिल गए है। प्रशांत किशोर ने अपना जन सुराज पार्टी बना लिया है। जिसे चुनाव आयोग से मान्यता भी मिल गई है। वहीं अब आर.सी.पी सिंह ने अपनी नई पार्टी बना एक और विकल्प बिहार की जनता को दे दिया है। अब ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि आरसीपी सिंह की पार्टी के चुनाव मैदान में आने से किसका फायदा होगा किसे नुकसान होगा।
यहां आपको हम बता दें कि अपनी पार्टी का एलान करते समय ही आरसीपी ने कहा था कि हमारे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 140 मजबूत उम्मीदवार तैयार हैं। वहीं आरसीपी नई पार्टी के गठन के बाद नीतीश कुमार पर ही ज्यादा हमलावर दिखे और बीजेपी का गुणगान किया। आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति में कितना प्रभाव छोड़ेंगे ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी नाई पार्टी नालंदा, नवादा, पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर और मुंगेर जैसे जिलों में कोइरी-कुर्मी वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते आऱसीपी ने इन जिलों पर विशेष फोकस किया था। खासकर कहा जा है कि आरसीपी सिंह के पास संजय गांधी जैसे कई ऐसे नेता हैं, जो उनके लिए आने वाले दिनों में टूल का काम करेंगे। ऐसे में यह समीकरण यदि काम कर जाता है तो निश्चित तौर पर इसका सबसे ज्यादा नुकसान जदयू को फायदा राजद को होगा।
बहरहाल आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति में अपना कितना प्रभाव छोड़ेंगे ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है कि अगले चुनाव में बिहार की राजनीति में एक अलग माहौल देखने को जरुर मिलेगा।
Nov 08 2024, 17:17