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पूर्वी जोन अंतर विश्वविद्यालयीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन आज से

जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में 6 से 9 नवंबर को पूर्वी जोन अंतर विश्वविद्यालय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के 46 विश्वविद्यालयों की टीम सोमवार देर शाम तक पूर्वांचल विश्वविद्यालय पहुंच चुकी है।

प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रमुख विश्वविद्यालयों में वीनोवा भावे विश्वविद्यालय, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय, ब्रहमपुर विश्वविद्यालय, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ विहार, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जैसी टीमों का नाम शामिल है।

6 नवंबर को विभिन्न टीमों के मुकाबले आयोजित किए जाएंगे। प्रमुख मैचों में रेवन्सा विश्वविद्यालय और कल्याणी विश्वविद्यालय, नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय और सम्बलपुर विश्वविद्यालय, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, वर्धमान विश्वविद्यालय, और कलकत्ता विश्वविद्यालय की टीमें आमने-सामने होंगी।इसके अलावा पंडित आर.एस.एस. विश्वविद्यालय रायपुर और मणिपुर विश्वविद्यालय भी इस प्रतियोगिता में शामिल होंगे, जिससे छात्रों में प्रतियोगिता का जोश और बढ़ गया है।मेजबान पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी रजनीश सिंह ने बताया कि इस तरह के अंतर विश्वविद्यालय कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न विश्वविद्यालयों के बीच खेल भावना को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और विभिन्न खेल कौशल का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा।प्रतियोगिता को लेकर सभी टीमों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि यह कबड्डी टूर्नामेंट रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में संपन्न होगा।

इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण: 862.92 लाख की लागत से खेल सुविधाओं का विस्तार

जौनपुर। सिद्दीकपुर स्थित इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 862.92 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। इस ट्रैक का उद्देश्य खिलाड़ियों को सुरक्षित, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता का खेल वातावरण उपलब्ध कराना है, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें।

सिंथेटिक ट्रैक विशेष रूप से पॉलीयूरीथेन और रबर जैसी सामग्री से बना होता है, जो धावकों और अन्य एथलीटों के लिए एक संतुलित सतह प्रदान करता है। यह सतह सभी मौसमों में खेलने योग्य होती है और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे बारिश, धूप और अत्यधिक तापमान को सहने में सक्षम होती है, जिससे इसे अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती। इस ट्रैक पर धावकों की गति और प्रदर्शन में भी सुधार देखा जाता है, और इसके डिजाइन के कारण चोटों का खतरा कम हो जाता है।

जिला क्रीड़ा अधिकारी अतुल सिन्हा के अनुसार, "862.92 लाख की लागत से बन रहा यह सिंथेटिक ट्रैक न केवल जनपद बल्कि आसपास के जिलों के खिलाड़ियों के लिए भी अत्यंत लाभकारी साबित होगा।" स्थानीय खिलाड़ियों को इस ट्रैक का सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि यह उन्हें बेहतर प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

सिंथेटिक ट्रैक पर खेले जाने वाले खेल और उनके फायदे

सिंथेटिक ट्रैक का मुख्य उपयोग एथलेटिक प्रतिस्पर्धाओं में होता है, जिसमें 100, 200, और 400 मीटर की दौड़, बाधा दौड़, रिले दौड़, लंबी दूरी की दौड़, लॉन्ग जंप और ट्रिपल जंप जैसी प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर फुटबॉल और हॉकी जैसे खेल भी इसी प्रकार की सतह पर खेले जाते हैं। यह ट्रैक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है, जिससे खिलाड़ी विभिन्न स्तरों की प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर तरीके से खुद को तैयार कर सकें।

स्थानीय खेल प्रतिभाओं के लिए नया अवसर

इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम का यह सिंथेटिक ट्रैक स्थानीय और क्षेत्रीय खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यहां पर अभ्यास करने वाले खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए बेहतर तैयार हो सकेंगे, जिससे इस क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को एक महत्वपूर्ण मंच मिलेगा।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पासिंग मार्क्स पर विवाद,अन्य विश्वविद्यालय में सेशनल अंक भी किया गया है निर्धारित

जौनपुर।नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद, उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एलएलएम और एलएलबी पाठ्यक्रमों के पासिंग मार्क्स को लेकर भिन्न मानक तय किए गए हैं। इस असमानता ने विधि के छात्रों में भ्रम और असंतोष का माहौल बना दिया है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पासिंग मार्क्स का मानक 50 प्रतिशत है, जबकि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में यह मानक 40  प्रतिशत बताया जा रहा है। छात्र इसे अनुचित मानते हुए समानता की मांग कर रहे हैं।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विधि छात्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले एक विषय में 40 अंक लाने पर उन्हें पास घोषित किया गया था, लेकिन अब पासिंग मानक अचानक बढ़ाकर 50  प्रतिशत कर दिए जाने से उनके शैक्षणिक और करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि पासिंग मार्क्स को राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के अनुरूप ही रखा जाए।आज़मगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में पासिंग मार्क्स 50 प्रतिशत है।लेकिन यहां 75 प्रतिशत थ्योरी और 25 प्रतिशत सेशनल मार्क्स निर्धारित किए गए हैं,पास होने के लिए दोनों में 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं।विधि के छात्रों ने असमान पासिंग मानकों के खिलाफ नाराजगी जताई है। उन्होंने जल्द ही इस मामले का समाधान निकालने की मांग किया है। छात्रों का कहना है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो उन्हें व्यापक प्रदर्शन करना पड़ेगा।परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विधि विभाग के डीन से चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।

सेशनल अंक न होने से छात्रों में बढ़ता असंतोष

छात्रों ने यह भी बताया कि दो सेमेस्टर बीत जाने के बावजूद पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल 100 अंकों की थ्योरी परीक्षा कराई है, लेकिन सेशनल अंक निर्धारित नहीं किए गए हैं। इस कमी के कारण छात्रों को परीक्षा में वास्तविक प्रदर्शन का आकलन करने में कठिनाई हो रही है, और उनका मानना है कि इससे उनकी शैक्षणिक प्रगति में असमानता आ रही है।

विधि विभाग डीन प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह ने कहा कि एलएलएम में पूरे हिंदुस्तान में पासिंग प्रतिशत 50 निर्धारित है। दोनों सेमेस्टर मिलकर छात्र का 50 प्रतिशत होना चाहिए यदि उसे कुछ काम है तो उसे सत्र के लिए प्रमोट कर दिया जाएगा लेकिन बाद में उसे कैरी फॉरवार्ड की परीक्षा देनी पड़ेगी। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल ने भी इस बार 80 थ्योरी और 20 सेशनल अंक निर्धारित कर दिया है जो सत्र 2024- 25 से लागू कर दिया गया है।
गमछे के सहारे पेड़ से लटका मिला शख्स, परिजन नहीं बता सके मौत का कारण

जौनपुर- सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के औरही गांव में शुक्रवार सुबह एक 40 वर्षीय व्यक्ति का शव पेड़ पर गमछे के सहारे लटकता मिलने से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

औरही गांव निवासी विनोद कश्यप अपने परिवार के साथ रहते थे और खेती-बाड़ी का काम करते थे। विनोद के परिवार में चार पुत्र और एक पुत्री है, जिनमें से पुत्री का विवाह हाल ही में हुआ था। शुक्रवार सुबह लगभग चार बजे विनोद शौच के लिए घर से निकले, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लौटे। कुछ ग्रामीणों ने घर से थोड़ी दूरी पर पेड़ से किसी का शव लटका देखा, जिसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव की पहचान विनोद कश्यप के रूप में की। उन्हें इस हालत में देखकर परिजन शोक में डूब गए। थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

घटना को लेकर गांव में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि विनोद शराब का सेवन करते थे और बीते कुछ दिनों से परिवार में विवाद की स्थिति भी बनी हुई थी। हालांकि, परिजन इस घटना के कारणों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके हैं।

पशु चिकित्सालय के पीछे मिली अज्ञात व्यक्ति की सड़ी-गली लाश पुलिस मोर्चरी में रखवाया शव,कर रही पहचान का प्रयास

जौनपुर।सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लपरी गांव में स्थित पशु चिकित्सालय के पीछे बुधवार की शाम को एक अज्ञात व्यक्ति की सड़ी-गली लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। यह लाश पशु चराने आए कुछ ग्रामीणों ने देखी और तुरंत ही पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम और मजिस्ट्रेट ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया।

थाना अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि शव की स्थिति को देखते हुए यह एक सप्ताह पुराना प्रतीत हो रहा है। फिलहाल शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है, इसलिए इसे पहचान के लिए मोर्चरी में रखा गया है। साथ ही, आस-पास के जनपदों और थानों से गुमशुदगी की रिपोर्ट की जानकारी भी जुटाई जा रही है ताकि शव की पहचान हो सके

पुलिस के अनुसार शव की स्थिति अत्यधिक खराब हो चुकी है, जिससे पहचान में दिक्कत आ रही है। ऐसे में पुलिस ने आसपास के थानों को सूचित किया है और ग्रामीणों से भी अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी तरह की जानकारी मिले, तो वह पुलिस को सूचित करें। इस घटना ने इलाके के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है और पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है।

विश्वविद्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल को किया गया नमन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के पूर्व दिवस पर विश्वविद्यालय परिसर में उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने नमन किया।

कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का पूरा जीवन देश के लिए समर्पित रहा. उनका कृतित्व और व्यक्तित्व आज के युवाओं के लिए बहुत सारे संदेश देता है. उन्होंने विद्यार्थियों को एकता की शपथ दिलाई।

अनुप्रयुक्त सामजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज मिश्र ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश की कई रियासतों को एकजुट किया. उनका दृष्टिकोण और नेतृत्व आज भी प्रेरणादायक है।नशा मुक्ति परिसर एवं समाज अभियान के समन्वयक डॉ मनोज कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ ही साथ समाज को नशा मुक्त करने की अपील की. विद्यार्थियों को नशा मुक्त जीवन जीने हेतु शपथ दिलाया।

इसी क्रम में माय भारत की प्रथम वर्षगांठ के कार्यक्रम के अंतर्गत यातायात सुरक्षा एवं एकता की शपथ दिलाई गई।इस अवसर पर प्रो अजय द्विवेदी, प्रो. राजेश शर्मा, प्रोफेसर गिरधर मिश्र, डॉ. एस पी तिवारी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ रामांशु सिंह, डॉ पुनीत धवन, डॉ सौरभ सिंह डॉ धीरेन्द्र चौधरी समेत विभिन्न विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

पड़ोसियों ने धारदार हथियार से गला काटकर की किशाेर की हत्या



जौनपुर। गौराबाद शाहपुर थाना अंतर्गत कबीर उद्दीनपुर गांव में बुधवार सुबह एक किशोर की दो भाग में लाश मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान कबीर उद्दीनपुर गांव का रहने वाला अनुराग यादव (17) के रूप में हुई है। उसकी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार की फोर्स मौके पर पहुंच गए हैं।

जांच में पाया गया कि जमीन के विवाद में पड़ोसियों ने अनुराग की हत्या की है। उन्हाेंने धारदार हथियार से वार कर सिर धड़ से अलग कर दिया है। मृतक किशाेर अपने घर का इकलौता चिराग था। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जौनपुर। गौराबाद शाहपुर थाना अंतर्गत कबीर उद्दीनपुर गांव में बुधवार सुबह एक किशोर की दो भाग में लाश मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान कबीर उद्दीनपुर गांव का रहने वाला अनुराग यादव (17) के रूप में हुई है। उसकी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार की फोर्स मौके पर पहुंच गए हैं।

जांच में पाया गया कि जमीन के विवाद में पड़ोसियों ने अनुराग की हत्या की है। उन्हाेंने धारदार हथियार से वार कर सिर धड़ से अलग कर दिया है। मृतक किशाेर अपने घर का इकलौता चिराग था। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अनुशासनहीनता के आरोपी शिक्षकों की बर्खास्तगी पर छात्र-शिक्षकों ने जताई खुशी

पूर्वांचल विश्वविद्यालय कुलपति के फैसले की प्रशंसा

मल्हनी (जौनपुर)।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने अनुशासनहीनता और अनैतिक गतिविधियों पर कठोर कदम उठाते हुए दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इस कदम का स्वागत करते हुए छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह के निर्णय की प्रशंसा की है और इसे विश्वविद्यालय की गरिमा और नैतिकता को बनाए रखने की दिशा में उचित बताया है।

पर्यावरण विभाग के संविदा प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय पर यौन उत्पीड़न के आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस घटना से विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल बना हुआ था, और छात्रों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ. विनय वर्मा पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी करने और अनुशासनहीनता के आरोप थे।

जांच के बाद कार्यपरिषद की सिफारिश पर कुलपति ने उन्हें भी बर्खास्त कर दिया।दोनों शिक्षकों की बर्खास्तगी के निर्णय के बाद विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया और इसे अनुशासन और नैतिकता को बनाए रखने का सकारात्मक कदम बताया।पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कठोर निर्णय स्पष्ट संकेत देता है कि अनुशासनहीनता और अनैतिक व्यवहार किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। छात्रों और शिक्षकों ने इस फैसले का समर्थन करते हुए इसे शैक्षणिक माहौल को स्वच्छ बनाए रखने में महत्वपूर्ण बताया।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय:परीक्षा फॉर्म तिथि में कोई बदलाव नहीं

मल्हनी (जौनपुर):वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक, डॉ. विनोद कुमार सिंह ने गाजीपुर और जौनपुर के महाविद्यालयों में अध्ययनरत यूजी-पीजी सेमेस्टर छात्रों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब परीक्षा फॉर्म भरने की ऑनलाइन आवेदन तिथि तबतक नहीं बढ़ाई जाएगी, जब तक की समर्थ पोर्टल पर लॉगिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है।

डॉ. सिंह ने निर्देश दिए कि सभी छात्र-छात्राएं सबसे पहले समर्थ पोर्टल पर लॉगिन करें और आवश्यक जानकारी भरें। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पोर्टल की प्रक्रिया सुव्यवस्थित और सरल है, जिसमें छात्रों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। डॉ. सिंह ने छात्रों को आश्वस्त किया कि फॉर्म भरने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं।

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि आवेदन प्रक्रिया के लिए समर्थ पोर्टल पर लॉगिन करना अनिवार्य है। सभी छात्रों को पहले लॉगिन प्रक्रिया पूरी करनी होगी, इसके बाद ही वे फॉर्म भर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को बार-बार पोर्टल पर लॉगिन की प्रक्रिया समझने में सुविधा मिलेगी और वे इसे सहजता से पूरा कर पाएंगे।परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान छात्रों को किसी प्रकार की घबराहट की आवश्यकता नहीं है। समर्थ पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाया गया है, जिससे छात्रों को भौतिक रूप से उपस्थित होकर फॉर्म जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

यह कदम छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है ताकि वे अपने फॉर्म समय पर और सरलता से जमा कर सकें।

समयबद्धता का पालन आवश्यक

डॉ. सिंह ने सभी छात्रों से आग्रह किया कि वे समय का पालन करें और समर्थ पोर्टल पर समय रहते अपने आवेदन पूर्ण करें। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से विश्वविद्यालय छात्रों को एक आधुनिक और सुगम तरीका प्रदान कर रहा है, जिसमें समय की बचत भी होती है और आवेदन में किसी प्रकार की गलती की संभावना कम होती है।परीक्षा नियंत्रक का यह बयान छात्रों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए जारी किया गया है, और इसका उद्देश्य छात्रों को सही समय पर और व्यवस्थित रूप से आवेदन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करना है।

वेब सीरीज का बढ़ता प्रभाव: बड़े कलाकारों के सामने काम का संकट

जौनपुर। देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और वेब सीरीज की बढ़ती लोकप्रियता ने फिल्म इंडस्ट्री की पुरानी चमक को धुंधला कर दिया है। जहां नए और उभरते कलाकारों को वेब सीरीज के माध्यम से दर्शकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है, वहीं पुरानी पीढ़ी के कई बड़े कलाकार फिल्मों में अवसरों की कमी से जूझ रहे हैं।

वेब सीरीज की ओर दर्शकों का बढ़ता रुझान

फिल्म लगान के प्रोडक्शन मैनेजर और ऑस्कर नामांकित आशुतोष गवारिकर की टीम के सदस्य अकरम शाह ने अपने पैतृक निवास पर दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत में कहा, "आज दर्शक सिनेमाघरों के बजाय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिता रहे हैं, जहां मनोरंजन की सुविधाएं मुफ्त या कम खर्च में उपलब्ध हैं। इसी कारण बड़े बजट की फिल्मों को अपेक्षित दर्शक नहीं मिल रहे और कई बड़े कलाकार काम की कमी का सामना कर रहे हैं।"

बाबा सिद्दीकी की हत्या से मुंबई में गहराया रहस्य

मुंबई के बांद्रा में सामाजिक कार्यकर्ता बाबा सिद्दीकी की रहस्यमयी हत्या ने इलाके में हलचल मचा दी है। सिद्दीकी की हत्या के पीछे कौन है, इसका खुलासा करने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है। इस पर अकरम शाह ने कहा, "समाज में किसी व्यक्ति का आचरण उसके मूल्यों को दर्शाता है। बुराई का विरोध और अच्छे कार्यों का समर्थन समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है। यदि हम गलत को अनदेखा करेंगे, तो ऐसी घटनाएं समाज के नैतिक मूल्यों को कमजोर करेंगी।"

सिनेमाघरों से दूर होते दर्शक: फिल्म इंडस्ट्री के सामने नई चुनौती

अकरम शाह का कहना है कि आज कई डिजिटल प्लेटफॉर्म दर्शकों को कम शुल्क में मनोरंजन उपलब्ध कराते हैं, जिससे सिनेमाघरों की ओर लोगों का झुकाव कम हो रहा है। सिनेमाघरों में जाने का खर्च, जिसमें टिकट और अन्य खर्चे शामिल हैं, आम दर्शकों के लिए महंगा हो रहा है, जिससे सिनेमा हॉलों में दर्शकों की संख्या लगातार घट रही है। यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसका असर पूरे इंडस्ट्री पर पड़ रहा है।

फिल्म इंडस्ट्री में अकरम शाह का महत्वपूर्ण योगदान

अकरम शाह ने अपने करियर की शुरुआत एड फिल्मों से की और सरफरोश, लगान, अग्नि वर्षा, ढूंढते रह जाओगे, स्वदेश और जाने तू या जाने ना जैसी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा, आमिर खान के टॉक शो सत्यमेव जयते में बतौर लाइन प्रोड्यूसर उनके काम को काफी सराहा गया है। उनका अनुभव इस बात का प्रमाण है कि यह संकट केवल बड़े कलाकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इंडस्ट्री के कई अनुभवी पेशेवर इससे प्रभावित हो रहे हैं।

फिल्म इंडस्ट्री और वेब सीरीज के सह-अस्तित्व की जरूरत

अकरम शाह का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री को बदलते दौर के साथ वेब सीरीज के सह-अस्तित्व का रास्ता निकालना चाहिए, ताकि सभी कलाकारों को काम के समान अवसर मिलें और सिनेमा हॉल की अहमियत बनी रहे।