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अमेरिका में अबकी बार ट्रंप सरकार! बहुमत के करीब पहुंचे, जानें कमला हैरिस का हाल*
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। इस बार अमेरिका में मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिप्बलिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच है।कई राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद ही मतगणना शुरू हो गई है और नतीजे भी आने लगे हैं।अमेरिकी मीडिया ने अलबामा, फ्लोरिडा, इंडियाना, केंटकी, मिसौरी, ओक्लाहोमा, साउथ कैरोलिना, टेनेसी और वेस्ट वर्जीनिया में ट्रंप की जीत का अनुमान लगाया है। हैरिस ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, वर्मोंट और अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन, डीसी सहित कई राज्यों पर कब्जा कर लिया है। *इन 22 राज्यों में जीत की तरफ ट्रंप* डोनाल्ड ट्रंप को जिन 22 राज्यों में बढ़त मिली है, उनमें व्योमिंग, पश्चिमी वर्जीनिया, टेक्सास, टेनेसी, साउथ डकोटा, साउथ केरोलाइना, ओक्लाहोमा, ओहायो, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, मिसिसिप्पी, लुइसियाना, केंटकी, इंडियाना, फ्लोरिडा, आरकैंसस, एलाबामा, आईओवा, मिजूरी, यूटाह, वेस्ट वर्जिनिया और मोंटाना शामिल हैं। इन राज्यों से ट्रंप को 210 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिल रहे हैं। *ट्रंप ने रुझान आने पर मार-ए-लागो में समर्थकों को संबोधित किया* अमेरिका में आ रहे चुनावी नतीजों के बीच सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फ्लोरिडा के पाम बीच में अपने मार-ए-लागो क्लब में एकत्रित समर्थकों से संक्षिप्त बातचीत की। चमकदार झूमर और एक बड़ी टेलीविजन स्क्रीन के नीचे खड़े होकर, ट्रंप ने भीड़ को संबोधित किया, जिसमें ट्रंप को चंदा देने वाले लोग, परिवार के सदस्य और करीबी सहयोगी शामिल थे। अपनी खास लाल टाई और गहरे रंग का सूट पहने हुए, ट्रंप को अक्सर अपडेट के लिए अपनी अभियान टीम से सलाह लेते देखा गया। इसमें उनके साथी सीनेटर जेडी वेंस के साथ-साथ संभावित बदलाव में शामिल प्रमुख हस्तियां शामिल थीं, जिनमें हॉवर्ड लुटनिक और लिंडा मैकमोहन शामिल थे। अन्य उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में व्यवसायी डेविड सैक्स, उद्यमी विवेक रामास्वामी और कैसीनो मोगुल स्टीव व्यान शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में एनकांउटर, 1 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी

#encounterbetweensecurityforcesandterroristinbandiporajammu_kashmir

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है। लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद सुरक्षाबल भी चौकस हो गए हैं और आतंकियों के सफाए में जुट गए हैं। इसी बीच सुरक्षाबलों की ओर से बांदीपोरा के जंगलों में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहे हैं। बांदीपोरा के केटसुन फॉरेस्ट एरिया में मंगलवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें एक आतंकवादी मारा गया।

अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षाबलों को बांदीपोरा के चूंटपाथरी फॉरेस्ट में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। जिसके बाद इलाके की घेराबंदी की गई और तलाशी अभियान शुरू किया गया। पुलिस बांदीपोरा और 26 असम राइफल्स की संयुक्त टीम इस अभियान में शामिल है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि कुछ और आतंकी इस क्षेत्र में हो सकते हैं।

इससे पहले रविवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक और आतंकी हमले की घटना सामने आई थी, जब आतंकियों ने संडे बाजार के एक भीड़-भाड़ वाले इलाके में ग्रेनेड से हमला किया था। इस हमले में 12 लोग घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने टीआरसी के पास एक भरे बाजार में ग्रेनेड फेंका था, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

पांच दिनों में चौथा एनकाउंटर

नवंबर महीने की शुरुआत के पांच दिनों में ये चौथा एनकाउंटर है। इससे पहले सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच श्रीनगर, बांदीपोरा और अनंतनाग में 3 एनकाउंटर हो चुके हैं। इनमें 4 जवान घायल हुए थे और 3 आतंकी मारे गए थे। 2 नवंबर को मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान जाहिद राशिद के रूप में हुई। वहीं दूसरा अरबाज अहमद मीर था। दोनों को पाकिस्तान से ट्रेनिंग मिली थी। बांदीपोरा में चौथा एनकाउंटर चल रहा है।

अक्टूबर में हुए आतंकी हमले

-28 अक्टूबर: अखनूर में 3 आतंकी ढेर हुए। LoC के पास आतंकियों ने आर्मी एंबुलेंस पर फायरिंग की थी। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग गए थे। 5 घंटे तक चले एनकाउंटर में सेना का कोई जवान घायल नहीं हुआ।

-24 अक्टूबर: बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों के हमले की जिम्मेदारी PAFF संगठन ने ली थी। पुलिस ने बताया था आतंकी हमला करके जंगल की ओर भाग गए थे।

-24 अक्टूबर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने मजदूर पर गोलीबारी की। हमले में मजदूर घायल हो गया, जिसका इलाज चल रहा है।

-20 अक्टूबर: गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।

-16 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

#americauspresidentelectionvoting

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
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18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले से गुस्से में भगवंत मान, पीएम मोदी से की ये मांग

#cm_bhagwant_mann_canada_hindu_mandir_attack_appeal_pm_modi

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानियों ने हमला किया। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडे से मारपीट भी की। भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पीएम मोदी से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर तक ने इसको लेकर कनाडा सरकार को कोसा है। अब कनाडा के हिंदू मंदिर पर हुए हमला मामले में पंजाब के सीएम भगवंत मान की भी प्रतिक्रिया आई है। भगवंत मान ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह इस मुद्दे पर कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से बात करें ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कनाडा में मंदिर पर हुए हमले को लेकर कहा, कनाडा में पिछले दिनों जो हुआ वो बहुत निंदनीय है। पंजाबी खास तौर पर कनाडा से जुड़े हुए हैं और उसको वो दूसरा घर मानते हैं, वहां भी सरे और टोरंटो में पंजाबी रहते हैं। सीएम मान ने आगे कहा, कोई भी ऐसा नहीं चाहता कि ऐसी हिंसक घटनाएं हो।

सीएम भगवंत मान ने सरकार से एक्शन लेने की मांग की। उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि जो भी एक्शन लेना है वो उस के लिए कनाडा सरकार से बात करें ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं न हो। साथ ही उन्होंने कहा, ‘सरबत दा भला’ सब का भला इस बात में विश्वास रखने वाले लोग (पंजाबी) दुनिया भर में रहते हैं। वे शांति पसंद करने वाले लोग हैं जो कड़ी मेहनत से अपना रास्ता बनाते हैं। मैं मोदी सरकार से कनाडा सरकार से बात करने की मांग करता हूं।

कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इसी तरह से हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भयावह हैं। इस प्रकार की हिंसा कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकती।

क्या शरद पवार ले रहे संन्यास? बयान से मिल रहे संकेत

#sharadpawarhintedretirementfrom_politics

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। शरद पवार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। पवार ने कहा कि 18 महीने में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह कोई और चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके बाद आगामी महाराष्ट्र चुनाव के बाद शरद पवार के रिटायरमेंट की अटकलें लगाई जा रही हैं।

84 साल के शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान कहा, मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।

परिवार के बीच लड़ाई-शरद पवार

शरद पवार अपने भतीजे एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए प्रचार के दौरान ये बातें कही। युगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।युगेंद्र पवार अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। बारामती के शिरसुफल में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार में लड़ा गया और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग ऐसी ही स्थिति देखेंगे।

1960 में शरद पवार ने राजनीतिक करियर की शुरुआत

1960 में शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।महज 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं।बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने पिछले साल भी अपने संन्यास की घोषणा की थी, लेकिन एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनाने पर अपना फैसला बदल दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस, कौन जीत रहा है अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव?*
#thailand_pygmy_hippo_moo_deng_predicts_who_will_win_us_elections
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग का दिन है। अमेरिकी रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेटिक कमला हैरिस में से किसी एक को अपना राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट करेंगे। ज्यादातर चुनावी सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है। कहा जा रहा है कि अमेरिका के सातों स्विंग स्टेट्स ही हार-जीत तय करेंगे। दोनों के बीच ज्यादातर एक्सपर्ट और सर्वे तकरीबन बराबरी का मुकाबला मान रहे हैं और किसी सीधी सपाट भविष्यवाणी से बच रहे हैं। इस बीच थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में पिग्मी हिप्पो मू डेंग एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। बता दें कि मू डेंग ने भविष्यवाणी की है कि डोनाल्ड ट्रम्प 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, मू डेंग ने भविष्यवक्ता के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेट कमला हैरिस के मुकाबले में विजेता चुना है। बेबी हिप्पो ने ट्रंप के नाम का तरबूज खाकर ये इशारा दिया है कि वह अमेरिकी चुनाव के विजेता हो सकते हैं। उनका ट्रंप के नाम का तरबूज खाते हुए वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, पूर्वी थाईलैंड के चोनबुरी में खाओ खेवो ओपन चिड़ियाघर में सोमवार को एक प्रयोग किया गया और मू डेंग को इस परीक्षण के लिए पानी से बाहर बुलाया गया। इस प्रयोग में दो तरबूज रखे गए। एक तरबूज पर कमला हैरिस का नाम और दूसरे तरबूज पर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिखा गया था। जिसमें से मू डेंग ने डोनाल्ड ट्रंप वाले तरबूज को चुना। वहीं, मू डेंग के साथ दूसरे हिप्पो ने कमला हैरिस को चुना। मू डेंग का ट्रंप की जीत का एक हद तक कुछ सर्वे समर्थन करता है। एटलसइंटेल के नवीनतम सर्वे के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रतिद्वन्द्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। सर्वे में रिपब्लिकन ट्रंप को अपने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर 1.8% वोटों की बढ़त हासिल है। खास सभी सातों स्विंग राज्यों में वह आगे चल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, करीब 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को वोट देंगे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री क्रिस्टोफ बरौड ने भी अमेरिकी चुनाव में हैरिस के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के जीतने की भविष्यवाणी की है।
डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस, कौन जीत रहा है अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव?

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग का दिन है। अमेरिकी रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेटिक कमला हैरिस में से किसी एक को अपना राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट करेंगे। ज्यादातर चुनावी सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है। कहा जा रहा है कि अमेरिका के सातों स्विंग स्टेट्स ही हार-जीत तय करेंगे। दोनों के बीच ज्यादातर एक्सपर्ट और सर्वे तकरीबन बराबरी का मुकाबला मान रहे हैं और किसी सीधी सपाट भविष्यवाणी से बच रहे हैं। इस बीच थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में पिग्मी हिप्पो मू डेंग एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। बता दें कि मू डेंग ने भविष्यवाणी की है कि डोनाल्ड ट्रम्प 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, मू डेंग ने भविष्यवक्ता के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेट कमला हैरिस के मुकाबले में विजेता चुना है। बेबी हिप्पो ने ट्रंप के नाम का तरबूज खाकर ये इशारा दिया है कि वह अमेरिकी चुनाव के विजेता हो सकते हैं। उनका ट्रंप के नाम का तरबूज खाते हुए वीडियो भी सामने आया है।

दरअसल, पूर्वी थाईलैंड के चोनबुरी में खाओ खेवो ओपन चिड़ियाघर में सोमवार को एक प्रयोग किया गया और मू डेंग को इस परीक्षण के लिए पानी से बाहर बुलाया गया। इस प्रयोग में दो तरबूज रखे गए। एक तरबूज पर कमला हैरिस का नाम और दूसरे तरबूज पर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिखा गया था। जिसमें से मू डेंग ने डोनाल्ड ट्रंप वाले तरबूज को चुना। वहीं, मू डेंग के साथ दूसरे हिप्पो ने कमला हैरिस को चुना।

मू डेंग का ट्रंप की जीत का एक हद तक कुछ सर्वे समर्थन करता है। एटलसइंटेल के नवीनतम सर्वे के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रतिद्वन्द्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। सर्वे में रिपब्लिकन ट्रंप को अपने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर 1.8% वोटों की बढ़त हासिल है। खास सभी सातों स्विंग राज्यों में वह आगे चल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, करीब 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को वोट देंगे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री क्रिस्टोफ बरौड ने भी अमेरिकी चुनाव में हैरिस के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के जीतने की भविष्यवाणी की है।

राष्ट्रपति चुनाव के बीच अमेरिका एजेंसियां किस बात से डरी? घोषित किया 84 करोड़ का इनाम

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जल्द ही अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्‍त ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का सारी दुनिया इंतजार कर रही है।इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है।अमेरिका को चुनाव के दौरान बाहरी ताकतों के दखल देने या अड़ंगा डालने की खुफिया सूचना मिली है। जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने बाहरी दखल से बचने के लिए इससे जुड़ी जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है।

ईरानी साइबर फर्म पर आरोप

अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है। इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है।

ईरान और रूस से जुड़े लोगों की तस्वीरें जारी

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है। अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है।

अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 5 नवम्बर को मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।