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राष्ट्रपति चुनाव के बीच अमेरिका एजेंसियां किस बात से डरी? घोषित किया 84 करोड़ का इनाम

#americagive10milliondollarswhogivesinformationrelatedelectioninterference

जल्द ही अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्‍त ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का सारी दुनिया इंतजार कर रही है।इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है।अमेरिका को चुनाव के दौरान बाहरी ताकतों के दखल देने या अड़ंगा डालने की खुफिया सूचना मिली है। जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने बाहरी दखल से बचने के लिए इससे जुड़ी जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है।

ईरानी साइबर फर्म पर आरोप

अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है। इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है।

ईरान और रूस से जुड़े लोगों की तस्वीरें जारी

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है। अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है।

अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 5 नवम्बर को मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।

कनाडा में मंदिर पर हमले के एकजुट हुए हिंदू, हाथ में तिरंगा लेकर सड़कों पर निकले, गूंजे जय श्रीराम के नारे
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* कनाडा में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हमला और उनकी आस्था से खिलवाड़ जारी है। रविवार 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हमला किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। मंदिर पर हमले के बाद हिंदू समुदाय सड़कों पर उतर आया। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग खालिस्तान समर्थकों के हमले के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जमा हुए। प्रदर्शन रैली में शामिल लोगों के हाथों में तिरंगा था। 'वंदे मातरम' और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए भीड़ ने मंदिर तथा हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाई। कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए।एक दिन पहले ही कनाडा में तमाम हिन्‍दू संगठनों ने बैठक की थी। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि जबतक जस्टिन ट्रूडो की सरकार माफी नहीं मांगती और दोषियों के खिलाफ एक्‍शन नहीं लेती, कनाडा के हिन्‍दू मंदिरों में किसी भी पार्टी द्वारा राजनीतिक गतिविधि पर बैन रहेगा। हालांकि ये नेता एक भक्‍त के रूप में मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू ने रैली की डिटेल अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया। कहा गया कि हिन्‍दू प्रवासियों को एकजुटता में खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया और कनाडाई अधिकारियों से टारगेट हिंसा की घटनाओं में वृद्धि को संबोधित करने का आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एकजुटता रैली कनाडाई राजनेताओं और कानून एजेंसियों पर खालिस्तानियों का समर्थन करने से बचने के लिए दबाव डालने के लिए आयोजित की जा रही है। *पीएम मोदी ने की हमले की निंदा* बता दें कि कनाडा में रविवार को ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हमला बोला था। इस दौरान भारतीय कांसुलेट वहां एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा था। खालिस्तान समर्थकों ने लाठी डंडों के साथ वहां मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया था। हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कनाडा के सभी दलों ने निंदा की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी कठोरता से निंदा की थी और इसे जानबूझकर किया गया हमला बताया था। *कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले* -हाल के सालों में कनाडा में मंदिरों पर हमले बढ़े हैं। इस साल जुलाई में कनाडा के एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तानी कट्टपंथियों ने तोड़फोड़ की थी। मंदिर के मुख्य दरवाजे और पीछे की दीवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर भी चिपकाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय-कनाडाई सांसद चंद्र आर्य को निशाना बनाते हुए ‘हिंदू आतंकवादी’ शब्द लिखे गए थे। सितंबर 2022 के बाद से यह चौथी बार था, जब कनाडा में किसी बीएपीएस मंदिर को निशाना बनाया। - पिछले साल सितंबर (2023) में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में स्थित श्री माता भामेश्वरी दुर्गा देवी में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। मंदिर पर काले रंग के स्प्रे से भारत विरोधी संदेश लिखे गए थे। मंदिर की दीवारों पर लिखा गया, “पंजाब भारत नहीं है।” सोशल मीडिया पर इसकी कई तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। - अगस्त (2023) में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने मेट्रो वैंकूवर क्षेत्र में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था मंदिर को इसी तरह निशाना बनाया था। - अप्रैल (2023) में ओंटारियो के विंडसर शहर में बीएपीएस स्‍वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। यही नहीं मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक नारे भी लिखे गए थे।विंडसर की पुलिस ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया था, जिसमें मास्‍क पहने दो लोग मंदिर में तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दे रहे थे। -कनाडा के मिसिसॉगा स्थित श्रीराम मंदिर को खालिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा इसी तरह निशाना बनाया गया था। यह घटना फरवरी 2023 की है। मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। -कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा गौरी शंकर मंदिर को अपवित्र किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2023 में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े खालिस्तानियों द्वारा मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाए गए थे। गौरी शंकर मंदिर की बाहरी दीवार पर स्प्रे से ‘खालिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ का नारा लिखा गया था।
वेंटिलेटर पर शारदा सिन्हा: पीएम मोदी ने बेटे अंशुमान से की बात, चिराग ने की मुलाकात; 5 दिन पहले AIIMS से रिलीज किया गाना, जानिए, अपडेट

दिल्ली AIIMS में भर्ती लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत नाजुक बनी हुई है। कल शाम से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने यूट्यूब के जरिए इसकी जानकारी दी। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा से फोन पर बात की है। उन्होंने शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही इलाज अच्छे से कराने की बात कही है। वही कल शाम केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार कोकिला से मिलने दिल्ली एम्स पहुंचे। शारदा सिन्हा को 3 नवंबर को ही प्राइवेट वार्ड से ICU में शिफ्ट किया गया था। उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, जिसके कारण उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया था। पिछले 10 दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल आंकोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। उन्हें काफी समय से खाने-पीने में दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए उनका इलाज भी चल रहा था। 26 अक्टूबर की सुबह उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई थी। सोमवार शाम यूट्यूब पर लाइव आकर शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने लोगों से मां के लिए दुआ करने को कहा। उन्होंने कहा 'मेरी मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्हें प्रार्थना और दुआ की बहुत जरूरत है। अब आप सभी लोग प्रार्थना जारी रखिए। एक बड़ी लड़ाई में मेरी मां जा चुकी है। इस लड़ाई से जीतना काफी मुश्किल है। यही प्रार्थना कीजिए कि वह लड़कर बाहर आ सके।' लोजपा(रा.) और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा से मुलाकात कर हाल जाना। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है। चिराग ने X पर लिखा- 'बिहार की गौरव और सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही हैं। नई दिल्ली में उनसे मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।' छठ से पहले रिलीज हुआ नया गाना लोक गायिका शारदा सिन्हा का छठ पूजा से पहले नए गाने का वीडियो जारी हुआ है। उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से वीडियो को रिलीज किया गया है। गाने के बोल हैं... 'दुखवा मिटाईं छठी मइया.... रउए आसरा हमार... सबके पुरवेली मनसा... हमरो सुनलीं पुकार।' 5 दिन पहले इसका ऑडियो जारी हुआ था। इसके पहले भी उनके बेटे अंशुमन ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, 'मां की स्वास्थ्य संबंधी लड़ाई जारी है। मैं एक छोटा सा प्रयास कर मां के नए छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' का एक वीडियो भी पोस्ट कर रहा हूं। ऑडियो रिलीज होने के बाद एम्स परिसर में ही अपने लैपटॉप और मोबाइल डाटा की मदद से मां की पुरानी सुंदर स्मृतियों के एक गुच्छे को छठ महापर्व की मनोरम छटा के साथ समागम कर इस वीडियो का निर्माण मैंने किया है। आशा करता हूं आप सब मुझे अपना आशीर्वाद जरूर देंगे। आग्रह यही है कि वीडियो देख कर अगर किसी की उंगली या हाथ उठे तो वो बस मां के लिए दुआ में उठे। उनके जीवंत होने की प्रार्थना में उठे। इस अचानक प्रोजक्ट के मेरे अनन्य बंधुओं का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं। जिनकी बदौलत यह संभव हो पाया है। इसी साल 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। शारदा सिन्हा छठ के गीतों के लिए जानी जाती हैं। उनके गाए छठ गीत आज भी लोगों को काफी पसंद हैं। संगीत में उनके योगदान के लिए 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। शारदा सिन्हा के गायिकी की शुरुआत उनके भाई की शादी में गाए एक गीत से हुई थी।
चार पैसे की गिरावट के साथ ऑल टाइम निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर में भी आई गिरावट, जानिए,वजह

भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशी फंड्स की लगातार निकासी के बीच डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी 4 पैसे की ताजा गिरावट के साथ 84.11 रुपये (अस्थायी) के अपने नए ऑल टाइम निचले स्तर पर आ गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि सोमवार को भारतीय रुपया घरेलू बाजारों के दबाव में अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बताते चलें कि आज भारतीय शेयर बाजार में 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में सुधार और एफआईआई की निकासी से भी निवेशकों का ट्रेंड प्रभावित हुआ। हालांकि, डॉलर में नरमी ने तेज गिरावट को रोक दिया। इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 84.07 पर खुला। कारोबार के दौरान ये 84.06 के उच्चस्तर और 84.12 के निचले स्तर के बीच कारोबार के बाद आखिर में चार पैसे की गिरावट के साथ 84.11 प्रति डॉलर (अस्थायी) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसे की तेजी के साथ 84.07 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बताते चलें कि दिवाली के मौके पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार बंद रहा था। इस बीच, दुनिया की 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दिखाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.73 पर कारोबार कर रहा था। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिका से निराशाजनक नॉन-एग्रीकल्चर पेरोल रिपोर्ट और आईएसएम मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई डाटा के कारण डॉलर में गिरावट आई। अमेरिका ने अक्टूबर, 2024 में 1,06,000 जॉब्स के पूर्वानुमान के मुकाबले सिर्फ 12,000 नौकरियां दीं, जबकि आईएसएम मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 46.5 पर आ गया, जो 47.6 के अनुमान से कम है। इसके अलावा, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.63 प्रतिशत बढ़कर 75.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
लाइव फुटबॉल मैच में गिरी बिजली, 1 खिलाड़ी की मौत, कई प्लेयर जख्मी, मच गया हड़कंप

खेल जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है, जिसने फैन्स समेत दिग्गजों को भी निशब्द कर दिया है. एक फुटबॉल मैच के दौरान अचानक मैदान पर आकाशीय बिजली गिर गई. इसकी चपेट में आने से एक खिलाड़ी की मौत हो गई. जबकि रेफरी समेत कई खिलाड़ी बुरी तरह जख्मी हो गए हैं.

गंभीर रूप से जख्मी खिलाड़ियों और रेफरी को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. यह दुखद घटना पेरू से सामने आ रही है. पेरू के चिलका में 3 नवंबर को दो घरेलू क्लब जुवेटड बेलाविस्टा और फैमिलिया चोका के बीच मैच चल रहा था. इसी दौरान यह हादसा हुआ.

यह हादसा उस वक्त हुआ, जब मैच का पहला हाफ चल रहा था. इस दौरान तक जुवेंटड बेलाविस्टा ने मैच में 2-0 से बढ़त बना रखी थी. इसी दौरान मौसम ज्यादा खराब हो गया, तो रेफरी ने विसल बजाकर गेम रोक दिया. साथ ही खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाने को कहा.

खिलाड़ी जा ही रहे होते हैं कि अचानक बिजली गिर जाती है. यह बिजली 39 साल के प्लेयर जोस होगो डे ला क्रूज मेजा पर गिरती है. जिनकी मौत हो जाती है. बिजली गिरने से रेफरी समेत एक साथ 5 खिलाड़ी जमीन पर गिर पड़ते हैं.

पहले भी बिजली गिरने से हुई फुटबॉलर की मौत

इस हादसे में 40 साल के गोलकीपर हुआन चोका गंभीर रूप से झुलस जाते हैं. उनके शरीर पर जलने के निशान भी हैं. बिजली गिरने के बाद जमीन पर गिरे प्लेयर्स में से 1-2 उठने की भी कोशिश करते हैं. इन सभी घायल खिलाड़ियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बिजली गिरने से फुटबॉलर की मौत की यह घटना पहली नहीं है. इसी साल फरवरी में इंडोनेशिया के वेस्ट जावा के सिलिवांगी स्टेडियम में एक दोस्ताना फुटबॉल मैच हुआ था. तब अचानक बिजली गिरने से 35 साल के सेप्टन राहराजा की मौत हो गई थी. तब राहराजा जख्मी हुए थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था.

डिप्टी CM पवन कल्याण ने सनातन की रक्षा के लिए उठाया बड़ा कदम, BJP का भी मिला साथ, ‘भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले को मिलेगी सजा’

आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने ‘नरसिंह वाराही विंग’ बनाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जनसेना ‘आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सनातन धर्म की रक्षा’ के लिए प्रयास के तहत ‘नरसिंह वाराही विंग’ की स्थापना करेगी.

पवन कल्याण ने कहा, ‘हिंदू मंदिरों में जाने और सनातन धर्म का पालन करते समय कुछ मूल्यों को बरकरार रखा जाना चाहिए. हमें यह समझना होगा कि सनातन धर्म के बिना देश वैसा नहीं रह पाएगा. सनातन न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक ज्योति है.’

उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म या सनातन धर्म का मजाक उड़ाने वाली कोई भी पोस्ट बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उस दिशा में एक कदम के रूप में, जेएसपी ने सनातन धर्म संरक्षण विंग या नरसिंह वाराही समूह का गठन किया है.’

पवन कल्याण की घोषणा पर बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, ‘लोग हद पार कर सनातन धर्म के बारे में बेतुकी बातें कह चुके हैं. देखिए तमिलनाडु के डिप्टी सीएम ने सनातन के बारे में क्या कहा. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना एक बीमारी से कर दी. क्या किसी भी धर्म के बारे में ऐसा कहा जाना चाहिए? सनातन को ही निशाना क्यों? अगर कोई सनातन धर्म को मजबूत करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है?’

पवन कल्याण ने कहा, ‘चर्च और मस्जिद का भी सम्मान करना होगा. साथ ही अगर कोई सनातन धर्म के खिलाफ कुछ भी करके लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है तो उसे सजा मिलेगी. मैं जनसेना की ओर से बोल रहा हूं, न कि एनडीए सरकार की ओर से. कई लोगों ने हमसे एक यूथ विंग, कल्चरल विंग आदि रखने के लिए कहा. इन सबके पहले, लक्ष्मी नरसिंह स्वामी का आशीर्वाद लेकर, मैं घोषणा करना चाहता हूं कि हम सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक विंग बनाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम नरसिंह वाराही गणम की घोषणा कर रहे हैं, जो सनातन धर्म की रक्षा के लिए जन सेना का समूह है. हम दोनों तेलुगु राज्यों में सनातन धर्म की रक्षा के लिए इसका गठन करेंगे. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं लेकिन अहम बात यह है कि मैं सनातन धर्म की रक्षा करना चाहता हूं और इसके लिए काम करूंगा.’

उल्टा लटकाकर पूरे शहर में घुमाऊंगा', इंदौर में हुए पथराव पर बोले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दीपावली पर पटाखे फोड़ने को लेकर हुए विवाद पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शांति भंग करने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय ने उपद्रवियों को चेतावनी दी, "अगर वे मेरे हाथ लग गए तो मैं उन्हें उल्टा लटका दूंगा और पूरे शहर में घुमाऊंगा। इस शहर में कोई अशांति नहीं फैला सकता।"

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "प्रशासन इस मामले में बहुत सक्रियता से काम कर रहा है। अगर जरूरत पड़ी, तो हम भी इसमें शामिल होने से पीछे नहीं हटेंगे। हम इस शहर की शांति बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।" मंत्री विजयवर्गीय ने विवाद से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। एक महिला ने उनसे कहा कि इलाके में डर का माहौल है। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि अब किसी की हिम्मत नहीं होगी किसी को डराने की।

पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि भी पहुंचे। इलाके में किसी अप्रिय हालात से बचने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। गौरतलब है कि शहर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में 1 नवंबर को पटाखे फोड़ने को लेकर दो समूहों में झड़प हो गई थी, जिसमें 6 लोग मामूली रूप से चोटिल हुए। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।

निजी संपत्तियों के अधिग्रहण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा-हर प्राइवेट प्रॉपर्टी को सरकार नहीं ले सकती

#govtcannottakeoverallprivatepropertiesrulessupremecourt

सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने मंगलवार को निजी संपत्तियों के अधिग्रहण किए जाने को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा कि हर निजी संपत्ति को संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत सामुदायिक संपत्ति का हिस्सा नहीं माना जा सकता। बेंच ने अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती, जब तक कि सार्वजनिक हित ना जुड़ रहे हों। इस फैसले के साथ ही 9 जजों की पीठ ने 1978 के सुप्रीम कोर्ट के ही ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह जजमेंट संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के दायरे से संबंधित एक मामले में सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की बेंच दशकों पुराने इस विवाद पर अपना फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के मामले में बहुमत से अपना फैसला सुनाया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिय था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मामले में फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'तीन जजमेंट हैं, मेरा और 6 जजों का... जस्टिस नागरत्ना का आंशिक सहमति वाला और जस्टिस धुलिया का असहमति वाला। हम मानते हैं कि अनुच्छेद 31सी को केशवानंद भारती मामले में जिस हद तक बरकरार रखा गया था, वह बरकरार है।

देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि सरकार के निजी संपत्तियों पर कब्जा कर सकने की बात कहने वाला पुराना फैसला विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं हो सकती हैं, इसलिए सरकार की ओर से इन पर कब्जा नहीं किया जा सकता। बहुमत ने फैसले में व्यवस्था दी है कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित नहीं किया जा सकता है, राज्य उन संसाधनों पर दावा कर सकता है जो सार्वजनिक हित के लिए हैं और समुदाय के पास हैं।

1978 के फैसलों को पलटा

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के साथ ही 1978 के जस्टिस कृष्णा अय्यर के उस निर्णय को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि सभी निजी संपत्तियों का सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जा सकता है। जस्टिस अय्यर के पिछले फैसले में कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि पुराना शासन एक विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था।

सलमान को फिर मिली जान से मारने की धमकी, अबकी बार मांगे 5 करोड़
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* सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के निशाने पर हैं। बॉलीवुड स्टार सलमान खान को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। एक बार फिर सलमान खान के लिए धमकी भरा मैसेज मिला है। सलमान खान को लॉरेंस बिश्नोई के नाम एक धमकी भरा मैसेज मुंबई पुलिस की ट्रैफिक कंट्रोल सेल को मिला है। इसमें सलमान खान से मंदिर जाकर माफी मांगने और पांच करोड़ रुपये देने की मांग की गई है। पिछले हफ्ते 30 अक्तूबर को मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल को सलमान खान के खिलाफ इसी तरह की धमकी मिली थी। तब सलमान से दो करोड़ रुपये की मांग की गई थी। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल सेल को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी भरा मैसेज आया है। ट्रैफिक कंट्रोल रूम को भेजे गए मैसेज में दावा किया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई के भाई की तरफ से यह धमकी भरा मैसेज भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि अगर सलमान खान जिंदा रहना चाहते हैं, तो उन्हें हमारे मंदिर में जाकर माफी मांगनी चाहिए या फिर 5 करोड़ रुपये देने चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो वो सलमान खान को जान से मार देंगे। इस मैसेज में लिखा गया है कि हमारी गैंग आज भी सक्रिय है। *मैसेज में लॉरेंस बिश्नोई के भाई होने का दावा* पुलिस सूत्रों की मानें तो मुंबई पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल रूम को बीती रात व्हाट्सएप पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक धमकी भरा संदेश मिला। ट्रैफिक कंट्रोल रूम को भेजे गए संदेश में दावा किया गया है कि वह लॉरेंस बिश्नोई का भाई है। *30 अक्तूबर को इसी तरह की धमकी मिली थी* पुलिस संदेश की जांच कर रही है। इसे पहले पिछले हफ्ते 30 अक्तूबर को मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल को सलमान खान के खिलाफ इसी तरह की धमकी मिली थी। तब बॉलीवुड अभिनेता से कथित तौर पर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी और इसे न देने पर उन्हें जान से मार डालने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को मुंबई के बांद्रा इलाके से गिरफ्तार किया गया था। *बाबा सिद्दीकी के मर्डर के बाद फिर गरमाया मामला* बता दें कि अभी कुछ दिन पहले सलमान के करीबी दोस्त और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा में उनके कार्यालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाबा सिद्दीकी पहले कांग्रेस के नेता थे। इसके बाद वह एनसीपी में शामिल हो गए थे। उनकी हत्या 12 अक्टूबर को अज्ञात व्यक्तियों ने की थी। सलमान और बाबा सिद्दीकी करीबी दोस्त थे। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। कहा गया कि सलमान के करीबी होने की वजह से वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर आए। हालांकि, पुलिस हत्या के मामले की जांच कर रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावःकैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति, क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं, अब से कुछ ही घंटों बाद जब अमेरिका में सुबह होगी तो लाखों करोड़ों अमेरिकी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल करने घर से बाहर निकलेंगे। अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति पद की रेस का प्रचार 4 नवंबर की रात थम गया। अब इंतजार है मंगलवार की सुबह 7 बजे से शुरु होने वाले मतदान का जो तय करेगा कि व्हाइट हाउस में अगले 4 साल के लिए कौन सा चेहरा होगा। अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होनी है, लिहाजा चुनावी नतीजे भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

वोटिंग का समय क्या है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।

कब आएंगे नतीजे?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह वाकई में राष्ट्रपति पद का विजेता हो। क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। लिहाजा कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

इलेक्टोरल कॉलेज क्या होते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है। किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और अमेरिकी सीनेट में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया स्टेट में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग स्टेट्स की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से साफ नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग स्टेट्स को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।