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सरायकेला : हाथी की आतंक से जन जीवन अस्तवस्त , पितकी गांव के ग्रामीणों ने कहा सुरक्षा रहा मुश्किल, विभाग की लफ़रवाई के कारण आज हाथी गांव में भोजन
  
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलाम वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गज परियोजना से भटके हुए हाथी की झुंड चांडिल वन क्षेत्र में भोजन पानी की तलाश में पितकी गांव में सुबह तीन बजे भटके रहे हे । विशाल ट्रस्कर हाथी लुपुंगडीह पंचायत के पितकी गांव टोला हरकींगटाड़ के निवासी शंकर माझी की चारदीवार क्षत्रि ग्रस्त किया । साथ ही तोड़ कर बाहर निकला , बाबू राम माझी के आंगन पहुंच कर घरों की दरवाजा की कुंडली बजाना शुरू कर दिया , बाबू राम माझी के पुत्र सामने घर सोए थे हाथी की आवाज सुनते ही डर के मारे एक कोने में दुबक गया ,क्योंकि हाथी बार बार कुंडली बजाने लगा । बाबूराम माझी ने कहा विशाल हाथी की सामने कोन जायेगा मारने ,मरना नहीं हे । खाए फसल ओर चला जाएगा ।घटना आज सुबह 3.30 से 3.45 मिनट तक रुखे ओर शंकर माझी का चार दीवार को तोड़कर गांव के सड़क पकड़ कर दूसरे घरों में दस्तक दिया । मनोज गोप और उनके भाई मां अलग अलग रुम में सोए थे । गोप के घरों में रखे धान की अनाज को अपना निवाला बनाया ओर चलने लगा ।सुबह तीन बाजे गांव प्रवेश करके चार बजे तक सिंगल ट्रास्कर हाथी उपद्रव मचाने के बाद वाना जंगल की ओर चलते बने । ग्रामीण भय के कारण घरों से नहीं निकला क्योंकि यह विशाल हाथी के सामने मरना कोई नहीं चाहता । ग्रामीणों ने कहा चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी ओर वन विभाग के अधिकारी द्वारा हाथी की झुंड के बारे ओर मूमेंट के बारे में जानकारी नहीं देता जिसे ग्रामीणों अपना ओर परिवार की सुरक्षा कर पाए । साथ ही हाथी झुंड की आवाजाही की सूचना ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं कराया जाता । न ही टॉर्च लाईट ओर फटाखे मोबिल ग्रामीणों को दिया जाता । ग्रामीणों निजी स्तर से आपने फसल ओर परिवार की सुरक्षा खुद उठाते आए । वही ग्रामीण वन विभाग के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर किया ।दिन भर हाथी झुंड वाना जंगल में डेरा डाला हुआ है।ओर साम ढलते ही।गांव में प्रवेश कर के उपद्रव मचाने लगता । धान खेती में पके फसल को रौंदता हुए नष्ट कर देते है और घरों में रखे अनाज को टार्गेट कर ने लगा ।जिसे ग्रामीण वन विभाग।द्वारा कोई त्तप्रश्चात कोई उपाय नहीं।उठाए जाने पर राज्य सरकार ओर स्थानीय नेता वन विभाग के प्रति उग्र आंदोलन करने की मौन बना लिया ।
सरायकेला : भैया दूज के अवसर पर सरायकेला जिले के विभिन्न प्रखंडों में बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के साथ पूजन किया। इस परंपरागत त्
सरायकेला : भैया दूज के अवसर पर सरायकेला जिले के विभिन्न प्रखंडों में बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के साथ पूजन किया। इस परंपरागत त्योहार में बहनें गोधन कूटती हैं और यम-यमुना की कथा सुनती हैं। इसके बाद वे अपने भाइयों को मिठाई खिलाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाइयों ने भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बहनों को उपहार दिए। इस दिन सार्वजनिक स्थानों पर महिलाएं गोबर से यम-यमुना और जीव-जंतुओं की आकृति बनाती हैं और एकत्र होकर उसे मूसल से कूटती हैं। मान्यता है कि इस दिन बहन यम और यमुना की पूजा-अर्चना कर गोधन कूटने से भाइयों की लंबी उम्र होती है और उन पर आया संकट टल जाता है।इस अवसर पर श्रद्धा उर्फ छुटकी , टिंकू गोप, तरुण ,मन महन ,वरुण ,शुभम गोप आदि उपस्थित थे। 
सरायकेला : भाई दूज एक प्रमुख त्यौहार है। यह भाई बहन के बीच मान सम्मान और प्रेम प्रकट करने का दिन होता है।
                   भाईदूज आज

भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज के पर्व मनाया जाता है। देशभर में भाई दूज के पर्व को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। यह दिन भाई बहन के प्यार और स्नेह के रिश्ते का प्रतीक होता है। हालांकि इस साल भाई दूज का पर्व किस दिन मनाया जाएगा इस बात को लेकर लोगों के बीच, थोड़ी दुविधा है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल भाई दूज का पर्व किस दिन मनाया जाता है।

कब है भाई दूज ? :कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर को रात 8:22 बजे हो जाएगा और कार्तिक द्वितीया तिथि 3 नवंबर को रात में 10:06 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 3 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह में 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। इसलिए भाई दूज के दिन पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 11:45 मिनट तक रहेगा।

भाई दूज का महत्व : हिंदू धर्म में भाई दूज एक प्रमुख त्यौहार है। यह भाई बहन के बीच मान सम्मान और प्रेम प्रकट करने का दिन होता है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि पर यम अपनी बहन के घर गए थे। वहां उनकी बहन ने उनका खूब आदर सत्कार किया था, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि, जो भाई बहन इस दिन यमुना में स्नान करके यम पूजा करेंगे। वह मृत्यु के बाद यमलोक नहीं जाएगा। भाई दूज को लेकर एक अन्य पौराणिक कथा यह भी है कि भगवान कृष्ण जब नरकासुर राक्षस का वध करके द्वारका लौटे थे, तो भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने फूल, मिठाई और अनेकों दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। इस दिन सुभद्रा ने भगवान कृष्ण के मस्तक पर टीका लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की थी। तभी से भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा शुरू हो गई।

इस तरह करें भाईदूज पर तिलक : अगर भाई दूज पर आप अपने भाई को तिलक करना चाहती हैं तो इसके लिए आपको सही नियम और विधि पता होनी चाहिए। सबसे पहले बहनें भाई दूज के दिन सुबह ही तिलक की थाली तैयार कर लें। थाली में फल, फूल, कुमकुम, मिठाई, चावल और चंदन जरूर रखें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाई को तिलक कर सकती हैं। इसके लिए भाई को एक चौकी या पटा पर बिठाएं। उसके सिर पर लाल रंग का रुमाल रखें। इसके बाद अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करें। फिर तिलक के ऊपर चावल छिड़कें। इसके बाद अपने हाथों से अपने भाई को मिठाई खिलाएं. भाई को इस दिन सूखा नारियल भी दिया जाता है। अब भाई की आरती उतारें और उसकी सफलता और लंबी उम्र की कामना करें। इसके साथ ही भाई अपनी बहनों को उपहार देकर भाई दूज की विधि पूरी करते हैं।
सरायकेला: कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को किया जागरूक ।....
सरायकेला :आगामी विधानसभा चुनाव को  देखते हुए ,सरायकेला जिले के विभिन्न इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।इसी क्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोक कला मंच के द्वारा सरायकेला प्रखंड के ऊपर दुगनी पंचायत में विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया एवं शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान लोगों से किया गया। मौके पर कलाकारों ने बहकावे में तुम कभी आना, सोच समझकर बटन दबाना, छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है,का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। नाटक के माध्यम से उपस्थित आम जन मानस को मतदाता के महत्व के बारे में समझाया और मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर बैनर प्रदर्शित किया गया। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के उद्देश्य से मतदान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।पिछले चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर मतदान प्रतिशत कम रहा है, उनपर विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इस दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम को सुना और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।
सरायकेला : गिरी गोवर्धन पूजा ओर गो- माता की पूजन में महिलाएं पुरुष झूमने लगा ।
रायकेला : एक तरफ गिरी गोवर्धन पूजा दूसरी ओर गो- माता की पूजा अर्चना में देश के विभिन्न हिस्से में धूमधाम से मनाया जा रहा वही सरायकेल खरसावां जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत लुपुंगडीह गांव में प्रत्येक बर्ष की भाती इस बर्ष गिरीगवर्धन पूजा अर्चना गोप एवं गोपीनी द्वारा सुबह से उपवास रहने के बाद विभिन्न प्रकार की मिष्ठान के साथ चावल गुंडी ओर गुड़ से बनाए मिष्ठान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना पंडित अनादि पांडेय द्वारा किए जा रहा हे।सैकडो महिलाए इस दिन की अपेक्षा में रहते हे। सनातन धर्म के लोगों के लिए पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का विशेष महत्व है। इस पांच दिनों के दौरान लोगों के घर में अलग दी धूम देखने को मिलती है। सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इसी के साथ घर को दीयों, झालरों और फूलों से सजाया जाता है। पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधक के समस्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा हो रहा हे गोवर्धन महाराज की पूजा के साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा आराधना करने लगा महिलाए ।गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई जाती है। मूर्ति को फूलों और रंग से सजाएं। गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। भगवान को फल, जल, दीपक, धूप और उपहार अर्पित करें। कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं। इसके बाद इस दिन गाय, बैल और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें। पूजा करने के बाद गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें और इस दौरान जल हाथ में लेकर मंत्र का जाप करें। गोवर्धन पूजा का भोग, गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का प्रसाद भी बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा की कथा पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को ब्रज में पहले देवराज इंद्र की पूजा हुआ करती थी लेकिन भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। भगवान कृष्ण की बात मानकर सभी ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करने लगे, जब यह जानकारी देवराज इंद्र को मिली तो उन्होंने अपने घमंड में आकर पूरे ब्रज में तूफान और बारिश से कहर बरपा दिया। धीरे धीरे हर चीज जलमग्न हो रही थी, तब भगवान कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी और इसी के साथ इंद्र के घमंड को भी तोड़ा था। चारों तरह घर अस्त व्यस्त होने की वजह से सभी सब्जियों को मिलाकर अन्नकूट तैयार किया गया था, तब से हर वर्ष इस तिथि को गोवर्धन महाराज पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। झारखंड राज्य के सरायकेला खरसावां जिला में सभी समुदाय के लोगों अपने - अपने गांव में घरों में पालतू गौ- माता की पूजा अर्चना करते नजर आए , आज सुबह गौ माता को नहाए जाते साथ ही उनके सींग पर सरसों का तेल और विभिन्न रंगों से सजाए जाते उसके प्रश्चात धान की शीश से बनाए गए मोड़ बनाकर माते पर पहनाया जाते हैं,तथा दीप ओर पान की पाते आदि सामग्री से आरती उतारे जाते । सर्वप्रथम महिलाए माता चावल को लकड़ी की बने ढेकी से चावल को पीसकर गुड़ी बनाया जाते उसके साथ पाजन की लता से को पीसकर गुड़ी मिलाकर रंगोली से घरों के आंगन को सजाया जाता यह प्राचीन कालीन से इस प्रकार सजाए जाते । ग्रामीण महिलाए गौ माता की आहिरे बोलकर गौ माता की बंदना करते हे , जागेश्वर गोप द्वारा हार्मोनियम से आयोजित अयोध्या में राम लाला एवं कृष्ण भगवान की बंदना करते हे। आहिरे गाना आपने सुर में सजाए ।वही उनके दोनों माता जुनी गौवालिन बहन रमनी गौवालिन ने बड़ी सुंदर आवाज से आहिरे गाना गए ।ग्रामीणों का कहना हे भगवान आपने अवतार के समय गौ माता की सेवा किया जिसे देखते हुए हम ग्वाले उनकी पूजा अर्चना करते आए ।
सरायकेला: सरायकेल विधान सभा में चलेगा केवल तीर -कमान जनता को ठगने वालो को सिखाएंगे सबक : स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ।
रायकेला : सरायकेला विधान सभा की जनता को ठगने वालों को इस बार सबक सिखाना है। 5 सालों तक जल, जंगल ,जमीन से जुड़े लोगों को उनके हक और अधिकार दिलाने का काम हेमंत सोरेन सरकार ने किया है। दोबारा बहुमत से हेमंत सरकार का गठन करना है। यह बातें इंडिया गठबंधन की स्टार प्रचारक और विधायक कल्पना सोरेन ने सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड में आयोजित चुनावी जनसभा में कही।झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन शनिवार को राजनगर प्रखंड अंतर्गत कुनाबेड़ा गांव में सरायकेला विधानसभा सीट से झामुमो प्रत्याशी गणेश महाली के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंची थी। हेलीकॉप्टर से पहुंचने पर कल्पना सोरेन की एक झलक पाने जन सैलाब उमड़ पड़ा। अपने संबोधन में कल्पना सोरेन ने एक ही “नारा हेमंत दोबारा मंच” से बारंबार कहा. जिसका जनसभा में मौजूद लोगों ने भी समर्थन किया. कल्पना सोरेन ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि यहां के स्थानीय विधायक भाजपा की गोद में जा बैठे हैं. उन्होंने आदिवासियों के साथ धोखा किया है. ऐसे लोगों को जनता इस बार सबक सिखाएगी। कल्पना सोरेन ने कहा की झारखंड की माताओ,बहन, बेटियों को हेमंत सरकार ने मान -सम्मान इज्जत देने का काम किया है।मंईया सम्मान योजना जैसे कई कल्याणकारी योजनाओं से आदिवासी – मूलवासियों का विकास हो रहा है।
सरायकेला :गोवर्धन पूजा का भोग : गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग
                              गोवर्धन पूजा आज

सनातन धर्म के लोगों के लिए पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का विशेष महत्व है। इस पांच दिनों के दौरान लोगों के घर में अलग दी धूम देखने को मिलती है। सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इसी के साथ घर को दीयों, झालरों और फूलों से सजाया जाता है। पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधक के समस्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं इस बार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि कब है, जिस दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा कब है? : वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर 2024 को सायं 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा का मुहूर्त : 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 6 बजे से लेकर 8 बजे तक है। इसके बाद दोपहर में 03:23 मिनट से लेकर 05:35 मिनट के बीच भी पूजा की जा सकती है।

गोवर्धन पूजा का महत्व ; गोवर्धन पूजा के दिन को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली पर उठाकर इंद्र देव की घमंड को चूर-चूर किया था। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा तो की ही जाती है, साथ ही यह त्योहार मानव और प्रकृति के बीच के संबंध को भी दर्शाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आपके जीवन में सकारात्मकता आती है। गोवर्धन महाराज की पूजा के साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा आराधना करने से भी आपको लाभ मिलता है।

गोवर्धन पूजा की विधि : गोवर्धन पूजा के दिन प्रातःकाल गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई जाती है। मूर्ति को फूलों और रंग से सजाएं। गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। भगवान को फल, जल, दीपक, धूप और उपहार अर्पित करें। कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं। इसके बाद इस दिन गाय, बैल और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें। पूजा करने के बाद गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें और इस दौरान जल हाथ में लेकर मंत्र का जाप करें।
गोवर्धन पूजा का भोग : गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का प्रसाद भी बनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा की कथा : पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को ब्रज में पहले देवराज इंद्र की पूजा हुआ करती थी लेकिन भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। भगवान कृष्ण की बात मानकर सभी ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करने लगे, जब यह जानकारी देवराज इंद्र को मिली तो उन्होंने अपने घमंड में आकर पूरे ब्रज में तूफान और बारिश से कहर बरपा दिया। धीरे धीरे हर चीज जलमग्न हो रही थी, तब भगवान कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी और इसी के साथ इंद्र के घमंड को भी तोड़ा था। चारों तरह घर अस्त व्यस्त होने की वजह से सभी सब्जियों को मिलाकर अन्नकूट तैयार किया गया था, तब से हर वर्ष इस तिथि को गोवर्धन महाराज पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
सरायकेला :तीनों विधानसभा क्षेत्र के लिए काशीसाहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें स्ट्रांग रूम, 50 ईचागढ विधानसभा क्षेत्र तैयारीयों का निरिक्षण
सरायकेला-: झारखंड विधानसभा आम निर्वाचन-2024 के तहत तैयारियो के निमित्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला ने विभिन्न कोषांग के वरीय पदाधिकारी तथा कार्यकारी एजेंसी के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ मतदान हेतू तीनों विधानसभा क्षेत्र के लिए काशीसाहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें स्ट्रांग रूम, 50 ईचागढ विधानसभा क्षेत्र एवं 51 सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए काशी साहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें डिस्पैच सेंटर तथा काशी साहू कॉलेज, सरायकेला में तीनो विधानसभा क्षेत्र के लिए मतगणना सम्बन्धित की जा रही तैयारीयों का निरिक्षण कर समीक्षा किया। इस दौरान डिस्पैच एवं रिसीविंग संबंधित की जा रही कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण क्रम में सभी विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग पार्टी के (निर्धारित मतदान केंद्रवार) लिए अलग-अलग काउंटर बनाने, विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग वाहन पार्किंग का मैपिंग तैयार करने, सभी कमरों में CCTV, निर्बाध विधुत आपूर्ति, स्थल पर सहायता केंद्र, पोस्टल बैलेट मतदान केंद्र, मेडिकल टीम समेत अन्य आवश्यक स्टॉल स्थापित करने, चलन्त शौचालय एवं पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मतदान कर्मियों के सुगमता हेतु सभी आवश्यक जगहों पर साइनेज बोर्ड, बैनर-फ्लेक्स स्थापित करने समेत कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। निरिक्षण क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा क्रमवार सभी कमरों, काउंटिंग हॉल, शौचालय, नियंत्रण कक्ष आदि का अवलोकन कर सम्बन्धित पदाधिकारी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में सभी तैयारियां ससमय पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। निरीक्षन क्रम में उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बरदियार,परियोजना निदेशक आई.टी.डी.ए श्री आशीष अग्रवाल (भा.प्र.से.) निदेशक डी.आर.डी.ए श्री अजय कुमार तिर्की, अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार, सहायक समाहर्ता श्री कुमार रजत (भा.प्र.से.), जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में 4 नवंबर से 10 नवंबर 2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन किया जाएगा।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में 4 नवंबर से 10 नवंबर 2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन किया जाएगा।
इसके तहत कुछ ट्रेनें रद्द, मार्ग परिवर्तित या अल्पकालिक रूप से समाप्त/प्रारंभ होंगी।


रद्द होने वाली ट्रेनें: - 08680/08679 आद्रा-मिदनापुर-आद्रा मेमू (8 और 10 नवंबर को) - 08671/08672 आद्रा-भागा-आद्रा मेमू (10 नवंबर को)

मार्ग परिवर्तन: - 18601 टाटा-हटिया एक्सप्रेस (4, 6 और 9 नवंबर को) अल्पकालिक समाप्ति/प्रारंभ: - 03594/03593 आसनसोल-पुरुलिया-आसनसोल मेमू (4, 5, 6, 8 और 10 नवंबर को आद्रा पर) यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।
सरायकेला : शुभ दीपावली , पूरे परिवार को पाँच दिवसीय दीपोत्सव (भगवान धनवंतरी,रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज) की हार्दिक शुभकामनाओॅ..
                              ।। शुभ दीपावली ।।
स्ट्रीट बज्ज परिवार एवं सरायकेला खरसावां जिला के रिपोर्टर विजय कुमार गोप की ओर से आपको और आपके पूरे परिवार को पाँच दिवसीय दीपोत्सव (भगवान धनवंतरी,रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज) की हार्दिक शुभकामनाओॅ के साथ "प्रकाश व प्रसन्नता के इस पर्व दीपावली की बहुत बहुत मंगल शुभकामनाएं।। इस दीपोत्सव के पर्व पर आपको आठों सिद्धियां, नौवों निधियां और चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति हो । साथ ही सुख, समृद्धि, आरोग्य, यश, कीर्ति और खुशी की भी अनवरत प्राप्ति हो। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ श्री महालक्ष्मी,श्री हरि के साथ आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"