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पूर्वांचलियों को बीजेपी ने नहीं दिया सम्मान, काटे जा रहे उनके वोट”, केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली में बवाल

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दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लेकर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचलियों वाले बयान पर दिल्ली में बवाल मच गया है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। यह मार्च अशोक रोड से केजरीवाल के घर तक निकाला गया। बीजेपी ने इसे पूर्वांचल सम्मान मार्च नाम दिया है। सांसद मनोज तिवारी इसे लीड किया। बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता केजरीवाल के घर पर प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए।पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।

विरोध मार्च को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वांचलियों का सबसे ज्यादा अपमान बीजेपी करती है। प्रदर्शन को लेकर केजरीवाल बोले कि वे अपने घर के बाहर एक टेंट लगा देता हूं। बीजेपी के अपने 100 लोगों को वहीं बैठा दे। बस आरोप वाले बैनर रोज बदल दिया करे।

इससे पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। अपनी सत्ता खोने का बदला केजरीवाल जी आप दिल्ली वालों से ले रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, भाजपा ने दिल्ली को भारत की अपराध राजधानी बना दिया है। दिल्ली में डकैती, चेन स्नैचिंग, गैंगवार हो रहे हैं, महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है। अपनी नफरत के कारण ही वे पिछले 25 सालों से दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं आए हैं। मैंने दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाया है कि आप की सरकार बनने पर आरडब्ल्यूए को दिल्ली सरकार से फंड मिलेगा, ताकि वे अपने-अपने इलाकों में निजी सुरक्षा गार्ड नियुक्त कर सकें। भाजपा अब धरना पार्टी बन गई है। कल मैं चुनाव आयोग में शिकायत करने गया था कि भाजपा रोहिंग्या के नाम पर पूर्वांचल और दलितों के वोट काट रही है।'

BJP कोर कमेटी की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा: उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और CM विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक संपन्न हुई। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की वहीं विपक्ष से आरोपों का भी जवाब दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि चुनाव को लेकर BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। संगठन ने इस चुनाव को गंभीरता से लड़ने का निर्णय लिया है। जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है, इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए सब्जी भेजने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म के प्रति छत्तीसगढ़ में निष्ठा और आस्था है। प्रयागराज में होने वाला कुंभ सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा पर्व है। लाखों धर्म प्रेमी वहां जाते हैं। समाज मिलकर धर्म के कार्यों को आगे बढ़ाता है।” जब उनसे कुंभ में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डुबकी लगाने पर विचार हो रहा है। कुंभ में धर्म प्रेमियों की आस्था है, तो निश्चित रूप से जाएंगे।”

मोवा ओवर ब्रिज डामरीकरण को लेकर कही ये बात

मोवा ओवर ब्रिज के डामरीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में है। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम का अवलोकन किया जाएगा, और यदि गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री हादसे पर जताया दुःख

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री में हुए हादसे पर उपमुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा, “प्रशासन की पूरी टीम मौके पर है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मैं कलेक्टर और एसपी के साथ लगातार संपर्क में हूं। घटना स्थल पर मशीन उठाने के लिए दो क्रेन लगाई गई हैं। जैसे ही मशीन हटेगी, स्थिति स्पष्ट होगी।”

मध्य प्रदेश: पूर्व विधायक के घर से 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद बरामद, टैक्स चोरी का मामला आया सामने

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिले करोड़ों के सोने ओर नकदी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है, अब प्रदेश के सागर में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक के ठिकानों से 14 किलो सोना बरामद हुआ है. आयकर विभाग की टीम के छापे में 3 करोड़ 80 लाख रुपये की नगदी भी बरामद हुई है. करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का मामला भी सामने आया है.

सागर जिले के बंडा के पूर्व भाजपा विधायक हरबंश सिंह राठौर के घर आयकर विभाग की कार्रवाई में करोड़ों का का जखीरा मिला है. टीम को जांच में 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद मिले हैं. 150 करोड़ की टैक्स चोरी भी पकड़ाई है. साथ ही जांच में 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति का भी पता चला है.

150 करोड़ रुपये को टैक्स चोरी

सागर में बीडी और कंस्ट्रक्शन कारोबारी पूर्व पार्षद राजेश केसरवानी और बांडा से बीजेपी के पूर्व विधायक हरबंश सिंह राठौर के ठिकानों पर की गई आईटी की छापेमार कार्रवाई में करीब डेढ़ सौ करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है.आयकर विभाग की कार्रवाई में दोनों के ठिकानों से नगदी के साथ गोल्ड भी बरामद हुआ है. पूर्व पार्षद व कारोबारी राजेश केसरवानी के यहां से सात लग्जरी कारें भी जब्त हुई हैं. यह कारें किसी और के नाम पर हैं लेकिन इसका इस्तेमाल केसरवानी परिवार कर रहा था.

अभी भी चल रही छापामार कार्रवाई

आयकर विभाग की टीमों ने सागर जिले में पूर्व विधायक के ठिकानों पर रविवार को छापा मारा था. इस कार्रवाई में केसरवानी बंधु दो सूदखोर और कैंट बोर्ड में पदस्थ रहे अधिकारी फर्म को भी जांच में लिया था. पूर्व विधायक के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई खत्म हो गई, लेकिन केसरवानी बंधुओ के यहां अभी भी चल रही है. पूर्व विधायक का बीड़ी का भी कारोबार है.

विपक्ष हुआ हमलावर

राठौर परिवार दशकों से सागर संभाग का बड़ा बीड़ी कारोबारी रहा है. पूर्व विधायक हरवंश राठौर के पिता हरनाम सिंह राठौड़ मंत्री रहे हैं.

इसलिए यह राजनीति में भी काफी रसूख रखने वाला परिवार है. भाजपा के पूर्व विधायक के ठिकानों पर करोड़ों का जखीरा मिलने पर विपक्ष हमलावर है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया एक पर समाचार पत्र की खबर पोस्ट करते हुए लिखा – ‘मध्य प्रदेश में डाकू-लुटेरे तो खत्म हो गए, लेकिन BJP नेताओं ने उनकी कमी पूरी कर दी.’

पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी की जयंती आज, सीएम नीतीश कुमार समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

डेस्क : बिहार के राजनीतिक के दिग्गज नेता रहे पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का आज 75वां जयंती है। उनकी पर आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ मंत्री मंगल पांडे, मंत्री विजय चौधरी जेडीयू नेता छोटू सिंह के सहित भाजपा और जदयू के तमाम नेता उपस्थित थे। सीएम नीतीश ने स्वर्गीय सुशील कुमार मोदी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बताते चले कि पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का 5 जनवरी 1952 को जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत एक स्टूडेंट लीडर के रूप में की थी। इसलिए सुशील कुमार मोदी को जेपी आंदोलन की उपज माना जाता है।

उन्होंने अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में की, जब वे पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य चुने गए। 1973 में वे महामंत्री बने, जबकि उस समय लालू प्रसाद यादव अध्यक्ष और रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव चुने गए थे। सुशील मोदी के राजनीतिक मार्गदर्शक केएन गोविंदाचार्य को माना जाता है, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सिद्धांतकार और संघ विचारक रहे हैं। गोविंदाचार्य ने कहा था कि सुशील मोदी की खासियत उनकी सादगी, मितव्ययिता, और अनुशासन था।

प्रशांत किशोर के अनशन में वैनिटी वैन के इस्तेमाल पर जन सुराज प्रवक्ता विवेक कुमार का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा*
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पटना : प्रशांत किशोर के अनशन में वैनिटी वैन के इस्तेमाल पर जन सुराज प्रवक्ता विवेक कुमार का बयान, उन्होंने कहा कि वैनिटी वैन यहां अनशन में बैठे लोगों के वॉशरूम के लिए है। विपक्ष की ये ओछी राजनीति छात्रों के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। मुद्दा वैनिटी का नहीं छात्रों के पेपर लीक का है। सरकार बच्चों को लाठी से पिटवा रही है और विपक्ष के राजकुमार इस कड़ाके की ठंड में घर पर आराम कर रहे हैं। हम विपक्ष के नेताओं खासकर तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और BJP के बड़े नेताओं को खुली चुनौती देते हैं कि अगर हिम्मत है तो एक रात इस कड़ाके की ठंड में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे बिताकर दिखा दें। प्रशांत किशोर 24 घंटे मीडिया के कैमरे के सामने बैठे हैं। विपक्ष को छात्रों के मुद्दों से कोई मतलब नहीं है, इसलिए इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं। पटना से मनीष
लखमा पर ED की कार्रवाई और कांग्रेस के आरोपों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का तंज, कहा – जैसा करेंगे वैसा भरेंगे

रायपुर-  पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर ED की कार्रवाई और कांग्रेस के आरोपों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसा है. बृजमोहन ने कहा, जैसा करेंगे वैसा भरेंगे. ये कहने भर से काम नहीं चलेगा कि जहां मुझे कहा गया वहां मैंने दस्तखत किए. PA और DC रैंक के अधिकारी उनके साथ रहे. उन्हें सभी सुविधाएं मिली थी. सिर्फ भ्रष्टाचार करना जरूरी नहीं है. भ्रष्टाचार में शामिल होना भी अपराध है.

बता दें कि ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा के साथ-साथ उनके पुत्र के निवास में छापा मारा था, जिसमें ईडी ने नकद लेन-देन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. इसके साथ ही संपत्ति की जानकारी देने आज तक का समय दिया था. छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के साथ उनके बेटे कवासी हरीश और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रही है. 7 घंटे से पूछताछ जारी है. कवासी लखमा की गिरफ्तारी की संभावना भी जताई जा रही है.

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में देरी को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, निकायों और पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति हुई है. बीजेपी पर कांग्रेस चुनाव के डर का आरोप लगा रही है. इस पर अग्रवाल ने कहा, चुनाव जल्द होंगे. कांग्रेस को पता चल जाएगा.

कुशाभाऊ ठाकरे में बीजेपी की बैठक पर सांसद बृजमोहन ने कहा, पार्टी के आगामी प्रदेश संगठन चुनाव और अंतर व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई है. रणविजय सिंह के छत्तीसगढ़ छोड़ दिल्ली की सदस्यता लेने पर सांसद ने कहा, इसका निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करता है. पार्टी के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है. बीजेपी को उनका और उनके परिवार का योगदान रहा है. रायपुर के सदस्य रहे हैं. चाहे दिल्ली के BJP के सदस्य हैं

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति, छत्तीसगढ़ में विनोद तावड़े को मिली जिम्मेदारी

रायपुर-  भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है. इस प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के साथ-साथ मंडल अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी. छत्तीसगढ़ में जहां मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, वहीं जिला अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अभी बाकी है.

बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की है. छत्तीसगढ़ के लिए इस जिम्मेदारी का निर्वहन महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े को सौंपा गया है. वहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव अधिकारी के रूप में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की नियुक्ति की गई है. इसके साथ ही गुजरात के लिए भाजपा नेता भूपेंद्र यादव को यह जिम्मेदारी दी गई है.

बता दें कि विनोद तावड़े, जो महाराष्ट्र से आते हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी और वह राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. तावड़े 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.

विवादों में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन, बीजेपी बोली-पोस्टर में लगा भारत का गलत नक्शा, पीओके-अक्साई चीन गायब

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कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। हालांकि यह बैठक अपने आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है। मीटिंग से पहले कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में पोस्टर लगाए। जिसमें भारत का गलत नक्शा दिखाया जा रहा है। नक्शे में कश्मीर का हिस्सा गायब है। बेलगावी में इस तरह के पोस्टर देख बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का दावा है कि इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगे पोस्टर बैनर की तस्वीर साझा करते हुए कर्नाटक भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें पार्टी ने लिखा कि 'कर्नाटक कांग्रेस ने भारत की संप्रभुता का अपमान किया है और बेलगावी के कार्यक्रम में भारत का गलत नक्शा दर्शाया है। नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। ये सब सिर्फ वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है।'

कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ

वहीं, भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। भाजपा कर्नाटक ने एक ट्वीट किया है जिसमें देखा जा सकता है कि बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जो भारत का मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है।

सुधांशु त्रिवेदी के तीखे सवाल

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पूर्व में डीएमके ने भारत का गलत नक्शा दिखाया। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब दिखाया गया। कोरोना के समय राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया था, उसमें भी अक्साई चिन और पीओके गायब था। शशि थरूर ने 21 दिसंबर 2019 को भारत का नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें भी गड़बड़ी थी। भाजपा ने सवाल किया कि पिछले काफी समय से भारत के नक्शे में जो गड़बड़ी दिखाई जा रही है, वह क्या सिर्फ संयोग है या फिर किसी व्यवस्थित भारत विरोध का हिस्सा है?' भाजपा ने पूछा कि 'ये किसके इशारे पर हो रहा है? क्या सोरोस से कोई गुप्त संदेश तो नहीं आ रहा?

दो दिनों तक चलेगा अधिवेशन

बता दें कि कर्नाटक का सीमावर्ती शहर बेलगावी अगले दो दिनों तक महात्मा गांधी की अध्यक्षता में यहां हुए एकमात्र कांग्रेस अधिवेशन की यादों को ताजा करेगा। कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर, 1924 को किया गया था और इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद किया जाता है। उस अधिवेशन में महात्मा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का आह्वान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। देशपांडे ने बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की मेजबानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी अध्यक्षता गांधी ने की थी।

अटल बिहारी वाजपेयी: एक दूरदृष्टा नेता का भारत निर्माण में अमिट योगदान

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अटल बिहारी वाजपेयी (1924–2018) भारत के सबसे सम्मानित राजनीतिक नेताओं में से एक थे, जिनका योगदान देश के लिए राज्यकर्मी और दूरदृष्टा के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीन गैर-निरंतर कार्यकालों में सेवा की: 1996, 1998–2004 और 1996 में कुछ समय के लिए। उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण ने भारत की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय नीतियों पर स्थायी प्रभाव डाला। यहां उनके कुछ प्रमुख योगदान दिए गए हैं:

1. राजनयिक प्रयास और शांति पहल

 -पाकिस्तान के साथ रिश्तों में सुधार: वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक रूप से जुड़ने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए। 1999 में उन्होंने लाहौर की अपनी बस यात्रा के दौरान लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच शांति और रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए एक मजबूत पहल थी।

-कारगिल युद्ध (1999): कारगिल संघर्ष के बाद, वाजपेयी के नेतृत्व की सराहना की गई, जिसमें उन्होंने स्थिति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सावधानीपूर्वक संभालते हुए भारत की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की।

- संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध: वाजपेयी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुरू में कुछ संकोच के बावजूद, उनकी सरकार ने भारत को अमेरिकी रणनीतिक साझेदार बना दिया, खासकर रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में।

 2. न्यूक्लियर प्रोग्राम

 पोकरण- II न्यूक्लियर परीक्षण (1998): वाजपेयी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान भारत के पोकरण- II न्यूक्लियर परीक्षण की देखरेख करना था, जो मई 1998 में किए गए थे। वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए, जिससे भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया। यह कदम भारत की सामरिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।

- ये परीक्षण अंतर्राष्ट्रीय विवाद का कारण बने, लेकिन इसके साथ ही भारत को एक मान्यता प्राप्त परमाणु शक्ति बना दिया, जिससे उसकी सुरक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिली।

 3. आर्थिक सुधार और विकास

- आर्थिक उदारीकरण (1990 के दशक): वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने 1990 के दशक में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का समर्थन किया और उन्हें तेज़ किया। हालांकि ये सुधार प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री नरसिंह राव के तहत हुए थे, वाजपेयी सरकार ने इसे जारी रखा और निजीकरण को बढ़ावा दिया तथा औद्योगिक नीति में सुधार किया।

- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: उनकी सरकार ने कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल प्रोजेक्ट शामिल है, जिसका उद्देश्य दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे चार प्रमुख शहरों को एक नेटवर्क के जरिए जोड़ना था, जिससे देश के सड़क संपर्क में सुधार हुआ।

4. सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान

- भारतीय संस्कृति का प्रचार: वाजपेयी भारतीय संस्कृति के प्रबल समर्थक थे। उन्हें अपनी वाकपटुता और पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव के लिए जाना जाता था। अपने भाषणों में अक्सर कविताओं का उद्धरण करते थे। उनका भारत की सांस्कृतिक पहचान के प्रति गहरा सम्मान उनके नीतियों और सार्वजनिक जीवन में परिलक्षित होता था।

- समावेशी शासन: उन्होंने समाज के सभी वर्गों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सरकार ने अधिक समावेशी विकास के लिए एक ढांचा तैयार किया, जो भारत को एकजुट करता है।

 5. शासन और राजनीतिक धरोहर

- लोकतंत्र के समर्थक: वाजपेयी एक प्रतिबद्ध लोकतांत्रिक नेता थे, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी और समावेशी भारत की परिकल्पना की। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि देश विभिन्न चुनौतियों के बावजूद एकजुट रहे।

- भारतीय जनता पार्टी (BJP): BJP के एक वरिष्ठ नेता के रूप में वाजपेयी का नेतृत्व पार्टी को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण था। उनकी राजनीति में उदार और समावेशी दृष्टिकोण ने BJP को एक राष्ट्रीय पार्टी बना दिया, जो उत्तर भारत से बाहर भी प्रभावशाली हो गई।

 6. सामाजिक कल्याण योजनाएँ

  - पंचायती राज अधिनियम (1993): वाजपेयी की सरकार के दौरान, भारत में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और विकेंद्रीकरण पर जोर दिया गया। इससे ग्रामीण भारत को सशक्त बनाया गया और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत किया गया।

शिक्षा और स्वास्थ्य पहल: वाजपेयी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने पर जोर दिया, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

7. उनकी नेतृत्व शैली

- वाजपेयी अपनी दूरदर्शिता, धैर्य और व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में, वे राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में सख्त और शांति की ओर बढ़ने में संतुलित थे। उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी और संसद के प्रति सम्मान ने उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा भी सराहा।

8. पुरस्कार और सम्मान

  - अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उनके भारतीय राजनीति और शासन में योगदान को मान्यता प्रदान करता है।

- उनका प्रभाव केवल राजनीति तक सीमित नहीं था। उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में देखा जाता था, जिन्होंने वैश्विक और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को समझा और भारत के लिए एक बेहतर भविष्य की दिशा में काम किया।

अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। वह एक ऐसे नेता के रूप में याद किए जाते हैं, जिनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने आधुनिक भारत को आकार दिया। उनका प्रभाव हमेशा रहेगा, और वह एक मजबूत, आत्मविश्वासी और वैश्विक मंच पर सम्मानित भारत के निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे।

CWC की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने भूपेश बघेल कर्नाटक रवाना
रायपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक के बेलगावी के लिए रवाना हो गए हैं, वे 26 दिसंबर को आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विशेष बैठक में शामिल होंगे. बैठक का नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा गया है, जो महात्मा गांधी द्वारा बेलगावी से सत्याग्रह की शुरुआत के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है.

भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, साथियों! रायपुर से बेलगावी (कर्नाटक) के लिए रवाना हो रहा हूं. आज मध्य रात्रि तक पहुंच जाऊंगा.बेलगावी वही जगह है, जहां 100 वर्ष पहले पूज्य बापू महात्मा गांधी जी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. यहां 26 दिसंबर को विस्तारित CWC की विशेष बैठक होगी, जिसका नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा गया है. क्योंकि 100 साल पहले गांधी जी ने सत्याग्रह का ऐलान बेलगावी से ही किया था. अब उसी जगह से कांग्रेस ‘नव सत्याग्रह का संकल्प’ लेकर आगे बढ़ेगी. उन्होंने यह भी बताया कि 27 दिसंबर को यहां एक विशाल ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली आयोजित होगी.

बघेल ने कहा, सोचते हुए आंखों के आगे वह चित्र बन रहा है जब 26 दिसंबर 1924 को इसी बेलगावी (कर्नाटक) में कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के अवसर पर सर्वसम्मति से गांधी जी को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया होगा. यह अधिवेशन आजादी की लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ. इस अधिवेशन में देश के कोने-कोने से हजारों लोग आए. अधिवेशन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कांग्रेस की कमान मिली और बतौर अध्यक्ष गांधी जी ने जो संदेश दिए, उनका आजादी की लड़ाई में जोरदार असर देखा गया.

साल 2024, उसी ऐतिहासिक अधिवेशन का शताब्दी वर्ष है. 100 साल की इस यात्रा में देश ने कई उतार-चढ़ाव देखे. इन तमाम उतार-चढ़ावों के दौरान गांधी जी के वही संदेश आज के भारत के लिए भी बेहद जरूरी और प्रासंगिक बने हुए हैं.

आखिर इस सम्मेलन में गांधी जी ने क्या कहा था?

महात्मा गांधी जी ने सभी देशवासियों से अपने आपसी मतभेदों को भुला, एकजुट होकर अत्याचारी ब्रिटिश हूकुमत के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था. खिलाफत आंदोलन के बाद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच उपजी खाई को पाटकर पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया.

स्वराज के संकल्प पर बात करते हुए गांधी जी ने कहा कि जब तक हम जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर एक-दूसरे के साथ भेदभाव करेंगे, उन्हें अछूत मानते रहेंगे, तब तक स्वराज का संकल्प अधूरा ही रहेगा.

गांधी जी ने कहा कि जब तक देश के शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे जागरूक लोगों की राजनीति में भागीदारी नहीं होगी, तब तक देश में परिवर्तन का संकल्प मुश्किल होगा.

गांधी जी ने स्वतंत्रता सेनानियों को बताया कि अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार अहिंसा और विनम्रतापूर्वक अवज्ञा है. अगर हम अंग्रेजों का कहा नहीं करेंगे तो उनकी व्यवस्था खुद ही ध्वस्त हो जाएगी. इसी के कुछ साल बाद 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई.

अब 100 साल बाद यानी 2024 की बात करते हैं. ये एक ऐसा दौर है जब BJP बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ाकर, देश के नायकों का अपमान कर, जाति-धर्म के आधार पर नफरत भड़काकर देश की एकता को खंडित करना चाहती है. नफरत और हिंसा के इस दौर में भी कांग्रेस पार्टी गांधी के दिखाए मार्ग पर चलकर उनके दिए संस्कारों, सीखों और मूल्यों को मजबूती से आत्मसात करने को तत्पर है.

कांग्रेस पार्टी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक उसी बेलगावी में 26 दिसंबर, 2024 को होने जा रही है, जहां से गांधी जी ने भारत को सद्भाव, एकता, प्रेम और तानाशाह ताकतों के प्रति अवज्ञा का मूल्य सिखाया था. कांग्रेस पार्टी और उसके करोड़ों कार्यकर्ता आज सत्य, अहिंसा और प्रेम के गांधीवादी आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी निष्ठा से तत्पर हैं.
पूर्वांचलियों को बीजेपी ने नहीं दिया सम्मान, काटे जा रहे उनके वोट”, केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली में बवाल

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दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लेकर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचलियों वाले बयान पर दिल्ली में बवाल मच गया है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। यह मार्च अशोक रोड से केजरीवाल के घर तक निकाला गया। बीजेपी ने इसे पूर्वांचल सम्मान मार्च नाम दिया है। सांसद मनोज तिवारी इसे लीड किया। बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता केजरीवाल के घर पर प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए।पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।

विरोध मार्च को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वांचलियों का सबसे ज्यादा अपमान बीजेपी करती है। प्रदर्शन को लेकर केजरीवाल बोले कि वे अपने घर के बाहर एक टेंट लगा देता हूं। बीजेपी के अपने 100 लोगों को वहीं बैठा दे। बस आरोप वाले बैनर रोज बदल दिया करे।

इससे पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। अपनी सत्ता खोने का बदला केजरीवाल जी आप दिल्ली वालों से ले रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, भाजपा ने दिल्ली को भारत की अपराध राजधानी बना दिया है। दिल्ली में डकैती, चेन स्नैचिंग, गैंगवार हो रहे हैं, महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है। अपनी नफरत के कारण ही वे पिछले 25 सालों से दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं आए हैं। मैंने दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाया है कि आप की सरकार बनने पर आरडब्ल्यूए को दिल्ली सरकार से फंड मिलेगा, ताकि वे अपने-अपने इलाकों में निजी सुरक्षा गार्ड नियुक्त कर सकें। भाजपा अब धरना पार्टी बन गई है। कल मैं चुनाव आयोग में शिकायत करने गया था कि भाजपा रोहिंग्या के नाम पर पूर्वांचल और दलितों के वोट काट रही है।'

BJP कोर कमेटी की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा: उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और CM विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक संपन्न हुई। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की वहीं विपक्ष से आरोपों का भी जवाब दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि चुनाव को लेकर BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। संगठन ने इस चुनाव को गंभीरता से लड़ने का निर्णय लिया है। जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है, इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए सब्जी भेजने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म के प्रति छत्तीसगढ़ में निष्ठा और आस्था है। प्रयागराज में होने वाला कुंभ सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा पर्व है। लाखों धर्म प्रेमी वहां जाते हैं। समाज मिलकर धर्म के कार्यों को आगे बढ़ाता है।” जब उनसे कुंभ में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डुबकी लगाने पर विचार हो रहा है। कुंभ में धर्म प्रेमियों की आस्था है, तो निश्चित रूप से जाएंगे।”

मोवा ओवर ब्रिज डामरीकरण को लेकर कही ये बात

मोवा ओवर ब्रिज के डामरीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में है। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम का अवलोकन किया जाएगा, और यदि गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री हादसे पर जताया दुःख

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री में हुए हादसे पर उपमुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा, “प्रशासन की पूरी टीम मौके पर है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मैं कलेक्टर और एसपी के साथ लगातार संपर्क में हूं। घटना स्थल पर मशीन उठाने के लिए दो क्रेन लगाई गई हैं। जैसे ही मशीन हटेगी, स्थिति स्पष्ट होगी।”

मध्य प्रदेश: पूर्व विधायक के घर से 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद बरामद, टैक्स चोरी का मामला आया सामने

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिले करोड़ों के सोने ओर नकदी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है, अब प्रदेश के सागर में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक के ठिकानों से 14 किलो सोना बरामद हुआ है. आयकर विभाग की टीम के छापे में 3 करोड़ 80 लाख रुपये की नगदी भी बरामद हुई है. करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का मामला भी सामने आया है.

सागर जिले के बंडा के पूर्व भाजपा विधायक हरबंश सिंह राठौर के घर आयकर विभाग की कार्रवाई में करोड़ों का का जखीरा मिला है. टीम को जांच में 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद मिले हैं. 150 करोड़ की टैक्स चोरी भी पकड़ाई है. साथ ही जांच में 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति का भी पता चला है.

150 करोड़ रुपये को टैक्स चोरी

सागर में बीडी और कंस्ट्रक्शन कारोबारी पूर्व पार्षद राजेश केसरवानी और बांडा से बीजेपी के पूर्व विधायक हरबंश सिंह राठौर के ठिकानों पर की गई आईटी की छापेमार कार्रवाई में करीब डेढ़ सौ करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है.आयकर विभाग की कार्रवाई में दोनों के ठिकानों से नगदी के साथ गोल्ड भी बरामद हुआ है. पूर्व पार्षद व कारोबारी राजेश केसरवानी के यहां से सात लग्जरी कारें भी जब्त हुई हैं. यह कारें किसी और के नाम पर हैं लेकिन इसका इस्तेमाल केसरवानी परिवार कर रहा था.

अभी भी चल रही छापामार कार्रवाई

आयकर विभाग की टीमों ने सागर जिले में पूर्व विधायक के ठिकानों पर रविवार को छापा मारा था. इस कार्रवाई में केसरवानी बंधु दो सूदखोर और कैंट बोर्ड में पदस्थ रहे अधिकारी फर्म को भी जांच में लिया था. पूर्व विधायक के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई खत्म हो गई, लेकिन केसरवानी बंधुओ के यहां अभी भी चल रही है. पूर्व विधायक का बीड़ी का भी कारोबार है.

विपक्ष हुआ हमलावर

राठौर परिवार दशकों से सागर संभाग का बड़ा बीड़ी कारोबारी रहा है. पूर्व विधायक हरवंश राठौर के पिता हरनाम सिंह राठौड़ मंत्री रहे हैं.

इसलिए यह राजनीति में भी काफी रसूख रखने वाला परिवार है. भाजपा के पूर्व विधायक के ठिकानों पर करोड़ों का जखीरा मिलने पर विपक्ष हमलावर है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया एक पर समाचार पत्र की खबर पोस्ट करते हुए लिखा – ‘मध्य प्रदेश में डाकू-लुटेरे तो खत्म हो गए, लेकिन BJP नेताओं ने उनकी कमी पूरी कर दी.’

पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी की जयंती आज, सीएम नीतीश कुमार समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

डेस्क : बिहार के राजनीतिक के दिग्गज नेता रहे पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का आज 75वां जयंती है। उनकी पर आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ मंत्री मंगल पांडे, मंत्री विजय चौधरी जेडीयू नेता छोटू सिंह के सहित भाजपा और जदयू के तमाम नेता उपस्थित थे। सीएम नीतीश ने स्वर्गीय सुशील कुमार मोदी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बताते चले कि पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का 5 जनवरी 1952 को जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत एक स्टूडेंट लीडर के रूप में की थी। इसलिए सुशील कुमार मोदी को जेपी आंदोलन की उपज माना जाता है।

उन्होंने अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में की, जब वे पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य चुने गए। 1973 में वे महामंत्री बने, जबकि उस समय लालू प्रसाद यादव अध्यक्ष और रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव चुने गए थे। सुशील मोदी के राजनीतिक मार्गदर्शक केएन गोविंदाचार्य को माना जाता है, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सिद्धांतकार और संघ विचारक रहे हैं। गोविंदाचार्य ने कहा था कि सुशील मोदी की खासियत उनकी सादगी, मितव्ययिता, और अनुशासन था।

प्रशांत किशोर के अनशन में वैनिटी वैन के इस्तेमाल पर जन सुराज प्रवक्ता विवेक कुमार का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा*
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पटना : प्रशांत किशोर के अनशन में वैनिटी वैन के इस्तेमाल पर जन सुराज प्रवक्ता विवेक कुमार का बयान, उन्होंने कहा कि वैनिटी वैन यहां अनशन में बैठे लोगों के वॉशरूम के लिए है। विपक्ष की ये ओछी राजनीति छात्रों के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। मुद्दा वैनिटी का नहीं छात्रों के पेपर लीक का है। सरकार बच्चों को लाठी से पिटवा रही है और विपक्ष के राजकुमार इस कड़ाके की ठंड में घर पर आराम कर रहे हैं। हम विपक्ष के नेताओं खासकर तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और BJP के बड़े नेताओं को खुली चुनौती देते हैं कि अगर हिम्मत है तो एक रात इस कड़ाके की ठंड में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे बिताकर दिखा दें। प्रशांत किशोर 24 घंटे मीडिया के कैमरे के सामने बैठे हैं। विपक्ष को छात्रों के मुद्दों से कोई मतलब नहीं है, इसलिए इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं। पटना से मनीष
लखमा पर ED की कार्रवाई और कांग्रेस के आरोपों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का तंज, कहा – जैसा करेंगे वैसा भरेंगे

रायपुर-  पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर ED की कार्रवाई और कांग्रेस के आरोपों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसा है. बृजमोहन ने कहा, जैसा करेंगे वैसा भरेंगे. ये कहने भर से काम नहीं चलेगा कि जहां मुझे कहा गया वहां मैंने दस्तखत किए. PA और DC रैंक के अधिकारी उनके साथ रहे. उन्हें सभी सुविधाएं मिली थी. सिर्फ भ्रष्टाचार करना जरूरी नहीं है. भ्रष्टाचार में शामिल होना भी अपराध है.

बता दें कि ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा के साथ-साथ उनके पुत्र के निवास में छापा मारा था, जिसमें ईडी ने नकद लेन-देन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. इसके साथ ही संपत्ति की जानकारी देने आज तक का समय दिया था. छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के साथ उनके बेटे कवासी हरीश और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रही है. 7 घंटे से पूछताछ जारी है. कवासी लखमा की गिरफ्तारी की संभावना भी जताई जा रही है.

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में देरी को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, निकायों और पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति हुई है. बीजेपी पर कांग्रेस चुनाव के डर का आरोप लगा रही है. इस पर अग्रवाल ने कहा, चुनाव जल्द होंगे. कांग्रेस को पता चल जाएगा.

कुशाभाऊ ठाकरे में बीजेपी की बैठक पर सांसद बृजमोहन ने कहा, पार्टी के आगामी प्रदेश संगठन चुनाव और अंतर व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई है. रणविजय सिंह के छत्तीसगढ़ छोड़ दिल्ली की सदस्यता लेने पर सांसद ने कहा, इसका निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करता है. पार्टी के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है. बीजेपी को उनका और उनके परिवार का योगदान रहा है. रायपुर के सदस्य रहे हैं. चाहे दिल्ली के BJP के सदस्य हैं

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति, छत्तीसगढ़ में विनोद तावड़े को मिली जिम्मेदारी

रायपुर-  भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है. इस प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के साथ-साथ मंडल अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी. छत्तीसगढ़ में जहां मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, वहीं जिला अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अभी बाकी है.

बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की है. छत्तीसगढ़ के लिए इस जिम्मेदारी का निर्वहन महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े को सौंपा गया है. वहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव अधिकारी के रूप में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की नियुक्ति की गई है. इसके साथ ही गुजरात के लिए भाजपा नेता भूपेंद्र यादव को यह जिम्मेदारी दी गई है.

बता दें कि विनोद तावड़े, जो महाराष्ट्र से आते हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी और वह राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. तावड़े 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.

विवादों में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन, बीजेपी बोली-पोस्टर में लगा भारत का गलत नक्शा, पीओके-अक्साई चीन गायब

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कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। हालांकि यह बैठक अपने आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है। मीटिंग से पहले कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में पोस्टर लगाए। जिसमें भारत का गलत नक्शा दिखाया जा रहा है। नक्शे में कश्मीर का हिस्सा गायब है। बेलगावी में इस तरह के पोस्टर देख बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का दावा है कि इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगे पोस्टर बैनर की तस्वीर साझा करते हुए कर्नाटक भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें पार्टी ने लिखा कि 'कर्नाटक कांग्रेस ने भारत की संप्रभुता का अपमान किया है और बेलगावी के कार्यक्रम में भारत का गलत नक्शा दर्शाया है। नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। ये सब सिर्फ वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है।'

कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ

वहीं, भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। भाजपा कर्नाटक ने एक ट्वीट किया है जिसमें देखा जा सकता है कि बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जो भारत का मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है।

सुधांशु त्रिवेदी के तीखे सवाल

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पूर्व में डीएमके ने भारत का गलत नक्शा दिखाया। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब दिखाया गया। कोरोना के समय राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया था, उसमें भी अक्साई चिन और पीओके गायब था। शशि थरूर ने 21 दिसंबर 2019 को भारत का नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें भी गड़बड़ी थी। भाजपा ने सवाल किया कि पिछले काफी समय से भारत के नक्शे में जो गड़बड़ी दिखाई जा रही है, वह क्या सिर्फ संयोग है या फिर किसी व्यवस्थित भारत विरोध का हिस्सा है?' भाजपा ने पूछा कि 'ये किसके इशारे पर हो रहा है? क्या सोरोस से कोई गुप्त संदेश तो नहीं आ रहा?

दो दिनों तक चलेगा अधिवेशन

बता दें कि कर्नाटक का सीमावर्ती शहर बेलगावी अगले दो दिनों तक महात्मा गांधी की अध्यक्षता में यहां हुए एकमात्र कांग्रेस अधिवेशन की यादों को ताजा करेगा। कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर, 1924 को किया गया था और इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद किया जाता है। उस अधिवेशन में महात्मा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का आह्वान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। देशपांडे ने बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की मेजबानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी अध्यक्षता गांधी ने की थी।

अटल बिहारी वाजपेयी: एक दूरदृष्टा नेता का भारत निर्माण में अमिट योगदान

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अटल बिहारी वाजपेयी (1924–2018) भारत के सबसे सम्मानित राजनीतिक नेताओं में से एक थे, जिनका योगदान देश के लिए राज्यकर्मी और दूरदृष्टा के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीन गैर-निरंतर कार्यकालों में सेवा की: 1996, 1998–2004 और 1996 में कुछ समय के लिए। उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण ने भारत की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय नीतियों पर स्थायी प्रभाव डाला। यहां उनके कुछ प्रमुख योगदान दिए गए हैं:

1. राजनयिक प्रयास और शांति पहल

 -पाकिस्तान के साथ रिश्तों में सुधार: वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक रूप से जुड़ने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए। 1999 में उन्होंने लाहौर की अपनी बस यात्रा के दौरान लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच शांति और रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए एक मजबूत पहल थी।

-कारगिल युद्ध (1999): कारगिल संघर्ष के बाद, वाजपेयी के नेतृत्व की सराहना की गई, जिसमें उन्होंने स्थिति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सावधानीपूर्वक संभालते हुए भारत की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की।

- संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध: वाजपेयी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुरू में कुछ संकोच के बावजूद, उनकी सरकार ने भारत को अमेरिकी रणनीतिक साझेदार बना दिया, खासकर रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में।

 2. न्यूक्लियर प्रोग्राम

 पोकरण- II न्यूक्लियर परीक्षण (1998): वाजपेयी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान भारत के पोकरण- II न्यूक्लियर परीक्षण की देखरेख करना था, जो मई 1998 में किए गए थे। वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए, जिससे भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया। यह कदम भारत की सामरिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।

- ये परीक्षण अंतर्राष्ट्रीय विवाद का कारण बने, लेकिन इसके साथ ही भारत को एक मान्यता प्राप्त परमाणु शक्ति बना दिया, जिससे उसकी सुरक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिली।

 3. आर्थिक सुधार और विकास

- आर्थिक उदारीकरण (1990 के दशक): वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने 1990 के दशक में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का समर्थन किया और उन्हें तेज़ किया। हालांकि ये सुधार प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री नरसिंह राव के तहत हुए थे, वाजपेयी सरकार ने इसे जारी रखा और निजीकरण को बढ़ावा दिया तथा औद्योगिक नीति में सुधार किया।

- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: उनकी सरकार ने कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल प्रोजेक्ट शामिल है, जिसका उद्देश्य दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे चार प्रमुख शहरों को एक नेटवर्क के जरिए जोड़ना था, जिससे देश के सड़क संपर्क में सुधार हुआ।

4. सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान

- भारतीय संस्कृति का प्रचार: वाजपेयी भारतीय संस्कृति के प्रबल समर्थक थे। उन्हें अपनी वाकपटुता और पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव के लिए जाना जाता था। अपने भाषणों में अक्सर कविताओं का उद्धरण करते थे। उनका भारत की सांस्कृतिक पहचान के प्रति गहरा सम्मान उनके नीतियों और सार्वजनिक जीवन में परिलक्षित होता था।

- समावेशी शासन: उन्होंने समाज के सभी वर्गों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सरकार ने अधिक समावेशी विकास के लिए एक ढांचा तैयार किया, जो भारत को एकजुट करता है।

 5. शासन और राजनीतिक धरोहर

- लोकतंत्र के समर्थक: वाजपेयी एक प्रतिबद्ध लोकतांत्रिक नेता थे, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी और समावेशी भारत की परिकल्पना की। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि देश विभिन्न चुनौतियों के बावजूद एकजुट रहे।

- भारतीय जनता पार्टी (BJP): BJP के एक वरिष्ठ नेता के रूप में वाजपेयी का नेतृत्व पार्टी को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण था। उनकी राजनीति में उदार और समावेशी दृष्टिकोण ने BJP को एक राष्ट्रीय पार्टी बना दिया, जो उत्तर भारत से बाहर भी प्रभावशाली हो गई।

 6. सामाजिक कल्याण योजनाएँ

  - पंचायती राज अधिनियम (1993): वाजपेयी की सरकार के दौरान, भारत में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और विकेंद्रीकरण पर जोर दिया गया। इससे ग्रामीण भारत को सशक्त बनाया गया और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत किया गया।

शिक्षा और स्वास्थ्य पहल: वाजपेयी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने पर जोर दिया, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

7. उनकी नेतृत्व शैली

- वाजपेयी अपनी दूरदर्शिता, धैर्य और व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में, वे राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में सख्त और शांति की ओर बढ़ने में संतुलित थे। उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी और संसद के प्रति सम्मान ने उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा भी सराहा।

8. पुरस्कार और सम्मान

  - अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उनके भारतीय राजनीति और शासन में योगदान को मान्यता प्रदान करता है।

- उनका प्रभाव केवल राजनीति तक सीमित नहीं था। उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में देखा जाता था, जिन्होंने वैश्विक और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को समझा और भारत के लिए एक बेहतर भविष्य की दिशा में काम किया।

अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। वह एक ऐसे नेता के रूप में याद किए जाते हैं, जिनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने आधुनिक भारत को आकार दिया। उनका प्रभाव हमेशा रहेगा, और वह एक मजबूत, आत्मविश्वासी और वैश्विक मंच पर सम्मानित भारत के निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे।

CWC की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने भूपेश बघेल कर्नाटक रवाना
रायपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक के बेलगावी के लिए रवाना हो गए हैं, वे 26 दिसंबर को आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विशेष बैठक में शामिल होंगे. बैठक का नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा गया है, जो महात्मा गांधी द्वारा बेलगावी से सत्याग्रह की शुरुआत के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है.

भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, साथियों! रायपुर से बेलगावी (कर्नाटक) के लिए रवाना हो रहा हूं. आज मध्य रात्रि तक पहुंच जाऊंगा.बेलगावी वही जगह है, जहां 100 वर्ष पहले पूज्य बापू महात्मा गांधी जी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. यहां 26 दिसंबर को विस्तारित CWC की विशेष बैठक होगी, जिसका नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा गया है. क्योंकि 100 साल पहले गांधी जी ने सत्याग्रह का ऐलान बेलगावी से ही किया था. अब उसी जगह से कांग्रेस ‘नव सत्याग्रह का संकल्प’ लेकर आगे बढ़ेगी. उन्होंने यह भी बताया कि 27 दिसंबर को यहां एक विशाल ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली आयोजित होगी.

बघेल ने कहा, सोचते हुए आंखों के आगे वह चित्र बन रहा है जब 26 दिसंबर 1924 को इसी बेलगावी (कर्नाटक) में कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के अवसर पर सर्वसम्मति से गांधी जी को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया होगा. यह अधिवेशन आजादी की लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ. इस अधिवेशन में देश के कोने-कोने से हजारों लोग आए. अधिवेशन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कांग्रेस की कमान मिली और बतौर अध्यक्ष गांधी जी ने जो संदेश दिए, उनका आजादी की लड़ाई में जोरदार असर देखा गया.

साल 2024, उसी ऐतिहासिक अधिवेशन का शताब्दी वर्ष है. 100 साल की इस यात्रा में देश ने कई उतार-चढ़ाव देखे. इन तमाम उतार-चढ़ावों के दौरान गांधी जी के वही संदेश आज के भारत के लिए भी बेहद जरूरी और प्रासंगिक बने हुए हैं.

आखिर इस सम्मेलन में गांधी जी ने क्या कहा था?

महात्मा गांधी जी ने सभी देशवासियों से अपने आपसी मतभेदों को भुला, एकजुट होकर अत्याचारी ब्रिटिश हूकुमत के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था. खिलाफत आंदोलन के बाद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच उपजी खाई को पाटकर पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया.

स्वराज के संकल्प पर बात करते हुए गांधी जी ने कहा कि जब तक हम जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर एक-दूसरे के साथ भेदभाव करेंगे, उन्हें अछूत मानते रहेंगे, तब तक स्वराज का संकल्प अधूरा ही रहेगा.

गांधी जी ने कहा कि जब तक देश के शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे जागरूक लोगों की राजनीति में भागीदारी नहीं होगी, तब तक देश में परिवर्तन का संकल्प मुश्किल होगा.

गांधी जी ने स्वतंत्रता सेनानियों को बताया कि अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार अहिंसा और विनम्रतापूर्वक अवज्ञा है. अगर हम अंग्रेजों का कहा नहीं करेंगे तो उनकी व्यवस्था खुद ही ध्वस्त हो जाएगी. इसी के कुछ साल बाद 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई.

अब 100 साल बाद यानी 2024 की बात करते हैं. ये एक ऐसा दौर है जब BJP बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ाकर, देश के नायकों का अपमान कर, जाति-धर्म के आधार पर नफरत भड़काकर देश की एकता को खंडित करना चाहती है. नफरत और हिंसा के इस दौर में भी कांग्रेस पार्टी गांधी के दिखाए मार्ग पर चलकर उनके दिए संस्कारों, सीखों और मूल्यों को मजबूती से आत्मसात करने को तत्पर है.

कांग्रेस पार्टी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक उसी बेलगावी में 26 दिसंबर, 2024 को होने जा रही है, जहां से गांधी जी ने भारत को सद्भाव, एकता, प्रेम और तानाशाह ताकतों के प्रति अवज्ञा का मूल्य सिखाया था. कांग्रेस पार्टी और उसके करोड़ों कार्यकर्ता आज सत्य, अहिंसा और प्रेम के गांधीवादी आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी निष्ठा से तत्पर हैं.