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सपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी ने मनाई लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती

गोरखपुर। आधुनिक भारत के निर्माता,'भारत रत्न' से सम्मानित लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती व महान समाजवादी नेता चिंतक एवं विचारक आचार्य नरेन्द्र देव की जयंती पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अध्यक्षता में मनाई गई।

संचालन महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी व जिला महासचिव रामनाथ यादव ने किया। नेताओं व कार्यकर्ताओं ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि समाजवाद के महानायक, दार्शनिक तथा शिक्षाविद आचार्य नरेन्द्र देव का जन्म फैजाबाद के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।


आचार्य जी की विद्वत्ता एवं त्यागमय जीवन का महात्मा गांधी जी भी बहुत सम्मान करते थे। आचार्य जी की अध्यक्षता में ही कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन हुआ था। बौद्ध दर्शन पर उनका गहन अध्ययन था। वह लखनऊ विश्वविद्यालय और वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे।


देश के प्रथम गृहमंत्री / उप प्रधानमंत्री लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल एक दृढ़ संकल्प वाले कुशल प्रशासक थे। देश की स्वतंत्रता के पश्चात 565 रियासतों का भारत देश में सम्मिलन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं दूरदृष्टि का ही परिणाम है। उन्होंने भारत की एकता एवं साप्रदायिक सद्भाव के लिए आर०एस०एस० पर प्रतिबंध लगाकर साहस का परिचय दिया ।इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला महासचिव रामनाथ यादव पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव महानगर महासचिव बृजनाथ मौर्य नीरज शाही मनुरोजन यादव रामजतन यादव राघवेंद्र तिवारी राजू एहतेशाम खान अशोक चौधरी सच्चिदानंद यादव अर्जून यादव अरशद हुसैन सन्तोष यादव पुजारी यादव मैना भाई सोहराब खान चर्चिल अधिकारी नजमुल हसन राहुल यादव अविनाश तिवारी एजाज अंसारी खालिक अली महेंद्र यादव इमरान खान बीडी अंसारी अनिल सुनील धनंजय सर्वेश सत्यदेव विनोद कुमार मोहम्मद बसीम फैजान अख्तर बब्बू खान आविद अली मोहम्मद सलीम शोयब अंसारी इरशाद अहमद गुफरान अंसारी आदि मौजूद रहे
उनवल नगर पंचायत में वर्षों पुराने जर्जर संपर्क मार्ग का निर्माण हुआ

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत में स्थित जलेश्वरनाथ शिव मंदिर से नीलकंठ महादेव शिव मंदिर तक जाने वाला लगभग एक किलोमीटर लंबा दशकों पुराना खड़जा संपर्क मार्ग पूरी तरह से टूट फूट कर जर्जर हो चुका था। जिससे शिव भक्त श्रद्धालुओं को मंदिरों तक आने जाने में बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।

बताया गया कि उक्त खडंजा संपर्क मार्ग का निर्माण वर्षों पहले नगर पंचायत के निवासी श्रीराम साहनी के द्वारा जनहित में व्यक्तिगत रूप से कराया गया था। नगर पंचायत अध्यक्ष एड.महेश दूबे के द्वारा उक्त मार्ग पर नए सीसी रोड का निर्माण कराया गया है।

चेयरमैन प्रतिनिधि उमेश दूबे के द्वारा अगरबत्ती कपूर जलाकर उक्त संपर्क मार्ग का लोकार्पण किया गया, इस अवसर पर नगर पंचायत के दर्जनों लोग उपस्थित रहे। संपर्क मार्ग का निर्माण होने पर नगरवासियों ने चेयरमैन की सराहना की और प्रसन्नता जताई है।

*एसडीएम तहसीलदार ने दलित बस्ती के बच्चों को दी मिठाईयां*

खजनी गोरखपुर।उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह और तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी ने ग्राम प्रधान के सौजन्य से भरोहियां गांव की दलित बस्ती में पहुंच कर छोटे बच्चों को दीपावली के उपहार के रूप में मिठाईयां दी, बच्चों को पटाखों से दूर रहने और मिठाइयां खा कर मिलजुल कर त्योहार मनाने की नसीहत देते हुए अधिकारियों ने उन्हें पटाखों से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव भी बताए बच्चों को फुलझडियां जलाने और दिए जलाने की सलाह दी। इस दौरान ग्राम प्रधान रमेश प्रसाद और अन्य लोग भी मौजूद रहे।

एडीएम प्रशासन, तहसीलदार सदर, नायब तहसीलदार आश्रय गृह में वितरित किया मिठाई व फल

गोरखपुर।मातृछाया बेसहारा मानसिक महिला मंदित आश्रय गृह अग्रसेन चौराहा गांधी गली में एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में बेसहारो को वितरित किया गया दीपावली गिफ्ट। दीपावली की शुभ अवसर पर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के निर्देश पर एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता के नेतृत्व में सदर तहसील प्रशासन तहसीलदार सदर ध्रुवेश कुमार सिंह नायब तहसीलदार देवेंद्र यादव नायब तहसीलदार जाकिर हुसैन कानूनगो प्रदुमन सिंह कानूनगो मुन्ना लेखपाल ऋषिकेश सिंह मातृ छाया आश्रय गृह अग्रसेन चौक पहुंचकर बेसहारा रह रहे महिला व पुरुषों को मिठाई केला सहित अन्य खाने के सामानों को वितरित किया।

जिससे बेसहारा को महसूस न होने पाए की हमारी देखरेख करने वाला त्योहारों के समय में कोई नहीं है लेकिन गोरखपुर प्रशासन त्योहारों के मौके पर बेसहारा, कुष्ठ जनो वृद्ध जनों का पूरा ख्याल रखती है जो त्योहारों के मौके पर साजो सामान देने का कार्य करती है मातृछाया के प्रबंधक आलोक मणि त्रिपाठी के देखरेख में बेसहारा मानसिक रहते हैं जो ठीक हो जाने के बाद उनके घरों को सम्मान के साथ पहुंचने का कार्य किया जाता है अभी वर्तमान में मातृछाया चैरिटेबल फाउंडेशन गांधी गली में सत्रह बेसहारा महिला व पुरुष रह रहे हैं जिन्हें खाने-पीने स्वास्थ्य संबंधित सभी देखरेख चैरिटेबल द्वारा किया जाता है।

सांसद रवि किशन ने दीपों की रोशनी संग बच्चों के चेहरों पर बिखेरी मुस्कान

गोरखपुर। दीपावली के पावन अवसर पर गोरखपुर के सांसद और सुप्रसिद्ध अभिनेता रवि किशन शुक्ला ने बैंक रोड पर जरूरतमंद बच्चों के साथ दीपावली का त्योहार मनाया। बच्चों के बीच सांसद को पाकर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस मौके पर रवि किशन ने बच्चों को मिठाई, पटाखे, और रंग-बिरंगी दीयों का वितरण किया, जिससे बच्चों के चेहरों पर अनोखी मुस्कान झलकने लगी।

रवि किशन ने बच्चों के साथ दीयों की रोशनी में दीप जलाकर अंधकार को दूर करने का संदेश दिया और उन्हें दीपावली का महत्व समझाया। बच्चों के साथ घुल-मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

दीपावली के इस खास अवसर पर रवि किशन ने कहा, "हमारी संस्कृति में दीपावली का विशेष महत्व है, और इस पर्व को सभी के साथ मिल-जुल कर मनाना चाहिए। हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाना मेरे लिए सच्ची दीपावली है।" उन्होंने इस अवसर पर सभी देशवासियों और प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं, और प्रार्थना की कि यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।

इस अवसर पर बच्चों ने भी उनके साथ खूब आनंद लिया और कई ने उनसे आशीर्वाद भी लिया। सांसद रवि किशन के इस कदम से न केवल बच्चों में, बल्कि उनके परिवारों और उपस्थित लोगों के बीच भी दीपावली की खुशी चार गुना बढ़ गई।

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा कुष्ठ आश्रम में भेजा गया उपहार

गोरखपुर। दीपावली के शुभ अवसर पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार बेतियाहाता स्थित चन्द्रलोक कुष्ठ आश्रम में निवास कर रहे कुष्ठ परिवारों व बच्चों को मिष्ठान एवं चाकलेट आदि का वितरण परियोजना अधिकारी डूडा व उनकी टीम द्वारा कराया गया है। वितरण में कम से कम 50 से 60 परिवार एकत्रित थे। इनमें गायत्री, नंदलाल, शाहजहां, जमुना देवी, नसीब, रामसूरत, शंकर तथा कुनारू आदि के परिवार उपस्थित रहे।उपहार पा कर सभी परिवार बहुत प्रसन्न हुए। विशेषकर बच्चे तो बहुत ही खुश थे। परियोजना अधिकारी ने सभी अतः वासियों को जिलाधिकारी महोदय की ओर से दीपावली की शुभकामनाएं दीं। वितरण कार्यक्रम में विकास कुमार सिंह, परियोजना अधिकारी, डूडा के साथ श्री सन्त कुमार, अभिषेक कौशल श्रीवास्तव, अनिल, हरिकेश, रविकेश, अभिषेक मिश्रा व अंकित मल्ल उपस्थित रहे।

आतिशबाजी से दूर रहें टीबी के मरीज, मास्क लगा कर ही बाहर निकलें

गोरखपुर, क्षय रोग अथवा टीबी के मरीजों (पल्मनरी टीबी मरीजों) के फेफड़े बीमारी के कारण पहले से संक्रमित और कमजोर होते हैं। ऐसे में आतिशबाजी का प्रदूषण उनकी जटिलताएं और भी बढ़ा सकता है । इसलिए बेहतर यह है कि टीबी के उपचाराधीन मरीज आतिशबाजी से दूर रहें।

सुबह शाम अगर घर से बाहर निकलना भी पड़े तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। यह अपील जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने की। उन्होंने पर्व की बधाई देते हुए दीपावली से लेकर छठ पर्व तक टीबी मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है । साथ ही समुदाय से अपील की है कि इन पर्वों पर घर लौटने वाले प्रवासी लोगों में अगर टीबी के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें नजदीकी चिकित्सा इकाई पहुंच कर जांच व इलाज करवाने के लिए प्रेरित करें।

डॉ यादव ने बताया कि टीबी का सम्पूर्ण इलाज संभव है । जिले में प्रति वर्ष करीब दस हजार से अधिक टीबी मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। सिर्फ फेफड़े की टीबी (पल्मनरी टीबी) ही संक्रामक होती है और अगर समय से इसकी पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो तीन सप्ताह बाद ऐसे मरीज से भी संक्रमण नहीं फैलता है । इसके प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक की खांसी, शाम को पसीने के साथ बुखार, सांस फूलना, भूख न लगना, तेजी से वजन घटना, बलगम में खून आना और सीने में दर्द शामिल हैं। अगर प्रवासी लोगों में यह लक्षण दिखे तो तुरंत जांच और इलाज से उनके जरिये संक्रमण नहीं फैलेगा।

डीटीओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों की पहचान कर निक्षय पोर्टल पर जब उन्हें पंजीकृत कर देता है तो प्रत्येक मरीज की यूनीक आईडी बन जाती है। इस आईडी के जरिये प्रवासी टीबी मरीज वापस अपने कार्यस्थल पर लौटने के बाद भी इलाज जारी रख सकते हैं। इसके विपरीत अगर प्रवासी मरीज जांच और इलाज नहीं करवाते हैं तो टीबी होने पर उनके जरिये संक्रमण तो फैलेगा ही, साथ ही बीमार होने पर उनकी भी कार्यक्षमता और आय प्रभावित होगी।

टीबी मरीजों के इलाज से जुड़े उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि आतिशबाजी के प्रदूषण से न बचने पर टीबी मरीज को अधिक खांसी आ सकती है। ऐसे में उनके जरिये संक्रमण के तेज से फैलने की भी आशंका बढ़ जाएगी। पर्वों के दौरान भी टीबी मरीजों को पौष्टिक खानपान जैसे दूध, पनीर, अंडा, मछली, सोयाबिन आदि का सेवन जारी रखना चाहिए।

मधुमेह पीड़ित टीबी रोगी रखें खास ख्याल

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि जिन टीबी मरीजों में मधुमेह की भी समस्या है, उन्हें ज्यादा सतर्क रहना है। ऐसे मरीजों को मिठाइयों से दूरी बना कर रखनी होगी। साथ में आलू, ओल, शकरकंद और चावल आदि के सेवन से बचना है। मधुमेह को नियंत्रित रख कर टीबी मरीज आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं ।

श्रद्धापूर्वक मनाया गया बजरंगबली हनुमान जी का जन्मोत्सव

खजनी गोरखपुर।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि के अवसर पर बुधवार को तहसील परिसर में स्थित हनुमान जी के मंदिर पर श्रद्धापूर्वक हर्षोल्लास के साथ जन्मोत्सव मनाया गया।

इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों ने हनुमान जी के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ सुंदरकांड पाठ, भजन-कीर्तन और पूर्णाहुति हवन तथा भंडारे के साथ आयोजनों का समापन किया गया।

तहसील परिसर स्थित हनुमान मंदिर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी संगीतमय सुंदरकांड पाठ के आयोजन में उपजिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह, तहसीलदार कृष्ण गोपाल त्रिपाठी एड.महेश दूबे समेत तहसील के सभी कर्मचारी और अधिवक्ता संयुक्त रूप में सम्मिलित हुए।

पंडित अजय पाठक ने बताया कि श्री हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी अमावस के एक दिन पूर्व मेष लग्न और स्वाति नक्षत्र में मध्याह्न के समय हुआ माना जाता है। हनुमान जी का जन्मोत्सव प्रति वर्ष मनाया जाता है।

वनटांगिया गांव में दिवाली की खुशियां बांटेंगे सीएम योगी

गोरखपुर। कुसम्ही वन के बीच बसे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की प्रतीक्षा में उल्लसित और उमंगित हैं।

कारण, सीएम योगी इस वनटांगिया गांव में दीपोत्सव मनाने आते हैं। यहां दीप योगी के नाम पर प्रज्वलित होते हैं। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने मेंतैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वतः स्फूर्त और मिलजुलकर।

मुख्यमंत्री इस गांव में गुरुवार (31 अक्टूबर) को आकर दीपोत्सव मनाएंगे। वनटांगिया समुदाय के साथ दीपावली की खुशियां साझा करने के साथ मुख्यमंत्री जिले की कई ग्राम पंचायतों को कुल 185 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे।

वनटांगिया गांव के दीपोत्सव में सीएम योगी उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) द्वारा 42 गांवों में उपलब्ध कराई गई पेयजल परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इस पर 150 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत आई है। इसके अलावा वह 32 ग्राम पंचायतों में परफॉर्मेंस ग्रांट से 34 करोड़ 66 लाख की लागत से कराए गए विकास कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे। दीपावली के इस समारोह में कार्यक्रम स्थल पर कई विभागों की तरफ से स्टाल लगाकर शासन की जनहित वाली योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन और ग्रामीण जोरदार तैयारियों में जुटे हुए हैं।

सीएम योगी की अगवानी के लिए वनटांगिया समुदाय के लोगों का उत्साह स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ की ही वजह से वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन को अब प्रदेश के अति विशिष्ट गांव के रूप में जाना जाता है। योगी यहां वर्ष 2009 से ही बतौर सांसद यहां दीपावली मनाते रहे हैं और 2017 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा में रुकावट नहीं आने दी है। बतौर मुख्यमंत्री वह गुरुवार को लगातार आठवीं बार वनटांगियों के साथ दीपावली की खुशियां साझा करेंगे।

उल्लेखनीय है योगी के कदम पड़ने के साथ ही वनटांगियों की उपेक्षा लगातार पूरी होती उम्मीदों में बदलती गई। बतौर सांसद उन्होंने लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया। 2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया। उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों को जनहित की सभी योजनाओं से आच्छादित कर दिया है। रविवार को वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं तो गांव के लोग भी उमंग-तरंग के साथ स्वागत को तैयार हैं।

सौ साल तक उपेक्षित रहे वनटांगिया

ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो स्लीपर के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई। इसकी भरपाई के लिए बर्तानिया सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया। साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की "टांगिया विधि" का इस्तेमाल किया गया, इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए। कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं। इसी के आसपास महराजगंज के जंगलों में अलग अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे। 1947 में देश भले आजाद हुआ लेकिन वनटांगियों का जीवन गुलामी काल जैसा ही बना रहा। जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी। नागरिक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं तो दूर की कौड़ी थीं। जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी। पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं। समय समय पर वन विभाग की तरफ से वनों से बेदखली की कार्रवाई का भय अलग से।

वनटांगियों के लिए तारणहार बने योगी

वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर के सांसद चुने गए। उनके संज्ञान में यह बात आई कि वनटांगिया बस्तियों में नक्सली अपनी गतिविधियों को रफ्तार देने की कोशिश में हैं। नक्सली गतिविधियों पर लगाम के लिए उन्होंने सबसे पहले शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को इन बस्तियों तक पहुंचाने की ठानी। इस काम में लगाया गया उनके नेतृत्व वाली महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं एमपी कृषक इंटर कालेज व एमपीपीजी कालेज जंगल धूसड़ और गोरखनाथ मंदिर की तरफ से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा को। जंगल तिनकोनिया नंबर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से शुरू ये प्रयास 2007 तक आते आते मूर्त रूप लेने लगे। इस गांव के कोटेदार रामगणेश कहते है कि महाराज जी (योगी आदित्यनाथ को वनटांगिया समुदाय के लोग इसी संबोधन से बुलाते हैं) यहां तारणहार बनकर आए। बकौल रामगणेश, 2009 में जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में योगी के सहयोगी वनटांगिया बच्चों के लिए एस्बेस्टस शीट डाल एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे थे। वन विभाग ने इस कार्य को अवैध बताकर एफआईआर दर्ज कर दी। योगी ने अपने तर्कों से विभाग को निरुत्तर किया और अस्थायी स्कूल बन सका। हिन्दू विद्यापीठ नाम से यब विद्यालय आज भी योगी के संघर्षों का साक्षी है।

योगी के कदम पड़े तो हुआ जंगल से इतर जीवन के रंगों का अहसास

वनटांगियों को सामान्य नागरिक जैसा हक दिलाने की लड़ाई शुरू करने वाले योगी ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दीपोत्सव मनाने की परंपरा शुरू की तो पहली बार इस समुदाय को जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ। फिर तो यह सिलसिला बन पड़ा। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह करना नहीं भूलते हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढ़ने को प्रेरित करते हैं तो सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात।

ब्लॉक में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए कार्यशाला

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक सभागार में वर्ष 2024-25 के ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन हेतु साॅलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट(एस.एल.डब्ल्यु.एम.) में चयनित ग्राम पंचायतों को मांडल ग्राम पंचायत के रुप में विकसित किए जाने हेतु उपनिदेशक पंचायत गोरखपुर मंडल गोरखपुर की अध्यक्षता में डी.पी.आर.सी. महाराजगंज में 28 अक्टूबर 2024 और 29 अक्टूबर 2024 को ग्राम प्रधानों पंचायत सहायकों और सफाई कर्मचारीयों की दो दिवसीय उन्मुखीकरण हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आज दूसरे दिन सभागार में एडीओ पंचायत राजीव दुबे की अध्यक्षता में प्रशिक्षण के बाद क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत गोपालपुर में नव निर्मित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में स्थापित घटकों से प्रशिक्षक के द्वारा उनकी उपयोगिता पर्यावरण हित और योजना से होने वाले लाभ के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही ग्राम पंचायत गोपालपुर को जिले के सर्वश्रेष्ठ माॅडल पंचायत भवन का भी भ्रमण और निरीक्षण किया। साथ ही ब्लॉक में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में एस.एल.डब्ल्यु.एम योजना से जुड़े सभी कर्मचारी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान मौजूद रहे।