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एसएसएफ के जवानों ने थाने में घुसकर की दरोगा की पिटाई, हड़कंप

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज शहर के धूमनगंज थाने में घुसकर एक दरोगा की पिटाई कर दी गई। पिटाई का आरोप स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) के जवानों पर लगा है। घटना को लेकर थाने में देर रात तक पंचायत चलती रही। जिस दरोगा की पिटाई की गई है वह एक अफसर का पीआरओ बताया जा रहा है।

कार में बाइक छू जाने को लेकर एसएसएफ के जवानों और एक दरोगा के बीच विवाद शुरू हो गया। दरोगा ने एसएसएफ के दो सिपाहियों को स्थानीय लोगों की मदद से पकड़ लिया और एक गेस्ट हाउस में ले जाकर लाठी-डंडे से पिटाई कर दी। इसकी जानकारी जब अन्य जवानों को हुई तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। एसएसएफ के बड़ी संख्या में जवानो ने थाने पर हमला बोल दिया और दरोगा की जमकर पिटाई कर दी। इससे थाने में अफरातफरी मची रही। घटना को लेकर देर रात तक पंचायत चलती रही। धूमनगंज पुलिस का कहना है कि किसी पक्ष की ओर से तहरीर नहीं मिली है।

माँ आदिशक्ति की कृपा रहे तो मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं:राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। माँ आदिशक्ति की कृपा रहे तो मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने माँ आदिशक्ति ज्वाला देवी के मन्दिर परिसर में मुख्य पुजारी सूबेदार माली से हथिगन करछना प्रयागराज में कही।स्पष्ट कराते चले कि जिला मंत्री श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने सारीपुर घूरपुर की ओर जा रहे थे और जैसे ही उनकी निगाह माँ आदिशक्ति ज्वाला देवी मन्दिर पर पड़ी त्यों ही जिला मंत्री ने अपनी गाड़ी रुकवाकर माँ ज्वाला देवी के दर्शन हेतु उतर गए।

जिला मंत्री माँ आदिशक्ति के बहुत ही बड़े एवं एक अद्वितीय भक्त हैं एवं माँ आदिशक्ति के विभिन्न स्वरुपों पर अनेक स्वरचित संस्कृत श्लोकों का स्वत: ही निर्माण कर रखा है और जिला मंत्री यह बताते हैं कि यह सब रचना माँ आदिशक्ति की कृपा एवं प्रेरणा फलीभूत हुई हैं। जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि माँ आदिशक्ति की कृपा रहे तो मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं क्योंकि माँ आदिशक्ति के अद्भुत चमत्कार के आगे इस संसार में किसी की नही चलती।जब जब भी देवों एवं देवताओं पर कोई बड़ा संकट आ जाता है तो वे माँ आदिशक्ति की स्तुति कर उस संकट से निवारण हेतु प्रार्थना करते हैं।

अन्तत: माँ आदिशक्ति अपने तेजस्व चमत्कार से दुष्टों का नाश कर देवों एवं देवताओं के संकट का निवारण करती हैं।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि माँ की ममता का इस जगत में कोई तोल नहीं है,सब सम्पत्ति व्यर्थ है माँ की ममता के आगे इसमें कोई झोल नही है।इस अवसर पर उपस्थित आचार्य प्रकाशानन्द महराज ने कहा कि जिला मंत्री पर माँ आदिशक्ति की कृपा निरन्तर बनी रहती है और जिला मंत्री नित सत्य एवं न्याय के मार्ग पर चलकर वास्तविक मानव जीवन स्वरुप को फलीभूत कर रहे हैं।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक वार्ता के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ खण्ड कार्यवाह मेजा विंध्यवासिनी यादव,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल,शिवम विश्वकर्मा, भाष्कर विश्वकर्मा एवं रवि कुमार सहित आस पास बहुतायत श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

निर्धनों के चेहरे मुस्कुराए,मिट्टी के दिए दियाली प्रज्वलित से सुख व समृद्धि -सरदार पतविंदर सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह

नैनी प्रयागराज । भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि मिट्टी के दिए जलाने का धार्मिक महत्व भी है।दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाने से सुख व समृद्धि व शांति आती है। मिट्टी के दिए जलाना ना सिर्फ प्रकृति के अनुकूल,संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना पंचतत्वों से हुई है,जिसमें जल, वायु, आकाश, अग्नि और भूमि शामिल है।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि कुम्हारों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की अपील के असर से उनकी भी अच्छी दीपावली रहेगी। लोग मिट्टी के दीयों से घरों को सजायेंगे।आधुनिकता के इस दौर में मिट्टी के दीये की पहचान बरकरार रखने के कारण कुम्हारों को इस बार भी अधिक कमाई की उम्मीद जगी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को पारंपरिक चीजों को अपनाने को कहा है।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि कुम्हारों ने बताया कि साल भर कुल्हड़ की मांग ज्यादा रहती है। समाज सुधारक,समाज सेवी, सामाजिक कार्यकर्ता,भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने स्वच्छता अभियान कई घंटे श्रमदान करते हुए मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घर सुंदर,स्वच्छ बनाकर मोहल्ले वासियों को मोहल्ला सुपुर्द करते हुए उदाहरण प्रस्तुत किया ।

सरदार पतविंदर सिंह ने श्रमदान करते हुए दीपावली त्यौहार के आगमन पर विभिन्न घरों में जाकर स्वच्छता ही स्वास्थ्य की पहचान है का संदेश देते हुए श्रमदान कर हाथों से साफ सफाई पुताई करते हुए कहा कि स्वच्छता ईश्वर भक्ति के बराबर है केवल घर और पूजा स्थान ही स्वच्छ नहीं होना चाहिए बल्कि शरीर, मन और अपने आसपास के स्थान को भी साफ रखना चाहिए स्वच्छता ईश्वर की भक्ति का दूसरा रूप है सभी युवा एक साथ मिलकर अपने आसपास गरीब,निर्धन,कमजोर तबके के घरों में जाकर बराबर साफ- सफाई,रंगाई पुताई कर स्वच्छता बनाने का कार्य कर रहे हैं।

मण्डल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर पटेल का माल्यार्पण पुष्प अर्पित किया

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज में मण्डल रेल प्रबंधक/प्रयागराज, हिमांशु बडोनी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रयागराज मण्डल कार्यालय के संकल्प सभागार में सरदार बल्लभ भाइ पटेल को माल्यार्पण व पुष्प पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया । मण्डल रेल प्रबंधक/प्रयागराज ने माल्यार्पण के बाद उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की शपथ दिलायी। इस अवसर पर अपर मण्डल रेल प्रबंधक/सामान्य, संजय सिंह, वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी, मनीष खरे एवं अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

मिलावटी दूध का बढ़ रहा कारोबार, अंकुश लगाने की मांग

विश्वनाथ प्रताप सिंह

नैनी, प्रयागराज। दीपावली पर्व पर पूरे यमुनापार में मिलावटी दूध उपलब्ध है। मिलावटी दूध का बड़ा कारोबार मिलावट करने वालों का एक बड़ा संगठन संचालित कर रहा है जमुनापार में नैनी के सभी चौराहों पर मिलावटी दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे लोगों के लीवर किडनी पर बड़ा असर पड़ रहा है। पूरे क्षेत्र में जल्द से जल्द छापा मार कर नमूना एकत्रित कर इस पर अंकुश लगानें की आवश्यकता है अन्यथा किसी दिन मिलावट का धंधा करने में शामिल अधिकारियों के घरों में भी इसका असर पड़ सकता है।

योगी सरकार दे रही महाकुम्भ को नया आकार

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुम्भ की नव्यता, दिव्यता और भव्यता का एहसास कराना चाहती है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप महाकुम्भ ने एक नया आकार लेना शुरू कर दिया है। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु और यहां कई महाकुम्भ के साक्षी बने पुरोहित इतने बड़े स्तर पर हो रहे विकास कार्य को किसी आश्चर्य से कम नहीं मानते। उनका कहना है कि यह केवल योगी आदित्यनाथ की सरकार में ही सम्भव है, नहीं तो पूर्व की सरकारों ने यहां कोई ध्यान नहीं दिया।

प्रयागराज की धार्मिक एवं आध्यात्मिक विरासत के लेखक अनुपम परिहार ने अपनी पुस्तक में योगी सरकार के कई ऐतिहासिक निर्णयों का स्पष्ट उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा है कि पूर्व की सरकारों के रुचि न लेने के कारण यहां द्वादश माधव की परिक्रमा तक बंद कर दी गई थी। तीर्थराज में द्वादश माधव की परिक्रमा 1991 के बाद से नहीं हो पा रही थी। जिसे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत स्वर्गीय नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधिवत रूप से शुरू करवाया। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 6 फरवरी 2019 में कुम्भ के दौरान द्वादश माधव की परिक्रमा शुरू की गई। जिसका लाभ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय पुरोहितों और संतों को भी हुआ।

सीएम योगी की शुरूआत के बाद से आज भी यह परिक्रमा जारी है। प्रदेश सरकार ने महाकुम्भ के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। इसके साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लिए अलग से करोड़ों रुपए का बजट जारी किया गया है। धार्मिक आस्था एवं पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रयागराज के विभिन्न मंदिरों और पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इनमें अक्षयवट, सरस्वती कूप, पातालपुरी, बड़े हनुमान मंदिर, द्वादश माधव मंदिर, भरद्वाज आश्रम, नागवासुकी मंदिर और श्रृंगवेरपुर धाम का सौंदर्यीकरण सरकार की प्राथमिकता में है। यहां कई करोड़ खर्च कर सरकार जीर्णोद्धार का कार्य कर रही है। इन धार्मिक स्थलों के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से योगी सरकार की योजना महाकुम्भ के साथ-साथ प्रयागराज के पुरातन वैभव को वापस लाने की है। इस दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र होंगे।
महाकुम्भ पुलिस के आंख और कान बनेंगे युवा, सात स्तरीय सुरक्षा चक्र के साथ सुरक्षित आयोजन के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर

प्रयागराज। योगी सरकार महाकुम्भ को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही इसे सभी के लिए सुरक्षित बनाने पर भी जोर दे रही है। इसके लिए विभिन्न कार्ययोजना बनाई गई हैं। महाकुम्भ पुलिस की ओर से भी तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी क्रम में पुलिस द्वारा कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। खासतौर पर युवा वर्ग को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह आसपास होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखें और अगर उन्हें कहीं कोई गड़बड़ दिखाई दे तो वह तत्काल पुलिस को सूचित करें। इसका मतलब है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की ही नहीं है, बल्कि प्रयागराज के युवा भी अब पुलिस के आंख और कान बनकर काम करेंगे।

युवाओं की मूवमेंट का मिलेगा लाभ

महाकुम्भ को लेकर यूपी पुलिस की ओर से व्यापक तैयारियां की गई हैं। महाकुम्भ को सात स्तरीय सुरक्षा चक्र में विभाजित किया गया है। इसके अलावा आईसीसीसी के माध्यम से एआई से लैस सीसीटीवी कैमरों द्वारा संदिग्धों की निगरानी किए जाने की व्यवस्था की गई है तो वहीं मेला क्षेत्र में 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाने की तैयारी है।

कम्युनिटी पुलिसिंग का भी सहारा लिया जा रहा

इसी क्रम में सुरक्षा व्यवस्था को फुल प्रूफ बनाने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग का भी सहारा लिया जा रहा है। सोशल मीडिया और अन्य साधनों से प्रयागराज के जनमानस के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है कि उन्हें कहीं भी किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसमें युवाओं को खासतौर पर सम्मिलित किया जा रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में युवाओं का मूवमेंट स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के साथ-साथ प्रयागराज के विभिन्न स्थानों पर होता है।

स्वयंसेवकों के रूप में जुड़ेंगे युवा

एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि इस आयोजन में युवाओं का भी बहुत बड़ा योगदान होगा। वे डिजिटल मीडिया के माध्यम से महाकुम्भ को प्रोजेक्ट करने के लिए स्वयंसेवकों के रूप में हमारे साथ जुड़ेंगे और तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की आवाजाही समेत भीड़ प्रबंधन में भी पुलिस की सहायता करेंगे। इसके लिए कार्ययोजना बन चुकी है और जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।

संदिग्ध गतिविधियों पर रखेंगे नजर

उन्होंने कहा कि किसी बड़े आयोजन में कम्युनिटी का सहयोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है। दुनिया के सबसे बड़े सामूहिक आयोजन महाकुम्भ को भी सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस को जनपद के नागरिकों का सहयोग चाहिए। खासतौर पर युवा शक्ति का, जो हर कहीं पर सक्रिय है। सोशल मीडिया से लेकर जनपद के किसी भी हिस्से में उन्हें कुछ संदिग्ध नजर आता है तो वह पुलिस को सूचित कर सकते हैं।

युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा

इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है, उन्हें अपनी और आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति किन-किन मूल बातों को ध्यान में रखना है, इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न निजी संगठन और संस्थाएं भी इसमें पुलिस का सहयोग कर रही हैं। स्थानीय स्तर पर सेमिनार और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से युवाओं को इसमें पुलिस का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

महाकुम्भ : राजस्थान के लाल पत्थरों से सजाया जा रहा नागवासुकी मंदिर ,4.76 करोड़ रुपये से प्रदेश सरकार करा रही सौंदर्यीकरण

प्रयागराज। महाकुम्भ को दिव्य, भव्य और नव्य रूप देने के लिए यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों को सजाने संवारने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी के मद्देनजर दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन को लेकर पौराणिक मान्यता वाले नागवासुकी मंदिर को राजस्थानी लाल पत्थरों से सजाने संवारने का काम चल रहा है।

नागवासुकी मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम करा रही

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप यहां सौंदर्यीकरण के काम को अंतिम रूप देने के लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र में अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम दिन रात काम में जुटी है। प्रदेश सरकार 4.76 करोड़ रुपये से नागवासुकी मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम करा रही है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागवासुकी मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम हर हाल में 15 दिसम्बर तक पूरा कर लेने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। ऐसी मान्यता है कि महाकुम्भ में समुद्र मंथन करने वाले नागवासुकी के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष दूर हो जाता है।

इसलिए खास हैं राजस्थानी लाल पत्थर

राजस्थानी लाल पत्थर अपनी खूबसूरती एवं गुणवत्ता के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। ये पत्थर न तो जल्दी ठंडे होते हैं और न ही गर्म। इन पर पानी गिरने के बाद और निखार आ जाता है। इस पत्थर पर नक्काशी करना आसान होता है। इसीलिए यहां राजस्थानी लाल पत्थर का इस्तेमाल लिया जा रहा है।

नागवासुकी का पौराणिक महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन में देवताओं और राक्षसों ने नागवासुकी के सहयोग से ही समुद्र मंथन किया था। नागवासुकी को सुमेरु पर्वत में लपेटकर उनका प्रयोग रस्सी के तौर पर किया गया था।यहां प्राचीन नागवासुकी मंदिर के पुजारी पंडित श्याम बिहारी मिश्र के अनुसार समुद्र मंथन के बाद नागराज वासुकी लहूलुहान हो गए थे। भगवान विष्णु के कहने पर उन्होंने प्रयागराज में इसी जगह आराम किया था। इसी वजह से नागवासुकी मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन करते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि नागवासुकी के दर्शन के बिना तीर्थराज प्रयाग की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
मेरठ जेल में कैदी की मौत, राज्य सरकार व जेल प्रशासन से जवाब तलब ,जेल वार्डर से डेढ़ लाख मुआवजे की वसूली पर रोक

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जेल में कैदी की मौत के मुआवजे के तौर पर मानवाधिकार आयोग की संस्तुति पर याची से डेढ़ लाख रुपये की वसूली आदेश पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार, डीआईजी जेल प्रयागराज रेंज जेल प्रशासन एवं रिफार्म सेवाएं तथा एसएसपी जेल प्रशासन एवं रिफार्म सेवाएं लखनऊ से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने गाजियाबाद में जेल वार्डर पद पर तैनात जुल्फिकार अली की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि मेरठ जेल में कैदी सोमेंद्र की मौत हो गई। याची उस समय वहां जेल वार्डर था।

मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने मृतक कैदी के बच्चों को तीन लाख रुपए मुआवजा देने की संस्तुति राज्य सरकार से की। सरकार ने तीन लाख में से आधा डेढ़ लाख याची से वसूली का आदेश दिया। जिसके अनुपालन में जेल अधीक्षक मेरठ ने आदेश जारी किया। जिसे याचिका में चुनौती दी गई है।

याची का कहना है कि आदेश जारी करने से पहले उसका पक्ष नहीं सुना गया। उसे भी अपनी सफाई देने का अधिकार है। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है और याची से वसूली आदेश पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 21 नवम्बर को होगी।

महाकुम्भ में भीड़ नियंत्रण को तैनात होंगे 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी
प्रयागराज। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है। इसमें विभिन्न फोर्सेज को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है। महाकुंभ मेले के दौरान घुड़सवार पुलिस कर्मी हर समय मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे और पेट्रोलिंग करते रहेंगे। महाकुम्भ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रयागराज आने की सम्भावना है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। विशेषकर प्रमुख स्नान की तिथियों पर एक समय में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और संगम के घाट पर रहेंगे।

किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने भी जोरदार तैयारी की हुई है और एक व्यापक कार्ययोजना बनाई है। मेला सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार प्रदेश की विभिन्न पुलिस लाइन्स में घुड़सवार पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग कराई गई है। इस बार महाकुम्भ में 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी भीड़ नियंत्रण को लेकर तैनात किए जाएंगे। एक अधिकारी के अनुसार यह घुड़सवार कर्मी पैदल सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मियों से ज्यादा कारगर साबित होते हैं। खासकर घोड़े पर बैठा पुलिस का जवान ऊंचाई पर रहने के कारण अधिक दूरी तक नजर बनाए रखने में सक्षम होता है।

किसी भी संदिग्ध परिस्थिति को देखते ही वह न सिर्फ खुद बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों को मैसेज भेजकर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए नियत स्थान पर पहुंच सकता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घुड़सवार पुलिस के जवान का एक मनोवैज्ञानिक असर भी भीड़ पर होता है। कम बल लगाकर ही वे अधिक भीड़ को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं। महाकुम्भ में तैनात होने वाले घोड़े का नामकरण भी किया गया है। इन्हें महाराजा, चेतन, बाहुबली जैसे नाम दिए गए हैं। सभी प्रशिक्षित घुड़सवार जवानों को मेला प्रारम्भ होने से पहले पूरे क्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि उन्हें क्षेत्र की विस्तार से जानकारी हो जाए।