जन सुराज के अनोखे प्रत्याशी, एक मैट्रिक तो दूसरा इंटरमीडिएट पास: बगैर डिग्री के खुद को बता रहे रजिस्टर्ड चिकित्सक, पोस्टर बैैनरों में लिख रहे डॉ
गया. बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव होना है. चारों विधानसभा के लिए जनसुराज ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसमें गया जिले की दो विधानसभा सीट हैं. इन सीटों पर उप चुनाव होना है. इन दोनों सीटों इमामगंज और बेलागंज विधानसभा के लिए जनसुराज ने अपने प्रत्याशी के रूप में क्रमशः जितेंद्र कुमार और मोहम्मद अमजद को उतारा है. जितेंद्र कुमार इंटर पास है और मोहम्मद अमजद मैट्रिक पास. जितेंद्र कुमार के पास डॉक्टर की कोई डिग्री नहीं है, लेकिन उनके चुनावी पोस्टर बैनर में डॉक्टर जितेंद्र कुमार लिखा हुआ है. डॉक्टर लिखे जाने के बाबत उनसे पूछा गया तो उनका कहना था, कि वह बीएचएमडी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चौधरी राजनंदन प्रसाद के साथ 10 साल रहे. वे शिशु रोग विशेषज्ञ थे. मैं 10 साल साथ रहा, तो मैं भी शिशु रोग विशेषज्ञ हुआ.
प्रशांत किशोर के अजीबो-गरीब प्रत्याशी
प्रशांत किशोर सूलझे हुए राजनीतिक राजनीतीज्ञ है. कई मुख्य दलों के रणनीतिकार भी बने हैं. अब अपनी पार्टी बनाई है, लेकिन अपनी पार्टी की पहली परीक्षा में ही वह चित दिख रहे हैं. दरअसल, उन्होंने इमामगंज विधानसभा के लिए जिस उम्मीदवार की घोषणा की थी, उसका नाम उन्होंने डॉक्टर जितेंद्र कुमार बताया. वास्तव में ऐसा नहीं है, जितेंद्र कुमार ग्रामीण चिकित्सा सेवा से जुड़े हैं, लेकिन उनके पास डॉक्टर लिखने की कोई डिग्री नहीं है. इनका चुनाव प्रचार देखें, तो इनकी डिस्पेंसरी से लेकर बाजार में छाए पोस्टर बैनर में डॉक्टर जितेंद्र कुमार लिखा हुआ है. ऐसे में कई तरह के सवाल हैं, कि जितेंद्र कुमार.. डॉक्टर जितेंद्र कैसे हो गए. डॉक्टर जितेंद्र लिखा हुआ पोस्टर बैनर कैसे बांट रहे हैं. सबसे बड़ी बात कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने डॉक्टर जितेंद्र कुमार कह कर कैसे संबोधित कर दिया.
स्ट्रीटबज्ज न्यूज से कहा- बीएचएमडी शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ रहे तो मैं भी शिशु रोग विशेषज्ञ हुआ
इमामगंज विधानसभा से जन सुराज के प्रत्याशी जितेंद्र कुमार खुद को शिशु रोग विशेषज्ञ भी बताते हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने उनसे सवाल पूछा तो उनका कहना था, कि वह ग्रामीण चिकित्सक हैं, लेकिन बीएचएमडी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चौधरी राजनंदन प्रसाद के साथ 10 सालों तक रहे. यही वजह है कि वह शिशु रोग विशेषज्ञ ही हुए.
डॉक्टर की डिग्री के लिए पढ़ाई चल रही
इमामगंज से जनसुराज के प्रत्याशी जितेंद्र कुमार ने बताया कि 1994 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. वही, 1996 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. इन्होंने स्ट्रीटबज्ज न्यूज को बताया कि शतानंद कॉलेज शेरघाटी से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी, जबकि हलफनामे में इन्होंने साफ लिखा है, कि उनकी शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट है, जो कि ओपन शिक्षा संस्थान से है. इसका साल 2013 दिया गया है. अब ऐसे में सवाल उठता है, कि इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा 1996 में पास की या 2013 में.
हलफनामे में में यह बताया
जितेंद्र कुमार ने नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे में बताया है कि वह समाज सेवा एवं रजिस्टर्ड चिकित्सक हैं. समाज सेवा एवं रजिस्टर्ड चिकित्सक के रूप में वे सेवा प्रदान करते हैं. वह बताते हैं, कि वह गरीब घराने के बेटा रहे हैं. बीएचएमडी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चौधरी राजनंदन प्रसाद के साथ 10 साल तक रहे. पेशे से ग्रामीण चिकित्सक है. ग्रामीण के बीच फर्स्ट ऐड करते हैं. बिना पैसे का भी इलाज करते हैं. मैट्रिक 1994 में किया और 1996 में इंटर की परीक्षा शतानंद गिरी कॉलेज शेरघाटी से की. पूछा गया कि चुनाव प्रचार कर रहे हैं और खुद को शिशु रोग विशेषज्ञ भी बताते हैं. इस पर इनका साफ कहना था कि वह बीएचएमडी डॉक्टर के साथ 10 साल तक रहे, इसलिए वह खुद को शिशु रोग विशेषज्ञ भी लिखते हैं. अभी ग्रामीण चिकित्सक हैं. बीएनवाईएस जोधपुर से डॉक्टर की डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं. अभी सेकंड ईयर चल रहा है.
हलफनामे में इन्हें जानिए
वही, इनके द्वारा दिए गए हलफनामे में बताया गया है, कि वह इमामगंज विधानसभा क्षेत्र 227 से जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार हैं. इनके खिलाफ पूर्व में केस भी रहा है. पेशा समाज सेवा एवं रजिस्टर्ड चिकित्सक के रूप में सेवा प्रदान करना है. शैक्षणिक अर्हता इंटरमीडिएट है, जिसे एनआई ओपन शिक्षा संस्थान से 2013 में किया. वहीं, बात करे, तो उनके पास डॉक्टर की कोई डिग्री नहीं है, लेकिन जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से लेकर इमामगंज विधानसभा के जन सुराज प्रत्याशी जितेंद्र कुमार खुद को डॉक्टर जितेंद्र कुमार के रूप में लिखकर और बोलकर जनता के सामने परोस रहे हैं. कहीं न कहीं यह फर्जीवाङे का मामला हो सकता है, क्योंकि यदि कोई डॉक्टर की डिग्री नहीं है, तो चुनाव प्रचार के पोस्टर में वह खुद को डॉक्टर कैसे लिख रहे हैं. इंटरमीडिएट पास करने को लेकर भी विपरीत बयान सामने आ रहे. ऐसे में जन सुराज के इस प्रत्याशी को लेकर कई सवाल हैं. हालांकि इसकी स्क्रूटनी के बाद इनका नामांकन रद्द नहीं हुआ है. वैसे डॉक्टर से जुड़े कई बातों को लेकर जितेंद्र कुमार चुप्पी साध गए.
हलफनामे में क्या लिखा है, दोनों प्रत्याशियों के बारे में जाने
इमामगंज विधानसभा से जनसुराज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान है. इन पर दो केस रहे हैं. इनके हाथ में 1 लाख 10 हजार नकदी है. यह रायल बुलेट से चलते हैं. कीमत डेढ़ लाख से अधिक है. इनके पास डेढ लाख का सोना भी है. 17 कट्ठा जमीन के मालिक हैं. यह इंटरमीडिएट पास है, जो कि ओपन शिक्षा संस्थान से 2013 में इंटरमीडिएट पास किया है. इन्होंने खुद को समाज सेवा के साथ-साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक बताया है. उनकी पत्नी शिक्षिका भी है.
मैट्रिक पास जनसुराज के बेलागंज प्रत्याशी
वही, मोहम्मद अमजद बेलागंज से जनसुराज के उम्मीदवार है. यह मैट्रिक पास हैं. इनके खिलाफ पांच केस दर्ज रहे हैं. विभिन्न संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज रहा है. यह 19 लाख की कार से चलते हैं. इनका पेशा कृषि और व्यापार का है. उनकी शैक्षणिक अर्हता मैट्रिक की है. इन्होंने बेलागंज उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास की है. इनके हाथ में नगदी 6 लाख 30 हजार हैं. मैट्रिक पास जनसुराज के बेलागंज विधानसभा के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद के खिलाफ विभिन्न थानों में पांच केस दर्ज रहे हैं.
ओपन संस्थान से नहीं मिलती डॉक्टर की डिग्री, ग्रामीण चिकित्सक खुद को रजिस्टर्ड नहीं लिख सकते, डॉक्टर लिखना बिल्कुल गलत
वही, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि किसी भी ओपन संस्थान से डॉक्टर की डिग्री नहीं मिलती है. इंटरमीडिएट पास खुद को डॉक्टर नहीं बता सकता है. यदि कोई ऐसा करता है और खुद को रजिस्टर्ड चिकित्सक बताता है, तो यह गलत है. कोई भी ग्रामीण चिकित्सक खुद को डॉक्टर नहीं लिख सकता है. यदि चुनाव में कोई ग्रामीण चिकित्सक उम्मीदवार खुद को डॉक्टर बता कर प्रचार कर रहे हैं, तो यह फर्जीवाड़ा का मामला है.
रिपोर्ट: मनीष कुमार
Oct 30 2024, 12:57