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अनुशासनहीनता के आरोपी शिक्षकों की बर्खास्तगी पर छात्र-शिक्षकों ने जताई खुशी

पूर्वांचल विश्वविद्यालय कुलपति के फैसले की प्रशंसा

मल्हनी (जौनपुर)।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने अनुशासनहीनता और अनैतिक गतिविधियों पर कठोर कदम उठाते हुए दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इस कदम का स्वागत करते हुए छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह के निर्णय की प्रशंसा की है और इसे विश्वविद्यालय की गरिमा और नैतिकता को बनाए रखने की दिशा में उचित बताया है।

पर्यावरण विभाग के संविदा प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय पर यौन उत्पीड़न के आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस घटना से विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल बना हुआ था, और छात्रों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ. विनय वर्मा पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी करने और अनुशासनहीनता के आरोप थे।

जांच के बाद कार्यपरिषद की सिफारिश पर कुलपति ने उन्हें भी बर्खास्त कर दिया।दोनों शिक्षकों की बर्खास्तगी के निर्णय के बाद विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया और इसे अनुशासन और नैतिकता को बनाए रखने का सकारात्मक कदम बताया।पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कठोर निर्णय स्पष्ट संकेत देता है कि अनुशासनहीनता और अनैतिक व्यवहार किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। छात्रों और शिक्षकों ने इस फैसले का समर्थन करते हुए इसे शैक्षणिक माहौल को स्वच्छ बनाए रखने में महत्वपूर्ण बताया।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय:परीक्षा फॉर्म तिथि में कोई बदलाव नहीं

मल्हनी (जौनपुर):वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक, डॉ. विनोद कुमार सिंह ने गाजीपुर और जौनपुर के महाविद्यालयों में अध्ययनरत यूजी-पीजी सेमेस्टर छात्रों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब परीक्षा फॉर्म भरने की ऑनलाइन आवेदन तिथि तबतक नहीं बढ़ाई जाएगी, जब तक की समर्थ पोर्टल पर लॉगिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है।

डॉ. सिंह ने निर्देश दिए कि सभी छात्र-छात्राएं सबसे पहले समर्थ पोर्टल पर लॉगिन करें और आवश्यक जानकारी भरें। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पोर्टल की प्रक्रिया सुव्यवस्थित और सरल है, जिसमें छात्रों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। डॉ. सिंह ने छात्रों को आश्वस्त किया कि फॉर्म भरने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं।

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि आवेदन प्रक्रिया के लिए समर्थ पोर्टल पर लॉगिन करना अनिवार्य है। सभी छात्रों को पहले लॉगिन प्रक्रिया पूरी करनी होगी, इसके बाद ही वे फॉर्म भर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को बार-बार पोर्टल पर लॉगिन की प्रक्रिया समझने में सुविधा मिलेगी और वे इसे सहजता से पूरा कर पाएंगे।परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान छात्रों को किसी प्रकार की घबराहट की आवश्यकता नहीं है। समर्थ पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाया गया है, जिससे छात्रों को भौतिक रूप से उपस्थित होकर फॉर्म जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

यह कदम छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है ताकि वे अपने फॉर्म समय पर और सरलता से जमा कर सकें।

समयबद्धता का पालन आवश्यक

डॉ. सिंह ने सभी छात्रों से आग्रह किया कि वे समय का पालन करें और समर्थ पोर्टल पर समय रहते अपने आवेदन पूर्ण करें। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से विश्वविद्यालय छात्रों को एक आधुनिक और सुगम तरीका प्रदान कर रहा है, जिसमें समय की बचत भी होती है और आवेदन में किसी प्रकार की गलती की संभावना कम होती है।परीक्षा नियंत्रक का यह बयान छात्रों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए जारी किया गया है, और इसका उद्देश्य छात्रों को सही समय पर और व्यवस्थित रूप से आवेदन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करना है।

वेब सीरीज का बढ़ता प्रभाव: बड़े कलाकारों के सामने काम का संकट

जौनपुर। देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और वेब सीरीज की बढ़ती लोकप्रियता ने फिल्म इंडस्ट्री की पुरानी चमक को धुंधला कर दिया है। जहां नए और उभरते कलाकारों को वेब सीरीज के माध्यम से दर्शकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है, वहीं पुरानी पीढ़ी के कई बड़े कलाकार फिल्मों में अवसरों की कमी से जूझ रहे हैं।

वेब सीरीज की ओर दर्शकों का बढ़ता रुझान

फिल्म लगान के प्रोडक्शन मैनेजर और ऑस्कर नामांकित आशुतोष गवारिकर की टीम के सदस्य अकरम शाह ने अपने पैतृक निवास पर दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत में कहा, "आज दर्शक सिनेमाघरों के बजाय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिता रहे हैं, जहां मनोरंजन की सुविधाएं मुफ्त या कम खर्च में उपलब्ध हैं। इसी कारण बड़े बजट की फिल्मों को अपेक्षित दर्शक नहीं मिल रहे और कई बड़े कलाकार काम की कमी का सामना कर रहे हैं।"

बाबा सिद्दीकी की हत्या से मुंबई में गहराया रहस्य

मुंबई के बांद्रा में सामाजिक कार्यकर्ता बाबा सिद्दीकी की रहस्यमयी हत्या ने इलाके में हलचल मचा दी है। सिद्दीकी की हत्या के पीछे कौन है, इसका खुलासा करने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है। इस पर अकरम शाह ने कहा, "समाज में किसी व्यक्ति का आचरण उसके मूल्यों को दर्शाता है। बुराई का विरोध और अच्छे कार्यों का समर्थन समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है। यदि हम गलत को अनदेखा करेंगे, तो ऐसी घटनाएं समाज के नैतिक मूल्यों को कमजोर करेंगी।"

सिनेमाघरों से दूर होते दर्शक: फिल्म इंडस्ट्री के सामने नई चुनौती

अकरम शाह का कहना है कि आज कई डिजिटल प्लेटफॉर्म दर्शकों को कम शुल्क में मनोरंजन उपलब्ध कराते हैं, जिससे सिनेमाघरों की ओर लोगों का झुकाव कम हो रहा है। सिनेमाघरों में जाने का खर्च, जिसमें टिकट और अन्य खर्चे शामिल हैं, आम दर्शकों के लिए महंगा हो रहा है, जिससे सिनेमा हॉलों में दर्शकों की संख्या लगातार घट रही है। यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसका असर पूरे इंडस्ट्री पर पड़ रहा है।

फिल्म इंडस्ट्री में अकरम शाह का महत्वपूर्ण योगदान

अकरम शाह ने अपने करियर की शुरुआत एड फिल्मों से की और सरफरोश, लगान, अग्नि वर्षा, ढूंढते रह जाओगे, स्वदेश और जाने तू या जाने ना जैसी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा, आमिर खान के टॉक शो सत्यमेव जयते में बतौर लाइन प्रोड्यूसर उनके काम को काफी सराहा गया है। उनका अनुभव इस बात का प्रमाण है कि यह संकट केवल बड़े कलाकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इंडस्ट्री के कई अनुभवी पेशेवर इससे प्रभावित हो रहे हैं।

फिल्म इंडस्ट्री और वेब सीरीज के सह-अस्तित्व की जरूरत

अकरम शाह का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री को बदलते दौर के साथ वेब सीरीज के सह-अस्तित्व का रास्ता निकालना चाहिए, ताकि सभी कलाकारों को काम के समान अवसर मिलें और सिनेमा हॉल की अहमियत बनी रहे।