मेक इन इंडिया” की मिसाल, भारत में पहली बार बनेंगे मिलिट्री एयरक्राफ्ट, पीएम मोदी और स्पेन के पीएम करेंगे उद्घाटन
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भारत की एविएशन इंडस्ट्री में आज से एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है।आज भारत के डिफेंस सेक्टर में निजी भागीदारी को बड़ा बूस्ट मिलने वाला है. अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। इसके लिए वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है। स्पेन की कंपनी एयरबस के सहयोग से टाटा समूह भारत में C-295 विमान बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के साथ मिलकर निजी क्षेत्र के इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज वडोदरा पहुंचे, जो 18 वर्षों में किसी स्पेनिश राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा है। भारत-स्पेन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह आधिकारिक यात्रा अहम है। वडोदरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने राष्ट्रपति सांचेज का स्वागत किया। अपनी यात्रा के दौरान स्पेन के राष्ट्रपति सांचेज, प्रधानमंत्री मोदी के साथ वडोदरा में C295 विमान के फाइनल असेंबली लाइन प्लांट का उद्घाटन करेंगे, जो विमानन क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत प्रमुख पहल है। इस प्लांट की स्थापना टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने एयरबस स्पेन के साथ मिलकर की है।
एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम मिलकर वडोदरा प्लांट में 40 विमान बनाएंगे। यह प्लांट भारत में सैन्य विमानों के लिए किसी प्राइवेट सेक्टर की पहली फाइनल असेंबली लाइन होगी। इसमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर एसेंबलिंग, टेस्टिंग, डिलीवरी और मेंटनेंस का पूरा इकोसिस्टम शामिल होगा। टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसी दिग्गज सरकारी डिफेंस कंपनियां भी इसमें शामिल होंगी। C295 एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट है।
खास बात है कि टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रहे दिवंगत रतन टाटा के रहते ही एयरबस और टाटा समूह में यह एग्रीमेंट हो गया था। टाटा ग्रुप 2026 तक पहला हवाई जहाज बनाएगा। भारत में बनने वाला यह प्लेन, विमानन विकास और विनिर्माण यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके प्रोडक्शन से भारत का की एयरोस्पेस इंडस्ट्री और मजबूत होगी औक देश इस सेक्टर आत्मनिर्भर बनने की राह पर बढ़ेगा।
इससे ना सिर्फ देश में हवाई जहाज बनेंगे बल्कि इस इंडस्ट्री से जुड़े योग्य लोगों को नौकरियां के अवसर भी मिलेंगे। यह प्रोजेक्ट विभिन्न साइट्स पर सीधे तौर पर 3,000 से अधिक नौकरियाँ पैदा करेगा और सप्लाई चैन में 15,000 से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगा। यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक विमान की असेंबली के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और उसके आपूर्तिकर्ताओं को 1 मिलियन घंटे से ज्यादा लेबर की आवश्यकता होगी। इस प्लांट के शुरू होने से एविएशन इंडस्ट्री में ना सिर्फ नई नौकरियां आएंगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती भी देगी।
Oct 28 2024, 10:40