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मुख्यमंत्री योगी ने महराजगंज में 940 करोड़ रुपये की 505 विकास परियोजनाओं का किया लाेकार्पण एवं शिलान्यास
लखनऊ /महराजगंज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को विकास और विरासत से जोड़ने का आह्वान करते हुए वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर तथा विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। पर, स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों तथा आम नागरिकों के लिए भी विचारणीय आत्मावलोकन का अवसर है कि विकसित भारत के निर्माण में उनकी क्या भूमिका होनी चाहिए। आवश्यकता है कि नगर पंचायत और स्थानीय निकाय विकास के उन आयामों से जुड़ें जो नागरिक सुविधाओं का विस्तार करने के साथ ही रोजगार सृजन भी करें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को जनपद के चौक बाजार में 940 करोड़ रुपये की 505 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास तथा नगर पंचायत चौक बाजार के नवनिर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग, एमएसएमई, कृषि विभाग, उद्यान विभाग की लाभार्थीपरक योजनाओं समेत मुख्यमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना, दिव्यंगजन सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, चाबी, प्रमाण पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत युवाओं को टैबलेट वितरित किए।

इस अवसर पर योगी ने राजस्व विभाग, युवा कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, होमगार्ड तथा समाज कल्याण विभाग में नियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने इन सभी लोगों को दीपावली का उपहार भी प्रदान किया। लोकार्पण और शिलान्यास की परियोजनाओं में सड़क, शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा स्वास्थ्य, निराश्रित गोवंश, स्ट्रीट वेंडर के लिए वेंडिंग जोन, पेयजल, पर्यटन विकास, पुलिस, अग्निशमन आदि से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है। कहीं पर बड़े-बड़े हाईवे बन रहे हैं। एयरपोर्ट बन रहे हैं। मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, स्कूल कॉलेज बन रहे हैं। तो इसके साथ ही उद्योग और रोजगार को लेकर भी अनेक कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार के इस काम में साथ देने के लिए स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायत और नागरिकों को भी अपनी भूमिका पर विचार करना होगा।

मुख्यमंत्री ने ग्राम सचिवालय की तर्ज पर नगर पंचायत के सचिवालय का स्वरूप तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ग्राम सचिवालय नागरिकों की सुविधा के साथ रोजगार सृजन के केंद्र बने हैं, वैसे ही नगर पंचायत के सचिवालय को भी विकसित किया जा सकता है।

उन्होंने ने कहा कि आज ग्राम पंचायतें पांच प्रकार से रोजगार देने के केंद्र भी बन रही हैं। पहला ग्राम सचिवालय से आय, जन्म, मृत्यु, निवास जैसे अनेक प्रमाण पत्र बनाए जाने से वहां सहायक के रूप में कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की गई है। इससे लोगों को प्रमाण पत्रों के लिए तहसील या मुख्यालयों पर नहीं जाना पड़ रहा है और साथ ही एक युवा को नौकरी भी मिल गई है। ग्राम पंचायत में दूसरी जॉब सार्वजनिक शौचालय के निर्माण से मिल रही है। इसके संचालन के लिए ग्राम पंचायत द्वारा एक महिला को नौकरी दी जाती है जिसका वेतन यूजर चार्ज से दिया जाता है। गांव में तीसरी नौकरी बीसी सखी के रूप में मिल रही है। बीसी सखी ग्रामीणों को बैंकिंग लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं और इसके लिए उसे मानदेय तथा इंसेंटिव मिलता है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 42 हजार बीसी सखी कार्यरत हैं। ग्राम पंचायत में चौथा जॉब कन्वेंशन सेंटर से मिलेगा। गांव में कन्वेंशन सेंटर होने से लोगों को शादी विवाह आदि के आयोजनों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके रखरखाव के लिए रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में पांचवा जॉब कोटे की दुकान पर मिलेगा। कोटे की दुकान पर अब राशन के साथ ही सामान्य उपभोक्ता के लिए उपयोगी सामानों की भी बिक्री की जा सकेगी। इसके लिए सरकार गोदाम बनवाएगी, जहां गांव के ही एक व्यक्ति को नौकरी मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से सरकार की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने का काम तो होगा ही, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में पंचायतों की आत्मनिर्भरता का विजन भी सरकार हो पाएगा।
निवेश के लिए जिलाधिकारियों की होगी ऋण बढ़ाने की जिम्मेदारी : मुख्य सचिव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों और उद्यमियों को कम ऋण मिलने पर सरकार चिंतित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिलों में जिलाधकारी और मंडलायुक्तों को ऋण का फ्लो (क्रेडिट:डिपोजिट)
बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही उन्हें अपने जिले में निवेश को भी धरातल पर उतारना होगा। अधिकारियों को अपनी सालाना एसीआर रिपोर्ट में यह लिखना होगा कि बीते एक वर्ष में उनके प्रयास से जिले में कितना निवेश आया है।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को लोकभवन में पत्रकार वार्ता कर बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश किए जाने व रोजगार सृजित किए जाने पर निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति के साथ-साथ 25 सेक्टोरल पॉलिसी लॉन्च की गई। इन नीतियों में आकर्षक सुविधाएं उद्योगों के लिए उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिलाधकारी और मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर जिलों में निवेश की पूरी जानकारी ली गयी है।

योगी सरकार में पिछले साढ़े सात साल में साढ़े सात लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 40 लाख करोड़ का निवेश आया है। इसमें डेढ़ करोड़ लोगों को नौकरी/रोजगार मिलने की उम्मीद है। सरकार चाहती है कि यह निवेश धरातल पर उतरे। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। उन्होंने कहा कि दोनों अधिकारियों(जिलाधिकारी और मंडलायुक्त) को बेहतर कार्य करने को कहा गया है। जिलाधिकारी अबतक उनके जिले में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने का कार्य करेंगे।

जिलों को लक्ष्य के सवाल पर उन्होंने बताया कि हर जिलाधिकारी के लिए उनके जिलों के हिसाब से अलग-अलग निवेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। सालाना एसीआर में भी अधिकारियों की इस उपलब्धि को शामिल किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारी को प्रमोशन के सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि अब तक तो नहीं था लेकिन अब इसे शामिल कर लिया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले अधिकारी को प्रोत्सान की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि पारदर्शी औद्योगिक निवेश को प्रमोट करने के लिए राज्य की मौद्रिक नीति को मजबूती दी जानी आवश्यक है। पिछले कुछ समय में क्रेडिट:डिपोजिट में वृद्धि हुई है लेकिन इसे और भी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए पर्याप्त ऋण की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण घटक है। ऋण का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारियों को दी गयी है।
निषाद पार्टी के साथ उपचुनाव की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी भाजपा : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक


लखनऊ। उप्र में एनडीए गठबंधन में सहयोगी दल निषाद पार्टी को उपचुनाव में एक भी सीट न मिलने के बाद सियासी गलियारों में उठ रही तरह—तरह की चर्चा पर पर विराम लगाते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और निषाद पार्टी अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। निषाद पार्टी की कोर कमेटी बैठक के बाद दोनों ही नेताओं ने प्रेसवार्ता करते हुए समाजवादी पार्टी और विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी दलों को जनता के बीच जाकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उप्र में उपचुनाव की सभी सीटों पर भाजपा की जीत होगी।

संजय निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता खुले मन से गठबंधन धर्म निभाएंगे। प्रदेश की नौ सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी प्रत्याशियों का समर्थन करते हुए हमारे कार्यकर्ता व पदाधिकारी उन्हें जीताने में लगेंगे। इस चुनाव में निषाद समाज भी पूरी तरह भाजपा के साथ देगा और विपक्षी दलों को मात देने के लिए साथ खड़ा रहेगा। संजय निषाद ने कहा कि आज सुबह हमारी पार्टी की कोर कमेटी के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बात हो गई है कि आरक्षण के मुद्दे पर बैठ कर आगे बात करेंगे कि इसे कैसे करना है, इसकी जानकारी उन्हें दी गई। उन्होनें कहा कि विपक्ष के लोग हमेशा चुनाव में गलत नैरेटिव बनाते हैं। हमारी शुरू से यही मांग है, हमारे मुद्दें वहीं हैं जिनको ध्यान में रखकर हमने उपचुनाव में बलिदान (टिकट न लेकर) दिया है, हमारे लिए आरक्षण प्रथम मुद्दा है। एनडीए गठबंधन से रिश्ते को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए संजय निषाद ने कहा कि ये आने-जाने वालों में से हम नहीं है। साथ है तो 27 में भी साथ रहेंगे। बड़े दिल के साथ हम एनडीए के साथ रहेंगे।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संजय निषाद ने गठबंधन धर्म का पालन किया है। निषाद पार्टी-भाजपा मिलकर उप्र में धरातल पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में निषाद समाज पर अत्याचार हुआ। सवालों के जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री श्री पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारी निवेश आया। यूपी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की जनता अब विपक्ष (सपा-कांग्रेस) व अन्य दलों से गुमराह नहीं होगी। जीत महत्वपूर्ण है, सभी सीटों पर जीत होगी।

उल्लेखनीय है कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ संजय निषाद उप्र में हाेने जा रहे उपचुनाव में दाे सीटाें की दावेदारी कर रहे थे। एनडीए गठबंधन में सहयाेगी दल हाेने के नाते सियासी चर्चा भी चल रही थी उनकी पार्टी काे टिकट मिलेंगे। लेकिन उनके दिल्ली में काफी जाेर आजमाइश के बावजूद उनकी पार्टी काे इस चुनाव में एक भी सीट पर चुनाव लड़ने का माैका नहीं मिला। दिल्ली में भाजपा आलाकमान से बातचीत के बाद आज उन्हाेंने अपनी पार्टी की काेर कमेटी के साथ सुबह बैठक की और फिर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ प्रेस वार्ता कर निषाद पार्टी ने उपचुनाव की रणनीति काे साझा किया।
सपा के '27 के सत्ताधीश' के जवाब में निषाद पार्टी का जवाब, खुद को बताया '27 का खेवनहार'

लखनऊ । यूपी में उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद राजनीतिक दलों में वार-पलटवार भी तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के '27 के सत्ताधीश अखिलेश' पर पलटवार करते हुए निषाद पार्टी ने कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद को '27 का खेवनहार' बताते हुए लखनऊ में पांच कालिदास मार्ग और भाजपा मुख्यालय के पास पोस्टर लगाए हैं। इससे सियासत गरमा गई है।

इस पर निषाद पार्टी के प्रवक्ता और सचिव अजय सिंह का कहना है कि 2027 में निषाद पार्टी ही यूपी में एनडीए की खेवनहार बनेगी। वहीं, खुद संजय निषाद ने कहा है कि इस तरह के पोस्टर पार्टी के लोगों ने लगाए हैं।शुक्रवार सुबह उपचुनाव को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ की गई प्रेसवार्ता में डॉ. संजय निषाद ने कहा कि हमें एनडीए में सीट नहीं बल्कि जीत चाहिए। निषाद समाज को हक चाहिए। बसपा-सपा ने आरक्षण के मुद्दे को लटकाए रखा। हम देश और समाज के हित में सीटों की दावेदारी नहीं करते हैं।

इसके पहले बुधवार को शहर में जगह-जगह लगाए गए सपा के पोस्टर पर अखिलेश यादव को 27 का सत्ताधीश बताया गया था। पोस्टर पर लिखा हुआ था कि 24 में जनता का आशीष, दीवारों पर लिखा है, कौन होगा... सत्ताईश का सत्ताधीश। पोस्टर में दाहिनीं तरफ अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई गई थी।बता दें कि उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 25 अक्तूबर है। मतदान 13 नवंबर को और परिणाम की घोषणा 23 नवंबर को होगी।
लखनऊ में किसान पथ पर निजी बस पलटी, चालक की मौत सहित दस यात्री घायल
लखनऊ।राजधानी में सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के किसान पथ पर अमेठी से दिल्ली जा रही एक निजी बस डायवर्जन के पत्थर से टकराकर पलट गई। बस पलटने पर अमेठी के सूरतगंज निवासी बस चालक भूषण मौर्या की मौत हो गई और दस यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई।

घटना की जानकारी मिलने पर एसीपी कृष्णानगर विनय कुमार द्विवेदी, एसडीएम सरोजनीनगर सचिन कुमार वर्मा, एसओ सरोजनीनगर सुमित प्रताप सिंह और सरोजनी नगर थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच कर यात्रियों को बस से निकाल कर अस्पताल भेजा।अमेठी निवासी बस कंडक्टर राजेंद्र ने बताया कि दिल्ली की किरन बस सर्विस की डीएल आईपीडी 1638 नम्बर की बस अमेठी से करीब 22 यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए निकली थी। भूषण मौर्या उर्फ हनुमान बस चला रहे थे। सरोजनीनगर के दरोगा खेड़ा के निकट किसान पथ पर डायवर्जन के लिए सड़क पर रखे पत्थर से बस टकरा गई।

एसीपी विनय ने बताया कि घायल यात्रियों को लोकबंधु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसे में चालक की मृत्यु हुई है और उसके परिजनों को सूचित किया गया है। मौके से बस को क्रेन लगाकर हटवाया गया है। किसान पथ पर यातायात व्यवस्था फिर से सुचारू रूप से चल रही है।सरोजिनी नगर के विधायक राजेश्वर सिंह भी देर रात लोग बंधु अस्पताल में घायलों का हाल-चाल लेने पहुंचे और उन्होंने वहां अपने कार्यकर्ताओं को डटे रहने को कहा। घायलों की हर संभव मदद करने का विधायक ने आश्वासन भी दिया।
भाजपा सरकार में किसान, नौजवान और गरीब परेशान : अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों का शोषण कर रही है। किसान, नौजवान और गरीब भाजपा सरकार में दुःखी और परेशान है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हो रही है। किसानों को आलू, गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए डीएपी, यूरिया और अन्य खादें नहीं मिल रही है।

पिछले एक पखवारे में मैनपुरी, कन्नौज समेत कई जिलों के किसानों ने डीएपी की कमी को लेकर प्रदर्शन किया था। बीते सोमवार को चित्रकूट में डीएपी न मिलने से परेशान किसान ने अपने खेत में आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसानों को फसलों की बुआई के लिए खाद, बीज होने का दावा करने वाली सरकार को किसानों की समस्याएं नहीं दिख रही है।

इस सरकार में भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड टूट गये हैं। झूठ और लूट का बोलबाला है। किसानों के धान खरीद का समुचित इंतजाम न होने से किसान इधर-उधर भटक रहा है। जहां धान खरीद शुरू की गई है वहां पर धान की बोरी से चोरी की खबरें आ रही है।हाथरस मंडी समिति में धान बेचने वाले किसानों से लूट हो रही है। जब से भाजपा की सरकार आयी है हर फसल के साथ यहीं हाल है। किसानों को फसलों की सही कीमत नहीं मिल रही है। गन्ना किसानों के साथ भाजपा सरकार का शोषण लगातार जारी है। महंगाई के कारण फसलों का लागत मूल्य बढ़ता जा रहा है। गन्ना मूल्य को लेकर किसानों में भारी असंतोष है।

सरकार ने पिछला बकाया गन्ना का पूरा भुगतान नहीं कराया। किसानों की आय दोगुना करने का वादा भाजपा सरकार दस साल में भी पूरा नहीं कर पायी। भाजपा की शोषणकारी नीतियों से किसान त्रस्त और परेशान है। आने वाले विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में किसान, नौजवान इस शोषणकारी भाजपा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे।
यूपी : 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे मिलेगी बिजली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का ऐलान किया है। गुरुवार को आहूत प्रदेश स्तरीय बैठक में आगामी पर्व-त्योहारों के सुचारु आयोजन, स्वच्छता, बेहतर कानून व्यवस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक (ज़ोन), समस्त पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, आदि वरिष्ठ अधिकारियों की सहभागिता रही। बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवों से त्योहारों के दृष्टिगत उनकी विभागीय तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और दिशा निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द पूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं। रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दशहरा और श्रावणी मेले हों या फिर ईद, बक़रीद, बरावफ़ात, मुहर्रम आदि पर्व, हर पर्व-त्योहार पर प्रदेश में सुखद माहौल रहा। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।

आने वाले दिनों में धनतेरस, अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं। इसके अलावा अयोध्या में पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि में है। शांति, सुरक्षा और सुशासन के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। पिछले अनुभवों से सीख लें। पर्व- त्योहारों के इस समय में पुलिस और प्रशासन सहित पूरी टीम यूपी को 24×7 अलर्ट रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। पिछले एक माह की गतिविधियों की समीक्षा करें और चिन्हित उपद्रवियों/अराजक तत्वों को पाबंद करें। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। यह हर्ष और उल्लास का समय है, इसमें उपद्रव स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों/उपद्रवियों को उनकी भाषा में ही जवाब देना उचित होगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर चौकसी बढाएं। हर जिले में ऐसी टीम होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर निगरानी करती रहे। यहां फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह/फेक न्यूज़ प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी और काली की प्रतिमा स्थापना की भी परंपरा है। प्रतिमा स्थापना कराने वाली संस्थाओं/समितियों से संवाद करें। संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए। दीपावली से पहले अलग-अलग समुदाय के धर्माचार्यों और पीस कमेटी के साथ संवाद-समन्वय बना लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धनतेरस/दीपावली के अवसर पर हर आय वर्ग का परिवार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। बाजारों में चहल-पहल अधिक होगी। इस बीच सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान यह सुनिश्चित करें कि कहीं से भी व्यापारियों के उत्पीड़न की शिकायत न आए। व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग लें और उन्हें अपेक्षित सहयोग दें।

दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों/गोदामों का आबादी से दूर होना सुनिश्चित कराएं। जहां पटाखों का क्रय, विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे। पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो। इन्हें लाइसेंस, एनओसी समय से जारी कर दिया जाए। पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए।उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पहले निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाए। इसमें किसी स्तर पर विलम्ब नहीं होना चाहिए। एजेंसियों से भी समन्वय बना लें।

पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे।

छोटी सी घटना लापरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है। त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस वर्ष 30 अक्टूबर को होना है। भव्य, दिव्य, नव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है। स्वाभाविक रूप से इस बार दीपोत्सव में श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक होगी। इसी प्रकार, 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी। ऐसे में दोनों ही महत्वपूर्ण आयोजनों में सेफ्टी-सिक्योरिटी और क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए। दीपोत्सव और देव दीपावली की गरिमा के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए।

छठ पर्व को 'स्वच्छता और सुरक्षा' के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए। छठ महापर्व पर पूजा/अनुष्ठान के दौरान पूरे प्रदेश में स्वच्छ्ता का माहौल हो, इसके लिए नगर विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जायें। लोगों की आस्था का यथोचित सम्मान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि नदियां/जलाशय दूषित न हों। नदी/जलाशय घाटों की साफ-सफाई करा लें और ट्रैफिक प्रबंधन भी किया जाए।

उल्लास और उमंग के इस अवसर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे अनवरत बिजली आपूर्ति हो। पॉवर कॉर्पोरेशन द्वारा इस संबंध में आवश्यक तैयारी कर ली जाए।आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रॉमा सेवाएं अनवरत रूप से चलती रहनी चाहिए। गांव हो या नगर हर जगह चिकित्सकों की सुलभ उपलब्धता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। किंतु जांच के नाम पर उत्पीड़न का प्रयास नहीं होना चाहिए।

पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए। खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें।थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं। मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल राष्ट्र से सीमा साझा करने वाले जनपदों की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां इंटेलिजेंस को और बेहतर करने का प्रयास हो।

सभी विभागों में आईजीआरएस, सम्पूर्ण समाधान दिवस और सीएम हेल्पलाइन अथवा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों के स्तर से प्राप्त आम जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। इसकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए। शिकायतकर्ता से बात की जाए, उनका फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए। इसी प्रकार, जनपदों में भी विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए। रैंडम विधि से कुछ प्रकरणों में फील्ड विजिट करते हुए समस्या के समाधान होने का सत्यापन किया जाए।
बेटियों को साइबर अपराध और घोटालों से बचाने के लिए योगी सरकार ने चलाई मुहिम,मिशन शक्ति के तहत परिषदीय छात्राओं को किया जा रहा जागरूक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिशन शक्ति के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों की छात्राओं को साइबर अपराध और घोटालों से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य छात्राओं को डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इनसे बचने के उपायों से लैस करना है।

छात्राओं को 10 प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है, जिनमें फ़र्जी फोन कॉल, केवाईसी अपडेट के बहाने ठगी, पार्सल अटकने के नाम पर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे साइबर अपराध शामिल हैं। विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है कि इन घोटालों से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए छात्राओं को खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी इन खतरों से सतर्क रखने की सलाह दी जा रही है।

बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम : संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस अभियान का उद्देश्य छात्राओं को साइबर दुनिया में सुरक्षित रहना सिखाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह अभियान उन्हें साइबर अपराधों और घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए सशक्त बनाएगा। साथ ही, उन्हें अपने आसपास के लोगों को भी इन खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है

योगी सरकार चाहती है कि परिषदीय छात्राएं ट्राई फोन घोटाला, पार्सल ठगी, डिजिटल गिरफ्तारी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, सोशल मीडिया ट्रेडिंग घोटाला, बैंकिंग विवरण ठगी और केवाईसी से जुड़ी ठगी के बारे में जागरूक रहें। उदाहरण के तौर पर, ठग ट्राई से जुड़े होने का झूठा दावा करके मोबाइल नंबर की अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के नाम पर सेवा निलंबित करने की धमकी देते हैं। बालिकाओं को यह समझाया जा रहा है कि ट्राई ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करता; यह कार्य दूरसंचार कंपनियों द्वारा किया जाता है। इसी तरह, पार्सल अटकने का बहाना बनाकर पैसे की मांग करने वाले कॉल्स से सावधान रहने और तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी जा रही है।

इसके अलावा, नकली पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन पूछताछ के झांसे से भी सतर्क रहने को कहा जा रहा है, क्योंकि पुलिस ऐसी कोई डिजिटल कार्रवाई नहीं करती। ठग फर्जी क्रेडिट कार्ड के नाम पर बड़े लेन-देन की पुष्टि के लिए फोन करते हैं, जिसमें तुरंत बैंक से संपर्क कर जांच करने की सलाह दी जाती है। सोशल मीडिया पर दिखने वाली तेज मुनाफे वाली योजनाओं से भी सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि इनमें अधिकांश धोखाधड़ी होती है। केवाईसी अपडेट के बहाने व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले कॉल्स से भी बचने की सलाह दी जा रही है।

सुरक्षा के लिए सुझाव भी

- किसी भी कार्रवाई से पहले जानकारी की सत्यता जांचें।

- संदिग्ध कॉल्स और लिंक पर क्लिक न करें।

- बैंकिंग लेन-देन की पुष्टि सीधे बैंक से करें।

- संदिग्ध कॉल्स और नंबरों की तुरंत रिपोर्ट करें।

- उच्च-रिटर्न वाली योजनाओं से सतर्क रहें।

- केवाईसी अपडेट के लिए बैंक में व्यक्तिगत रूप से जाएं।

- अपने बैंक और व्यक्तिगत विवरण को फोन पर साझा न करें।

घोटालों की रिपोर्ट करने का सुझाव

छात्राओं को साइबर अपराध और घोटालों की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800114000) और साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यमों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को देने की सलाह दी जा रही है।
अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता होगी और मजबूत: सीएम योगी
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट बैठक हुई। इसमें इन-स्पेस के तत्वावधान में अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्पित 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता और मजबूत होगी।

अभिनन्दनीय है केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट किया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को महाशक्ति बनाने के लिए सतत समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इन-स्पेस के अंतर्गत 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को स्थापित करने का निर्णय अभिनंदनीय है।

यह फंड 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि यह फंड अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ ही लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता भी प्रदान करेगा। उन्होंने अंतरिक्ष जगत में भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने वाले इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार भी जताया।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के माध्यम से गरीब बुजुर्गों का आर्थिक सशक्तीकरण कर रही योगी सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 56 लाख गरीब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन देने का अपना वादा पूरा कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ही 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन उनके खाते में जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने अपनी जनकल्याणकारी नीतियों से प्रदेश के हर वर्ग के प्रगति का खाका खींचा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश आज प्रगति की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी की योजनाओं में प्रदेश के बुजुर्गों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। प्रदेश के नागरिकों को बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए योगी सरकार वृद्धावस्था पेंशन योजना माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तीकरण कर रही है। योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय परेशानियों से जूझने को मजबूर न हो और गरिमा व सम्मान के साथ जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर शासन ने विभागीय अधिकारियों को विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर के माध्यम से वृद्धों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था। कहा गया था कि अगर तय लक्ष्य से ज्यादा पात्र
वृद्ध अगर मिलते हैं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह मुख्यमंत्री योगी की कार्यशैली और समाज कल्याण विभाग की सक्रियता का नतीजा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही तय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।

गरीब बुजुर्गों का ख्याल रख रही योगी सरकार

प्रदेश में बुजुर्गों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को हर महीने 1000 रुपयेकी पेंशन का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके जीवन-यापन में सहायता मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 6,46,434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से तहत पात्र बुजुर्गों को मिल रहा लाभ

योगी सरकार द्वारा वृद्धजनों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। अब कोई भी पात्र व्यक्ति योजना का लाभ पाने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट https://sspy-up.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकता है। इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होती। आवेदन की पुष्टि ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा की जाती है।

गरीब बुजुर्गों के लिए वरदान बनी योजना

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से उन वृद्धजनों तक पहुंचने के लिए बनाई गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पेंशन के माध्यम से अपने जीवन की आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। साथ ही, उनकी आय निर्धारित आय सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 56,460 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा 46,080 है।

योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि

इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018-19 में 40,71,580 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला, जिसमें 187913.10 लाख की धनराशि खर्च की गई। 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 47,99,480 हो गई और 269774.45 लाख का व्यय हुआ। 2020-21 में 51,24,155 लाभार्थियों को 369449.13 लाख की पेंशन मिली। 2021-22 में 51,92,779 वृद्धजनों को 427790.56 लाख की पेंशन दी गई। 2022-23 में यह संख्या 54,97,237 तक पहुंच गईऔर इस पर कुल 608374.50 लाख खर्च हुए। 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 646434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 के पहली तिमाही में 55,99,997 लाख लाभार्थियों के खाते में 1,67,975 लाख सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।