पशु चिकित्सक नियुक्ति नियमावली में हुआ संशोधन, जल्द बड़े पैमाने पर भेटनरी डॉक्टरों की होगी बहाली
डेस्क : राज्य में पशु चिकित्सक की बहाली का इंतजार कर रहे भेटनरी डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश में पशु चिकित्सकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए पशु चिकित्सक नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर लिया गया है। पशु व मत्स्य संसाधन विभाग ने संशोधित नियुक्ति नियमावली का ड्राफ्ट राज्य प्राधिकृत समिति को भेज दिया गया है।
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माना जा रहा है कि एक पखवारे के अंदर राज्य प्राधिकृत समिति की हरी झंडी मिल जाएगी। नवंबर के अंत तक इसे कैबिनेट भेजा जाएगा। कैबिनेट से स्वीकृति मिलते ही संशोधित नियमावली के आधार पर पशु चिकित्सकों की नियुक्ति होगी।
नियमावली के नए प्रावधान के अनुसार पशु चिकित्सा महाविद्यालय से स्नातक डिग्री और इससे अधिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों को पहले लिखित परीक्षा पास करनी होगी। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार होगा। इसके बाद अंतिम रूप से चयन होगा। राज्य तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से पशु चिकित्सकों की बहाली का प्रावधान किया गया है। इसके पहले योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के आधार पर ही चयनित कर नियुक्त कर लिया जाता था। नियुक्ति नियमावली संशोधन में ही चिकित्सकों के पद सोपान भी तय किए गए हैं। मूल कोटि में नियुक्ति के बाद 5 वर्ष पूरे होने पर प्रोन्नति मिलेगी। पशु चिकित्सक नियुक्ति नियमावली में संभावित संशोधन की वजह से नियमित पशु चिकित्सकों की नियुक्ति में देरी हो रही है।
संशोधित नियमावली के आधार पर अगले तीन से चार माह में 800 से अधिक पशु चिकित्सकों की वैकेंसी जारी होगी। राज्य में पशु चिकित्सकों के स्वीकृत पद 2090 हैं। अभी कार्यरत पशु चिकित्सकों की संख्या 1250 है। स्वीकृत पद की तुलना में लगभग 35 से 40 प्रतिशत पशु चिकित्सक कम हैं।
राज्य में लगभग 3 करोड़ पशुओं के इलाज की जिम्मेदारी पशु चिकित्सकों पर है। इसमें सिर्फ गाय और भैंस ही दो करोड़ से अधिक हैं।









डेस्क : बिहार सरकार के कर्मचारियों को सरकार ने पर्व से पहले बड़ी खुशखबरी दी है। दीपावली और छठ के पहले 25 अक्टूबर को ही अक्टूबर माह का वेतन जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी के निर्देश पर वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सोमवार को इस बाबत विशेष आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार, अक्टूबर के वेतन के अग्रिम रूप से भुगतान से राज्य के करीब आठ लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। साथ ही, जिन सरकारी कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति अथवा सेवांत इसी माह में हो रहा है (अराजपत्रित एवं राजपत्रित), उनके लिए भी अक्टूबर के अंतिम कार्य दिवस तक वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। यह निर्णय बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम 141 के तहत लिया गया है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम राज्य के कर्मचारियों के प्रति उसकी संवेदनशीलता और पर्वों के प्रति सम्मान का परिचायक है, ताकि सभी कर्मचारी अपने परिवारों के साथ खुशहाली से त्योहार मना सकें।

Oct 23 2024, 09:41
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