भदोही में राशन कार्ड सत्यापन में लापरवाही:मृतकों के नाम पर जारी राशन कार्ड, 2000 मृतकों के नाम पर उठ रहा राशन
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जीवित लोगों को जहां राशन कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। वहीं, जिले में दो हजार मृतकों के नाम पर मुफ्त राशन हर महीने उठाया जा रहा है। खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से राशन कार्ड धारकों का सत्यापन हर साल कराया जाता है, लेकिन तब भी बड़ी संख्या में मृतकों के नाम सूची में बने रह गए। इससे सचिवों और पूर्ति निरीक्षकों के सत्यापन पर सवाल खड़ा हो रहा है। अब ई-केवाईसी में मृतकों के नाम स्वत: समाप्त हो रहे हैं।जिले की 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 724 राशन की दुकान हैं। इनसे दो लाख 98 हजार कार्डधारक को राशन मिलता है।
इसमें करीब दो लाख 60 हजार पात्र गृहस्थी तो 38 हजार अंत्योदय कार्ड धारक हैं। कार्ड धारकों को हर माह मुफ्त राशन का लाभ मिलता है। मुफ्त राशन के लिए लोग राशन कार्ड बनवाने की जुगत में रहते हैं। अब सरकार ने ई-केवाईसी की सुविधा लागू की है। इसके बाद योजना में हो रहे तरह-तरह के घपले पकड़ में आ रहे हैं। ई-केवाईसी में करीब दो हजार ऐसे लोग पकड़ में आए हैं। जिनकी मौत हो चुकी है, लेकिन सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए भी उन्हें कागजों में जिंदा रखा गया है। हर माह उनके नाम के राशन का उठान भी हो रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि हर साल होने वाले सत्यापन में अफसर क्या करते थे।
8000 से अधिक आयकरदाता भी पकड़ाए
मुफ्त राशन का लाभ लेने में आठ हजार आयकरदाता भी पकड़े गए हैं। पूर्ति विभाग उनके राशन कार्ड को निरस्त करने में जुट गया है। पूर्ति विभाग की माने तो शासन से आई सूची में कई पात्रों का नाम भी शामिल हो गया है। जिन्हें जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
केस-1: सुरियावां के पट्टीबेजांव में 2018-2019 में मृत हो चुके लोगों के नाम भी राशन कार्ड में रहे। उनके परिवार वाले पांच साल से राशन उठा रहे थे। शिकायत के बाद मामला सामने आया तो सूची से नाम हटाया गया। प्रकरण में कोटेदार पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है।
केस-2: ज्ञानपुर के पूरेनगरी और सुरियावां के बलीपुर में भी मृतकों के नाम राशन उठाया जा रहा है। करीब-करीब हर गांव में तीन से लेकर पांच यूनिट तक राशन मृतकों के नाम पर लिया जा रहा है। ई-केवाईसी होने के बाद धीरे-धीरे ऐसे मामले पकड़ में सामने आ रहे हैं।
राशन कार्ड में बेटियों की शादी होने या मृतकों के नाम हटवाने के लिए मुखिया एवं अभिभावक को स्वत: आगे आना चाहिए। कार्डधारक की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर सत्यापन होता है। अब ई-केवाईसी से ऐसे लोगों का नाम सूची से हट जाएगा।
सुनील कुमार, डीएसओ
Oct 20 2024, 17:03