आदित्यपुर और बागबेड़ा में रेलवे ने चलाया अतिक्रमण अभियान, गरजा बुलडोजर, तोड़ दिए गए 56 घर,लोग बेघर
झारखंड डेस्क
झारखंड के आदित्यपुर और बागबेड़ा में अतिक्रमण हटाने के लिए जमकर बुलडोजर चला।
इस दौरान आदित्यपुर और बागबेड़ा में कई लोग बेघर हो गए। आदित्यपुर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने शुक्रवार को गुमटी बस्ती में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया । रेलवे ट्रैक के पास रेलवे की जमीन पर बसे 56 घरों को ध्वस्त कर दिया गया। स्टेशन विकास और विस्तारीकरण को लेकर रेलवे की ओर से कार्रवाई की गई।
नहीं दिखा पाए कागज
रेलवे की तरफ से कब्जा करने वालों को नोटिस दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि अपने-अपने घरों का कागज दिखाएं या अपना अतिक्रमण खुद ही हटा लें। अतिक्रमणकारियों को जमीन के कागजात प्रस्तुत करने और अतिक्रमण स्वत: हटा लेने के लिए रेलवे ने चार बार नोटिस दिया था। बता दें कि कैरेज एंड वैगन विभाग की वर्कशॉप बनाने के लिए उक्त जमीन का चयन हुआ है। ऐसा नहीं करने पर रेलवे ने बुलडोजर ऐक्शन ले लिया।
बिना बल प्रयोग के चला अभियान
गुमटी बस्ती में रेलवे का अभियान बिना बल प्रयोग के ही चला। कई लोगों ने स्वत: अपने घर खाली कर दिए थे, इस कारण रेल पुलिस को मशक्कत नहीं करनी पड़ी। अभियान में रेलवे के अधिकारी, कर्मचारी एवं आरपीएफ जवान शामिल थे। रेलवे ने गुरुवार को बस्ती में माइक से अतिक्रमण हटा लेने की घोषणा की थी। इसके बाद से बस्ती में हड़कंप मचा था।
बागबेड़ा इलाके में भी चार जगहों से हटा अतिक्रमण
टाटानगर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ जवानों ने बागबेड़ा क्षेत्र में शुक्रवार को चार जगहों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। बागबेड़ा थाना रोड में एक अवैध निर्माण को तोड़ने के साथ ट्रैफिक कॉलोनी रोड में एक जगह अवैध निर्माण तोड़कर सड़क को चौड़ा किया गया है, जबकि अन्य दो जगह पर भी छोटे-छोटे जगह से अतिक्रमण हटाया गया। टाटानगर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने बागबेड़ा कीताडीह एवं परसूडीह रोड में दर्जनों लोगों को नोटिस देकर अवैध निर्माण हटाने की चेतावनी दी।
चार साल में 200 से अधिक मकान ध्वस्त
आदित्यपुर की गुमटी बस्ती में 15 अक्तूबर को ही अतिक्रमण हटाने की योजना बनी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से अभियान नहीं चला। बस्ती के लोगों को एक महीना पहले ही नोटिस दिया गया था। रेलवे ने थर्ड लाइन का काम शुरू होने के बाद से चार वर्षों में विकास कार्यों के लिए 200 से अधिक मकानों को तोड़ने के अलावा दर्जनों दुकानों को हटाया है। इनमें कुछ ऐसी बस्तियां थी, जो करीब 40 से 50 वर्षों से आबाद थीं।
Oct 20 2024, 16:57