/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png StreetBuzz भागवत कथा सुनने से दूर होते हैं सभी संताप-प्रदीप मिश्र Gorakhpur
भागवत कथा सुनने से दूर होते हैं सभी संताप-प्रदीप मिश्र

खजनी गोरखपुर।। श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सुनने से सभी प्रकार दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों से मुक्ति मिलती है।

खजनी कस्बे में खुटभार गांव के काली मंदिर के समीप चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के पहले दिन व्यास पीठ से अयोध्या धाम से पधारे पंडित प्रदीप मिश्र "शास्त्री" ने उपस्थित श्रोताओं को मंगलाचरण की कथा सुनाई। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा सुनने से होने वाले प्रत्यक्ष लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि कलियुग में मनुष्य को अन्य किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता उसे सिर्फ मृत्यु का भय रहता है।भागवत कथा सुनने से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में मानव जीवन में तीन प्रकार के तापों का वर्णन किया गया है। जिसमें दैहिक अर्थात शारीरिक दैविक अर्थात प्राकृतिक दैविय आपदाओं और भौतिक अर्थात समृद्धि, धन, भोजन, वस्त्र, आवास आदि से संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है। कथा सुनने के प्रत्यक्ष लाभ हैं जो कि श्रद्धा पूर्वक कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं को सहज ही प्राप्त होती है।

संगीतमय् कथा के शुभारंभ में विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए बताया कि श्रद्धा और प्रेम ही वह मानवीय गुण हैं जिससे मानवों के भीतर दैविय (देवताओं) के गुण प्रकट होते हैं। उन्होंने आत्मदेव ब्राह्मण धुंधली, धुंधकारी और गोकर्ण भगवान की कथा सुनाई।

इस दौरान मुख्य यजमान गौरीशंकर वर्मा, प्रमिला वर्मा, बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी, रामवृक्ष वर्मा, दीनानाथ मोदनवाल, मुकुंद बिहारी, ऋषिकेश,संतोष तिवारी, नीरज वर्मा, रंजीत वर्मा, संतोष वर्मा समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।

19 को मनाया जाएगा सर सैयद अहमद खान का जन्मदिन

गोरखपुर। ए एम यू ओल्ड बॉयज एल्यूमिनी एसोसिएशन के तत्वाधान में पिछले 48 सालों से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान का जन्मदिन धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ 17 अक्टूबर को मनाया जाता रहा है। गोरखपुर में इसकी शुरूआत 1975 से शहर के मशहूर डॉक्टर अजीज अहमद की सरपरस्ती में शुरू किया गया जो बदस्तूर जारी है।

कन्वीनर नुसरत अब्बासी ने बताया कि 19 अक्टूबर 2024 को निजामपुर के जश्न महल मैरिज हाउस में शाम 6:00 बजे से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसके मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह रहेंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ.गौरव ग्रोवर विशिष्ट अतिथि डॉ. फैजा अब्बासी डायरेक्टर यूजीसी टटटळळउ और स्पेशल गेस्ट जनाब अरशद खुर्शीद जनरल सेक्रेटरी रहेगें।

कार्यक्रम की शुरूआत किरात ( कुरान पाक की तिलावत) से किया जायेगा। अंत मे यूनिवर्सिटी तराना पढ़ा जाएगा। पहले आॅडियो और वीडियो के जरिए होता था लेकिन इस बार युवा पीढ़ी ने तय किया है कि इसका लाइव प्रसारण किया जाए। कार्यक्रम के दौरान गजल शेरो शायरी और कल्चरल एक्टिविटी भी होगा अगले साल हम लोग सिल्वर जुबली मनाएंगे क्योंकि ए एम यू ओल्ड बॉयज एल्यूमिनी एसोसिएशन का 49 वां यह कार्यक्रम है अगले साल 50 साल पूरे हो जाएंगे इस आयोजन को।

सर सैयद अहमद खान ने जो ख्वाब देखा था की हिंदुस्तान के लोग शिक्षित हो और देश को दुनिया के पटल पर नाम रोशन करें ,आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बहुत सी शख्सियत में शिक्षा हासिल की है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ,पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ,दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा, हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद, पूर्व क्रिकेटर कप्तान मुश्ताक अली, पूर्व क्रिकेटर लाला अमरनाथ, मुगले-आजम फिल्म के निर्देश के .आसिफ, फिल्म अभिनेता नसरुद्दीन शाह, गीतकार और शायर जावेद अख्तर, पत्रकार रोमाना ईसार खान, पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, उर्दू कवि कैफी आजमी लेखक राही मासूम रजा आदि लोगों ने यहां से शिक्षा ग्रहण की।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पहले स्नातक ईश्वरी प्रसाद उपाध्याय हुए जो एक भारतीय इतिहासकार थे। विश्वविद्यालय से पढ़ कर निकलने वाले तमाम लोगों ने पद्म विभूषण पद्मभूषण पद्मश्री जैसे पुरस्कार हासिल किए हैं न्यायपालिका में भी यूनिवर्सिटी से पढ़ कर निकलने वाले छात्रों ने न्यायाधीश की कुर्सी संभाली ।

विश्वविद्यालय में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाई जाते हैं महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने जो सपना देखा था उनके वंशज उन्हें पूरा कर रहे हैं, दुनिया के सभी कोने से विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिणी पूर्वी एशिया के छात्रों को आकर्षित करता है कुछ पाठ्यक्रमो में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए आरक्षित है। इसकी स्थापना सर सैयद अहमद खान ने 1875 में की थी और जो 1920 में यूनिवर्सिटी की शक्ल में परिवर्तित हुआ। एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख पुस्तकों के साथ तमाम दुर्लभ पांडुलिपियों भी मौजूद है।

डा. रजनीकांत श्रीवास्तव स्मृति सेवा प्रकल्प द्वारा 19 को लगाया जाएगा निःशुल्क स्वास्थ्य कैम्प

गोरखपुर : डा. रजनीकांत श्रीवास्तव स्मृति सेवा प्रकल्प गोरखपुर के तत्वावधान में 19 अक्टूबर को बच्चे, असहाय बुजुर्ग, महिलाओं सहित सभी प्रकार के रोगियों के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें शहर व प्रदेश से बाहर के कई वरिष्ठ चिकित्सक व विशेषज्ञ मरीजों को निशुल्क परामर्श देंगे और निःशुल्क दवा दी जाएगी।

यह जानकारी आयोजन समिति के सदस्य डॉ विजाहत करीम, डॉ. आसिफ मसूद, डॉ त्रिलोक रंजन श्रीवास्तव, डॉ विरेश गुप्ता, डॉ अभिलाष श्रीवास्तव, डॉ विश्रुत भारती, डॉ ऋषभ गुप्ता ने गुरुवार को प्रेसक्लब में आयोजित संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता में दी।

डा. विजाहत करीम, डॉ विरेश व डॉ त्रिलोक रंजन ने बताया कि यह आयोजन डॉ रजनीकांत क्लिनिक पुर्दिलपुर नवाब कॉटेज जुबली चौराहे के पास होगा। जिसमें निशुल्क चिकित्सा शिविर की शुरुआत सुबह 11:00 बजे से होगी। इस शिविर में पहली बार प्रदेश से बाहर के भी चिकित्सक शामिल होंगे। इसमें स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन, यूरोलॉजी, गैस्ट्रो, नाक कान एवं गला, मानसिक रोग, सर्जरी, बाल रोग, चर्म रोग, नेत्र रोग, हड्डी दंत एवं मुख रोग विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे।

डॉ आसिफ ने बताया कि 5 वर्ष से कम उम्र के गूंगे - बहरे बच्चों के कान का ऑपरेशन निशुल्क किया जाएगा साथ ही जिन के होंठ व तालू कटे हो उनका भी ऑपरेशन परामर्श के बाद निशुल्क किया जाएगा । सभी ऑपरेशन विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा होगा। उन्होंने बताया कि नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी फ्री होगा। साथ ही पावर के चश्मे का भी निशुल्क वितरण किया जाएगा। डॉ विनोद श्रीवास्तव ने बताया इस शिविर में रोगियों को निशुल्क दवाइयां दी जाएंगी। खून व पेशाब से संबंधित थायराइड, यूरिक एसिड सहित सभी प्रकार की जांच फ्री होगी।

मुंबई से आए डॉ अभिलाष ने बताया कि हड्डी से संबंधित रोगों का इलाज किया जाएगा। साथ पेन थिरेपी के चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, बीएमडी टेस्ट फ्री किया जाएगा। आयोजकों ने बताया कि जिन्हें चिकित्सकों से परामर्श लेना है वह अपना पंजीकरण मोबाइल फोन 7565887717, 9452047954 पर या सुबह 8:00 बजे से क्लीनिक पर पहुंचकर करा सकते हैं। डॉ विश्रुत भारती ने बताया कि किडनी व मूत्ररोग से संबंधित रोगी तथा डॉ ऋषभ गुप्ता ने बताया कि लीवर व गैस्ट्रो से पीड़ित लोगों का इलाज व दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। इसके अलावा फिजियोथेरेपी व डायटिशियन के विशेष जानकार उपस्थित रहेंगे।

आयोजक मंडल

डॉ. विजाहत करीम

डॉ .आसिफ मसूद

डॉ त्रिलोक रंजन

डॉ विरेश गुप्ता

डॉ अभिलाष

डॉ विश्रुत भारती

डॉ ऋषभ गुप्ता

युवक ने बच्चे को गहरे कुएं में फेंका, थाने में शिकायत

खजनी गोरखपुर। थाना क्षेत्र के रामपुर पांडेय गांव के निवासी मनीष चौहान और प्रेमलता देवी के छोटे बेटे अरूण चौहान 6 वर्ष को गांव के निवासी अतुल पांडेय पुत्र श्याम बिहारी पांडेय ने आज शाम 4 बजे उठा कर पानी से भरे 30 फुट गहरे कुएं में फेंक दिया। घटना के दौरान बच्चा अपने घर के पास खेल रहा था।

बताया गया कि मनबढ़ किस्म के युुवक ने अकारण बच्चे को उठा कर कुंएं में फेंक दिया मेहनत मजदूरी करने वाले परिवार के साथ युवक की कोई पुरानी रंजिश नहीं है। बच्चे को कुंएं में फेंकते हुए देख कर विनोद चौहान की पत्नी ने शोर मचाया जिसे सुनकर गांव के ही निवासी युवक प्रमोद राजभर ने कुंएं में कूद कर बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।घटना की शिकायत खजनी थाने में की गई है, मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ की भव्य कलश यात्रा

खजनी गोरखपुर। कस्बे के समीप स्थित खुटभार गांव के काली मंदिर के निकट गुरूवार 17 अक्टूबर 2024 से 25 अक्टूबर 2024 तक 9 दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। जिसके उपलक्ष्य में आज भव्य कलश यात्रा निकाली गई। हांथी घोड़े गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते दर्जनों की संख्या में निकले आस्थावान श्रद्धालुओं के साथ माताओं बहनों ने माथे पर कलश लेकर माता काली मंदिर, अकटहवा बाबा देव स्थान, कोटही माता मंदिर, समाधीनाथ बनहवां बाबा मंदिर से होकर जएश्वरनाथ शिव मंदिर भरोहियां से पवित्र जल भर कर पुन: कथा स्थल पर पहुंची।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान अर्जुन जायसवाल, राजेश जायसवाल, संजय वर्मा, रमेश वर्मा, गिरजाशंकर वर्मा, मनोज पटवा, दीनानाथ मोदनवाल, गणेश पटवा, मुकुंद बिहारी मोदनवाल, राजेश, दिनेश जायसवाल, रामानंद जायसवाल समेत बड़ी संख्या में महिलाओं बच्चों और युवाओं के साथ सभी आस्थावान श्रद्धालु जयकारे लगाते भक्ति गीतों पर झूमते थिरकते कलश यात्रा में सम्मिलित हुए। मिली जानकारी के अनुसार श्रीमद्भागवत कथा व्यास अवधवासी पंडित प्रदीप मिश्र शास्त्री द्वारा प्रतिदिन सायं 6 बजे से श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जाएगी, मुख्य यजमान गौरीशंकर सर्राफ के द्वारा नगरवासियों एवं आसपास के गांवों के निवासी श्रद्धालुओं से प्रतिदिन कथा में उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।

एसीएफ अभियान में मिले 414 नये टीबी रोगी, इलाज शुरू, मिलेंगी सेवाएं

गोरखपुर, जिले में नौ से बीस सितम्बर तक चलाए गए सक्रिय क्षय रोगी खोजी (एसीएफ) अभियान के जरिये 414 नये टीबी रोगियों की खोज हुई हैं। इन सभी का इलाज शुरू किया जा चुका है। रोगियों और उनके परिजनों को सरकार की तरफ से मिलने वाली अन्य सेवाएं भी दी जाएंगी। यह जानकारी जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी बारह एसीएफ अभियान चलाए जा चुके हैं, जिनके जरिये 3145 नये टीबी मरीजों को खोज कर इस बीमारी से उन्हें मुक्ति दिलाई जा सकी।

डॉ यादव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के नेतृत्व में इस बार चले अभियान में करीब 10.38 लाख की आबादी की स्क्रीनिंग की गई। इस आबादी में से टीबी के लक्षण वाले 5114 संभावित टीबी मरीजों के बलगम जांच के लिए भेजे गये। जांच के बाद 230 मरीज टीबी पॉजीटिव पाए गये। इसी प्रकार एक्स रे के जरिये 184 नये टीबी मरीज खोजे गये । इस अभियान के दौरान कुल 415 टीम ने नये मरीजों की खोज में मदद की ।

उन्होंने बताया कि इन सभी मरीजों को दवाएं सरकारी अस्पताल से दी जाएंगी । निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की दर से पोषण सहायता राशि मिलेगी । यह रकम नवम्बर में बढ़ कर एक हजार रुपये प्रति माह होने जा रही है। इन मरीजों के निकट सम्पर्कियों की भी टीबी जांच होगी। जो निकट सम्पर्की टीबी के मरीज नहीं निकलेंगे, उन्हें भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। इनमें से जरूरतमंत टीबी मरीजों को निक्षय मित्रों की मदद से एडॉप्ट भी कराया जाएगा ताकि इलाज के दौरान उन्हें पर्याप्त पोषण और समय समय पर मानसिक संबल मिल सके। खोजे गये प्रत्येक नये टीबी मरीज की सीबीनॉट जांच, एचआईवी और मधुमेह की भी जांच कराई गई है ताकि सही दिशा में इलाज चल सके।

जिला स्तरीय टीम ने की देखरेख

जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी ने बताया कि पूरे अभियान की देखरेख जिला स्तर से उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र और मिर्जा आफताब बेग ने की । अभियान को सफल बनाने के लिए धर्मगुरू, शहरी क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पीआरडी जवान, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों समेत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की भी मदद ली गयी।

पोर्टल पर होता है पंजीकरण

चरगांवा ब्लॉक के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक मनीष तिवारी का कहना है कि जो भी नये टीबी मरीज खोजे जाते हैं उनका कार्ड बनता है और उन्हें निक्षय मित्र पोर्टल पर पंजीकृत किया जाता है। एसीएफ अभियान में जो नये मरीज खोजे गये हैं उनसे बैंक पासबुक और आधार का विवरण मांगा गया है ताकि उन्हें निक्षय पोषण योजना की सहायता राशि का लाभ दिया जा सके।

लक्षण हो तो आशा को बताएं

डॉ गणेश यादव ने बताया कि 11 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलने वाले दस्तक अभियान के दौरान भी नये टीबी रोगियों को खोजा जा रहा है। अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक की खांसी, रात में पसीने के साथ बुखार, सीने में दर्द, बलगम में खून आना, सांस फूलना और तेजी से वजन घटने जैसे लक्षण दिखे तो आशा कार्यकर्ता को बताएं। शीघ्र जांच और उपचार से टीबी उन्मूलन में और इसका प्रसार रोकने में मदद मिलेगी।

सपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी ने मनाई महर्षि वाल्मीकि की जयंती

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि कर उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम तथा संचालन महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने किया जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि ऋषि वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना की थी ।

जिसके बाद उन्हें महर्षि की उपाधि मिली थी. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण संस्कृत में लिखा था जिस के चलते उन्हें संस्कृत के पहले कवि या कहें संस्कृत के आदिकवि के रूप में भी जाना जाता है.आदिकवि से प्रेरणा लेते हुए हम सब संकल्प लेते हैं कि समाज में भेदभाव खत्म हो इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी अवधेश यादव मिर्जा कदीर बेग संजय पहलवान मनुरोजन यादव राघवेंद्र तिवारी राजू मैना भाई बृजनाथ मौर्य विंदा देवी हीरालाल यादव इमरान खान सच्चिदानंद यादव कपिल मुनि यादव राहुल यादव अमरजीत यादव अविनाश तिवारी अनुप यादव फिरदौस आलम आशुतोष गुप्ता शादाब सामानी सन्तोष यादव गणेश प्रजापति गीता निषाद शिवशंकर गौड़ आफताब निजामी महेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रीय सेवा योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ी

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की कुल 13 इकाइयां क्रियाशील है और इन 13 इकाइयों के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य आज दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रारंभ किया गया । जैसे ही नामांकन का कार्य प्रारंभ हुआ क्रमश: विद्यार्थियों की भीड़ बढ़ती चली गई।

राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रति बढ़ती हुई उत्सुकता के संदर्भ मे कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सत्यपाल सिंह ने बताया की राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के ऊपर कार्य करता है, और मेरा लक्ष्य गोरखपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना को राष्ट्रीय शिखर तक पहुंचाने का है। यह एक ऐसा माध्यम है जहां से विद्यार्थियों को अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का निरंतर अवसर प्राप्त होता रहता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से विद्यार्थियो को स्थानीय स्तर पर लगने वाले सामान्य व विशेष शिविरों के साथ ही साथ राष्ट्रीय स्तर पर लगने वाले राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (एन.आई.सी), साहसिक कार्यक्रम, गणतंत्र दिवस परेड शिविर, राष्ट्रीय युवा सप्ताह शिविर , स्वतंत्रता दिवस शिविर आदि में प्रतिभा करने का अवसर प्राप्त होता हैं।

इन शिविरों में भारतवर्ष के कोने-कोने से स्वयंसेवक आते है और अपने विश्वविद्यालय तथा अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। राष्ट्रीय स्तर के इन शिविरों के लिए लगातार चयन भी चल रहा है। अभी विगत 4 अक्टूबर 2024 को 26 जनवरी 2025 मे प्रतिभाग करने हेतु कुल 10 स्वयंसेवकों का चयन किया गया है, ये चयनित स्वयं सेवक 10 नवंबर से पटना में लगने वाले प्री.आर.डी. शिविर में प्रतिपादन करेंगे।

पहले ही दिन कुल 253 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय सेवा योजना में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, यह संख्या उम्मीद से तीन गुना से भी अधिक है।

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच हुआ एम ओ यू

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर एवं सी.एस.आई.आर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर हिमाचल प्रदेश के बीच एम ओ यू हुआ है । इस एम ओ यू की पहल वनस्पति विज्ञान की ओर से की गयी, इसके अंतर्गत अकादमिक क्षितिज को व्यापक बनाने और अनुसंधान आउटपुट को बढ़ाने एवं अनुसंधान परियोजनाओं, वैज्ञानिक, शिक्षक और छात्र इंटर्नशिप कार्यक्रमों, विशेष संसाधनों तक पहुंच आदि जैसे अवसरों की आशा करते हैं, जो दोनों संस्थानों के विकास में बहुत योगदान देंगे और हमारी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन की मौजूदगी में वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी, प्रो. पूजा सिंह, प्रो. वी. एन. पाण्डेय एवं डॉ रामवंत गुप्ता, एवं वनस्पति विज्ञानं के समस्त शिक्षक की उपस्थिति रही तथा उरकफ-कऌइळ के तरफ से उनके निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव तथा प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सुखजिंदर एवं डॉ विकास कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में एम ओ यू की प्रक्रिया पूरी की गई ह्ण।

विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी ने प्रस्तावित एमओयू के उद्देश्य और कार्यक्षेत्र को रेखांकित किया तथा बताया की इसका उद्देश्य पारस्परिक हित के क्षेत्रों (जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, पादप प्रणाली विज्ञान, पारिस्थितिकी, रासायनिक विज्ञान, आहार विज्ञान और पोषण, पर्यावरण विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान, कृषि विज्ञान या किसी अन्य क्षेत्र/अनुशासन) में सहयोग को बढ़ावा देना है एवं मुझे विश्वास है कि यह सहयोग हमारे संस्थान के शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयासों के लिए एक मूल्यवान योगदान होगा।

जाने क्या है सुपर हंटर मून

गोरखपुर। वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर के एजुकेटर खगोल विज्ञान ( खगोलविद ) अमर पाल सिंह ने बताया कि पूर्ण सुपरमून आने वाला है। यह सुपर हंटर मून होगा और 2024 का सबसे निकटतम पूर्ण सुपरमून होगा।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर द्वारा शरद पूर्णिमा के अवसर पर नक्षत्र शाला कैंपस में जन सामान्य हेतु सूर्य दर्शन एवं रात्रि आकाश दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा । यह कार्यक्रम पूर्णतय: निःशुल्क होगा और खगोल विज्ञान के हिसाब से कल का चंद्रमा सुपर मून कहलायेगा । जैसा कि नक्षत्र शाला द्वारा समय - समय पर आकाश में घटित होने वाली विभिन्न खगोलीय घटनाओं को जनसामान्य हेतु निःशुल्क आयोजित किया जाता है । इस अवसर पर नक्षत्रशाला, गोरखपुर द्वारा विभिन्न टेलिस्कोप स्थापित किये जायेंगे ।

क्यों कहा जाता है इसे सुपर मून

इसके बारे में खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इसके पीछे एक इतिहास है,

इतिहास : प्रथ्वी के सबसे करीब की पूर्णिमा को सुपर मून कहा जाता है , सुपरमून शब्द का सर्वप्रथम खगोलिकी की शब्दावली में इस्तेमाल प्रसिद्ध खगोल शास्त्री सर रिचर्ड नोले ने वर्ष 1979 में किया था । नोले की परिभाषा के अनुसार, सुपर मून पूर्णिमा एवं अमावस्या दोनों दिनों पर पड़ सकती है । पूर्णिमा और अमावस्या तब सुपरमून होती है जब वह पृथ्वी से अपने निकटतम बिंदु यानि पेरिगी के 90% के भीतर होती है। सुपरमून की स्थिति में चन्द्रमा अपने आकार से लगभग 14% बड़ा एवं 30% चमकीला नजर आता है । दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को रात्रि में 11:55 पर चंद्रमा पृथ्वी से सबसे करीब की स्थिति में 351519 किलोमीटर दूर होगा । अपोगी की स्थिति में यह दूरी दिनांक 30 अक्टूबर 2024 को 406161 किलोमीटर हो जाएगी

इस बर्ष कितने सुपर मून हैं

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि

बर्ष 2024 में चार पूर्ण सुपरमून हैं जिसमे से यह तीसरा सुपरमून है । यह सुपर मून इस वर्ष का सबसे करीब का सुपरमून है ।

ऐसा कैसे होता है

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि

चंद्रमा की पृथ्वी के चारों तरफ एक अंडाकार (दीर्घवृताकार कक्षा) है । यह पूर्णतय: गोल नहीं है । जिसके फलस्वरूप चंद्रमा प्रत्येक माह एक बार पृथ्वी के सबसे निकट और एक बार पृथ्वी से सबसे दूर होता है । जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो इस स्थिति को पेरिगी तथा जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है तो इस स्थिति को अपोगी की स्थिति कहते है । खगोलिकी में सुपरमून उस स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट हो और उसी समय पूर्णिमा भी हो।

वास्तव में सुपरमून को खगोलिकी में पेरिगी-सिज़ीगी मून कहा जाता है । सिज़ीगी की स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में संरेखित हो जाते है

प्रत्येक पूर्णिमा और अमावस्या सिज़ीगी की स्थिति में ही होती है , सुपर मून काफी ज्यादा प्रभावशाली होता है। सुपर मून की स्थिति में चन्द्रमा सामान्य से ज्यादा बड़ा प्रतीत होता है। चंद्रमा का व्यास लगभग 3475 किलोमीटर है ।

पेरिगी की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 351,000 कि.मी. (220,000) मील तक पास हो सकता है, वहीं ऐपोगी के समय की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 410,000 कि.मी. (254,000 मील) तक दूर तक हो सकता है। क्योंकि चन्द्रमा लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है इसलिए वह हर महीने में दो बार इन स्थितियों से गुजरता है।

2024 के चार पूर्ण सुपरमून :

19 अगस्त: 224,917 मील (361,969 किलोमीटर)

18 सितंबर: 222,131 मील (357,485 किलोमीटर)

17 अक्टूबर: 222,055 मील (351,519 किलोमीटर)

15 नवंबर: 224,853 मील (361,866 किलोमीटर) ।