जिले की 39 चिकित्सा इकाइयों को मिला 20.35 लाख का कायाकल्प पुरस्कार
गोरखपुर, जिले की 39 चिकित्सा इकाइयों को 20.35 लाख रुपये का कायकल्प पुरस्कार मिला है। इनमें छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), 16 अर्बन पीएचसी और सत्रह आयुष्मान आरोग्य मंदिर इस योजना के तहत पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं । पुरस्कार की राशि से इन इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही कायाकल्प योजना में जो गैप पाए गए होंगे उन्हें ठीक भी कराया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने पुरस्कार जीतने वाली सभी इकाइयों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद, डीपीएमयू टीम, शहरी स्वास्थ्य मिशन समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, एसीपीए क्वॉलिटी एश्योरेंस विजय श्रीवास्तव और स्वास्थ्य इकाइयों के प्रभारी, चिकित्सक और स्टॉफ को बधाई दी है । उन्होंने सभी इकाइयों से अपील की है कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार अधिकाधिक चिकित्सा इकाइयों को एनक्वास के लिए तैयार किया जाए।
टॉप रहीं यह इकाइयां
सीएमओ ने बताया कि चरगांवा पीएचसी पहले प्रयास में जिले में पहले स्थान पर रही । इलाहीबाग यूपीएचसी तीसरी बार पुरस्कार जीती है और जिले में टॉप पर रही है। शाहपुर यूपीएचसी लगातार चौथी बार पर पुरस्कार जीतने में सफल रही और फर्स्ट रनर अप रही है। पिपरौली ब्लॉक का कालेसर आयुष्मान आरोग्य मंदिर तीसरी बार पुरस्कृत हुआ है और अपने श्रेणी में जिले में टॉप पर रहा है। खोराबार ब्लॉक का लहसड़ी आयुष्मान आरोग्य मंदिर तीसरी बार और मोतीराम दूसरी बार पुरस्कृत रहा है एवं दोनों को क्रमशः फर्स्ट रनर अप और सैकेंड रनर अप का पुरस्कार मिला है।
इन्हें भी मिला पुरस्कार
खोराबार पीएचसी पांचवी बार, डेरवा पीएचसी छठवीं बार, खजनी पीएचसी दूसरी बार, विशुनपुरा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पीएचसी और उनवल आयुष्मान आरोग्य मंदिर पीएचसी ने पहली बार यह पुरस्कार जीता है। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में गोरखनाथ, झरना टोला, शिवपुर सहबाजगंज, बिछिया ने चौथी बार, बसंतपुर और दीवान बाजार ने पांचवी बार, हुमायूंपुर, झरना टोला, तुर्कमानपुर, इस्लामचक, मोहद्दीपुर, तारामंडल, नथमलपुर, निजामपुर, बिछिया और अंधियारीबाग ने तीसरी बार कायाकल्प पुरस्कार जीता है।
इन्हें पहले प्रयास में मिली सफलता
डॉ दूबे ने बताया कि डुमरी, छताई, चौरी, टेकवार, बघराई, राजधानी, राघोपट्टी, नदुवाज्ञानपार, मुंडेरा बाबू, मोहम्मदपुर, महावनखोर, मठवारी, अगया और हरपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने पहले प्रयास में कायाल्प पुरस्कार हासिल किया है ।
ऐसे होगा विकास
सीएमओ ने बताया कि पुरस्कार की 75 फीसदी की धनराशि पुरस्कृत इकाइयों के विकास में खर्च की जाएगी, जबकि 25 फीसदी धनराशि से कर्मियों के एक्सपोजर विजिट, पुरस्कार समारोह और इंसेंटिंव आदि की गतिविधियां की जाएंगी ।
ऐसे होता है मूल्यांकन
सीएमओ ने बताया कि इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी सर्विसेज, स्वच्छता जैसे मानकों के आधार पर चिकित्सा इकाइयों का मूल्यांकन किया जाता है।
Oct 16 2024, 18:53