क्या ईरान के मिलिट्री चीफ ने की ‘दगाबाजी’, इजरायल को हसन नसरल्लाह की जानकारी देने का आरोप
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इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष ने मिडिल ईस्ट देशों में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। इजराइल पिछले कुछ महीनों में ईरान को बड़े-बड़े झटके दे चुका है। इजरायल ने ईरान की सबसे सुरक्षित जगहों में सेंध लगाई है। हमास नेता इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत ने दिखा दिया है कि इजरायल की पहुंच कितने अंदर तक है। हालांकि, ईरान भी चुप नहीं बैठा है। ईरान हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के मामले की जांच कर रहा है।
इस बीच इससे ईरान की सिक्योरिटी पर सवाल उठे हैं। इस वजह से ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कुद्स फोर्स के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी पर शक की सुई घुमी। कहा जाने लगा है कि कहीं उन्होंने ही तो इजरायल की मदद करके गद्दारी तो नहीं की।
मिडिल ईस्ट आई (MME) ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के विशिष्ट कुद्स फोर्स के नेता इस्माइल कानी हाउस अरेस्ट रखा गया है। पहले खबर थी कि बेरूत में हुए एक धमाके के बाद से इस्माइल कानी लापता हैं, आशंका जताई जा रही थी कि कहीं इजराइली हमले में ईरान के टॉप कमांडर इस्माइल कानी भी मारे गए, लेकिन ‘मिडिल ईस्ट आई’ की एक रिपोर्ट में कई सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि इस्माइल कानी जिंदा और सुरक्षित हैं। ईरान के जांच अधिकारी नसरल्लाह की मौत के मामले में कानी से पूछताछ कर रहे हैं।
कानी को हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से पब्लिक में नहीं देखा गया है। 27 सितंबर को इजरायल ने बेरूत में एक एयर स्ट्राइक में नसरल्लाह को ढेर कर दिया था। यह हिजबुल्लाह के साथ ईरान को एक बड़ा झटका था। तब से IRGC ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि इजरायल को हसन नसरल्लाह की लोकेशन का पता कैसे चला। क्योंकि हसन नसरल्लाह की लोकेशन बेहद गुप्त रही है। वह किसी भी जगह पर ज्यादा दिन नहीं रुकता था। इसके बाद 4 अक्टूबर को हिजबुल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सैफुद्दीन को भी इजरायल ने एक बंकर में मिसाइल से मार दिया। इन घटनाओं ने ईरान और हिजबुल्लाह के सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं कि इजरायल को इन गुप्त स्थानों की जानकारी कैसे मिली।
इस्माइल कानी ईरान के टॉप कमांडर में से एक हैं। जनवरी 2020 में अमेरिका के हमले में कासिम सुलेमानी की मौत के बाद कानी को कुद्स फोर्स का चीफ बनाया गया था। इससे पहले वह ईरान की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट का हिस्सा थे। सुलेमानी की मौत के बाद उन्हें ईरान की सैन्य रणनीति को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया था लेकिन अब सामने आ रहीं रिपोर्ट्स से शक जताया जा रहा है कि कहीं इस्माइल कानी मोसाद के एजेंट तो नहीं हैं।
Oct 12 2024, 10:55