देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल के उम्र में निधन, अंतिम सांस ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली, देश भ्र ने शोक की लहर
![]()
दिल्ली डेस्क
नई दिल्ली : देश के बड़े उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांसे ली। बढ़ती उम्र से जुड़ी तकलीफों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा समूह की अगुवाई की। टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उन्होंने टाटा ग्रुप को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है।
उन्होंने अस्पताल में भर्ती के बाद कहा सब कुछ ठीक है, अफवाह नहीं फैलायें
दो दिन पहले ही रतन टाटा ने अपनी सेहत को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया था। सोमवार को खबरें आई थीं कि टाटा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
टाटा ने बताया था कि वह अपनी उम्र संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए अस्पताल गए हैं। उन्होंने लोगों से कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है। टाटा ने एक बयान में कहा था, 'मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण नियमित मेडिकल जांच करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है।' उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की थी कि वे अफवाहें न फैलाएं।
1937 में हुआ था जन्म
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने अमेरिका में कुछ समय तक काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला।
उन्होंने टाटा समूह का बढ़ाया सम्राज्य
रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को एक नई पहचान दी। उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया।
रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। रतन टाटा को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।


Oct 10 2024, 07:46
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
9.0k