पटना में 16 पदाधिकारियों पर डीएम का बड़ा एक्शन, रोक दी गई सैलरी, जानें पूरा मामला
डेस्क: जिला समन्वय समिति की बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पदाधिकारियों को स्व उत्तरदायित्व एवं स्व अनुशासन का पाठ पढ़ाया। समाहरणालय सभागार में सोमवार को हुई इस बैठक में उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ तेजी से समाधान करें।
इस क्रम में बैठक में 16 पदाधिकारियों को नहीं देख डीएम नाराज हो गए। इन सभी पदाधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकते हुए सभी से स्पष्टीकरण मांगा। कहा कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो विभागीय तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डीएम ने कहा कि इस बैठक का मूल उद्देश्य पदाधिकारियों एवं कर्मियों की कार्यालय में समय से उपस्थिति सुनिश्चित करना है। साथ ही अतंर्विभागीय समन्वय भी जरूरी है ताकि जनहित के कार्यों को तत्परता से क्रियान्वित किया जा सके।
डीएम ने लोक शिकायत से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना समेत विभिन्न योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई। लोक शिकायत निवारण अपील के 89 मामलों में लोक प्राधिकार पर 2,40,300 रुपये दंड की राशि अध्यारोपित है। डीएम ने दंड की राशि अविलंब जमा करने काको कहा।
सुनवाई से 27 सितंबर से तीन अक्टूबर के बीच लोक प्राधिकार दानापुर एसडीओ एक बार तथा शाहपुर थानाध्यक्ष तीन बार अनुपस्थित थे। डीएम ने इन सभी से स्पष्टीकरण का निर्देश दिया।
डीएम ने कहा कि सी श्रेणी में वैसे मामले आते हैं जिसमें अंचल अधिकारी को निर्णय लेना है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण है या नहीं, लेकिन 88 मामलों में सीओ ने निर्णय नहीं लिया। यह गंभीर मामला है। कहा कि एक्सपायर्ड मामलों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।
दनियावां, पुनपुन, खुसरूपुर एवं बाढ़ के अंचलाधिकारी, बिहटा, मनेर, नौबतपुर, खुसरूपुर एवं पंडारक के सीडीपीओ, सदर एवं पटना सीटी के डीसीएलआर, जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला अवर निबंधक, भविष्य निधि पदाधिकारी एवं मापतौल पदाधिकारी
Oct 08 2024, 15:53