पत्रकार का हो रहा है उत्पीड़न, धन उगाही करने में मशगूल सम्भ्रांत लोगों का करना नहीं जानते सम्मान :धीरेंद्र शुक्ला
विश्वनाथ प्रताप सिंह
उ.प्र.के प्रयागराज में योगी सरकार ने कमिश्नरेट प्रणाली लागू करके लोगों को न्याय दिलाने का एक अनूठा प्रयास किया है लेकिन वह बिल्कुल विफल हो गया है। क्योंकि स्थानीय स्तर पर पुलिस केवल धन उगाही करने में व्यस्त है।जो अधिवक्ता शासकीय वकील वनाया जाता है, वकील ही हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जज बनता लेकिन आज उस अधिवक्ता की पुलिस निरंकुश होकर उत्पीड़न कर रही है।
शान्ति भंग में चालान कर रही है। इतना ही नहीं जिस पत्रकार से अधिकारी, नेता,प्रेस कांफ्रेंस के जरिए हाई लाईट होना चाहते हैं।उसी पत्रकार को थाने का एक अदना सिपाही जेल भेजने के फिराक में उसके विपक्षियों से एप्लिकेशन दिलवा कर दर्जनों मुकदमा दर्ज कराता क्योंकि एफआईआर दर्ज उसी को करना है।
दिलचस्प बात यह है कि जहां थाना का पुलिस जमीन के मामले में विना राजस्व विभाग के जाता नहीं है वहीं मोटी रकम मिल जाने के बाद राजस्व विभाग की जरूरत नहीं समझते है। खतौनी,अंश खुद निर्धारण कर एस डी एम, तहसीलदार बन जाते।
इतना ही स्थानीय थाना स्तर पर नियुक्त नागरिक आरक्षी,उप निरीक्षक जानते हैं कि मैं नियम कानून को ताक में रखकर कार्य कर रहा हूं लेकिन मोटी रकम के आगे सब भूल जाते हैं। जबकि गलत तरीके से कमाने वाले अधिकारी, कर्मचारियों की औलाद, परिवार सुखी नहीं रह सकता। और इनकी संतान या तो पागल होती है या नालायक या दुर्घटना में मौत हो जाती है। क्योंकि दूसरे को सता कर पैसा लेते हैं।
इस समय उ.प्र.में भाजपा सरकार की बदनामी केवल ब्याप्त भ्रष्टाचार के कारण हो रहा है।कौन विरोध करें। पत्रकार, वकील विरोध करेगा तो उसे विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा।
आईए इन भ्रष्टाचारियों का डटकर विरोध करें।
धैर्य धारण करें,सत्य परेशान होता है लेकिन पराजित नहीं।
Oct 06 2024, 17:16