नवरात्र पर रांची में दिखा डांडिया व गरबा की धूम, डांडिया ताल पर झूम दांगी समाज के लोग
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार में लोग नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और शक्ति की आराधना करते हैं। नवरात्र के दिनों में अगर डांडिया की बात ना करें तो यह कहीं ना कहीं अधूरा माना जाता है 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करते हैं वही एक रिवाज चला आ रह है डांडिया का।
नवरात्रि केवल धार्मिक पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक गतिविधियां भी महत्वपूर्ण होती हैं। गरबा और डांडिया, नवरात्रि के दौरान खेले जाने वाले प्रमुख नृत्य हैं, जो इस पर्व का मुख्य आकर्षण होते हैं। बिना गरबा और डांडिया के नवरात्रि का जश्न अधूरा माना जाता है। आज इसी क्रम में दांगी समाज की ओर से भी डांडिया का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत मां दुर्गा के गीत के साथ की गई।
डांगी समाज के द्वारा आयोजित इस डांडिया कार्यक्रम में महिला पुरुष बच्चे के साथ-साथ बुजुर्ग भी डांडिया की ताल पर थिरकते नजर आए। गरबा नृत्य का मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा की पूजा करना है। इसे देवी के गर्भ में छिपी ऊर्जा और शक्ति को प्रकट करने का माध्यम माना जाता है। गरबा का गोलाकार स्वरूप ब्रह्मांड के निरंतर चलने वाले चक्र को दर्शाता है, जो जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतीक होता है।
माना जाता है की डांडिया नृत्य देवी की शक्ति का सम्मान करने और उनकी कृपा पाने का एक साधन है। साथ ही डांडिया नृत्य में पुरुष और महिलाएं लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करके नृत्य करते हैं। यह नृत्य देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है। डांडिया में इस्तेमाल की जाने वाली छड़ियां देवी दुर्गा की तलवार का प्रतीक मानी जाती हैं, जो बुराई का नाश करती हैं।
Oct 06 2024, 15:09