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फूड प्रोसेसिंग में संभावनाओं और सिपेट भूमिका पर कॉन्क्लेव में की गयी चर्चा
केंद्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), हाजीपुर में सोमवार को फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के सह अध्यक्ष विकास और इसमें सिपेट के योगदान पर चर्चा की.

      
     कार्यक्रम की शुरुआत बिहार पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सह अध्यक्ष कुमोद कुमार के स्वागत संबोधन से हुई. उन्होंने फूड प्रोसेसिंग उद्योग की संभावनाओं और सिपेट की भूमिका पर जोर दिया. विशिष्ट अतिथि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के आनंद झा ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के मौजूदा परिदृश्य और इसके महत्त्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस क्षेत्र में रोजगार, निर्यात और उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की।


         बताया गया कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री समग्र खाद्य आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण घटक हैं। इस इंडस्ट्री में कच्चे कृषीय और पशुधन उत्पादों को उपभोग के लिए उपयुक्त प्रसंस्कृत मूल्यवर्धित खाद्य उत्पादों में परिवर्तित किया जाता हैं। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का उद्देश्य खाद्य पदार्थों को सुरक्षित, अधिक सुविधाजनक और लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के साथ-साथ उनके स्वाद एवं पोषण मूल्य में वृद्धि करना हैं।

         
      अर्थव्यवस्था की दृष्टि से इसका निर्यात में 13% और औद्योगिक निवेश में 6% का योगदान हैं। इस इंडस्ट्री में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2014 से 2020 तक 4.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ हैं। जो इस क्षेत्र की आगामी संभावनाओं का संकेत हैं।
          
    
      वर्ष 2024 तक 9 मिलियन रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद हैं। इसके अलावा भारत 2030 तक भारत विश्व का पांचवां सबसे बड़ा खाद्य प्रौद्योगिकी उत्पाद बनने के लिए तैयार हैं। यह इस क्षेत्र की अपार विकास क्षमता को रेखांकित करता हैं।

     
         सिपेट हाजीपुर के निदेशक एवं प्रमुख संजय कुमार चौधरी ने सिपेट - में चल रहे तकनीकी पाठ्यक्रमों और ट्रेनिंग कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिपेट ने किस प्रकार फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. विशेष रूप से प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री के डिजाइन और निर्माण के माध्यम से, जो कि फूड उद्योग के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि सिपेट ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा वितरित अनाज की पैकेजिंग सामग्री का निरीक्षण भी किया है.

     
      सिपेट एक स्वायत्त संस्थान है, जिसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत वर्ष 1968 में स्थापित किया गया था। सिपेट का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा एवं अनुसंधान जैसे संयुक्त कार्यक्रम के माध्यम से प्लास्टिक उद्योग के विकास में योगदान देना हैं। यह संस्थान देश में पेट्रोरसायनों और संबंध उद्योगों  के विकास के लिए कौशल विकास, प्रौद्योगिकी सहायता, शैक्षणिक और अनुसंधान ( एसवीएआर) गतिविधियों के लिए समर्पित हैं। सिपेट में एकेडेमिक्स, स्किलिंग, टेक्नोलॉजी सपोर्ट एवं रिसर्च आदि क्षेत्रो पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

   
       सिपेट मुख्यालय से आलोक कुमार साहू, आरएन तिवारी एवं जीवन राम मैनेजर कौशल विकास ने कॉन्क्लेव में भाग लिया. इस दौरान  बताया गया कि सिपेट केंद्रीय पेट्रो  रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी  संस्थान (सिपेट), हाजीपुर भारत  सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय  के तहत काम करने वाला एक प्रमुख  संस्थान है, जो पेट्रो केमिकल्स और  उससे संबंधित क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान सेवाएं प्रदान करती है.
साइबर थाना ने अवैध रूप से निकासी किए गए राशि रिकवर कराया
हाजीपुर . साइबर थाना की पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के कुतुबपुर गांव के एक व्यक्ति का मोबाइल खो जाने पर, सिम कार्ड दूसरे को अलॉट हो गया।इसके बाद साइबर थाना की पुलिस ने उसके अकाउंट से 41 हजार रुपये निकासी होने के महज 24 घंटे के भीतर राशि रिकवर करके पीड़ित को थाना बुलाकर सौंप दी है।

        इस संबंध में साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी चांदनी सुमन ने बताया कि शनिवार को सदर थाना क्षेत्र के कुतुबपुर गांव निवासी रंजीत कुमार ने साइबर थाना पहुंच कर खाते से 41 हजार रुपये निकासी होने की शिकायत की थी। शिकायत मिलने पर साइबर थाना की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तकनीकी सहयोग से पैसा निकासी करने वाले की पहचान कर संपर्क स्थापित किया।

     बताया गया कि रंजीत कुमार का मोबाइल दो माह पूर्व कहीं खो गया था। मोबाइल में दो सिम कार्ड लगे थे। उसने एक सिमकार्ड को फिर से चालू करा लिया तथा दूसरे को छोड़ दिया था। वही मोबाइल नंबर उसने बैंक में भी रजिस्टर्ड करा रखा था। यह नंबर झारखंड के पलामू जिले के किसी व्यक्ति के नाम पर चालू हो गया था। उसने जब अपनी यूपीआई बनायी तो उसके अकाउंट से रंजीत का अकाउंट जुड़ गया। जब उसने 41 हजार रुपये अपने खाते में डाल लिये तब रंजीत के मोबाइल पर पैसा निकासी का मैसेज आया। तो उसने साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उक्त बैंक अकाउंट को फ्रीज करा दिया। इसके बाद पलामू से आकर उक्त व्यक्ति ने पीड़ित का 41 हजार रुपये वापस कर दिये।

      साइबर थानाध्यक्ष ने बताया कि इससे पूर्व भी कई लोगों का पैसा वापस कराया गया है। उन्होंने आम लोगों से साइबर फ्रॉड के मामले में सावधानी बरतने एवं साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल इसकी सूचना साइबर थाना की पुलिस को देने की अपील की।
साहित्य राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति को पुष्ट करता हैं : डॉ संजय
हाजीपुर। राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी एवं देवचंद महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आयोजित तिरहुत साहित्य उत्सव का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए विधान पार्षद एवं पूर्व केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. डॉ. संजय पासवान ने कहा कि साहित्य व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए पथ प्रदर्शक है। साहित्य राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति को पुष्ट करता है। यह उत्सव साहित्यकार और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत सिद्ध होगा।    तिरहुत साहित्य उत्सव के आरंभ में शिवांश युग ने वाणी बंदना का सस्वर पाठ एवं कसक ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।        देवचंद महाविद्यालय सभागार में आयोजित तिरहुत साहित्य उत्सव की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. डॉ. तारकेश्वर पंडित और संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रदेश अधिकारी अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध योगगुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने किया। अकादमी के जिलाध्यक्ष डॉ. शिव प्रभाकर ने पुष्प गुच्छ एवं बालक राय प्रभाकर ने अंग वस्त्र देकर आगत अतिथियों का स्वागत किया।                दो सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में के पहले सत्र के परिचर्चा सत्र में विभिन्न भाषाओं की दशा और दिशा पर सारगर्भित व्याख्यान हुए।                परिचर्चा सत्र में  प्रख्यात विद्वान माधव राय ने संस्कृत भाषा-साहित्य, डीसी कॉलेज हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. आलोक कुमार सिंह ने हिन्दी, डॉ. मोहम्मद अब्बुलैस ने आंग्ल भाषा, प्रो. मनतशा ने उर्दू, डॉ. हरिशंकर प्रसाद सिंह ने प्राकृत, डॉ. धनाकर ठाकुर ने मैथिली तथा बज्जिका परिषद् के संयोजक मणिभूषण प्रसाद सिंह अकेला ने बज्जिका भाषा साहित्य की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला।             
        प्रो. डॉ. जितेंद्र कुमार ने दिनकर की काव्य संवेदनाओं को रेखांकित किया।  इस दौरान साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध कवि मनीष मधुकर, गुवाहाटी पूर्वाचल प्रहरी के संपादक रत्नेश कुमार सिंह, जहानाबाद के  युवा  अमृतेश कुमार मिश्र, समस्तीपुर के दिवाकर दिव्यांक, सीतामढ़ी के अनमोल सावरण तथा वैशाली की डॉ. वीणा द्विवेदी को राष्ट्रकवि दिनकर सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया। अतिथियों ने अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र प्रदान किया।           समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं बिहार विश्वविद्यालय हिन्दी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भगवान लाल साहनी ने दिनकर को क्रांतिकारी और कालजयी कवि कहा। उन्होंने कहा कि दिनकर के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक अवदान को कदापि विस्मृत नहीं किया जा सकता।        अपने संबोधन में अध्यक्ष डीसी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ तारकेश्वर पंडित ने कहा कि अंधकार है वहां जहां आदित्य नहीं है, मुर्दा है वह देश जहां साहित्य नहीं है।       सम्मेलन के दूसरे सत्र में कविताओं की हुई रसवर्षा  समारोह के दूसरे सत्र में दिल्ली से पधारे प्रसिद्ध कवि मनीष मधुकर की अध्यक्षता एवं मेदिनी कुमार मेनन के संचालन में कवि सम्मेलन आयोजित हुए।           शाहपुर यूपी से आए कवि डॉ कवि धनाकर ठाकुर ने धरा बिक रही आसमान बिक रहा गजलकार सीताराम सिंह ने कोई प्यार में मिला नहीं.... अमृतेश कुमार मिश्र ने जिम्मेदारी के मारे नहीं रो सके...दिवाकर दिव्यंक ने शहर नया है, अनमोल सावरण ने बस तेरी तस्वीर दिखती है..... डॉ बीणा द्विवेदी ने धरा से मनुष्यता..... कविता सुनाकर मुग्ध कर दिया।              इस दौरान सभागार तालियों से गुंजता रहा। मनीष मधुकर की कविता में जिनके नाम के बदले में मन का मीत लिखता था, सुनकर श्रोता झूम उठे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक आचार्य चंद्र किशोर पराशर ने किया।
साहित्य राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति को पुष्ट करता है: डॉ संजय
हाजीपुर। राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी एवं देवचंद महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आयोजित तिरहुत साहित्य उत्सव का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए विधान पार्षद एवं पूर्व केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. डॉ. संजय पासवान ने कहा कि साहित्य व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए पथ प्रदर्शक है। साहित्य राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति को पुष्ट करता है। यह उत्सव साहित्यकार और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत सिद्ध होगा।     शिवांश युग ने वाणी बंदना का सस्वर पाठ एवं कसक ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।
                 
         देवचंद महाविद्यालय सभागार में आयोजित तिरहुत साहित्य उत्सव की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. डॉ. तारकेश्वर पंडित और संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रदेश अधिकारी अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध योगगुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने किया। अकादमी के जिलाध्यक्ष डॉ. शिव प्रभाकर ने पुष्प गुच्छ एवं बालक राय प्रभाकर ने अंग वस्त्र देकर आगत अतिथियों का स्वागत किया।          दो सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में के पहले सत्र के परिचर्चा सत्र में विभिन्न भाषाओं की दशा और दिशा पर सारगर्भित व्याख्यान हुए।           परिचर्चा सत्र में  प्रख्यात विद्वान माधव राय ने संस्कृत भाषा-साहित्य, डीसी कॉलेज हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. आलोक कुमार सिंह ने हिन्दी, डॉ. मोहम्मद अब्बुलैस ने आंग्ल भाषा, प्रो. मनतशा ने उर्दू, डॉ. हरिशंकर प्रसाद सिंह ने प्राकृत, डॉ. धनाकर ठाकुर ने मैथिली तथा बज्जिका परिषद् के संयोजक मणिभूषण प्रसाद सिंह अकेला ने बज्जिका भाषा साहित्य की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला।         प्रो. डॉ. जितेंद्र कुमार ने दिनकर की काव्य संवेदनाओं को रेखांकित किया।  इस दौरान साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध कवि मनीष मधुकर, गुवाहाटी पूर्वाचल प्रहरी के संपादक रत्नेश कुमार सिंह, जहानाबाद के  युवा  अमृतेश कुमार मिश्र, समस्तीपुर के दिवाकर दिव्यांक, सीतामढ़ी के अनमोल सावरण तथा वैशाली की डॉ. वीणा द्विवेदी को राष्ट्रकवि दिनकर सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया। अतिथियों ने अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र प्रदान किया।     समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं बिहार विश्वविद्यालय हिन्दी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भगवान लाल साहनी ने दिनकर को क्रांतिकारी और कालजयी कवि कहा। उन्होंने कहा कि दिनकर के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक अवदान को कदापि विस्मृत नहीं किया जा सकता।
    
        अपने संबोधन में अध्यक्ष डीसी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ तारकेश्वर पंडित ने कहा कि अंधकार है वहां जहां आदित्य नहीं है, मुर्दा है वह देश जहां साहित्य नहीं है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में कविताओं की हुई रसवर्षा  समारोह के दूसरे सत्र में दिल्ली से पधारे प्रसिद्ध कवि मनीष मधुकर की अध्यक्षता एवं मेदिनी कुमार मेनन के संचालन में कवि सम्मेलन आयोजित हुए।  
शाहपुर यूपी से आए कवि डॉ कवि धनाकर ठाकुर ने
धरा बिक रही आसमान बिक रहा गजलकार सीताराम सिंह ने कोई प्यार में मिला नहीं.... अमृतेश कुमार मिश्र ने जिम्मेदारी के मारे नहीं रो सके...दिवाकर दिव्यंक ने शहर नया है, अनमोल सावरण ने बस तेरी तस्वीर दिखती है..... डॉ बीणा द्विवेदी ने धरा से मनुष्यता..... कविता सुनाकर मुग्ध कर दिया।       इस दौरान सभागार तालियों से गुंजता रहा। मनीष मधुकर की कविता में जिनके नाम के बदले में मन का मीत लिखता था, सुनकर श्रोता झूम उठे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक आचार्य चंद्र किशोर पराशर ने किया।
दुर्गा पूजा को लेकर सभी पूजा समितियों को लेना होगा लाइसेंस
लालगंज। शांतिपूर्ण माहौल में दुर्गापूजा संपन्न कराने को लेकर शनिवार को लालगंज थाना परिसर में शांति समिति की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता करते थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि दुर्गापूजा के लिए पूजा समितियों को लाइसेंस लेना होगा. सप्तमी के दिन से केवल लाउडस्पीकर बजाना है. डीजे पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा. अश्लील गाना, राजनीतिक से संबंधित भाषणबाजी या कोई कार्यक्रम नहीं करना है. केवल धार्मिक गाना ही बजाना है. कार्यक्रम करने के पहले थाना से परमिशन लेना आवश्यक है. मूर्ति का नदी में विसर्जन पूर्णरूप से बंद रहेगा. सभी पूजा समिति को भीड़ नियंत्रण को लेकर वॉलंटियर की व्यवस्था करनी होगी. श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात रहेगी. कलश स्थापना के दिन बसंता जहानाबाद घाट समेत आसपास के घाटों पर एसडीआरएफ की विशेष व्यवस्था की गयी है  बैठक का संचालन लालगंज सीओ स्मृति साहनी ने किया.

पूजा व विसर्जन में डीजे बजाने पर रहेगी पूरी तरह से रोक

    राजापाकर थाना परिसर में दुर्गापूजा को ले कर शांति समिति की बैठक हुई.



        बैठक में सभी पूजा समितियों को ज्यादा ऊंचा पंडाल नहीं बनाने, सभी पंडालों में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगाने का निर्देश दिया गया. साथ ही समिति में दस वालंटियर बनाकर आवेदन के साथ आधार मोबाइल नंबर सहित थाने में जमा करने का निर्देश दिया गया. बताया गया विसर्जन एवं पूजा में डीजे बजाने पर पूर्णतः रोक रहेगी. सभी पूजा कमेटी को लाइसेंस के लिए थाने में आवेदन जमा कर लाइसेंस प्राप्त करना होगा. प्रखंड मुख्यालय के हाइस्कूल चौक पर होने वाले रावणवध कार्यक्रम को ले कर बताया गया कि छह बजे तक रावणवध कार्यक्रम को संपन्न कर लेना हैं।
अधिकारी आपसी समन्वय और तालमेल से करें काम, कानून व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़ों का ऑनलाइन प्रविष्ट जरूर करें : कमिश्नर
हाजीपुर।  शनिवार को विधि व्यवस्था के मद्देनजर तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त सरावनन एम तथा पुलिस उप महानिरीक्षक बाबूराम ने संयुक्त रूप से समीक्षा बैठक की। इस दौरान जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा और पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय भी मौजूद थे।          इस मौके पर आयुक्त ने कहा कि आज की दुनिया डिजिटल हो गई है। इसलिए सारा काम मैन्युअल न कर ऑनलाइन करें। विधि विभाग के द्वारा मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम में कानून व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़ों की प्रविष्टि कराएं। कानून व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़ों का लगातार अनुश्रवण करें।           उन्होंने कहा कि भू-समाधान की शनिवारी बैठक में अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी निश्चित रूप से मौजूद रहे। वहां का माहौल ऐसा बनाएं कि सभी लोग थाने पर पहुंचने में संकोच न करें। आयुक्त शांति समिति की बैठक में उन्हें जरूर बुलाएं, जो शांति बहाली में असरदार हों। तिरहुत आयुक्त सरावनन ने कहा कि सभी पदाधिकारी आपसी समन्वय एवं तालमेल के साथ काम करें।           आंकड़ों का ऑनलाइन प्रविष्टि जरूर करें, ताकि लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर के पुनः समीक्षा बैठक करेंगे।             मूर्ति विसर्जन के रूट का शत प्रतिशत सत्यापन करवाएं। विधि व्यवस्था संधारण के लिए पदाधिकारी और पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह भी सुनिश्चित किया किया जाए कि वे अपनी प्रतिनियुक्ति स्थल पर ही रहें। डीआईजी बाबू राम ने सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने स्तर से थाने को निर्देशित करें कि जहां-जहां पंडाल बन रहा है और जहां मूर्ति रखी जा रही हैं  यह देखें कि पंडाल कितनी मजबूती से बन रहा है।        कोई आपत्तिजनक वस्तु या मुद्या तो नहीं, जिससे विवाद उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि जब पंडाल और मूर्ति विसर्जन के लिए आवेदन आए, तब थाना प्रभारी यह अवश्य देखेंगे कि आवेदन किसी डमी आवेदक का तो नहीं।   पंडाल के पास भीड़  प्रबंधन की भी व्यवस्था सुनिश्चित करे। आवश्यकतानुसार निरोधात्मक कार्रवाई भी करें।   एक माह के बाद पुनः होगी समीक्षा बैठक आयुक्त ने कहा कि सभी पदाधिकारी आपसी समन्वय एवं तालमेल के साथ काम करें। आंकड़ों का ऑनलाइन प्रविष्टि जरूर करें, ताकि लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर पुनः समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, तीनों अनुमंडल के एसडीएम, एसडीपीओ, डीपीओ (अभियोजन), सिविल सर्जन, रोक अभियोजक, जिला जन संपर्क कई जिला स्तरीय पदाधिकारी सहित पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान कई अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।तैयारी के बारे में स्लाइड के जरिए पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारीइसके पहले जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त और डीआईजी का स्वागत करते हुए बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन समेकित रूप से जिला में विधि व्यवस्था संधारण के लिए कृत संकल्पित है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से संबंधित मामलों की अनुसंधान पूर्णकर निष्पादन करने की कार्य योजना, विचारण हेतु लंबित मामलें, स्पीडी ट्रायल, थानावार गैर जमानती मामले, सीसीए के तहत की गई कार्रवाई, पुलिस गश्ती, एससी एसटी एक्ट के तहत त्वरित अनुसंधान, भूमि विवाद समाधान हेतु शनिवारी बैठक, सीसीटीवी के अधिष्ठापन, साइबर क्राइम, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम, पुलिस पदाधिकारी को नए कानून संबंध में दिया गया प्रशिक्षण तथा दुर्गापूजा में विधि व्यवस्था को लेकर की गई तैयारी के बारे में स्लाइड के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। लोगों को इस बारे में विभिन्न जानकारी दी जा रही है।
पर्यटन देशों के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण
                 
       विश्व पर्यटन दिवस पहली बार 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन ( UNWTO) द्वारा शुरू किया गया था। इसकी तारीख 27 सितंबर के रूप में
चुना गया था। क्योंकि 1970 में इसी दिन UNWTO  को मान्यता दी गई थी।

           विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम हैं पर्यटन और शांति: यह थीम अंतरर्राष्ट्रीय सद्भाव, सांस्कृतिक समझ और शांति को बढ़ावा देना हैं।
विश्व पर्यटन दिवस 2024 का आयोजन जॉर्जिया के
टिबलिसी में किया जायगा, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत आश्चर्यजनक परिदृश्य और गर्मजोशी भरें आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध हैं।


लालगंज ।   विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर लालगंज के जीए उच्च माध्यमिक विद्यालय में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार हाजीपुर वैशाली के तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह और अवर न्यायाधीश सह प्राधिकार सचिव रितु कुमारी के निर्देश पर किया गया.

             कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक पारसनाथ यादव ने की. इस दौरान पीएलवी संतोष कुमार व अमरेश कुमार ने विद्यालय के छात्र- छात्राओं को बताया कि पर्यटन के महत्व और इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व के बारे में जागरूकता बढाने के लिए हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. पर्यटन दिवस की शुरुआत साल 1980 में थॉमस कुक ने की थी. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देना और विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा हैं। पर्यटन न केवल हमें एक-दूसरे की सांस्कृतियों, परंपराओं और इतिहास को जानने-समझाने का मौका प्रदान करता हैं। बल्कि यह विभिन्न देशों के आर्थिक विकास रोजगार के अवसर और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण हैं ।

पर्यटन विश्व दिवस 2024 का थीम हैं पर्यटन और शांति है. पर्यटन समुदायों को बदल सकता है. रोजगार पैदा कर सकता है. समावेश को बढ़ावा दे सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है. हाजीपुर कौनहारा स्थित दुर्गा मंदिर में भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पैनल अधिवक्ता अनसूईया कुमारी और पीएलभी निर्मला कुमारी द्वारा विश्व पर्यटन दिवस पर लोगों को विस्तृत जानकारी दी.

          कार्यक्रम में शिक्षक कमलजीत कुमार, दिलीप कुमार कश्यप, रोहित कुमार, सौरभ कुमार, हिमांशु मंदिलवार, रचना कुमारी, रीता प्रियदर्शनी, अस्मिता कुमारी, अर्चना कुमारी, डॉली रानी सिंह, गुंजन कुमारी, अब्दुल कादिर, लुटुपुर रहमान, प्रवीण कुमार आदि मौजूद थे।
दो दिवसीय जिला युवा महोत्सव का हुआ समापन, प्रतिभागियों के बाद हुआ पुरस्कार वितरण
   आपको बता दें कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से प्रत्येक वर्ष  जिला युवा महोत्सव का आयोजन कराया जाता हैं। युवा महोत्सव में विविध विधाओं में प्रतियोगिता कराया जाता हैं वहीं जिले के अभ्यर्थी फॉर्म भरकर प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता हैं और वे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किए जाते हैं।हाजीपुर ।कला संस्कृति, युवा विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 28वां जिला स्तरीय युवा उत्सव 2024 गुरुवार को संपन्न हो गया. अपर समाहर्ता विनोद कुमार सिंह ने विजेताओं को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत किया. कार्यकम में अतिथियों का स्वागत जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी शालिनी ने किया. दो दिवसीय प्रतियोगिता के पहले दिन कथक नृत्य में खुशबू कुमारी प्रथम, नीतू कुमारी द्वितीय तथा राखी कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. वहीं भारत नाट्यम में अंशिका कुमारी ने प्रथम तथा सृष्टि कुमारी ने द्वितीय किया.                 समूह गायन में मिथिलेश कुमार, हाजीपुर ग्रुप को प्रथम, सलोनी कुमारी ग्रुप को द्वितीय तथा सुष्मिता भारती, हाजीपुर ग्रुप को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ.      शास्त्रीय गायन एकल में मिथिलेश कुमार को प्रथम, दिलीप कुमार को द्वितीय तथा ओम कुमार एवं शशांक कुमार को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. लघु नाटक में मिंटू कुमार के नेतृत्व में प्रथम तथा मिहिर राज के नेतृत्व में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ. वहीं लोक नृत्य में जूटी साक्षी ग्रुप राज नारायण सिंह  महाविद्यालय के छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।          एकल वादन दिलरुबा में धर्मवीर कुमार शर्मा को प्रथम, गिटार में गुलशन सिंह चौहान को प्रथम, मयंक राज को द्वितीय, तबला वादन में विशेश्वर आनंद आर्य को प्रथम, अनंत आर्या को द्वितीय, मिथिलेश कुमार को तृतीय, हारमोनियम बादन में मिथिलेश कुमार को प्रथम, गौतम कुमार को द्वितीय, अनीष कुमार को तृतीय वक्तृता हिंदी में कविता कुमारी को प्रथम, परमेश्वर मालवीय को द्वितीय तथा अंशु प्रकाश को तृतीय,         हस्तशिल्प कला में धर्मवीर कुमार शर्मा को प्रथम,  प्रीतम राजलक्ष्मी को देते द्वितीय अंशु कुमारी को तृतीय,  चित्रकला में सांस्कृतिक पुरुषोत्तम को प्रथम, महिमा रानी को द्वितीय तथा नेहा कुमारी एवं विक्की कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ.      कविता में प्रथम अंजू प्रकाश, रवि यादव द्वितीय, कविता  कुमारी को तृतीय, कहानी लेखन में अंजू प्रकाश प्रथम, भानु प्रकाश द्वितीय  तथा मंगलम भारती को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
हिन्दी है जन-जन की भाषा : डॉ. जितेन्द्र
हाजीपुर। होटल प्रबंधन संस्थान हाजीपुर में 14 से 28 सितम्बर तक आयोजित हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत गुरुवार को संस्थान में कार्यरत अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए निबंध प्रतियोगिता वही बुधवार को हिदी साहित्य सम्मेलन के सहयोग से भव्य कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता का उद्घाटन विभागाध्यक्ष सुमित चटर्जी एवं कल्याण मुखर्जी और कविसम्मेलन सह सम्मान समारोह का उदघाटन पदमश्री डॉ० जितेन्द्र कुमार सिंह, पदमश्री विमल जैन, प्राचार्य का पूलक मंडल सहित अन्य अतिथियों ने दीप  प्रज्ज्वलित कर किया।

       कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों ने संस्थान द्वारा प्रकाशित ई- पत्रिका 'प्रतिबिंब' का लोकार्पण किया।
                     इन्हें किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में प्राचार्य पूलक मंडल, पदमश्री डॉ० जितेन्द्र कुमार, पदमश्री विमल जैन एवं मुर्तजा कमाल तथा कल्याण मुखर्जी को हिन्दी रत्न सम्मान-2024 से सम्मानित किया। साथ ही 7 वरीष्ठ साहित्यकारों को नामित स्मृति सम्मान-2024, 14 साहित्यकारों को साहित्यसेवी सम्मान-2024 एवं अन्य 14 साहित्य प्रेमियों को हिन्दी सेवी सम्मान-2024 से सम्मानित किया गया। इसके 35 व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। इनमें से बिहार के विभिन्न जिलों से आए 15 कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शक दिर्घा में बैठे लोगों को लगातार तीन " घंटों तक बांधे रखा। बीच-बीच में तालियों को गड़गड़ाहट से सभागार गुंजयमान रहा।  

           प्राचार्य पूलक मंडल ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिन्दी को भारतीय संविधान के 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को स्थान दिया गया है, जिसमें अंग्रेजी शामिल नहीं है। डॉ० जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि हिन्दी जन जन की भाषा है और समस्त भाषाओं की रानी है। उन्होंने हिन्दी का माँ के समान बताया।

       पदमश्री विमल जैन ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी हमारी अस्मिता से संबंधित है उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में हिन्दी वैश्विक पटल की भाषा बनने की ओर अग्रसर है। अध्यक्षता डॉ० शशिभूषण कुमार ने किया। प्रशासनिक अधिकारी मुर्तजा कमाल ने कहा कि हमें हिन्दी बोलने में गौरवान्वित होना चाहिए।
         हिन्दी को अगर विश्व पटल पर लाना हैं तो हमें के हिन्दी साहित्यकारों का सम्मान हमें करना होगा। हिन्दी पखवाड़ा दिवस 2024 में कई कार्यक्रम का आयोजन कर हिन्दी साहित्यकारों को सम्मानित और पुरस्कार दिया गया। कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

बड़ी दुर्गा मंदिर के पूर्व पुजारी सहित छह पर प्राथमिकी दर्ज

लालगंज गोला रोड स्थित श्री बड़ी दुर्गा महारानी मंदिर पर मनगढंत आरोप लगाने में पूर्व पूजारी मणिकांत मिश्र, नप लालगंज के सभापति कंचन कुमार शाह, पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश चौधरी सहित छह लोगों पर लालगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा  कि कुछ लोगों ने जान बूझकर साजिश  के तहत मेरी छवि खराब की‌। 
          साथ ही मंदिर की गरिमा और पवित्रता पर  लांछन लगाया है। बिना मंदिर प्रबंधन का पक्ष जाने ऐसे वीडियो जारी कर दिए गए, जिससे मंदिर और मंदिर प्रबंधन की छवि दागदार हुई है। वहीं बड़ी दुर्गा महारानी मंदिर की आड़ में अनैतिक कार्य और धन उगाही जैसे जघन्य आरोप मंदिर संचालक और प्रबंधन से जुड़े विनोद पंजियार पर लगे हैं।
          इसे लेकर पंजियार ने पूर्व पुजारी मणिकांत मिश्रा सहित 6 लोगों पर नामजद प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई है। आगामी 3 अक्टूबर को मंदिर परिसर में ही महापंचायत' बुलाकर संबंधित साजिश के उद्भेदन की भी बात उन्होंने कही है। नहीं बनी अभी तक कोई कमेटी : आरोप है कि डेढ़ सौ साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य उत्सव के साथ उद्धघाटन 10 फरवरी 2023 को किया गया था। मंदिर निर्माण में सैंकड़ों लोगों ने एक मोटी रकम दान स्वरूप दी थी।           उस समय कहा गया था कि दानकर्ताओं के नाम मंदिर में डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से इंगित करवाए जाएंगे, लेकिन निर्माण के दो साल बाद तक इस पर कोई पहल नहीं की गई। इसको लेकर भी शहर में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि मंदिर में दानकर्ता तो दूर, जमीन दाता का भी कहीं जिक्र तक नहीं है। विनोद पंजियार मंदिर पर पूरी तरह नियंत्रण रखते हैं।       जनसेवा और जनभागीदारी से बनी इस संस्था से अर्जित राजस्व के आय व्यय में किसी भी तरह की कोई पारदर्शिता नहीं है।