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विश्व पर्यटन दिवस पर बस्तर के चित्रकोट और ढूढमारस गांवों को मिला विशेष सम्मान

रायपुर-    विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए भारत सरकार ने सम्मानित किया है। बस्तर के चित्रकोट और ढूढमारस गांवों को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित बेस्ट टूरिज्म विलेज प्रतियोगिता 2024 में विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में दिया गया। चित्रकोट को सामुदायिक पर्यटन मॉडल के लिए और ढूढमारस को एडवेंचर पर्यटन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया गया है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चित्रकोट और ढूढमारस ग्राम के लोगों और पर्यटन विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से राज्य के पर्यटन उद्योग को और गति मिलेगी। इसके लिए राज्य में वेलनेस टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिए गए इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य, और जंगल सफारी और ज़ू रायपुर के निदेशक गणवीर धम्मशील उपस्थित थे। इसके साथ ही अनएक्सप्लोर्ड बस्तर के संस्थापक जीत सिंह आर्य, और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि मंसिंग बघेल व सोनाधर बघेल (ढूढमारस), तथा खगेश्वर मौर्य व सुकमन कश्यप (चित्रकोट) भी इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए मौजूद थे। इस सम्मान के साथ, छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी, और यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान को सशक्त करेगा।

गौरतलब है कि इन दोनों स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने में स्थानीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ढूढमारस गांव अपनी रोमांचक एडवेंचर गतिविधियों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है, जबकि चित्रकोट का जलप्रपात अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के कारण विश्वप्रसिद्ध है। इस सम्मान से इन दोनों पर्यटन स्थलों की पहचान और भी व्यापक हो गई है।

तालाबंदी : ‘मोदी की गारंटी’ लागू करवाने हड़ताल पर बैठे अधिकारी-कर्मचारी

रायपुर- ‘मोदी की गारंटी’ लागू करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी राज्यव्यापी कलम बंद, काम बंद, ताला बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर सरकारी कार्यालय में आज कामकाज बंद है. इसके साथ ही बूढ़ा तालाब स्थल इंडोर स्टेडियम परिसर में हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्यालय बंद करने की चेतावनी दी है. 

छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने प्रदेश सरकार से “मोदी की गारंटी” लागू करने की मांग करते हुए कहा कि फेडरेशन लंबे समय से शासकीय सेवकों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता, अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने की मांग करता रहा है.

उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीक़े से आंदोलन जारी है. आज एक दिवसीय छुट्टी लेकर हड़ताल कर रहे हैं, आज के बाद अगर मांग नहीं मानी जाती है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. पूरे प्रदेश भर में कार्यालयों का बहिष्कार कर दिया जाएगा.

कमल वर्मा ने बताया कि प्रथम चरण के आंदोलन में छह अगस्त को मुख्य सचिव ज्ञापन सौंपा गया था. 20 अगस्त से 30 अगस्त के बीच दूसरे चरण के लिए विधायकों, सांसदों व मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था. इसी तरह तीसरे चरण में 11 सितंबर को जिला ब्लॉक में मशाल रैली निकालकर कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया था. उन्होंने कहा कि आज कार्यालयों का बहिष्कार कर हड़ताल कर रहे हैं. फेडरेशन के इस कलमबंद काम बंद हड़ताल को 112 मान्यता एवं ग़ैर मान्यताप्राप्त संगठनों का समर्थन मिला है. कार्यालय बंद का आह्वान किया गया था, जिसके बाद सभी कार्यालय बंद हैं.

कार्यालयों में छाया सन्नाटा

अधिकारियों-कर्मचारियों के कलम बंद, काम बंद हड़ताल की वजह से शुक्रवार को सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा. रायपुर कलेक्ट्रेट के कार्यालयों का जायज़ा लिया. लोग सरकारी कार्यालय के बंद होने की वजह से निराश होकर लौट रहे थे. अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने दावा किया कि इस हड़ताल को 112 संगठनों का समर्थन मिला है, जिसकी वजह से सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे.

मुख्यमंत्री श्री साय ने दुर्ग नगर में किया 23 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दुर्ग नगर के वार्ड नंबर 03 में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में 22 करोड़ 97 लाख रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरूण साव, सांसद विजय बघेल, विधायक गजेंद्र यादव और रिकेश सेन, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जिन कार्यों का भूमिपूजन किया उनमें 1 करोड़ 98 लाख 39 हजार रूपए की लागत सेे उरला में खेल मैदान का विकास कार्य, 88 लाख 47 हजार रूपए लागत सेे सड़क सुरक्षा हेतु राजेन्द्र पार्क चौक में विकास कार्य, 1 करोड़ 66 लाख 02 हजार रूपए लागत से विभिन्न स्थानों में वृक्षारोपण कार्य, 1 करोड़ 35 लाख 41 हजार रूपए लागत से विभिन्न वार्डों में 8 स्थानों पर डामरीकरण व 1 स्थान पर पेवर ब्लॉक, 1 करोड़ 99 लाख 43 हजार रूपए लागत से गया नगर 33 के.वी. पावर स्टेशन के पास डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन निर्माण कार्य, 49 लाख 98 हजार रूपए लागत से वार्ड क्रमांक 15 सतनाम भवन आयुर्वेदिक अस्पताल के पीछे सांस्कृतिक भवन निर्माण कार्य, 8 करोड़ 33 लाख रूपए लागत से शहर के विभिन्न वार्डों में कुल 59 कार्य (सड़क, नाली पुलिया निर्माण), 2 करोड़ 72 लाख 37 हजार रूपए लागत से वार्ड क्रमांक 32 शिक्षक नगर में वाटर सप्लाई पार्ट ए एवं बी, 25 लाख रूपए की लागत से राजेन्द्र पार्क चौक पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापना, 50 लाख रूपए की लागत से गोंडवाना भवन के प्रथम तल में अतिरिक्त हॉल निर्माण कार्य, 2 करोड़ 14 लाख रूपए लागत से विधायक निधि अंतर्गत विभिन्न विकास कार्य तथा 65 लाख रूपए लागत से प्रभारी मंत्री निधि अंतर्गत विभिन्न विकास कार्य का भूमिपूजन शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने दुर्ग के भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान की अनेक घोषणाएं-

1. इंदिरा मार्केट दुर्ग में मल्टी लेवल पार्किंग निर्माण की घोषणा।

2. साइंस कॉलेज के पीछे केनाल रोड निर्माण की घोषणा।

3. नहर चौक से चंडी मंदिर चौक तक सड़क का होगा चौड़ीकरण।

4. चौक-चौराहों पर बनाए जाएंगे महिला शौचालय।

5. दुर्ग एवं भिलाई में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा।

अग्निपथ: राहुल गांधी की तरह दीपक बैज की छत्तीसगढ़ में ‘न्याय यात्रा’

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में आज से कांग्रेस की 6 दिवसीय न्याय यात्रा की शुरुआत हो गई है. न्याय यात्रा का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष बैज कर रहे हैं. यात्रा की शुरुआत उन्होंने संत गुरु घासीदास बाबा की तपोभूमि गिरौदपुरी से की. यात्रा शुरू करने से पूर्व बैज शिवरीनारायण धाम भी पहुंचे और सोनाखान जाकर शहीद वीरनारायण सिंह को नमन भी किया.

प्रभु और पुरखों को याद करने के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी बैज ने आशीर्वाद लिया, कार्यकर्ताओं को जोहार किया, स्नेह किया, प्यार किया, स्वागत-सत्कार किया. ढोल-नगाड़े, गाजे-बाजे के बीच बैज पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. चरण दास महंत, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, कवासी लखमा, मोहन मरकाम सहित अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं की टोली के साथ बाबा गुरुघासी दास की तपोस्थली पहुँचे. बाबा को प्रणाम किया और छत्तीसगढ़वासियों की न्याय के लिए ‘मनखे-मनखे एक बरोबर’ का संदेश देते हुए यात्रा पर निकल पड़े.

बैज की न्याय यात्रा का यह पहला चरण है. इस पहले चरण में वे बलौदाबाजार के गिरौदपुरी से रायपुर तक करीब 130 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. 6 दिवसीय यात्रा का समापन राजधानी रायपुर में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर होगा. हर दिन यात्रा में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे और कांग्रेस की एकजुटता का संदेश देंगे. जैसे यात्रा के पहले दिन पार्टी के नेताओं ने दी है.

बैज की यह यात्रा एक तरह से राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तरह ही है. राहुल गांधी ने भी देश भर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की थी. अब ठीक उसी अंदाज में पूरे ताम-झाम, लाव-लश्कर, नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ के साथ दीपक बैज छत्तीसगढ़ में न्याय यात्रा कर रहे हैं.

दीपक बैज की यह यात्रा कई मायनों में खास है. और उनके लिए अग्निपथ की तरह है. वो इस लिहाज से क्योंकि उनके अध्यक्ष रहते छत्तीसगढ़ में दो महत्वपूर्ण चुनाव हुए और दोनों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. पहला चुनाव विधानसभा और दूसरा चुनाव लोकसभा का था. इन दोनों ही चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस में कई लोग पार्टी में व्यापक बदलाव के नारे के साथ उठ खड़े हुए थे, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व का भरोसा बैज पर कायम रहा. बैज ने अपने अध्क्षीय कार्यकाल का एक साल पूरा किया और आगे बड़ी चुनौतियों के साथ दूसरे कार्यकाल की ओर बड़ चले हैं.

कहते हैं कि पदयात्रा से नेताओं को बड़ी ऊर्जा और ताकत मिलती है. यात्रा हमेशा से ही भविष्य के लिए कारगर साबित होती रही है. इसके कई उदाहरण अतीत में हुए तमाम राजनीतिक और सामाजिक यात्राओं से मिलते हैं. दीपक बैज के लिए तो राहुल गांधी की यात्रा ही सबसे बड़ा उदाहरण है. इसमें कोई संदेह नहीं कि पदयात्रा से निकलने वाले परिणाम को बैज बेहतर समझते होंगे.

यही वजह ही कि बैज ने बिना देर किए ही सही मौके पर अपने पदयात्रा की शुरुआत कर दी है. बैज के लिए सही अवसर दो तरह से है. पहला अवसर प्रदेश में कानून व्यवस्था का इन दिनों सबसे बड़ा मुद्दा है. एक बाद एक हो रही बड़ी घटनाओं ने कांग्रेस को सत्ता पक्ष के खिलाफ एक बड़ा प्रदेशव्यापी मुद्दा दे दिया है. इसमें बलौदाबाजार में कलेक्टर-एसपी कार्याकाल आगजनी और कवर्धा के लोहारीडीह कांड सबसे बड़ा है. जिसे सदन से लेकर सड़क तक भुनाने में कांग्रेस ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. इसके साथ ही दूसरा अवसर आगामी महीनों में छत्तीसगढ़ में होने वाला निकाय और पंचायत चुनाव है.

बैज निश्चित ही इन अवसरों को पार्टी की सफलता में बदलना चाहते हैं. और यह बताना चाहते हैं कि वे चुनौतियों से घबराने वाले नहीं हैं. लेकिन चुनौतियों का सामना तो बैज को अंदर भी करना पड़ रहा और बाहर भी. साथ और समर्थन पार्टी और जनता से कितना मिल पाया यह तो 2 अक्टूबर समापन के साथ पता चलेगा. फिलहाल तो बैज युवा जोश लिए अग्निपथ पर चल पड़े हैं.

जिले में डेंगू के रोकथाम के लिए उठाएं प्रभावी कदम, मंत्री लखनलाल देवांगन ने कलेक्टर को लिखा पत्र

रायपुर-    वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा नगर और पूरे जिले में डेंगू से बचाव और रोकथाम के लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर आवश्यक कदम तत्काल उठाने के निर्देश दिए हैं।

मंत्री श्री देवांगन ने अपने पत्र में लिखा है कि विधानसभा क्षेत्र कोरबा सहित पूरे जिले के लोगों में डेंगू बीमारी से ग्रसित होने की संख्या में निरंतर वृद्धि होने की जानकारी आम जनमानस से मिल रही है। जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र पोड़ी-उपरोड़ा, पाली और करतला क्षेत्र के साथ-साथ कोरबा शहरी क्षेत्र में भी लोग डेंगू बीमारी की चपेट में आ रहें हैं। इसकी रोकथाम के लिए नियमित तौर पर कीटनाशक का छिड़काव, नालियों व जल-जमाव के सफाई, आवश्यक चिकित्सकीय उपचार, दवाईयों के वितरण की अत्यंत आवश्यकता है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरदानी वितरण की व्यवस्था भी करना जरूरी है। इसके अलावा ऐसे प्रभावित क्षेत्र जहां डेंगू के केस में लगातार वृद्धि हो रही है वहां स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से नियमित तौर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों की जांच के साथ-साथ नये मरीजों की पहचान शीघ्र करने की आवश्यकता है।इसे देखते हुए कोरबा विधानसभा सहित पूरे जिले में डेंगू बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष पहल करते हुए आवश्यक चिकित्सकीय व्यवस्था करने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग को तत्काल निर्देशित करने कहा है।

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने वन मंत्री केदार कश्यप को सांसद ने दिया न्यौता

रायपुर-     वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप को उनके निवास कार्यालय में बस्तर के सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप के साथ प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात कर बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया। मंत्री श्री कश्यप ने सभी आवश्यक तैयारियां की जानकारी ली तथा सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी।

मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि यह पर्व खास तौर पर यहां की आदिवासी संस्कृति देवी दंतेश्वरी की पूजा और बस्तर राजवंश की परंपराओं से जुड़ा हुआ है। यह त्यौहार बस्तर की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक आस्था का प्रतीक है इसे देखने के लिए देश-विदेश के लोग आते हैं।

उन्होंने कहा कि यह लगभग 75 दिनों तक चलने वाला पर्व है तथा बस्तर की विशिष्ट परंपराओं से जुड़ा हुआ है। दशहरा के दौरान पूरे बस्तर क्षेत्र में विशेष अनुष्ठान, परंपरागत नृत्य, संगीत और शोभायात्राएं की जाती है।

उन्होंने मेला समिति के प्रतिनिधियों से कहा कि आयोजन की तैयारी में किसी भी प्रकार की असुविधा श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को ना हो तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाए।

नवा रायपुर योजना में NRDA को बड़ा झटका ! 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों की बड़ी जीत, हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

बिलासपुर-    नया रायपुर के 500 एकड़ जमीन मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने किसानों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा, एनआरडीए को किसानों से फिर से समझौता करना होगा, क्योंकि नए कानून के तहत 75% किसानों की सहमति आवश्यक है. कोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार और एनआरडीए को अपनी रणनीति बदलनी होगी और किसानों के साथ बातचीत करनी होगी.

हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब नया रायपुर की योजना भी खटाई में पड़ सकती है, क्योंकि जमीन अधिग्रहण में देरी हो सकती है. योजना की लागत बढ़ सकती है. किसानों की सहमति के बिना योजना आगे नहीं बढ़ सकती. किसानों ने इस फैसले को अपनी जीत बताया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें न्याय दिलाता है. वहीं एनआरडीए ने अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. सूत्रों के अनुसार, एनआरडीए इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है.

हाईकोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें

1. पुराने भू अर्जन अधिनियम के तहत शुरू की गई प्रक्रियाओं पर भी नए कानून का प्रभाव पड़ेगा।
2. धारा 6 का प्रकाशन 01/01/2014 से पहले किया गया था, तो भू अर्जन अवार्ड एक वर्ष के भीतर करना था।
3. समय सीमा के बाद किया गया भू अर्जन अवार्ड शून्य हो जाएगा।
4. एनआरडीए को किसानों से फिर से समझौता करना होगा, क्योंकि नए कानून के तहत 75% किसानों की सहमति जरूरी है।

नवा रायपुर किसान संघर्ष समिति ने किया फैसले का स्वागत

नवा रायपुर किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह तो एक रीको गांव पर आया फैसला है. नवा रायपुर के हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण से संबंधित करीब 96 याचिकाएं कोर्ट में लगी है. किसानों की अन्य याचिकाओं पर अभी फैसला बाकी है. हमने तो कई बार सरकार से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया है, लेकिन वर्तमान सरकार की ओर से अभी बातचीत नहीं हो रही है. भाजपा की सरकार बनने के बाद हमने पर्यावास मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात भी की थी. मंत्री ने जल्द ही बैठक करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई बैठक नई सरकार के साथ नवा रायपुर के किसानों की नहीं हुई है. उम्मीद है हाईकोर्ट के रास्ते ही किसानों की मांग और समस्याओं पर निर्णय होगा.

मुख्यमंत्री ने दुर्ग के चंडी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि की कामना की
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दुर्ग स्थित चंड़ी मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर विधायक गजेंद्र यादव, आयुक्त सत्यनारायण राठौर, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जीतेन्द्र शुक्ला भी मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ राज्य के सभी नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और अभियंताओं को प्रदेश के नए उभरते शहरों की अपेक्षाओं और भावी जरूरतों के मुताबिक विकास कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को नागरिकों से अच्छा व्यवहार और लहजा रखने को कहा। उन्होंने लोगों की समस्याओं और जरूरतों को गंभीरता से सुनकर उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक कुंदन कुमार भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार सवेरे वार्ड भ्रमण कर साफ-सफाई और निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण नहीं करने वाले अधिकारियों पर बैठक में गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सभी अधिकारियों को शासन के निर्देशों का गंभीरता से पालन करने को कहा। उन्होंने भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कस्बों और छोटे शहरों की विकास की कार्ययोजना बनाने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दिए। उन्होंने लोगों का जीवन आसान और सुविधाजनक बनाने वाले कार्यों को डेवलपमेंट प्लान में शामिल करने को कहा। श्री साव ने अच्छा काम करने वाले नगर पंचायतों की पीठ थपथपाते हुए अन्य नगर पंचायतों को उनकी अच्छी और प्रभावी कार्य प्रणाली का अनुसरण करने को कहा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में कहा कि शहरों के विकास और वहां जन सुविधाएं विकसित करने के काम में लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्यों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जवाबदेही तय कर इस तरह के कार्यों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पूरा सम्मान देते हुए शहर की बेहतरी के लिए उनकी बातों को गंभीरता से सुनने को कहा। श्री साव ने नगर पंचायतों के साथ ही विभाग के क्षेत्रीय (संभागीय) कार्यालयों में पदस्थ अभियंताओं को सक्रियता और जिम्मेदारी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यपालन अभियंताओं को सप्ताह में तीन दिन नगर पंचायतों का दौरा कर निर्माण कार्यों का निरीक्षण, भौतिक सत्यापन और गुणवत्ता की जांच करने को कहा।

श्री साव ने बैठक में नगर पंचायतों में कर्मचारियों के लंबित वेतन और विद्युत देयकों के भुगतान की जानकारी ली। उन्होंने सभी सीएमओ को कर्मचारियों के लंबित वेतन का भुगतान प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व संग्रहण की राशि का उपयोग वेतन और स्थापना मद में करने को कहा। उन्होंने निकाय के राजस्व का उपयोग अन्य कार्यों के भुगतान में नहीं करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जेम पोर्टल से ही खरीदी करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए उन्हें सभी दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। श्री साव ने बैठक में नगरीय निकायों में आय-व्यय की स्थिति, राजस्व वसूली, निर्माण कार्यों की प्रगति, स्वच्छ भारत मिशन, मिशन अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, जनसमस्या निवारण पखवाड़ा और ओबीसी सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा की।

नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सभी कार्यों को तत्काल शुरू करने के साथ ही प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीने में नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 580 करोड़ रुपए दिए गए हैं। डॉ. बसवराजु ने संपत्ति कर और अन्य करों की वसूली के लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वच्छता दीदियों को सभी संसाधन मुहैया कराने के साथ ही उनके कल्याण के लिए भी जरूरी कदम उठाने को कहा। नगरीय प्रशासन विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, सुडा (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय, नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य और सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के संयुक्त संचालक भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश में प्रचलित 8-10 महत्वपूर्ण खेलों को चिन्हांकित कर खिलाड़ियों को आवासीय प्रशिक्षण, पढ़ाई और अच्छे पोषण के साथ विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध कराएं। हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल जीते, हम इसी लक्ष्य के साथ खेल सुविधाओं के विस्तार पर काम कर रहें हैं। हमें अपनी खेल प्रतिभाओं को विश्व पटल पर लेकर जाना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा उपरांत अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह बातें कहीं। इस दौरान खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा मौजूद रहे।मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से प्रदेश में मौजूद खेल अधोसंरचनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरगुजा से लेकर बस्तर तक युवाओं में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हमें उसे निखारने की आवश्यकता है। श्री साय ने अधिकारियों से केन्द्रीय स्तर पर स्वीकृति के लिए भेजे प्रस्ताव की जानकारी सूचीबद्ध कर उपलब्ध कराने को कहा ताकि अपने दिल्ली प्रवास के दौरान इन पर चर्चा की जा सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश में खेलो इंडिया सेंटर के संचालन के संबंध में जानकारी ली और अधिकारियों को इसका सतत निरीक्षण करने को कहा। श्री साय ने एनटीपीसी के सहयोग से जशपुर जिले के सन्ना में तैयार होने वाले नेशनल आर्चरी अकादमी का जिक्र करते हुए कहा कि इस पहल से इस दूरस्थ इलाके का विकास होगा, साथ ही इस इलाके में रहने वाले पहाड़ी कोरवा, जो स्वाभाविक रूप से तीरंदाजी में माहिर होते हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने नियद नेल्ला नार योजना अंतर्गत नक्सल प्रभावित इलाकों में खेल सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से लिए निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को फलने फूलने का पूरा अवसर मिले, हमें यह सुनिश्चित करना है।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को जशपुर, रायगढ़ में इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के निर्माण से जुड़ी जानकारियां दी। उन्होंने खेल अलंकरण पुरस्कार, क्रीडा प्रोत्साहन योजना सहित खेल सुविधाओं के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं और आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में बताया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, मुख्यमंत्री के सचिव द्वय पी. दयानंद व राहुल भगत एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।