भारत की बढ़ती ताकतः अमेरिका के बाद फ्रांस का भी मिला साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन
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हाल के सालों में भारत ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। दुनिया के ताकतवर देश भी भारत नए उभरते रूप से प्रभावित है। अमेरिका के बाद फ़्रांस का साथ मिलना इसका एक उदाहरण है। अमेरिका के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में इस वैश्विक निकाय को और ज्यादा कुशल बनाने की मांग की। उन्होंने यूएनजीए में बोलते हुए ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के दो देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।मैक्रों ने यूएनजीए में कहा, "आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।" उन्होंने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।
फ्रांस ने किया सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन
मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ''क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए। लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए। इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है।''
भारत लंबे समय से कर रहा सुधार की मांग
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से करता रहा है। उसका कहना है कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद 21वीं सदी की ज़रूरत के हिसाब से फिट नहीं है। आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसमें सुधार ज़रूरी है। भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हक़ रखता है। भारत आख़िरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य देश के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुआ था। भारत का कहना है कि एकतरफ़ा सुरक्षा परिषद आज की दुनिया में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।
यूएनएससी क्या है?
संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं: वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल बदलता रहता है।
सुरक्षा परिषद का काम क्या है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राथमिक कार्यों में संघर्षों की जांच, शांति अभियानों की स्थापना, प्रतिबंध लगाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई का प्राधिकरण शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक प्रमुख और प्रभावी समूह बन जाता है।
Sep 27 2024, 16:13