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मौसम अलर्ट : बिहार के 14 जिलों में आज भारी बारिश की चेतवानी, शेष जिले में होगी बूंदाबांदी*

डेस्क : बिहार में बीते दो-तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हो रही झमाझम बारिश ने उमश भरी गर्मी से बड़ी राहत दी है। वहीं आज शुक्रवार से हथिया नक्षत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। *इन जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट* वहीं मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को बिहार के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी है। सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसमें गोपालगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीवान, छपरा, बक्सर, भोजपुर, जमुई और बांका शामिल हैं। इन जिलों के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है। वहीं पटना सहित शेष जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने के आसार हैं। गुरुवार को अरवल, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण को छोड़कर राज्य के 35 जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई है। इनमें बांका में 45, अररिया में 29.5, मुंगेर में 29.1, पूर्णिया में 28.4, किशनगंज में 26, कटिहार में 25.6, भागलपुर में 23.7, बेगूसराय में 23.3, मधेपुरा में 23.1, सुपौल में 22.3, नावादा में 22.1, सहरसा में 21.1, शेखपुरा में 18.4, खगड़िया में 17, जमुई में 15, समस्तीपुर में 12, गया में 11 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। बुधवार की रात से हो रही रिमझिम बारिश से बिहार का मौसम भी सुहाना हो गया है। इस मानसून में अबतक राज्य में औसतन 28 प्रतिशत बारिश की कमी है। अबतक 968.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी पर 701.2 मिमी ही हुई है। शेखपुरा, नवादा और औरंगाबाद ही ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है। 35 जिलों में 56 से लेकर एक प्रतिशत तक की कमी है। पटना के विभिन्न इलाकों में गुरुवार को दिनभर बारिश होती रही। इस दौरान कभी तेज, तो कभी बूंदाबांदी हुई। बीच-बीच में तेज हवा भी चली। इससे पटना का मौसम सुहाना हो गया। राजधानी में बुधवार सुबह 830 बजे से गुरुवार की सुबह 830 बजे तक 34.1 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं गुरुवार को दिन में 2.9 मिलीमीटर बारिश हुई।
अशोक चौधरी का जदयू में बढ़ा कद, बनाए गए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से विवाद में घिरे जदयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी का जदयू में कद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी में बड़ा पद दिया है। अशोक चौधरी को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। जदयू की ओर से गुरुवार को पार्टी महसचिव आफाक अहमद खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अशोक चौधरी को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की घोषणा की है।

बता दें दो दिन पहले ही मंत्री अशोक चौधरी ने अपने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर एक कविता के तर्ज पर पोस्ट किया था। जिसमें ने उन्होंने 'बढ़ती उम्र में कुछ बातों की चिंता और इच्छा छोड़ देने की बात की थी। अशोक चौधरी के पोस्ट को लेकर बवाल मच गया था।

ऐसा कहा जाने लगा कि उन्होंने इस कविता के माध्यम से सीएम नीतीश की बढ़ती उम्र पर निशाना साधा है। जदयू की ओर से अशोक चौधरी की पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई गई। इसी बीच अशोक चौधरी और सीएम नीतीश की मुलाकात हुई। जिसे लेकर ऐसा कहा गया कि सीएम ने अशोक चौधरी को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई है।

लेकिन अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश से मिलने के बाद किसी प्रकार के विवाद होने को लेकर चल रही अटकलों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश के साथ तस्वीर पोस्ट की थी।

वही इस विवाद से पहले अशोक चौधरी ने जहानाबाद में भूमिहार जाति को लेकरविवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में भूमिहार वर्ग के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। भूमिहारों द्वारा जदयू को वोट नहीं दिए जाने के अशोक चौधरी के आरोप पर जदयू के कई नेताओं ने कन्नी काट ली थी। बाद में विवाद बढने पर अशोक चौधरी ने कहा था कि उनका मकसद किसी जाति को आहत करना नहीं था। इन सब विवादों के बीच अब अशोक चौधरी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अब अशोक चौधरी पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाएंगे।

भागलपुर में गंगा के जलस्तर में निरंतर हो रही कमी, अब कटाव के साथ इन समस्याओं से बाढ़ पीड़ितों को पड़ेगा जूझना

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। हालांकि प्रदेश के भागलपुर जिले में गंगा के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। लेकिन रुक-रुककर हो रही बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी फिर से बढ़ा दी है। बाढ़ राहत शिविरों में पॉलीथिन टांग कर रह रहे लोगों की परेशानी यह है कि हवा के तेज झोंके से उनका सारा सामान भीग रहा है।

बारिश के कारण हवाई अड्डा मैदान, कॉलेजियट मैदान, चर्च मैदान आदि जगहों पर ठहरे बाढ़ पीड़ितों के साथ आये मवेशी दिनभर भीगते रहे। इन्हें बरसात से बचाने के लिए कोई दूसरा विकल्प भी बाढ़ पीड़ितों के पास नहीं है। टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल मैदान स्थित बाढ़ राहत शिविर में बारिश में जमीन गीला हो गया। जिससे लोगों को भोजन करने में भी दिक्कत होने लगी।

वहीं गंगा के जलस्तर में कमी के बाद अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि जहां से पानी निकल गया है वहां के मैदानी हिस्से में तीन दिनों तक जलजमाव से घास-पत्ते सड़ने लगा है। जिससे बदबू आने लगी है। धूप खिलने के बाद यहां सड़ांध से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। लोगों ने चूना व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की मांग की है।

वहीं बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही कई जगहों पर कटाव का डर बना हुआ है। सबौर के मसाढू में कटाव से कई घर गंगा में गिर चुका है। अभी भी करीब आधा दर्जन गांव में भी कटाव बढ़ने का डर है। इसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने दैनिक ऑनलाइन बैठक में पदाधिकारियों को मसाढ़ू समेत सभी कटाव स्थलों पर निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि बुधवार को सुल्तानगंज, शाहकुंड, नाथनगर, गोपालपुर, इस्माईलपुर, रंगरा चौक, नारायणपुर, सबौर, नवगछिया, जगदीशपुर, पीरपैंती एवं कहलगांव के सीओ से बारी-बारी से चलाए जा रहे सामुदायिक किचन एवं बाढ़ राहत कार्य के संबंध में फीडबैक लिया गया। साथ ही तीनों एसडीओ से उनके इलाके के जलस्तर के संबंध में जानकारी ली गई। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के मुख्य अभियंता ने भी बताया है कि जलस्तर में लगातार कमी हो रही है।

वही भागलुपर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को तटबंधों की सुरक्षा करने और कटाव स्थलों पर त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई करने के लिए अभियंताओं को प्रतिनियुक्ति करने कहा गया है। आरसीडी व एनएच के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है कि जलजमाव वाले स्थलों की सड़क से पानी हटते ही त्वरित मरम्मत करवाने के लिए सामग्री तैयार रखें।

SBPDL क्षेत्र में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, मिलेगी अब यह सुविधा

डेस्क : बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। बिजली कंपनी ने उन्हें यह बड़ी सुविधा देने का एलान किया है। मीटर लगाते समय जो बकाया होगा, उसकी वसूली अब 300 दिनों के बदले मासिक औसत खपत के आधार पर होगी। तीन महीने के खपत का जो औसत होगा, उसका मात्र 25 फीसदी राशि ही महीने में वसूली जाएगी। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। आने वाले दिनों में उत्तर बिहार में भी यह सुविधा लागू हो जाएगी।

कंपनी अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र के बाद ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। चूंकि ग्रामीण इलाकों में भारी मात्रा में बिजली बिल बकाया है। ग्रामीण इलाकों में कंपनी का उपभोक्ताओं पर 10 हजार करोड़ बकाया है। कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन पर वर्षों का बिजली बिल बकाया है। ऐसे में जब स्मार्ट मीटर लगने के बाद सीमित समय यानी 300 दिनों में उसकी वसूली प्रक्रिया शुरू की गई तो वह उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक परेशानी का सबब बन गया।

इसके साथ ही तय लोड से अधिक बिजली खपत करने पर जुर्माना का प्रावधान है। कंपनी ने अभी इस नियम को भी छह महीने के लिए शिथिल कर दिया है। अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को संदेश भेजकर जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने घर का लोड बढ़ा लें वरना उन्हें भविष्य में जुर्माना देना पड़ सकता है।

कंपनी का मैसेज मिलने पर हजारों उपभोक्ताओं ने अपने घर का लोड बढ़ा लिया है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय का विपक्ष पर बड़ा हमला, कहा-अपराध पर गलतबयानी कर रहा राजद

डेस्क : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पिछले कई महीनों से अपराध को लेकर सरकार पर हमलावार है। तेजस्वी यादव का आरोप है कि प्रदेश मे कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और अपराध में बेतहासा वृद्धि हुई है। इसे लेकर वे समय-समय पर क्राइन बुलेटिन भी जारी कर रही है।

इधर विपक्ष के इस आरोप पर पलटवार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने आरोप लगाया है कि अपराध पर गलतबयानी कर राजद बिहार के विकास को रोकना चाहता है। मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि साल 2000 के बाद से लेकर अब तक के 24 वर्षों में बिहार में हत्या की दर घटकर आधी रह गई है। फिर भी राजद हाय-तौबा मचाकर बिहार की जनता को डराना व बिहार के विकास को झुठलाना व रोकना चाहता है। उन्होंने कहा कि 2001 में प्रति लाख आबादी पर हत्या की दर 4.4 के मुकाबले 2024 में यह घटकर 2.1 हो गयी है।

कहा कि देश के 20 से अधिक राज्यों में क्राइम का ग्राफ बिहार से ज्यादा है। कोरोना काल के वर्ष 2021 को छोड़ दें तो पिछले छह वर्षों में हत्या के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी है। कानून के शासन के तहत हत्या सहित अपराध की हर घटना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होती है।

मंत्री ने कहा कि राजद राजनीतिक तौर पर जब एनडीए सरकार को विकास व सुशासन के मुद्दों पर नहीं घेर पाता है तो हत्या व अन्य अपराध की घटनाओं पर गलतबयानी कर बिहार की जनता को डराना व उनमें दहशत पैदा करना चाहता है। दरअसल राजद को बिहार का चतुर्दिक विकास पच नहीं रहा है।

बिहार में दर्दनाक हादसा : स्नान के दौरान अलग-अलग जिलों में डूबे 54 लोग, 45 की हुई मौत

डेस्क : बीता बुधवार बिहार के लिए हादसे का बुधवार साबित हुआ। पटना सहित पूरे बिहार में बुधवार को 54 लोग डूब गए। इनमें से 45 की मौत हो गई। अधिक मौतें जिउतियां के दौरान नदी, तालाब, आहर और पइन में स्नान के दौरान हुई। मरने वालों में अधिकतर बच्चियां हैं। सबसे ज्यादा आठ मौतें औरंगाबाद में हुई।

औरंगाबाद जिले में जिउतिया का त्योहार मातम में बदल गया। बारुण और मदनपुर प्रखंड में व्रतियों के साथ गांव के तालाब में नहाने गए नौ बच्चे-बच्चियां डूब गईं। इनमें से आठ की मौत हो गई। बारुण थाना क्षेत्र के ईटहट गांव में तालाब में पांच बच्चियां डूब गईां इनमें से चार की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची को बेहोशी की हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसडीपीओ ने बताया कि मामले की सूचना पर पुलिस टीम को भेजा गया है।

पटना के बिहटा के अमनाबाद पथलौटिया बालू घाट पर जिउतिया पर्व पर सोन नदी मे स्नान के दौरान महिला और तीन किशोरियां तेज धारा में बह गईं। इनमें एक किशोरी की जान चली गई। तीन अन्य लापता हैं। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद से एक किशोरी की शव को बरामद कर लिया है। तेज धारा मे बही लापता महिला और किशोरी की तलाश की जा रही है। मृतक की पहचान बिहटा थाना क्षेत्र के हलखोरिया चक निवासी शिवनारायण राय की 14 वर्षीय पुत्री अंजलि कुमारी के रूप में हुई है। लापता की पहचान हलखोरिया चक निवासी सुकुल राय की 17वर्षीय पुत्री तरेगनी कुमारी, शम्भू राय की 18वर्षीय पुत्री सोनी कुमार, वहीं अमनाबाद निवासी 50 वर्षीय ललिता देवी है।

वहीं, सारण में जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जिउतिया पर पांच बच्चों की डूबकर मौत हो गई। जबकि भोजपुर में 3, गोपालगंज व सीवान में 2-2 और बेगूसराय, हाजीपुर, बक्सर और जहानाबाद में एक-एक की मौत हुई। भागलपुर में तीन और मुंगेर में एक की डूबने से मौत हो गई। उत्तर बिहार में 10 लोग डूब गए। इनमें सात बच्चों समेत नौ की मौत हो गई।

बिहार सरकार ने गुड़ उद्योग प्रोत्साहन नीति को दी स्वीकृति : प्रदेश में स्थापित होगी 81 गुड़ इकाइयां, 12.40 करोड़ रुपये हुए स्वीकृत

डेस्क : बिहार में गन्ना की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। उनके दिन एकबार फिर बहुरने वाले है। बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने बताया है कि राज्य में गुड़ उद्योग प्रोत्साहन नीति को स्वीकृति दे दी गई है। इस वर्ष 81 गुड़ इकाइयां स्थापित होंगी। इसके लिए 12.40 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। गुड़ इकाई लगाने सहित विभाग की योजना का लाभ के लिए एक अक्टूबर से केन केयर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने कहा कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत पूंजी अनुदान का प्रावधान किया गया है। 5 से 20 टीडीसी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 6 लाख रुपये तक दिया जाएगा। 21 से 40 टन पेराई प्रतिदिन क्षमता के लिए 15 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 41 से 60 टन पेराई प्रतिदिन की क्षमता के लिए 45 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 61 टन पेराई प्रतिदिन क्षमता के लिए 45 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 5 करोड़ से अधिक निवेश के लिए ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज 5 वर्षों तक देने का प्रावधान है। गुड़ उत्पादन इकाई चीनी मिल से न्यूनतम 15 किलोमीटर की दूरी पर होगी। अभी राज्य के 9 में से 6 मिलों में चीनी, बिजली और इथेनॉल उत्पादन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि 29 फरवरी 2020 से बंद रीगा चीनी मिल इसी पेराई सत्र से चालू हो जाएगी। चौथे निविदा प्रक्रिया के बाद मेसर्स निरानी शुगर्स को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया है। इससे सीतामढ़ी, शिवहर जिलों के गन्ना किसानों को लाभ होगा। 2005-06 में राज्य में चीनी मिलों में प्रतिदिन 32 हजार टन गन्ना पेराई क्षमता थी। अभी 9 चीनी मिलों की क्षमता प्रतिदिन 55,500 टन है। यूपी के एक चीनी मिल में भी बिहार से गन्ना पेराई के लिए जाता है। रीगा चीनी मिल के चालू होने से गन्ना किसानों के लिए गन्ना पेराई के लिए 11 चीनी मिल की सुविधा होगी।

वहीं विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में गन्ना उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गुड़ उत्पादन यूनिट लगाने के लिए भी किसी भी जिले के लोग आवेदन कर सकते हैं।

*अब नहीं चलेगी सीओ की मनमानी, बिना कारण बताए इन मामलों के आवेदन को किया अस्वीकृत तो होगी सख्त कार्रवाई

* डेस्क : अंचल कार्यालय में काम करवाने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर जमीन के म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय द्वारा लोगो को काफी परेशान किया जाता है। लेकिन अब उनकी परेशानी खत्म होने वाली है। अंचल स्तर पर ऑनलाइन सेवाओं खासकर दाखिल-खारिज से जुड़ी सेवाओं को बिना कारण बताए या जानबूझकर अस्वीकृत करने वाले अंचलाधिकारियों (सीओ) पर सख्त कार्रवाई होगी। यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने दिया है। दरअसल बीते बुधवार को मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने राजधानी पटना के दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन संस्थान के सभागार में प्रदेश के 170 अंचलों के सीओ के साथ ऑनलाइन योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा किए। इस दौरान दाखिल-खारिज के मामलों की विस्तार से समीक्षा के दौरान पाया गया कि सर्वाधिक 47.93 फीसदी अस्वीकृति के मामले सीतामढ़ी के सुप्पी अंचल में मिले। 44 फीसदी के साथ पटना का पंडारक दूसरे और 39.9 फीसदी अस्वीकृति के साथ बेगूसराय का शाम्हो अखहा कुरहा तीसरे स्थान पर है। मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल कहा कि विभाग के स्तर से दी जा रही ऑनलाइन सेवाओं में अस्वीकृति की दर काफी अधिक है। कई बार यह अस्वीकृति जल्दबाजी या निहित स्वार्थ के कारण किया जाता है। इससे लोगों को परेशानी होती है। ऐसा हरगिज नहीं होना चाहिए। मंत्री कहा कि कई बार डीसीएलआर, एडीएम या डीएम के स्तर पर सुनवाई में पता चलता है कि सीओ का निर्णय गलत था। तब तक संबंधित व्यक्ति का काफी नुकसान हो चुका होता है। कई मामलों में वरीय पदाधिकारियों का आदेश लेकर रैयत भटकते रहते हैं। अंचल स्तर पर इनका क्रियान्वयन नहीं होता है। वहीं अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी सीओ को अक्टूबर तक अपना प्रदर्शन सुधारने की चेतावनी दी। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को दाखिल-खारिज के अस्वीकृत किए गए मामलों की रैंडम तरीके से जांच करने का आदेश दिया। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिन सीओ की मासिक रैंकिंग लगातार खराब रहेगी, यह उनके खिलाफ कार्रवाई का मजबूत आधार बनेगा। उन्होंने अक्टूबर महीने से सभी सीओ की पिछले 6 महीने की रैंकिंग भी करने को कहा। सचिव जय सिंह ने कहा कि सीओ दैनिक और साप्ताहिक आधार पर अपने कर्मचारियों के साथ बैठक कर लंबित मामलों की प्रगति देखें।
मौसम का मिजाज : राजधानी पटना में झमाझम बारिश ने गर्मी से दी बड़ी राहत, अगले दो दिनों तक 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

* डेस्क : पिछले दो दिन से राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी पटना में बीते बुधवार की रात से हो रही झमाझम बारिश ने उमस भरी गर्मी से लोगों को बड़ी राहत दी है। वहीं पटना में अधिकतम तापमान में चार डिग्री गिरावट आई। यहां का पारा 31.6 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने 28 सितंबर तक बिहार में कहीं मध्यम तो कहीं अतिभारी बारिश की संभावना जताई है। 25 से 27 सितंबर तक राज्य के 14 जिलों में भारी और अतिभारी बारिश का अलर्ट है। इस दौरान राज्य के अधिकतर जिलों में मेघ गर्जन के साथ वज्रपात एवं 30 से 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से सतही हवा चलने की भी संभावना है। इसकी मुख्य वजह बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में ताजा हलचल है। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में कम बारिश की वजह से सामान्य तापमान वाले दिन में कमी आई हैं।दरअसल, दो साल पहले तक महीने में मानसून अवधि में सामान्य तापमान औसतन 20 से 22 दिन रहता था जो घटकर अब 10-11 दिन तक सीमित हो गया है। हर माह में बारिश की कमी इसकी मुख्य वजह है। बादलों का मिजाज से न बरसना स्पष्ट तौर पर अनियंत्रित ताप को बढ़ावा दे रहा है। इस वर्ष भी 25 सितंबर तक राज्य भर में बारिश की कमी 28 प्रतिशत है। वहीं, औरंगाबाद और शेखपुरा में सामान्य से चार प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। 12 जिलों में बारिश की कमी 40 से ज्यादा है। इनमें वैशाली में 52, सारण में 56, समस्तीपुर में 49, सहरसा में 46, पूर्णिया में 42, पटना में 41, मुफ्फरपुर में 51 प्रतिशत, मधुबनी में 52 प्रतिशत, गोपालगंज में 42 प्रतिशत, दरभंगा में 44 प्रतिशत की कमी है। उधर बारिश की कमी से असर खेती किसानी पर संकट और प्रतिरोधक क्षमता में कमी के साथ ही साथ वायरल बीमारियों का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने 28 सितंबर तक बिहार में कहीं मध्यम तो कहीं अतिभारी बारिश की संभावना जताई है। विशेषकर 25 से 27 सितंबर तक राज्य के 14 जिलों में भारी और अतिभारी बारिश का अलर्ट है।
रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर : बाढ़ के कारण बंद भागलपुर-जमालपुर रुट पर ट्रेनो का परिचालन शुरु, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित इलाको में पूरा जन-जीवन अस्तव्यस्त है। पठन-पाठन, यातायात सभी कुछ प्रभावित है। बाढ़ ने रेलवे की भी परेशानी बढ़ा दी थी। भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर कई जगह पानी चढ़ गया था। इससे कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया गया था तो कई ट्रेन के रूट को डायवर्ट कर दिया गया था।

इसी बीच अब रेल यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। फिलहाल भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर रेलवे ट्रैक से पानी नीचे चला गया है। जिसके बाद अब पुनः सभी ट्रेनों को नियमित करने की कवायद की जा रही है।

मालदा डिवीजन के डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता ने बयान जारी करते हुए बताया कि 21 सितंबर से ट्रेन का परिचालन बन्द कर दिया था। अब सभी ट्रेन को अपने रूट से चलाई जाएंगी। हालांकि, उनकी स्पीड अभी कम रहेगी।

उन्होंने बताया कि सभी एक्सप्रेस और लोकल ट्रेन अपने रूट से चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि दूसरे रूट से ट्रेन चलने से यात्रियों को परेशानी हो रही थी। अब विक्रमशिला एक्सप्रेस, इंटरसिटी और गरीब रथ सभी ट्रेन सुल्तानगंज होते हुए जाएंगी। लगातार अपडेट भी लिया जा रहा है। अगर किसी प्रकार की परेशानी होगी तो समाधान किया जाएगा।

जहां-जहां कुछ पानी अभी भरा हुआ है वहां से 30 के रफ्तार में ट्रेन गुजरेगी। 12 से ज्यादा ब्रिज के गार्डर के समीप पानी था। इस दौरान करीब 17 ट्रेनों को निरस्त रखा गया। 20 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया था। 12 ट्रेन शार्ट टर्मिनेट रखी गई थी। टीम लगातार सभी जगह पर नजर बनाए रखे हुए है। अब सुल्तानगंज की तरफ जाने के लिए यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। जमालपुर तरफ से आने वाले भी यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। अब पटना के लिए भी सभी ट्रेन निर्धारित समय पर खुलेंगी। इसलिए पटना जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी।