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योजनाओं का चयन करते समय जरूरतमंदों का रखें ख्याल : मंत्री
हाजीपुर।  बिहार के ऊर्जा मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र गादव सोमवार को समाहरणालय सभा कक्ष में मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के लिए परामर्श एवं समन्वय के आधार पर जन उपयोगी योजनाओं के चयन की प्रक्रिया पूरी करें। योजना चयन में जरूरतमंदों और गरीबों का पूरा ख्याल रखें।  संचालन समिति की हुई पहली बैठक में योजनाओं की प्राथमिकता निर्धारण हेतु जिला स्तरीय बैठक में अहम निर्णय लिया गया।         
  योजनाओं के चयन एवं इसकी प्राथमिकता सूची निर्धारण के लिए जिला के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय संचालन समिति गठित है। इसके सदस्य सचिव जिला पदाधिकारी को बनाया गया है। पुलिस अधीक्षक, संबंधित शहरी क्षेत्र के स्थानीय विधायक और जिला के सभी विधान पार्षद तथा जिला में अवस्थित सभी नगर निकाय के नगर कार्यपालक पदाधिकारी, बुडको के कार्यपालक अभियंता को संचालन समिति का सदस्य बनाया गया है।              उप विकास आयुक्त शम्स जावेद अंसारी ने बैठक में मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत प्रस्तावित योजनाओं को पावर पॉइंट के माध्यम से प्रस्तुत किया । इसके अंतर्गत जल निकासी सहित चौड़ी, सुदृढ़, गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण एवं जीणोंद्वार तथा पाकों, घाटों, जलाशयों का विकास किया जाएगा । एक करोड़ रुपए तक की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति देने की शक्ति जिला पदाधिकारी को प्रदान  की गई हैं।       
           मंत्री ने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं के एकीकृत विकास हेतु नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी योजना आई है। मंत्री ने जिले के सभी विधायकों और योजना संचालन के लिए गठित संचालन समिति के सदस्य एवं सचिव को आवश्यक निर्देश दिए। 
   
  बैठक में जिला  पदाधिकारी यशपाल मीणा और पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के साथ हाजीपुर के विधायक अवधेश सिंह, वैशाली के सिद्धार्य पटेल, महनार की विधायक बीना सिंह, महुआ के विधायक मुकेश रौशन तथा पातेपुर के विधायक लखेन्द्र रौशन मौजूद थे। सिविल सर्जन जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जन संपर्क पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी एवं अभियंता मौजूद थे।
      
   
खतरे के निशान से 1.24 मी ऊपर गंगा का जलस्तर
  हाजीपुर । गंगा नदी का जलस्तर रविवार को तेजी से नीचे उतरा  है। पिछले 24 घंटे में 19.16 एमएम की रफ्तार से गंगा नदी का जलस्तर घटा हैं लोग बताते हैं कि जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ा था, कहीं उससे अधिक तेजी से घट रहा है। रविवार को गंगानदी का जलस्तर 1.24 मीटर पर आ गया है। दो दिन पहले तक नदी का जलस्तर उफान पर था। गंगा नदी का जलस्तर घटने से भीषण बाढ़ का खतरा टल गया।     
      गंगा नदी के जलस्तर में लगातार कमी से गंगा नदी के तटीय इलाकों की बड़ी आबादी में बाढ़ का खतरा टल गया है। तटीय इलाकों के प्रभावित गांव के लोगों ने पानी घटने का सिलसिला शुरू होने पर राहत की सांस ली। जलस्तर में कमी आने के साथ गांवों की सड़कों और खेतों से भी पानी निकलने लगा है। हालांकि गांवों में अभी बाढ़ का पानी जमा है। लोग घिरे हैं। जलजमाव की समस्या है। हालांकि नदी का जलस्तर घटने के बाद भी गंगा नदी खतरे के लाल निशान से 1.24 मीटर ऊपर है।   डीएम ने कोनहाराघाट का किया निरीक्षण : डीएम यशपाल मीणा ने रविवार को गंडक नदी के कौनहाराघाट का निरीक्षण किया। इस दौरान शमशानघाट पर फैले पानी की स्थिति और दाह संस्कार में लोगों को हो रही परेशानी की जानकारी ली।
लालगंज में रखरखाव के अभाव में पुराने जमीन के दस्तावेज नष्ट, परेशानी
       लालगंज। जमीन के पुराने दस्तावेज जुटाने में आम लोगों को काफी परेशानी हो रही हैं। लालगंज अंचल कार्यालय में कागजात के रखरखाव के अभाव में पुराने दस्तावेज नष्ट हो गये हैं।लोगों को अंचल कार्यालय, लालगंज से रिकॉर्ड रूम हाजीपुर, मुजफ्फरपुर तक चक्कर लगाना पड़ रहा हैं। पुराने कागजात के नकल के लिए अप्लाई करने पर कहा जाता हैं कि उपलब्ध नहीं हैं।अभी खतिहान छोड़कर पुराना कोई कागज़ नहीं हैं।


                पुराने कागजात के अभाव में बहुत से भूस्वामियों का भूमि का परिमार्जन नहीं हो पा रहा हैं। पुराने कागजात जैसें मालिक के द्वारा रैयतों का रिटर्न, मोटेशन एक्सट्रैक्ट आदि कागज़ अंचल कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। यहां तक कि 60-70 दशक की जमाबंदी के बारे में बताया जाता हैं कि वह भी नहीं हैं।



          लोगों का आरोप हैं कि कंप्यूटराइज्ड किए जाने के दौरान किसी का नाम, तो किसी का खाता, तो किसी का खेसरा, तो किसी का रकवा गलत चढ़ा दिया गया। साथ ही कहा जाता हैं पुराने कागजात उपलब्ध नहीं हैं।अब पुराने कागजातों को जुटाने और कंप्यूटराइज्ड होने के दौरान हुई गड़बड़ी को सुधार करवाने में भूस्वामियों के छक्के छूट रहे हैं।



           इस संबंध में पूछने पर नाजिर टुनटुन सिंह और अंचलाधिकारी स्मृति साहनी ने बताया कि जमीन मालिक का रैयतों को दिया गया रिटर्न और मोटेशन एक्सट्रैक्ट रख-रखाव के अभाव में पहले ही नष्ट हो गए हैं। अन्य पुराने कागजात सुरक्षित हैं।इसे प्रखंड परिसर में ही एक भवन में रखा गया है। राजस्व कर्मचारी वहीं बैठते हैं।


      
डीएम ने किया निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप का निरीक्षण
हाजीपुर। जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने शनिवार को वैशाली गढ़ स्थित निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन-सह- बुद्ध स्मृति स्तूप का निरीक्षण किया। उनके द्वारा प्रत्येक सप्ताह वैशाली में निर्माण के प्रगति की समीक्षा की जाती है।

     
        जिलाधिकारी ने इस दौरान अभियंताओं और कार्य एजेंसी के प्रबंधकों को निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पूरे परिसर में निर्माण कार्य को देखा और आवश्यक निदेश दिए। आपको बता दे कि इसका पूरा परिसर 72 एकड़ में हैं और इसका निर्माण लागत 320 करोड़ हैं। परिसर के चारों तरफ बोनंड्री होगा और उत्तरी गेट ब्रास धातु से बनेगा।


   
        बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-बुद्ध स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद यहां बौद्ध भिक्षु के साथ-साथ बड़ी संख्या में पर्यटक आयेंगे। इससे यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यहां आवागमन के सुविधा के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं।यह बौद्ध धर्म का होलिक प्लेस बनेगा। दलाईलामा इसका उद्घाटन करेंगे।

      बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को यहां दर्शाया जाएगा। विशेष कार्य पदाधिकारी अमन, डीपीआरओ नीरज सहित कई अधिकारी और अभियंता मौजूद थे।
गंडक लालगंज तक खतरे के निशान के ऊपर
लालगंज‌। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण गंडक नदी का जलस्तर लालगंज तक बढ़ गया है। वैशाली डीएम ने गंगा और गंडक नदी का जलस्तर और बढ़ने को लेकर अधिकारियों और लोगों को सचेत किया हैं।        
    
       सोन नदी का पानी भी गंगा नदी में आती हैं। जिससे गंगा नदी में जल का दवाब बढ़ जाता हैं। इस साल सोन नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ हैं। सोन नदी का जलस्त्राव 5.22 लाख क्यूसेक की जानकारी हैं। हाजीपुर में गंगा और गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.57 मी उपर हैं. वहां पहले से ही बाढ़ से हालात हैं। लोगों को राहत शिविर में रखा गया हैं।
अधिकारी भी मुस्तैद हैं. नदी के जलस्तर में कुछ कमी हुई हैं.    
   
     गंडक नदी का जलस्तर लालगंज से रेवा की तरफ कम है। कनीय अभियंता विकास कुमार ने बताया कि डीएम वैशाली ने इंद्रपुरी बैराज औरंगाबाद से सोन नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर गंगा और गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने को लेकर सचेत किया है।    
     
      शुक्रवार को डीएम वैशाली यशपाल मीणा ने लालगंज में गंडक नदी के बसंता जहानाबाद घाट का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बीडीओ लालगंज नीलम एवं गंडक परियोजना के कनीय अभियंता विकास कुमार को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इंद्रपुरी बैराज से तीन से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। जिसके कारण गंगा का जलस्तर बढ़ेगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर उसका बैक वॉटर लालगंज तक आ जाता ह। गंगा के बैक वाटर के कारण ही लालगंज में गंडक खतरे के निशान से 15 से.मी. ऊपर बह रही हैं, जबकि गंडक रेवा में खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे है।
    
    
     
    
हाजीपुर के शहर में भी भर रहा हैं 'बाढ़ का पानी'
हाजीपुर। हाजीपुर में गंगा और गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा हैं। गुरूवार को गंगा का जलस्तर 1.62 था तो शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान से 1.68 मीटर ऊपर ऊपर चला गया. गंगा नदी में जलस्तर 5.0 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंडक नदी का जलस्तर 7.5 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है। हाजीपुर शहरी क्षेत्र की सीमा मीनापुर, हरिवंशपुर, रामचौरा, कोनहारा तक गंगा का पानी पहुंच चुका और अब धीरे-धीरे हाजीपुर शहर में फैलने लगा हैं।गंडक नदी का जलस्तर 7.5 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है।

               
      गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार में थोड़ी कमी जरूरी आई है, लेकिन खतरा बरकरार है।शुक्रवार की दोपहर बाद से हाजीपुर-कोनहारा बाइपास रोड के ऊपर से पानी बहने लगा हैं।और अब धीरे-धीरे हाजीपुर शहर में फैलने लगा हैं। सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित राघोपुर प्रखंड की पंचायतों में शुक्रवार को डीएम यशपाल मीणा ने भ्रमण किया और राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। नगरीय क्षेत्र के निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई है।कई गांव के लोगों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। लोगों को पानी से होकर जरूरत का सामान लेने और अवाश्यक कार्य के लिए बाजार और शहर आना पड़ रहा है।

       
    तेरसिया गांव बाढ़ के पानी से जलप्लावित हो गया हैं। ज्यादातर घरों में बाढ़ में बाढ़ का पानी घुस गया हैं।पीड़ित लोग जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए शिविर में मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं। तेरसिया गांव के पीड़ितों के लिए 41 शिविर बनाया गया हैं। जहां पीड़ितों के ठहरने, भोजन व दवा की उपलब्धता की गई हैं।

            
       गांधी सेतु के पुराना टॉल प्लाजा के पास उंचे स्थानों पर बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों ने डेरा डाल दिया है। इन लोगों ने अपने साथ अपने मवेशियों को भी लेकर आए हैं। मुख्य सड़क के किनारे रह रहे हैं। मवेशियों को इधर-उधर से चारा का जुगाड़ कर खिला रहे हैं।

             
            बाढ़ से बचाव व सुरक्षा के लिए जिला मुख्यायल में जिला नियंत्रण कक्ष खोला गया है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे खुला रखने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों की तीन शिफ्टों में डियूटी लगाई गई है। डीएम-एसपी नियंत्रण कक्ष में आई सूचनाओं का स्वयं हर तीन-चार घंटे पर मॉनिटरिंग कर रहे है। । सूचना मिलने के साथ त्वरित कार्रवाई करने की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। 

        
     कम्यूनिटी किचेन चलाया जा रहा हैं।डॉक्टर दवा के साथ ड्यूटी पर लगे हैं। पशुओं के देखभाल के लिए पशुपालन विभाग को भी निर्देशित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा हैं और इसमें सभी पदाधिकारी को युद्ध स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया हैं।


घर के छह कमरों में ठहरा सकेंगे पर्यटक
     
  एक अन्ने मार्ग में गुरुवार को बिहार में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे तथा हाईवे से संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,  साथ में मंत्री विजय चौधरी व जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने की।  । मुख्यमंत्री होम स्टे योजना के तहत लोग अपने घर के एक से छह कमरे में पर्यटकों को ठहरा सकते हैं।        
         
    
      पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इससे संबंधित  कार्ययोजना का लोकार्पण कर दिया है। पर्यटन स्थलों के आसपास के घरों में पर्यटकों को ठहराने की योजना शुरू कर दी गई है - इसके तहत पहले चरण में पंद्रह जिले के 28 पर्यटन स्थलों के आसपास यह सुविधा शुरू की जा रही है। इनमें शहरी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से पांच किमी की परिधि तथा ग्रामीण क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से दस किमी की परिधि के मकान मालिक अपने कमरे का निबंधन करा सकते हैं।

           
       कमरे साफ-सुथरा एवं प्रकाशमय होने चाहिए। कमरों में मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, स्नानागार आदि संलग्न हों। कमरे का किराया तय करने का अधिकार मकान मालिक को होगा। जिस घर में मकान मालिक नहीं रहते हैं, वहां एक संचालक तय करना होगा।

      
       कमरे के उन्नयन में मिलेगी आर्थिक मदद : योजना में चयनित लोगों को सरकार आर्थिक मदद करेगी। ऋण के रूप में  अधिकतम ढाई लाख रुपये की मदद दी जाए‌गी। इस पर पांच वर्ष तक के व्याज की राशि सरकार देगी। तीन माह में उन्नयन कार्य पूरा कर लेना होगा। बीच में योजना को बंद करने पर ब्याज राशि वापस ले ली जाएगी।
          
         
     पर्यटकों की जानकारी के लिए ऐसे घरों का पता, फोन नंबर विभाग की वेबसाइट पर दर्ज रहेगा। दूर और ट्रेवल ऑपरेटर पर्यटकों को ऐसे घरों में ठहरने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उनके पास ऐसे घरों की सूची होगी। मकान मालिक को समय-समय पर कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

        
''दूध में मिलावट स्वास्थ्य और अधिकारों का है उल्लंघन'
हाजीपुर। होटल प्रबंधन संस्थान, हाजीपुर में गुरुवार को एक सेमिनार  का आयोजन किया गया। जिसमें खाद्य पदार्थों और दूध में मिलावट की सीमा, प्रकृति आदि विषय सेमिनार का केंद्र बिंदु थे। खाद्य पदार्थ  और दूध में मिलावट से हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को विस्तार से बताया गया। सेमिनार में मानव अधिकार संगठन, बिहार एवं आइएचएम   हाजीपुर, प्राचार्य पूलक मंडल एवं अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन बिहार एएम प्रसाद, निदेशक मानव अधिकार संगठन , डॉ जर्नादन उपस्थित थे।

   
   अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन बिहार एएम प्रसाद ने मानव अधिकार संगठन बिहार के कार्यों एवं कर्तव्यों आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी विधार्थियों तथा कर्मचारियों के साथ साझा की। निदेशक मानव अधिकार संगठन, बिहार डॉ. जनार्दन ने 'मानव अधिकारों की रक्षा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दूध और दूध से बने उत्पाद मानव आहार का अभिन्न अंग हैं जो वृद्धि तथा विकास के लिए अत्यंत आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत हैं, परंतु मिलावट का मुद्दा सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।   
      
   इस अवसर पर उपस्थित छात्र और अन्य लोगों ने शपथ लिया कि हम सभी स्वच्छ खाना का उपयोग अपनी दैनिक दिनचर्या में करेंगें। यह न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं, ये हमारे दैनिक दिनचर्या और हमारे कामकाज से भी जुड़ा हैं। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता हैं. स्वच्छ आहार से हमें उर्जा मिलती हैं.
          डॉ जर्नादन ने बताया कि मिलावट में  हानिकारक पदार्थों को मिलाना जैसे पानी, यूरिया, फॉर्मलिन, हाईड्रोजन पेरोक्साईट, डिटवेंन्ट, अन्य रसायन या घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री के साथ मिलाना शामिल है। परंतु इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर पड़ता और यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन भी है। इसके पहले अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन, बिहार ए. एम प्रसाद ने मानव अधिकार संगठन बिहार के कार्यों एवं कर्तव्यों आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी विधार्थियों तथा कर्मचारियों के साथ साझा की।
 
       
    सार्वभौमिक घोषणा का मसौदा संयुक्तराष्ट्र मानवाधिकार आयोग द्वारा तैयार किया गया था। जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन प्रथम महिला एलेनोर रूजवेल्ट ने की थी। इसे 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 56 सदस्य देशों (वर्तमान में 192) द्वारा अपनाया गया था। डॉ० ज्योत्सना प्रसाद ने भारतीय पारंपरिक भोजन, दायरा और संभावनाओं से सदस्यों को रूबरू कराया।

   
     वियागाध्क्ष-1 सुमित चटर्जी, वरीय व्याख्याता सह न्यूट्रीशनिस्ट विशेषज्ञ अनुपम कुमार ने भी खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि के बारे में विस्तृत चर्चा की।
पातेपुर निबंधन कार्यालय में अनियमितता के विरोध में लोगों ने किया प्रदर्शन
हाजीपुर. पातेपुर निबंधन कार्यालय में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होते ही बिचौलिए हावी हो गये हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्री से लेकर स्टांप खरीद में भी लोगों को निर्धारित राशि से दुगुना रुपये देने पड़ रहे हैं. वहीं लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए चार- पांच दिनों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इससे परेशान लोगों ने मंगलवार को निबंधन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लोगों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ भी नारेबाजी की. प्रदर्शन करते लोगों ने आरोप लगाया कि जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू हुआ है। बिचौलिए हावी हो गये हैं. रजिस्ट्री के नाम पर मुद्रांक विक्रेता स्टांप दबाकर महुआ तथा हाजीपुर से मंगाकर देने के नाम पर लोगों से निर्धारित राशि से दुगुनी कीमत वसूल रहे हैं. सौ रुपये के स्टांप का दो सौ रुपये, पांच सौ के स्टांप का आठ सौ रुपये तथा एक हजार के स्टांप का 17 सौ रुपये वसूली कर रहे हैं. इससे जमीन रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

         पूर्व में स्थानीय विधायक से शिकायत के बाद कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक थी, लेकिन जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू
हुआ है तब से निबंधन कार्यालय पर बिचौलिए हावी हो गये हैं. लोगों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है

      जमीन रजिस्ट्री कराने वालों ने आरोप लगाया कि पातेपुर निबंधन कार्यालय में कातिब एवं बिचौलियों की मिलीभगत कर लोगों से ऑनलाइन रजिस्ट्री के नाम पर लोगों से दो हजार रुपये एक्स्ट्रा वसूल किया जाता है. जमीन के भौतिक सत्यापन के नाम पर भी लोगों को एक-एक सप्ताह तक बिना वजह दौड़ाया जाता है तथा उसके लिए भी लोगों से पैसे की उगाही की जाती है.  लोगों ने आरोप लगाया कि निबंधन कार्यालय में बिचौलियों की मनमानी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि जमीन के किस्म के नाम  पर अधिकारी से मिलीभगत कर बिचौलिए के माध्यम से अधिकारी भी पांच हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की उगाही करते हैं. इसके लिए लगभग एक सप्ताह पूर्व कातिब के दो गुटों में मारपीट की घटना भी हुई थी.

            अधिकारी कहते हैं स्टाफ वेंडर के विरुद्ध अधिक राशि की वसूली की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. विभाग द्वारा उपलब्ध इ-स्टांप का प्रयोग भी लोग कर सकते हैं.
पातेपुर निबंधन कार्यालय में अनियमितता के विरोध में लोगों ने किया प्रदर्शन
हाजीपुर. पातेपुर निबंधन कार्यालय में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होते ही बिचौलिए हावी हो गये हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्री से लेकर स्टांप खरीद में भी लोगों को निर्धारित राशि से दुगुना रुपये देने पड़ रहे हैं. वहीं लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए चार- पांच दिनों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इससे परेशान लोगों ने मंगलवार को निबंधन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लोगों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ भी नारेबाजी की. प्रदर्शन करते लोगों ने आरोप लगाया कि जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू हुआ है। बिचौलिए हावी हो गये हैं. रजिस्ट्री के नाम पर मुद्रांक विक्रेता स्टांप दबाकर महुआ तथा हाजीपुर से मंगाकर देने के नाम पर लोगों से निर्धारित राशि से दुगुनी कीमत वसूल रहे हैं. सौ रुपये के स्टांप का दो सौ रुपये, पांच सौ के स्टांप का आठ सौ रुपये तथा एक हजार के स्टांप का 17 सौ रुपये वसूली कर रहे हैं. इससे जमीन रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।       
       पूर्व में स्थानीय विधायक से शिकायत के बाद कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक थी, लेकिन जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू
हुआ है तब से निबंधन कार्यालय पर बिचौलिए हावी हो गये हैं. लोगों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है   
      जमीन रजिस्ट्री कराने वालों ने आरोप लगाया कि पातेपुर निबंधन कार्यालय में कातिब एवं बिचौलियों की मिलीभगत कर लोगों से ऑनलाइन रजिस्ट्री के नाम पर लोगों से दो हजार रुपये एक्स्ट्रा वसूल किया जाता है. जमीन के भौतिक सत्यापन के नाम पर भी लोगों को एक-एक सप्ताह तक बिना वजह दौड़ाया जाता है तथा उसके लिए भी लोगों से पैसे की उगाही की जाती है.  लोगों ने आरोप लगाया कि निबंधन कार्यालय में बिचौलियों की मनमानी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि जमीन के किस्म के नाम  पर अधिकारी से मिलीभगत कर बिचौलिए के माध्यम से अधिकारी भी पांच हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की उगाही करते हैं. इसके लिए लगभग एक सप्ताह पूर्व कातिब के दो गुटों में मारपीट की घटना भी हुई थी.    
         अधिकारी कहते हैं स्टाफ वेंडर के विरुद्ध अधिक राशि की वसूली की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. विभाग द्वारा उपलब्ध इ-स्टांप का प्रयोग भी लोग कर सकते हैं.