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चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती:डिजिटल उपकरण पर पोर्नोग्राफी देखना उसे डाउनलोड कर रखना गंभीर अपराध


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुझाव दिया कि संसद को 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द को 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' से बदलने के लिए यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम में संशोधन लाना चाहिए.यह भी कहा कि पर्सनल डिवाइस में चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेट रखना पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द के स्थान पर 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' शब्द का इस्तेमाल करना, ऐसे अपराधों की वास्तविकता को दर्शाने के लिए आवश्यक है।

बेंच की ओर से फैसला सुनाते हुए जस्टिस पारदीवाला ने कहा, 'हमने केंद्र से यह भी अनुरोध किया है कि इस बीच वह परिभाषा में इस संशोधन को लाने के लिए अध्यादेश जारी करने पर विचार कर सकता है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करें, बल्कि बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री कहें'.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों को निर्देश दिया कि वे किसी भी न्यायिक आदेश में 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द का प्रयोग न करें. 

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने सुप्रीम कोर्ट में कई अन्य सुझाव भी दिए हैं. न्यायमूर्ति पारदीवाला ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हाईकोर्ट ने विवादित फैसला सुनाते हुए गंभीर गलती की है.'

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया. उसे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था. 

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया है. इसमें कहा गया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना पोक्सो अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध नहीं है।

जनवरी 2024 में मद्रास हाईकोर्ट ने 28 वर्षीय व्यक्ति एस हरीश के खिलाफ आपराधिक मामला खारिज कर दिया था. उस पर अभियोजन पक्ष ने बच्चों से संबंधित कुछ अश्लील सामग्री अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने और देखने का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के मामलों में आरोपी हरीश को मुक्त कर दिया था।

23 सितंबर का इतिहास : आज ही के दिन इसरो ने स्थापित किए थे भारतीय उपग्रह ओशन सैट-2 समेत सात उपग्रह

नयी दिल्ली : 2009 में आज ही के दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय उपग्रह ओशन सैट-2 समेत सात उपग्रह कक्षा में स्थापित किए थे। 

1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का आदेश हुआ था। 

23 सितंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1955 में आज ही के दिन पाकिस्तान ने बगदाद समझौता पर साइन किए थे। 

1958 में 23 सितंबर को ही ब्रिटेन ने क्रिसमस द्वीप पर वायुमंडलीय परमाणु परीक्षण किया था। 

2009 में आज ही के दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय उपग्रह ओशन सैट-2 समेत 7 उपग्रह कक्षा में स्थापित किए थे।

2006 में 23 सितंबर के दिन ही पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने भारतीय प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह को वार्ता का निमंत्रण दिया था।

2003 में आज ही के दिन भूटान में लोकतांत्रिक संविधान का ड्राॅफ्ट तैयार किया गया था।

'न्यूज़ फास्ट' के अनुसार 2002 में 23 सितंबर के दिन ही मोजिला फायर फॉक्‍स का पहला वर्जन लाॅन्च हुआ था।

2002 में आज ही के दिन जर्मनी के चांसलर गेरहार्ड श्रीएडर दोबारा सत्ता में आए थे।

2000 में 23 सितंबर को ही सिडनी ओलंपिक में संयुक्त राज्य अमेरिका की धाविका मैरियन जोन्स ने 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।

1992 में आज ही के दिन यूगोस्लाविया का संयुक्त राष्ट्र संघ से निष्कासन हुआ था।

1986 में 23 सितंबर को ही अमेरिकी कांग्रेस ने गुलाब को अमेरिका का राष्ट्रीय फूल चुना था।

1979 में आज ही के दिन सोमालिया के संविधान को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी।

1970 में 23 सितंबर को ही अब्दुल रज़ाक बिन हुसैन मलेशिया के प्रधानमंत्री बने थे।

1965 में आज ही के दिन भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का आदेश हुआ था।

1958 में 23 सितंबर को ही ब्रिटेन ने क्रिसमस द्वीप पर वायुमंडलीय परमाणु परीक्षण किया था।

1955 में आज ही के दिन पाकिस्तान ने बगदाद समझौता पर साइन किया था।

1929 में 23 सितंबर को ही बाल विवाह निरोधक विधेयक (शारदा क़ानून) पारित हुआ था।

1939 में आज ही के दिन विश्वविख्यात न्यूरोलॉजिस्ट सिगमंड फ्रायड स्वर्गवासी हुए थे।

23 सितंबर को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1903 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारक यूसुफ़ मेहरअली का जन्म हुआ था।

1908 में 23 सितंबर को ही हिंदी जगत सुप्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म हुआ था।

1935 में आज ही के दिन हिंदी और पंजाबी फ़िल्म अभिनेता प्रेम चोपड़ा का जन्म हुआ था।

23 सितंबर को हुए निधन

1863 में 23 सितंबर को ही स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम का निधन हुआ था।

1969 में आज ही के दिन आधुनिक आयुर्वेद जगत के प्रख्यात पंडित और चिकित्साशास्त्री सत्यनारायण शास्त्री का निधन हुआ था।

रिया सिंघा ने जीता मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 का ताज,उर्वशी रौतेला ने पहनाया ताज

मेक्सिको सिटी में होने वाली मिस यूनिवर्स इंटरनेशनल में भारत का प्रतिनिधित्व रिया सिंघा करेंगी. उन्होंने जयपुर में रविवार को आयोजित मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया. एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला इस प्रतियोगिता में जज रहीं. उनके अलावा निखिल आनंद, राजीव श्रीवास्तव, रियान फर्नांडिस और ग्वेन क्वींन्ज भी जजों में शामिल रहे.

इस प्रतियोगिता में विभिन्न शहरों से 51 प्रतिभागियों ने भाग लिया था. ब्यूटी पेजेंट, मिस यूनिवर्स इंडिया इंटरनेशनल प्रतियोगिता 2024 के दौरान मॉडल ने अपने टैलेंट और आत्मविश्वास का जमकर प्रदर्शन किया।

कई राउंड रहे रोचक :मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 प्रतियोगिता के कार्यक्रम में ओपनिंग डांस, स्विमवियर राउंड, इवनिंग गाउन राउंड और क्वेश्चन आंसर राउंड खास रहे. मॉडल्स ने जज के सवालों का शानदार जवाब दिया. इसके बाद मिस पॉपुलर, बेस्ट इंटरव्यू, बेस्ट इवनिंग गाउन और स्विमवियर के अलावा मिस फोटोजेनिक और टॉप मॉडल जैसे कई सबटाइटल भी दिए गए. 

सभी प्रतिभागियों को करीब 15 दिन की कड़ी ट्रेनिंग दी गई थी. इस शो में मिस टीम दीवा केरिसा बोपन्ना, तनिष्का, कृष्णा रे, शिवांगी, सुपर मॉडल परिणीता बक्शी, अंशिका चौधरी और रूबी चौधरी भी मौजूद रहे.

रिया सिंघा ने जताई खुशी

मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 का खिताब जीतने के बाद सुंदरी रिया सिंघा ने अपनी खुशी का इजहार किया. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यह खिताब जीतने के बाद वह बहुत आभारी हैं. उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है. उन्होंने अपनी इस जीत के पीछे पूर्व में विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में विजेता रही सुंदरियों को अपनी प्रेरणा बताया

मिस यूनिवर्स खिताब भारत को मिलेगा

मिस यूनिवर्स इंडिया इंटरनेशनल प्रतियोगिता के बाद मीडिया से मुखातिब हुईं अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने कहा कि उन्हें महसूस हो रहा है कि इस वक्त सभी प्रतिभागियों ने क्या कुछ अनुभव किया है. उर्वशी ने उम्मीद जताई कि इस साल भारत के पास मिस यूनिवर्स का खिताब वापस आएगा. प्रतियोगिता के बाद उन्होंने कहा कि सभी प्रतियोगियों ने बहुत मेहनत की थी और सभी खुद में विजेता हैं.

बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका और पद्मश्री,पद्मविभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के पति डॉ. ब्रिज भूषण सिन्हा का ब्रेन हेमरेज से निधन


दिल्ली:- पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। 80 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है। उनके बेटे अंशुमान ने इस बात की जानकारी दी।

ब्रज किशोर सिन्हा दो दिन पहले घर में गिर गए थे। उनके सिर में चोट आई थी। ब्रेन हेमरेज की वजह से पटना के साईं अस्पताल में उनका निधन रविवार को हो गया।

वे शिक्षा विभाग के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त थे। अब पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

शारदा सिन्हा ने एक इंटरव्यू में अपने पति के साथ अपने रिश्ते और संगीत के प्रति उनके प्रेम के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि 1970 में जब उनकी शादी बृज भूषण सिन्हा से हुई और वे बेगूसराय आईं, तो माहौल बिल्कुल अलग था. उनकी सास ने शुरुआत में घर से बाहर गाने की अनुमति नहीं दी थी. 

सास का मानना था कि घर की बहू को गाना-बजाना नहीं करना चाहिए, खासकर बाहर. लेकिन उनके ससुर को भजन-कीर्तन सुनना बहुत पसंद था. एक दिन गांव के मुखिया ने उनके ससुर से कहा कि उनकी बहू बहुत अच्छा गाती हैं और ठाकुरबाड़ी में भजन गाने के लिए कहा. ससुर ने अनुमति दे दी, जिससे शारदा सिन्हा बहुत खुश हुईं. हालांकि, इस पर सास नाराज हो गईं, लेकिन ऐसे समय में उनके पति ने उनका साथ दिया और सास को मनाया.

शारदा सिन्हा ने 2020 में अपनी शादी की 50वीं वर्षगांठ मनाते हुए अपने पति के साथ बिताए समय को याद किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने दांपत्य जीवन के धैर्य, स्नेह और दृढ़ता की मिसाल साझा की थी. उनके गीत 'कहे तो से सजना ये तोहरी सजनियां...' के साथ उन्होंने अपने जीवनसाथी के प्रति अपना प्यार और सम्मान व्यक्त किया था।

CM की कुर्सी की भूख नहीं,आने वाला चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा': अरविंद केजरीवाल का जनता से संवाद

नयी दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित 'जनता की अदालत' में अपनी बात रखी। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा देने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने जनता के सवालों का जवाब दिया।

केजरीवाल ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी की कोई भूख नहीं है, बल्कि वह आगामी चुनाव को अपनी अग्नि परीक्षा मानते हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद से किसी भी प्रकार का बयान नहीं दिया था, इसलिए यह कार्यक्रम उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।

इस दौरान, उन्होंने आरोपों को लेकर जनता के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वह अपने कार्यों के लिए जनता के बीच जवाबदेह हैं। कार्यक्रम में दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी भी शामिल थीं, जिन्होंने केजरीवाल के समर्थन में अपनी बात रखी। 

उन्होंने कहा कि यह वक्त एकजुट होने का है और जनता को सच्चाई के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि जनता की अदालत में आकर उन्हें खुशी महसूस हो रही है, क्योंकि यह लोकतंत्र की सही पहचान है। 

उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जनता के सवालों का सामना करना और उनके बीच रहना उनके लिए महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने अपने कार्यों के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि वह आने वाले चुनाव में जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता साबित करेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। 

यह कार्यक्रम उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देता है, और उनके समर्थक अब भी उनकी राजनीतिक यात्रा के प्रति आशान्वित हैं।

कौन हैं एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह,जो बने भारतीय वायु सेना के नए प्रमुख,30 सितंबर को संभालेंगे कार्यभार


नई दिल्ली:- एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह को वायुसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनके पास पांच हजार घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। वह 30 सितंबर को एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी का स्थान लेंगे। 

अमरप्रीत अभी वायुसेना के उप प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं।रक्षा मंत्रालय ने बताया, 'सरकार ने वर्तमान में वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह को एयर चीफ मार्शल के पद पर अगले वायुसेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। 

यह नियुक्ति 30 सितंबर को दोपहर बाद से प्रभावी होगी।' वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

विदेश में भी रही तैनाती

27 अक्टूबर, 1964 को जन्मे एयर मार्शल अमरप्रीत को दिसंबर, 1984 में वायुसेना में लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर शामिल किया गया था। उन्होंने लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान विभिन्न कमान और स्टाफ में काम किया है। वह विदेश में तैनात रहे।

वायुसेना प्रमुख के रूप में एयर मार्शल अमरप्रीत की प्राथमिकताओं में नए लड़ाकू विमानों की खरीद और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चुनौतियों समेत बल का आधुनिकीकरण शामिल हो सकता है।

वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या अधिकृत तौर पर 42 से घटकर करीब 30 रहे गई है। एयर मार्शल परम विशिष्ट सेवा पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं।

सहपाठियों के हाथ में तीनों सेनाओं की कमान

एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह की वायुसेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के साथ ही एक अनोखा संयोग देखने को मिलेगा। तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना का नेतृत्व सहपाठी करेंगे। 

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में सहपाठी रहे और वहां से 1983 में पास हुए।

जबकि जनरल उपेंद्र और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल में सहपाठी रहे।

एडमिरल त्रिपाठी ने 30 अप्रैल को नौसेना प्रमुख का पदभार संभाला तो जनरल द्विवेदी ने 31 जुलाई को सेना प्रमुख बने। जबकि एयर मार्शल अमरप्रीत 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख बनेंगे।

24 या 25 सितंबर कब हैं जितिया?जानें पारण का सही टाइम, ये है व्रत रखने की सबसे उत्तम विधि


नयी दिल्ली : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत मनाया जाता है। यह व्रत माताएं अपने पुत्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। व्रत की विधि में नहाय-खाय पूजन कथा श्रवण और दान पुण्य शामिल है। व्रत 24 घंटे का निर्जला होता है और अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है।

पंडित शैलेंद्र मिश्र ने जितिया व्रत विधि के बारे में दी जानकारी

पंडित मिश्र ने जितिया में पारण का सही टाइम को लेकर जानकारी दी। शास्त्रों में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया, जीमूत वाहन अथवा जीवित्पुत्रिका व्रत करने का विधान है। 

कर्मकांडियों के अनुसार पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है, दूसरे दिन खर जितिया कहलाता है। आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री उर्फ साहेब पंडित, पंडित शैलेंद्र कुमार मिश्र आदि का कहना है कि अपने यहां कोई भी पर्व-त्योहार वाराणसी पंचांग के अनुसार मनाया जाता है।

जिसके तहत अष्टमी तिथि मंगलवार (24 तारीख) की शाम 5:58 बजे से प्रारंभ होकर बुधवार (25 तारीख) की शाम 4:47 बजे तक रह रही है।

जीवित्पुत्रिका व्रत का मान सूर्योदय ग्राह्य तिथि में होने से माता और पुत्र के इस अगाध प्रेम का पर्व 25 तारीख दिन बुधवार को मनाया जाएगा।

विश्व गुलाब दिवस: कैंसर रोगियों के लिए आशा और समर्थन का प्रतीक।

साल का वह समय फिर आ गया है, जब गुलाब तो नहीं, लेकिन थोड़ा प्यार तो दिखाया ही जाना चाहिए। यह दिन कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने वालों के सम्मान में है। यह दिन उन्हें समर्पित है और उनके साहस और बहादुरी की सराहना करता है। कैंसर के मरीज़ अक्सर उपचार प्रक्रिया के दौरान बहुत मानसिक आघात से गुज़रते हैं। इसलिए, इस दिन को मनाने का उद्देश्य खुशी लाना और जागरूकता पैदा करना है कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ भयानक बीमारी का सामना कर सकते हैं।

विश्व गुलाब दिवस,जिसे कैंसर रोगियों के कल्याण दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल की तरह 22 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन के पीछे का विचार रक्त कैंसर के रोगियों को खुश करना और उन्हें मजबूत बने रहने और अपनी लड़ाई लड़ने की नई उम्मीद देना है। गुलाब इस दिन का प्रतीक है, क्योंकि हम इसे प्यार, देखभाल और चिंता से जोड़ते हैं। 

विश्व गुलाब दिवस मनाने की अवधारणा मेलिसा रोज़ द्वारा शुरू की गई थी, जो जन्म से कनाडाई थीं और 1996 में इस बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके कार्यों ने कैंसर से पीड़ित कई अन्य लोगों को प्रभावित किया और उनकी याद में, यह दिवस हर साल मनाया जाता है ताकि रोगियों का उत्साह बढ़ाया जा सके और उन्हें जीवंत रखा जा सके। यह उन लोगों के संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित करता है जो कैंसर से पीड़ित हैं। 

"मानव आत्मा किसी भी चीज़ से अधिक शक्तिशाली है जो उसके साथ घटित हो सकती है।" मिस रोज़ ने अपने जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ते हुए, जीवन को पूर्णता से जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

आज, विभिन्न देखभालकर्ता, परिवार और मित्र कैंसर रोगियों को कार्ड, गुलाब, संदेश, पत्र और उपहार देते हैं और उन्हें एहसास दिलाते हैं कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं। 

दुनिया भर में ऐसे कई संगठन हैं जो कैंसर रोगियों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं तथा उन्हें निरंतर समर्थन, संसाधन, सूचना और वित्त पोषण प्रदान करके उनकी मदद करते हैं।

विश्व गुलाब दिवस का महत्व

इस दिन को मनाने का उद्देश्य कैंसर के मरीजों के लिए समर्थन और सहयोग प्रदान करना है. गुलाब का फूल, जो प्यार और आशा का प्रतीक है, इस दिन को और भी खास बनाता है. ये दिन कैंसर से प्रभावित लोगों को ये संदेश देता है कि वे अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा समाज उनके साथ हैं. लोगों का मानना है कि विश्व गुलाब दिवस कैंसर रोगियों के लिए प्रेरणा और साहस का स्रोत है. इस दिन कई संगठन और संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, जिसमें कैंसर जागरूकता, हेल्थ चेकअप और इससे बचाव की जानकारी दी जाती है. 

बता दें कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और रोगियों को मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है।

क्यों मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस?  

समाज के प्रत्येक सदस्य की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे कैंसर के रोगियों के प्रति सहानुभूति दिखाएं. उनके संघर्ष को समझें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करें. इसलिए इस दिन सभी कैंसर के मरीजों को गुलाब का फूल दिया जाता है. इसके पीछे का संदेश ये है कि प्रेम और समर्थन से किसी भी मुश्किल समय को पार किया जा सकता है. यह दिन बीमारी के खिलाफ लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पीड़ितों को सकारात्मक रहने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। यह कैंसर रोगियों को जल्द ठीक होने की उम्मीद देने का एक अवसर है. 

कैंसर दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है, और लोगों को इस बीमारी और इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है.

CBSE ने जारी की CTET 2024 की अधिसूचना, 16 अक्टूबर तक करें आवेदन; 1 दिसंबर को परीक्षा

सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उम्मीदवार 16 अक्टूबर तक ctet.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा एक दिसंबर 2024 को आयोजित होगी।

जनरल या ओबीसी के उम्मीदवार पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो उन्हें 1000 रुपए शुल्क देना होगा। पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 1200 रुपए शुल्क लगेगा। वहीं, एससी, एसटी व दिव्यांग के लिए पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो 500 रुपए और पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 600 रुपए शुल्क लगेगा।

कितने बजे होगी परीक्षा?

पेपर टू की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और पेपर वन की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से शाम पांच तक चलेगी।केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को सीटीईटी परीक्षा में उनके अंकों के आधार पर शार्टलिस्ट किया जाएगा।

चयनित होने के लिए 60 प्रतिशत से अधिक या बराबर अंक प्राप्त करने होंगे।सीबीएसई द्वारा सीटीईटी की परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती है। पहला सत्र जून में और दूसरा दिसंबर में आयोजित होती है।

डाटा एंट्री ऑपरेटर बनाए जाएंगे मास्टर ट्रेनर

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित विभागीय पोर्टल, बिहार भूमि की जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिए अंचलों में नियोजित डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षित किए जाएंगे। प्रत्येक अंचल के एक-एक डाटा एंट्री आपरेटर को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

यह प्रशिक्षण दशरथ मांझी श्रमिक कौशल विकास केंद्र में 21 एवं 28 सितंबर तथा पांच अक्टूबर को दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर अपने अंचल के अन्य डाटा एंट्री ऑपरेटरों, सीएससी व साइबर कैफे संचालकों को ऑनलाइन सेवाओं व पोर्टल के संबंध में प्रशिक्षित करेंगे।

छुट्टी पर घर आया जवान ने कर लिया आत्महत्या, परिजन लगा रहे हैं ब्लैकमेलिंग का आरोप


सागर :- रहली थाना क्षेत्र अंतर्गत देवलपानी के जंगल में सेना के एक जवान का शव मिलने से सनसनी फैल गई. भारतीय सेना में सिग्नल इंजीनियर के पद पर पदस्थ 28 वर्षीय जवान देवेंद्र पिता अजमेर सिंह लोधी 15 दिन की छुट्टी पर अपने घर देवलपानी आया था. 

देवेंद्र लोधी वर्तमान में सिकंदराबाद में पदस्थ था, जहां से मेरठ तबादला होने पर ज्वॉइन करने जाने वाला था. परिजनों के मुताबिक देवेंद्र पिछले कई दिनों से किसी महिला द्वारा ब्लेकमेलिंग किए जाने से परेशान था।

देवेंद्र को ब्लैकमेल कर रही थी कुछ लड़कियां

परिजनों के मुताबिक गिरोह की लड़कियों ने कई बार देवेंद्र से पैसे भी ऐंठे. देवेन्द्र के परिजनों ने बताया है कि एक युवती के पास देवेन्द्र के कुछ वीडियो और फोटो थे, जिनके जरिए उसे बार-बार ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठे जा रहे थे. करीब 12 लाख रूपए ऐंठने के बाद एक महिला देवेन्द्र और उसके परिजनों को लगातार परेशान कर रही थी. मृतक की भाभी और बहन ने बताया कि एक लड़की के जरिए देवेंद्र से करीब 12 से 15 लाख रुपए वसूले गए. फिर भी पैसों की मांग का सिलसिला बंद नहीं हुआ. गिरोह में युवती के अलावा मृतक के दोस्त भी शामिल बताए जा रहे हैं.

देवेंद्र ने परिवार को बताई थी सारी बात

परिजनों के मुताबिक देवेन्द्र जब बहुत ज्यादा परेशान हो गया, तो उसने अपने परिवार को सबकुछ बताया. जानकारी लगने पर उसके भाई ने ब्लैकमेलिंग करने वाले लोगों से बात की और देवेंद्र की सिम को भी बंद करा दिया. लेकिन इसके बावजूद गिरोह द्वारा मृतक के भाई और घर की महिलाओं समेत अन्य रिश्तेदारों को भी ब्लैकमेल किया जाने लगा. लंबे समय से इसी मामले को लेकर देवेंद्र काफी मानसिक तनाव में था.

एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा ने बताया है, '' फौज में काम करने वाले देवेंद्र लोधी द्वारा गांव के पास जंगल में आत्महत्या की गई है. इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई है. परिजनों ने ब्लैकमेलिंग के जो आरोप लगाए गए हैं उसके आधार पर जांच की जाएगी और आगे कार्रवाई की जाएगी।