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डीएम ने किया निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप का निरीक्षण
हाजीपुर। जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने शनिवार को वैशाली गढ़ स्थित निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन-सह- बुद्ध स्मृति स्तूप का निरीक्षण किया। उनके द्वारा प्रत्येक सप्ताह वैशाली में निर्माण के प्रगति की समीक्षा की जाती है।

     
        जिलाधिकारी ने इस दौरान अभियंताओं और कार्य एजेंसी के प्रबंधकों को निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पूरे परिसर में निर्माण कार्य को देखा और आवश्यक निदेश दिए। आपको बता दे कि इसका पूरा परिसर 72 एकड़ में हैं और इसका निर्माण लागत 320 करोड़ हैं। परिसर के चारों तरफ बोनंड्री होगा और उत्तरी गेट ब्रास धातु से बनेगा।


   
        बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-बुद्ध स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद यहां बौद्ध भिक्षु के साथ-साथ बड़ी संख्या में पर्यटक आयेंगे। इससे यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यहां आवागमन के सुविधा के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं।यह बौद्ध धर्म का होलिक प्लेस बनेगा। दलाईलामा इसका उद्घाटन करेंगे।

      बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को यहां दर्शाया जाएगा। विशेष कार्य पदाधिकारी अमन, डीपीआरओ नीरज सहित कई अधिकारी और अभियंता मौजूद थे।
गंडक लालगंज तक खतरे के निशान के ऊपर
लालगंज‌। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण गंडक नदी का जलस्तर लालगंज तक बढ़ गया है। वैशाली डीएम ने गंगा और गंडक नदी का जलस्तर और बढ़ने को लेकर अधिकारियों और लोगों को सचेत किया हैं।        
    
       सोन नदी का पानी भी गंगा नदी में आती हैं। जिससे गंगा नदी में जल का दवाब बढ़ जाता हैं। इस साल सोन नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ हैं। सोन नदी का जलस्त्राव 5.22 लाख क्यूसेक की जानकारी हैं। हाजीपुर में गंगा और गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.57 मी उपर हैं. वहां पहले से ही बाढ़ से हालात हैं। लोगों को राहत शिविर में रखा गया हैं।
अधिकारी भी मुस्तैद हैं. नदी के जलस्तर में कुछ कमी हुई हैं.    
   
     गंडक नदी का जलस्तर लालगंज से रेवा की तरफ कम है। कनीय अभियंता विकास कुमार ने बताया कि डीएम वैशाली ने इंद्रपुरी बैराज औरंगाबाद से सोन नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर गंगा और गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने को लेकर सचेत किया है।    
     
      शुक्रवार को डीएम वैशाली यशपाल मीणा ने लालगंज में गंडक नदी के बसंता जहानाबाद घाट का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बीडीओ लालगंज नीलम एवं गंडक परियोजना के कनीय अभियंता विकास कुमार को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इंद्रपुरी बैराज से तीन से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। जिसके कारण गंगा का जलस्तर बढ़ेगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर उसका बैक वॉटर लालगंज तक आ जाता ह। गंगा के बैक वाटर के कारण ही लालगंज में गंडक खतरे के निशान से 15 से.मी. ऊपर बह रही हैं, जबकि गंडक रेवा में खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे है।
    
    
     
    
हाजीपुर के शहर में भी भर रहा हैं 'बाढ़ का पानी'
हाजीपुर। हाजीपुर में गंगा और गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा हैं। गुरूवार को गंगा का जलस्तर 1.62 था तो शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान से 1.68 मीटर ऊपर ऊपर चला गया. गंगा नदी में जलस्तर 5.0 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंडक नदी का जलस्तर 7.5 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है। हाजीपुर शहरी क्षेत्र की सीमा मीनापुर, हरिवंशपुर, रामचौरा, कोनहारा तक गंगा का पानी पहुंच चुका और अब धीरे-धीरे हाजीपुर शहर में फैलने लगा हैं।गंडक नदी का जलस्तर 7.5 एमएम की रफ्तार से बढ़ रहा है।

               
      गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार में थोड़ी कमी जरूरी आई है, लेकिन खतरा बरकरार है।शुक्रवार की दोपहर बाद से हाजीपुर-कोनहारा बाइपास रोड के ऊपर से पानी बहने लगा हैं।और अब धीरे-धीरे हाजीपुर शहर में फैलने लगा हैं। सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित राघोपुर प्रखंड की पंचायतों में शुक्रवार को डीएम यशपाल मीणा ने भ्रमण किया और राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। नगरीय क्षेत्र के निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई है।कई गांव के लोगों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। लोगों को पानी से होकर जरूरत का सामान लेने और अवाश्यक कार्य के लिए बाजार और शहर आना पड़ रहा है।

       
    तेरसिया गांव बाढ़ के पानी से जलप्लावित हो गया हैं। ज्यादातर घरों में बाढ़ में बाढ़ का पानी घुस गया हैं।पीड़ित लोग जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए शिविर में मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं। तेरसिया गांव के पीड़ितों के लिए 41 शिविर बनाया गया हैं। जहां पीड़ितों के ठहरने, भोजन व दवा की उपलब्धता की गई हैं।

            
       गांधी सेतु के पुराना टॉल प्लाजा के पास उंचे स्थानों पर बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों ने डेरा डाल दिया है। इन लोगों ने अपने साथ अपने मवेशियों को भी लेकर आए हैं। मुख्य सड़क के किनारे रह रहे हैं। मवेशियों को इधर-उधर से चारा का जुगाड़ कर खिला रहे हैं।

             
            बाढ़ से बचाव व सुरक्षा के लिए जिला मुख्यायल में जिला नियंत्रण कक्ष खोला गया है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे खुला रखने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों की तीन शिफ्टों में डियूटी लगाई गई है। डीएम-एसपी नियंत्रण कक्ष में आई सूचनाओं का स्वयं हर तीन-चार घंटे पर मॉनिटरिंग कर रहे है। । सूचना मिलने के साथ त्वरित कार्रवाई करने की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। 

        
     कम्यूनिटी किचेन चलाया जा रहा हैं।डॉक्टर दवा के साथ ड्यूटी पर लगे हैं। पशुओं के देखभाल के लिए पशुपालन विभाग को भी निर्देशित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा हैं और इसमें सभी पदाधिकारी को युद्ध स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया हैं।


घर के छह कमरों में ठहरा सकेंगे पर्यटक
     
  एक अन्ने मार्ग में गुरुवार को बिहार में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे तथा हाईवे से संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,  साथ में मंत्री विजय चौधरी व जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने की।  । मुख्यमंत्री होम स्टे योजना के तहत लोग अपने घर के एक से छह कमरे में पर्यटकों को ठहरा सकते हैं।        
         
    
      पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इससे संबंधित  कार्ययोजना का लोकार्पण कर दिया है। पर्यटन स्थलों के आसपास के घरों में पर्यटकों को ठहराने की योजना शुरू कर दी गई है - इसके तहत पहले चरण में पंद्रह जिले के 28 पर्यटन स्थलों के आसपास यह सुविधा शुरू की जा रही है। इनमें शहरी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से पांच किमी की परिधि तथा ग्रामीण क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से दस किमी की परिधि के मकान मालिक अपने कमरे का निबंधन करा सकते हैं।

           
       कमरे साफ-सुथरा एवं प्रकाशमय होने चाहिए। कमरों में मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, स्नानागार आदि संलग्न हों। कमरे का किराया तय करने का अधिकार मकान मालिक को होगा। जिस घर में मकान मालिक नहीं रहते हैं, वहां एक संचालक तय करना होगा।

      
       कमरे के उन्नयन में मिलेगी आर्थिक मदद : योजना में चयनित लोगों को सरकार आर्थिक मदद करेगी। ऋण के रूप में  अधिकतम ढाई लाख रुपये की मदद दी जाए‌गी। इस पर पांच वर्ष तक के व्याज की राशि सरकार देगी। तीन माह में उन्नयन कार्य पूरा कर लेना होगा। बीच में योजना को बंद करने पर ब्याज राशि वापस ले ली जाएगी।
          
         
     पर्यटकों की जानकारी के लिए ऐसे घरों का पता, फोन नंबर विभाग की वेबसाइट पर दर्ज रहेगा। दूर और ट्रेवल ऑपरेटर पर्यटकों को ऐसे घरों में ठहरने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उनके पास ऐसे घरों की सूची होगी। मकान मालिक को समय-समय पर कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

        
''दूध में मिलावट स्वास्थ्य और अधिकारों का है उल्लंघन'
हाजीपुर। होटल प्रबंधन संस्थान, हाजीपुर में गुरुवार को एक सेमिनार  का आयोजन किया गया। जिसमें खाद्य पदार्थों और दूध में मिलावट की सीमा, प्रकृति आदि विषय सेमिनार का केंद्र बिंदु थे। खाद्य पदार्थ  और दूध में मिलावट से हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को विस्तार से बताया गया। सेमिनार में मानव अधिकार संगठन, बिहार एवं आइएचएम   हाजीपुर, प्राचार्य पूलक मंडल एवं अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन बिहार एएम प्रसाद, निदेशक मानव अधिकार संगठन , डॉ जर्नादन उपस्थित थे।

   
   अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन बिहार एएम प्रसाद ने मानव अधिकार संगठन बिहार के कार्यों एवं कर्तव्यों आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी विधार्थियों तथा कर्मचारियों के साथ साझा की। निदेशक मानव अधिकार संगठन, बिहार डॉ. जनार्दन ने 'मानव अधिकारों की रक्षा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दूध और दूध से बने उत्पाद मानव आहार का अभिन्न अंग हैं जो वृद्धि तथा विकास के लिए अत्यंत आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत हैं, परंतु मिलावट का मुद्दा सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।   
      
   इस अवसर पर उपस्थित छात्र और अन्य लोगों ने शपथ लिया कि हम सभी स्वच्छ खाना का उपयोग अपनी दैनिक दिनचर्या में करेंगें। यह न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं, ये हमारे दैनिक दिनचर्या और हमारे कामकाज से भी जुड़ा हैं। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता हैं. स्वच्छ आहार से हमें उर्जा मिलती हैं.
          डॉ जर्नादन ने बताया कि मिलावट में  हानिकारक पदार्थों को मिलाना जैसे पानी, यूरिया, फॉर्मलिन, हाईड्रोजन पेरोक्साईट, डिटवेंन्ट, अन्य रसायन या घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री के साथ मिलाना शामिल है। परंतु इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर पड़ता और यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन भी है। इसके पहले अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन, बिहार ए. एम प्रसाद ने मानव अधिकार संगठन बिहार के कार्यों एवं कर्तव्यों आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी विधार्थियों तथा कर्मचारियों के साथ साझा की।
 
       
    सार्वभौमिक घोषणा का मसौदा संयुक्तराष्ट्र मानवाधिकार आयोग द्वारा तैयार किया गया था। जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन प्रथम महिला एलेनोर रूजवेल्ट ने की थी। इसे 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 56 सदस्य देशों (वर्तमान में 192) द्वारा अपनाया गया था। डॉ० ज्योत्सना प्रसाद ने भारतीय पारंपरिक भोजन, दायरा और संभावनाओं से सदस्यों को रूबरू कराया।

   
     वियागाध्क्ष-1 सुमित चटर्जी, वरीय व्याख्याता सह न्यूट्रीशनिस्ट विशेषज्ञ अनुपम कुमार ने भी खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि के बारे में विस्तृत चर्चा की।
पातेपुर निबंधन कार्यालय में अनियमितता के विरोध में लोगों ने किया प्रदर्शन
हाजीपुर. पातेपुर निबंधन कार्यालय में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होते ही बिचौलिए हावी हो गये हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्री से लेकर स्टांप खरीद में भी लोगों को निर्धारित राशि से दुगुना रुपये देने पड़ रहे हैं. वहीं लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए चार- पांच दिनों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इससे परेशान लोगों ने मंगलवार को निबंधन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लोगों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ भी नारेबाजी की. प्रदर्शन करते लोगों ने आरोप लगाया कि जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू हुआ है। बिचौलिए हावी हो गये हैं. रजिस्ट्री के नाम पर मुद्रांक विक्रेता स्टांप दबाकर महुआ तथा हाजीपुर से मंगाकर देने के नाम पर लोगों से निर्धारित राशि से दुगुनी कीमत वसूल रहे हैं. सौ रुपये के स्टांप का दो सौ रुपये, पांच सौ के स्टांप का आठ सौ रुपये तथा एक हजार के स्टांप का 17 सौ रुपये वसूली कर रहे हैं. इससे जमीन रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

         पूर्व में स्थानीय विधायक से शिकायत के बाद कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक थी, लेकिन जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू
हुआ है तब से निबंधन कार्यालय पर बिचौलिए हावी हो गये हैं. लोगों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है

      जमीन रजिस्ट्री कराने वालों ने आरोप लगाया कि पातेपुर निबंधन कार्यालय में कातिब एवं बिचौलियों की मिलीभगत कर लोगों से ऑनलाइन रजिस्ट्री के नाम पर लोगों से दो हजार रुपये एक्स्ट्रा वसूल किया जाता है. जमीन के भौतिक सत्यापन के नाम पर भी लोगों को एक-एक सप्ताह तक बिना वजह दौड़ाया जाता है तथा उसके लिए भी लोगों से पैसे की उगाही की जाती है.  लोगों ने आरोप लगाया कि निबंधन कार्यालय में बिचौलियों की मनमानी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि जमीन के किस्म के नाम  पर अधिकारी से मिलीभगत कर बिचौलिए के माध्यम से अधिकारी भी पांच हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की उगाही करते हैं. इसके लिए लगभग एक सप्ताह पूर्व कातिब के दो गुटों में मारपीट की घटना भी हुई थी.

            अधिकारी कहते हैं स्टाफ वेंडर के विरुद्ध अधिक राशि की वसूली की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. विभाग द्वारा उपलब्ध इ-स्टांप का प्रयोग भी लोग कर सकते हैं.
पातेपुर निबंधन कार्यालय में अनियमितता के विरोध में लोगों ने किया प्रदर्शन
हाजीपुर. पातेपुर निबंधन कार्यालय में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होते ही बिचौलिए हावी हो गये हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्री से लेकर स्टांप खरीद में भी लोगों को निर्धारित राशि से दुगुना रुपये देने पड़ रहे हैं. वहीं लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए चार- पांच दिनों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इससे परेशान लोगों ने मंगलवार को निबंधन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लोगों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ भी नारेबाजी की. प्रदर्शन करते लोगों ने आरोप लगाया कि जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू हुआ है। बिचौलिए हावी हो गये हैं. रजिस्ट्री के नाम पर मुद्रांक विक्रेता स्टांप दबाकर महुआ तथा हाजीपुर से मंगाकर देने के नाम पर लोगों से निर्धारित राशि से दुगुनी कीमत वसूल रहे हैं. सौ रुपये के स्टांप का दो सौ रुपये, पांच सौ के स्टांप का आठ सौ रुपये तथा एक हजार के स्टांप का 17 सौ रुपये वसूली कर रहे हैं. इससे जमीन रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।       
       पूर्व में स्थानीय विधायक से शिकायत के बाद कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक थी, लेकिन जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री का काम शुरू
हुआ है तब से निबंधन कार्यालय पर बिचौलिए हावी हो गये हैं. लोगों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है   
      जमीन रजिस्ट्री कराने वालों ने आरोप लगाया कि पातेपुर निबंधन कार्यालय में कातिब एवं बिचौलियों की मिलीभगत कर लोगों से ऑनलाइन रजिस्ट्री के नाम पर लोगों से दो हजार रुपये एक्स्ट्रा वसूल किया जाता है. जमीन के भौतिक सत्यापन के नाम पर भी लोगों को एक-एक सप्ताह तक बिना वजह दौड़ाया जाता है तथा उसके लिए भी लोगों से पैसे की उगाही की जाती है.  लोगों ने आरोप लगाया कि निबंधन कार्यालय में बिचौलियों की मनमानी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि जमीन के किस्म के नाम  पर अधिकारी से मिलीभगत कर बिचौलिए के माध्यम से अधिकारी भी पांच हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की उगाही करते हैं. इसके लिए लगभग एक सप्ताह पूर्व कातिब के दो गुटों में मारपीट की घटना भी हुई थी.    
         अधिकारी कहते हैं स्टाफ वेंडर के विरुद्ध अधिक राशि की वसूली की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. विभाग द्वारा उपलब्ध इ-स्टांप का प्रयोग भी लोग कर सकते हैं.
अनत चतुर्दशी एवं विश्वकर्मा पूजा का विधि-विधान
हाजीपुर। अनंत चतुर्दशी का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी। दस दिवसीय गणेश पूजन का समापन भी होगा। आचार्य सुजीत शास्त्री उर्फ मिहू बाबा ने बताया कि पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर दोपहर 3:04 बजे से आरंभ हो रही है और इस तिथि का अंत 17 सितंबर सुबह 11:44 पर हो रहा है। वहीं उदया तिथि को आधार मानते हुए अनंत - चतुर्दशी का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा।

     
     अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:11 से दोपहर 12.04 तक रहेगा। इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 6:07 से आरंभ होकर दोपहर 01:51 तक रहेगा। ज्योतिष में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में पूजन करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। आचार्य सुजीत शाखी उर्फ मिहू बाबा ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी के दिन अनंत चतुर्दशी व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष रूप से मनाया जाता है।

   
     इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन अनंत भगवान, भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। यह कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठें होती हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन भी किया जाएगा।

    
    उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। साथ ही यह त्यौहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं। श्री हरि विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं इस दिन अनंत सूत्र बांधने की परंपरा है।
    
     यह गणेश उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
   
   
    विश्वकर्मा पूजन की है तैयारी मठ मंदिरों, आवासीय परिसरों व सार्वजनिक स्थलों पर भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी जोर सोर से की गई है।

      
      ऐतिहासिक स्थल कौनहारा घाट धाम स्थित पौराणिक मंदिर प्रजापति श्री विश्वकर्मा मंदिर के परिसर में मंदिर के पुजारी शरीर दान कर चुके महात्मा राम इकबाल दास उर्फ स्वामी जी के सानिध्य में धूभ धाम पूजन की तैयारी है। वही ऑटो स्टैंड, आइ टी आइ संस्थान, कम्प्यूटर संस्थान, गैराज, सर्विस सेंटर, गाड़ियों के शोरूम आदि में हर्षोल्लास के साथ पूजन की जाएगी। सोमवार को देर शाम तक लोग संस्थानों की साफ सफाई में जुटे रहे।
ग्रामीण विकास मंत्री आज करेंगे 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम का उद्घाटन
   हाजीपुर। 'स्वच्छता ही सेवा' 2024 कार्यक्रम का उद्घाटन हाजीपुर में स्थानीय बीका के सभागार में  ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार करेंगे। सुबह 11:00 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का आगाज होगा। कार्यक्रम में सचिव, ग्रामीण विकास विभाग तथा सीईओ, जीविका शामिल होंगे। इस अवसर पर स्वच्छता पर लघु फिल्म की प्रस्तुति होगी।

        
      जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने बताया कि स्वच्छता अभियान को गांव से लेकर शहर तक जोड़ने के लिए पूरे एक पखवाड़े तक कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अपील की है कि इस अभियान को जन अभियान बनाएं।
           
    
      हाजीपुर में राज्यस्तरीय 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान की शुरुआत 17 सितंबर से और 2 अक्टूबर तक चलेगा। 2017 से स्वच्छता पखवाड़ा हर वर्ष मनाया जा रहा है। इस साल की थीम स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता है। इसके तहत 'गांधीजी के पदचिह्नों पर स्वच्छार्पण', राज्य के धरोहर स्थलों पर 'बिहार हमारा गौरव - स्वच्छता हमारी पहचान', गंगा ग्रामों में 'गंगा तेरा पानी अमृत', जीविका आधारित स्वच्छता संवाद समेत कई आयोजन होंगे।

       
       ‌जीविका के माध्यम से स्वच्छता पर चर्चा, सूखा-गीला कचरा पृथ्थकरण का प्रदर्शन और कचरा, अपशिष्ट पदार्थों से उपयोगी वस्तु के निर्माण आदि का आयोजन होगा।
        
     
       इस अभियान का उद्देश्य समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय स्तर पर जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता को बढ़ावा देना हैं. स्वच्छता न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक भी होती हैं. स्वच्छता और संस्कार व्यक्ति के व्यवहार और सोच में परिवर्तन लाते हैं.

     
         मुखिया, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, स्वच्छता पर्यवेक्षक के साथ संवाद भी होगा। स्वच्छता किट, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का स्वीकृति पत्र,  पहले से प्राप्त आवास योजना के लिए गृह प्रवेश हेतु प्रतीकात्मक चाबी, आयुष्मान कार्ड आदि का वितरण होगा। इस अवसर पर स्वच्छता गीत, स्वच्छता प्रहरी एप, स्वच्छता मित्र एप भी लांच होगा। स्वच्छता शपथ ली जाएगी। हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।
'स्वच्छता ही सेवा' अभियान शुरू शहर से गांव तक सफाई पर जोर
पीएम ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र दी जाएगी।

'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का उद्देश्य जिला मुख्यालय से पंचायत तक स्वछता पर बल देना: जिलाधिकारी हाजीपुर। जिला में 'स्वच्छता ही सेवा' 18 दिवसीय अभियान रविवार से ही शुरू हो गया। हालांकि इसकी विधिवत शुरुआत 17 सितंबर को बीका में आयोजित समारोह के साथ होगी। उद्घाटन समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री, सचिव ग्रामीण विकास विभाग तथा जीविका के सीईओ भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों के बीच स्वीकृति पत्र तथा गृह पूर्ण लाभार्थियों के बीच सांकेतिक चाबी दी जाएगी।

        
              'स्वच्छता ही सेवा' अभियान को लेकर अधिकारियों की विशेष बैठक रविवार को बीका में बुलाई गई। जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा तथा जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि जिला, अनुमंडल, प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक स्वच्छता पर विशेष बल देना। 17 सितंबर को जिले में इसकी विधिवत शुरुआत होगी।

        
              इस अभियान में जन भागीदारी जरूरी है। अधिकारियों से कहा कि वे स्वच्छता अभियान के सभी पहलुओं पर ध्यान दें और जन प्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम और अभियान से जोड़ने की सलाह दी। आम लोगों में भी साफ सफाई और स्वच्छता को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाएं। इस अभियान के दौरान जीविका, आईसीडीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य कई विभागों से समन्वय कर दो दर्जन से ज्यादा गतिविधियों की कार्य योजना बनाई गई है।


                          'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के अन्तर्गत अस्पतालों, सरकारी कार्यालय, नदी घाटों, पुरातात्विक महत्व के स्थलों, बाजार हाटों आदि की साफ-सफाई की जाएगी।

         
                   18 सितंबर को वैशाली बुद्ध स्तूप के निकट स्वच्छ भारत सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन होगा। 20 सितंबर को सभी प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में 5 किलोमीटर की साईकिल रैली की जाएगी। इस दौरान घर-घर जाकर स्वच्छता हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे, सभी सरकारी  एवं प्राईवेट स्कूल कॉलेज में स्वच्छता विषय पर चित्रकला, भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता होगी। विजेता पुरस्कृत होंगे और सभी चित्रों को  राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शित किया  जाएगा।

          
            'स्वच्छता ही सेवा' अभियान को लेकर दिए गए निर्देश: स्वास्थ्य विभाग को स्वच्छताकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच, स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल परिसर की साफ-सफाई। शिक्षा विभाग को सभी विद्यालयों की सफाई, स्वच्छता से संबंधित निबंध, चित्रकला आदि प्रत्योगिता का आयोजन। जीविका के सभी समुदाय अधारित संगठनों में सफाई अभियान, स्वच्छता पर चर्चा, सूखा-गीला कचरा पृथक्करण का प्रदर्शन। कचरा, अपशिष्ट पदार्थों से उपयोगी वस्तु के निर्माण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया। कार्यपालक अभियंता पीए‌चईडी को सभी पानी की टंकी की सफाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया ।

              
       बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, एसडीएम हाजीपुर, विशेष कार्य पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, निदेशक डीआरडीए सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।