संभाल जमीयत का असल मकसद मानवता की सेवा करना
संभल। जमीयत उलमा की विशेष बैठक का आयोजन डूंगर सराय स्थित मदरसा निदा ए इस्लाम जमीयतुल कुरैश में हुआ। जिसमे
वर्तमान परिस्थितियों पर भी चर्चा की गई। समाज मे फेल रही बुराई से दूर रहने को लोगो को जागरूक करने पर विचार किया गया।
शहर मुहल्ला डूंगर सराय स्थित मदरसा निदा ए इस्लाम जमीयतुल कुरैश में जमियत उलेमा ए हिन्द की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक की शुरूआत कारी अतीक की तिलावत से हुई। हाफिज बिलाल ने नात पढ़ी। जिला अध्यक्ष मुफ़्ती उस्मान कासमी ने बैठक के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि समाज सुधार कार्यक्रम को मजबूती चलाने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिन्द मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा की बच्चे नशे के आदि बनकर अपनी जिंदगी को तबाह कर रहे है, जिनको रोकना समाज की जिम्मदारी बनती है। उन्होंने कहा शिक्षा को मजबूती के साथ हासिल करना भी बेहद जरूरी है।
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मौलाना अब्दुल गफूर कासमी ने कहा कि युवाओं में नशा जुआ आम हो गया हैं। इससे युवाओं को बचाना हैं। बैठक में इस्लाहे मुआशरा समाज सुधार कमेटी के संबंध में कमेटी बनाई गयी। कमेटी को दायित्व सौंपा गया की वो गाँव गाँव कस्बा कस्बा इस्लाहे मुआशरा की कमेटिया बनायेंगे। मुरादाबाद शाही मदरसा से आए मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा की वर्तमान परिस्थितियों से डरो नहीं। अल्लाह की रहमत से निराश ना हो और अपने दिल में डर पैदा मत करो। देश और कौम के जरूरतमंदों की सेवा करो।
उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिन्द का शानदार इतिहास रहा है, वो समाज हित में कार्य करती है और समाज की इस्लाह में विशेष भूमिका निभाती है। मौलाना रहमत अली ने कहा की हमे अल्लाह से ताल्लुक को मजबूत करना होगा उन्होंने कहा की जमीयत उलमा-ए हिन्द समाज सुधार कार्यक्रमों को पूरे देश में मजबूती से चला जोकि समाज हित बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा की समाज से नशे जुआ आदि की बीमारियों को समाप्त करने के लिए जगह जगह दौरा कर कर कार्यक्रम को चलायेंगे। मुफ़्ती रिफाकत कासमी ने कहा कि हमे सबको मिलकर समाज सुधार को मेहनत करनी है और हिदायत अल्लाह के हाथ में इस लिए सभी पदाधिकारी मजबूती से कार्य करे। मौलाना महर इलाही ने दीनी तालीम के साथ-साथ मदरसों में दुनियावी तालीम पर जोर देने को कहा।
मौलाना शाकिर ने कहा कि जमीयत का असल मकसद मानवता की सेवा करना है। लोगों को बगैर किसी भेदभाव के गरीब, मजलूम व बेसहारा लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा तालीमी-इदारे खोलने चाहिए, जिनमें नई टेक्नोलॉजी के साथ तालीम दी जाती हो। मुफ़्ती राशिद ने दो साल में किए गए कार्यों को विस्तार से बताया। इस दौरान कारी हनीफ हाफिज बिलाल मौलाना रहमातुल्लाह मौलाना नमतुल्लाह कारी फहीम कारी मुजीब मौलाना अब्दुल जलील आदि लोग मौजूद रहे।
Sep 20 2024, 17:17