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कोलकाता कांड में श्रीरामपुर से TMC विधायक सुदीप्तो रॉय पर एक्शन, आवास पर ED की रेड, सीबीआई ने भी की थी पूछताछ


कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) में कथित घोटाले के मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के विधायक सुदीप्तो रॉय की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर पर छापेमारी की है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उनसे आरजी कर अस्पताल से जुड़े एक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूछताछ की थी।

सुदीप्तो रॉय, जो श्रीरामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और एक चिकित्सक भी हैं, के खिलाफ यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को अस्पताल में वित्तीय घोटाले की जांच करने का आदेश दिया। रॉय पहले आरजीकेएमसीएच में रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष थे। ईडी ने रॉय के उत्तरी कोलकाता स्थित घर और बालीगंज सर्कुलर रोड पर उनके नर्सिंग होम सहित कई अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। 22 अगस्त को यह मामला कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था।

सीबीआई ने पहले ही इस घोटाले में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल, उनके निजी सुरक्षा कर्मियों और दो विक्रेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, 31 वर्षीय महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच के तहत घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिका के एक मंदिर में खालिस्तानियों ने की तोड़फोड़, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा, यह पूरी तरह अस्वीकार्य




अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित BAPS स्वामिनारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना अब तूल पकड़ रही है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो चुका है, जिसमें खालिस्तानी नारे और भारत विरोधी संदेश मंदिर के बाहर सड़क पर स्प्रे पेंट से लिखे गए हैं। भारत ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘अस्वीकार्य’ करार दिया है और न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी अधिकारियों से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश में जुटी है।

यह घटना मेलविले में हुई, जो लॉन्ग आइलैंड के सफोल्क काउंटी में स्थित है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नासाऊ वेटरन्स मेमोरियल कोलिज़ीयम में होने वाले आगामी कार्यक्रम से मात्र 28 किलोमीटर दूर है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए न्याय विभाग और गृह सुरक्षा विभाग से इस घटना की जांच करने की मांग की है। फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे हाल ही में हिंदू और भारतीय संस्थानों को मिली धमकियों से जोड़कर देखा।


बताया जा रहा है कि हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत में सिखों को कड़ा और पगड़ी पहनने से रोका जाता है और गुरुद्वारे जाने की अनुमति नहीं दी जाती। उनके इस बयान का खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पत्र लिखकर खुला समर्थन किया था। भारत में भी कई बुद्धिजीवियों ने राहुल के इस बयान पर चिंता जताई थी।
'जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान भारत के बिना संभव नहीं..', जर्मनी ने की तारीफ


जर्मनी की आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वेन्या शुल्त्से भारत दौरे पर हैं और गुजरात के गांधीनगर में चौथे रि-इनवेस्ट सम्मेलन में हिस्सा ले रही हैं। यह सम्मेलन अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें जर्मनी को अहम साझेदार देश के रूप में शामिल किया गया है। मंत्री शुल्त्से ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान भारत के बिना संभव नहीं है, क्योंकि भारत सबसे बड़ी आबादी वाला देश और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करके जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं।


सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में ज्यादा निवेश की अपील की। उन्होंने हंसी-मजाक में कहा कि उनके कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी अब अक्षय ऊर्जा मंत्री बन गए हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि देश भी कोयले से अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। भारत में अभी भी कुल ऊर्जा का 80% हिस्सा जीवाश्म ईंधनों से आता है, और इसका एक बड़ा कारण कोयले का उपयोग है। शुल्त्से ने उम्मीद जताई कि अक्षय ऊर्जा में भारत और जर्मनी की साझेदारी बढ़ेगी, जिससे कोयले का इस्तेमाल धीरे-धीरे खत्म होगा। उन्होंने कहा कि जर्मनी की कई कंपनियां भारत में अक्षय ऊर्जा में निवेश करने को तैयार हैं।

शुल्त्से ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्लेटफॉर्म शुरू किया जा रहा है। जर्मनी के पास इस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और अनुभव है, और भारत एक तेजी से बढ़ता बाजार है, जिससे निवेश के अच्छे अवसर बन रहे हैं। मंत्री शुल्त्से ने पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालीन साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसे सफल बनाने के लिए समय और प्रयास की जरूरत है। उनका मानना है कि भारत-जर्मनी साझेदारी से अन्य देशों को भी सीखने का मौका मिलेगा और जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्या का समाधान संभव होगा।

भारत दुनिया में कार्बन डाई ऑक्साइड का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है, लेकिन प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के मामले में यह अन्य देशों से काफी कम है। 2022 में भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन 2 टन था, जबकि जर्मनी में यह 8.9 टन था। वैश्विक औसत 4.7 टन है। भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। वर्तमान में भारत में 200 मेगावॉट बिजली अक्षय स्रोतों से उत्पन्न हो रही है, जिसे 2030 तक 500 मेगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना के तहत 1.3 करोड़ लोग सोलर सिस्टम लगाने के लिए रजिस्टर कर चुके हैं, और 3.25 लाख घरों में सोलर सिस्टम लगाया जा चुका है। इस योजना से घरों में न केवल ऊर्जा की जरूरतें पूरी हो रही हैं, बल्कि लोग अतिरिक्त बिजली बेचकर पैसे भी कमा रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के 17 शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है, जिनमें अयोध्या भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने परमाणु ऊर्जा और 'ग्रीन हाइड्रोजन मिशन' की भी चर्चा की। 16 सितंबर को प्रधानमंत्री ने गांधीनगर और अहमदाबाद को जोड़ने वाली मेट्रो लाइन का उद्घाटन किया, जिसमें जर्मनी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस परियोजना के लिए जर्मन विकास बैंक ने 60 करोड़ यूरो का कर्ज दिया है और जर्मन कंपनी सीमेंस ने तकनीकी मदद दी है।

स्वेन्या शुल्त्से ने भी इस मेट्रो लाइन पर सफर किया और इसे बर्लिन मेट्रो जैसा अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि मेट्रो ना केवल एक बेहतर यात्रा का साधन है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। शुल्त्से ने भारत की इस दिशा में प्रगति को एक महत्वपूर्ण साझेदारी का परिणाम बताया।
आतंकी अफजल गुरु का भाई भी चुनावी मैदान में, इस सीट से आज़माएंगे किस्मत, कहा, उनकी राजनीति अलग


जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी संख्या दिखाई दे रही है, जिनमें जमात-ए-इस्लामी से लेकर इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी तक के नेता और कुछ अलगाववादी भी शामिल हैं। इन्हीं उम्मीदवारों में एक प्रमुख नाम है अफजल गुरु के भाई, एजाज गुरु का, जो सोपोर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अफजल गुरु वही व्यक्ति था जिसे 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया गया था और 2013 में फांसी दी गई थी।


58 वर्षीय एजाज गुरु, जो कि नौवीं कक्षा तक पढ़े हैं, पशुपालन विभाग में नौकरी कर चुके हैं और बाद में ठेकेदारी में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण देते हुए बताया कि उनके पास लगभग 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति और 8 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसके अलावा, उनके नाम पर छह लाख रुपये का बैंक लोन भी है, जबकि उनकी पत्नी के पास लगभग तीन लाख रुपये की संपत्ति है।

एजाज ने स्पष्ट किया है कि वह अपने भाई अफजल गुरु के नाम पर वोट नहीं मांगेंगे और उनकी राजनीतिक विचारधारा अलग है। चुनाव लड़ने का प्रमुख कारण उन्होंने अपने बेटे शोएब की गिरफ्तारी को बताया, जिसे दिसंबर 2023 में ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और जो फिलहाल जेल में है। एजाज का कहना है कि वह उन लोगों के लिए लड़ेंगे जिन्हें संदिग्ध परिस्थितियों में गिरफ्तार किया गया है। सोपोर विधानसभा सीट, जहां से एजाज चुनाव लड़ रहे हैं, पहले जमात-ए-इस्लामी का गढ़ मानी जाती थी, और यहां चुनावों का बहिष्कार होता था। एजाज गुरु सोपोर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस क्षेत्र की पुरानी गरिमा को वापस लाने और विकास व एकता पर जोर दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में मतदान होगा, और परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

अफजल गुरु, जिसे 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था, को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में नौ लोगों की जान गई थी, और अफजल को 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
'राहुलगांधी की जीभ काटने वाले को दूंगा 11लाख', संजय गायकवाड के खिलाफ दर्ज हुई FIR



महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना MLA संजय गायकवाड़ के खिलाफ आखिरकार मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख का इनाम दिया जाएगा।’ इस बयान के पश्चात् राजनीतिक माहौल गरमा गया था। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने संजय गायकवाड़ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी, फिर पुलिस ने MLA के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया है।


पुलिस ने संजय गायकवाड़ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 192, 351 (2), 352 (3), और 352 (4) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कांग्रेस ने मांग की है कि संजय गायकवाड़ को उनके विवादित बयान के मामले में गिरफ्तार किया जाए। गायकवाड़ पर मुकदमा दर्ज होने के पश्चात् कांग्रेस ने थिया आंदोलन वापस ले लिया है। संजय गायकवाड़ ने केस दर्ज होने के पश्चात् अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। यदि आरक्षण का विरोध करने वालों को सबक सिखाने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाता है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है। यदि इसे बदमाशी कहा जाता है, तो वह इसे स्वीकार करते हैं।

गायकवाड़ ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह माफी मांगने वालों में से नहीं हैं, तो सीएम को माफी क्यों मांगनी चाहिए? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 करोड़ लोगों की जिंदगी बर्बाद करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस से भी बड़े आंदोलन कर सकते हैं तथा 10,000 लोगों को लाकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। गायकवाड़ ने कहा कि यदि उनके कार्यक्रम में कोई कांग्रेस कार्यकर्ता घुसने का प्रयास करेगा, तो वह उसे वहीं दफना देंगे। उन्होंने कहा कि जनता अपने वोटों से जवाब देगी। उन्होंने अपने बयान को व्यक्तिगत राय बताया तथा कहा कि कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने उनके बारे में कई बार उल्टी बातें की हैं, किन्तु उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा। गायकवाड़ ने कांग्रेस से अपने नेता राहुल गांधी को आरक्षण खत्म करने की बात करने से रोकने की सलाह दी तथा कहा कि पहले अपने नेता को सिखाएं, फिर विरोध करें।
सीजेआई के घर जाने पर हुए विवाद बोले पीएम मोदी, “मैं गणेश पूजन में शामिल हुआ तो बिगड़ा कांग्रेस का इकोसिस्टम”

#pm_modi_reaction_cji_dy_chandrachud_residence_ganesh_pooja 

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा में शामिल हुए थे। खुद प्रधानमंत्री ने इस पूजा कार्यक्रम की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर जानकारी दी थी। उसके बाद देश का सियासी पारा एकदम से चढ़ गया था। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के सीजीआई के घर पहुंचने पर सवाल खड़े किए थे। अब प्रधानमंत्री ने इस विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मेरी गणेश पूजा से कुछ लोगों को दिक्कत है। समाज को बांटने वालों को पूजा से परेशानी है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि नफरत भरी सोच पर अंकुश जरूरी है।

पीएम मोदी आज मंगलवार को ओडिशा दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने ओडिशा में सुभद्रा योजना की शुरुआत की। इसके अलावा कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सीजेआई के घर जाकर गणेश पूजन में शामिल होने के विवाद पर भी पहली बार बयान दिया है। पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने गणेश पूजा में हिस्सा लिया तो कांग्रेस और उसके पूरे ईकोसिस्टम को दिक्कत हो गई।

सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था। आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, आपने देखा होगा कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग पिछले कुछ दिनों से इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणपति पूजन में हिस्सा लिया था। 

नफरती ताकतों को आगे नहीं बढ़ने देना है-पीएम मोदी

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां तो इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया। इन लोगों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच, समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए खतरनाक है, इसलिए ऐसी नफरती ताकतों को आगे नहीं बढ़ने देना है। 

गणेश उत्सव सिर्फ आस्था का पर्व नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया था। तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेद-भाव… इन सब से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा-बिना इजाजत न हो कार्रवाई
#supreme_court_orders_to_stop_bulldozer_action
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने अगली सुनवाई तक ये रोक लगाई है।कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई की तारीख 1 अक्तूबर तक न्यायालय की अनुमति के बिना भारत में कहीं भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह साफ किया है कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों आदि पर किसी भी अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा।

कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के महिमामंडन पर सवाल खड़ा किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्यों को निर्देश देते हुए कहा कि बुलडोजर जस्टिस का महिमामंडन बंद होना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया के तहत ही अतिक्रमण हटाएं। कोर्ट ने कहा कि यह रूकना चाहिए। अदालत ने अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाई। कोर्ट इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी।

उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में ये निर्देश दिया गया है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिया है।

अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य पीठ ने कहा था कि आपराधिक मामले में आरोपी होने के आधार पर किसी के मकान पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा था कि आरोपी ही नहीं, आपराधिक मामले में दोषी ठहराने के बाद भी बुलडोजर से मकान को नहीं गिराया जा सकता है।
आतिशी को ही क्यों चुना गया दिल्ली का सीएम? रेस के अन्य चेहरों को पछाड़ बनीं केजरीवाल की उत्तराधिकारी?

#why_was_atishi_chosen_for_the_post_of_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। अब दिल्ली की नई सीएम आतिशी होंगी।अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी में सीएम पद के कई दावेदार थे, लेकिन आतिशी ने सबको पीछे छोड़ सीएम की कुर्सी पा ली है।आतिशी के मुख्यमंत्री नामित होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें ही क्यों सीएम नियुक्त किया गया?

आतिशी मारलेना अरविंद केजरीवाल की बहुत विश्वसनीय सहयोगी मानी जाती हैं। वे दिल्ली सरकार में इस समय भी वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय सहित छह प्रमुख मंत्रालय संभाल रही हैं। आतिशी का प्रशासनिक अनुभव, मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, दिल्ली सरकार की योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका और एक महिला होने के कारण उनका नाम अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ा। 

जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया था, तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने ही सरकार की प्रमुख जिम्मेदारियों की कमान संभाली थी। 

आतिशी को केजरीवाल का सबसे करीबी और ईमानदार होने का इनाम मिला। वे केजरीवाल कैबिनेट में सिसोदिया के बाद सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में से एक हैं। इसके अलावा उनकी तेज तर्रार छवि और मीडिया को अच्छे से हैंडल करने की खूबी के कारण वे अन्य दावेदारों को पछाड़ते हुए सीएम की कुर्सी तक पहुंचीं।

आतिशी की गिनती आम आदमी पार्टी के सबसे पढ़े-लिखे नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले टीचर थीं और उन्होंने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे, तब आतिशी काफी मुखर होकर सामने आई थीं और मीडिया के सामने भी पार्टी का स्टैंड वह बड़ी मजबूती के साथ रखती थीं। भाजपा के राजनीतिक हमलों का जवाब देने में भी उनकी भूमिका सबसे आगे रहती है। 

सबसे बड़ी और अहम बात, बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी किसी ऐसे चेहरे को ही कमान सौंपना चाहती होगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल की सत्ता को चुनौती ना दे। जिस तरह से अतिशी मारलेना की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक साम्यता रही है, उस देखते हुए पार्टी नेता मानते हैं कि वे केजरीवाल की एक मजबूत साथी साबित हो सकती हैं। उनके नेतृत्व में कभी पार्टी खंडित नहीं होगी, पार्टी को इस बात का भी भरोसा है।

मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद आतिशी का पहला बयान, बोलीं- दिल्ली का एक ही सीएम है, अरविंद केजरीवाल
#delhi_new_chief_minister_atishi

देश की राजधानी नई दिल्ली को एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव केजरीवाल ने सभी विधायकों के सामने रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। आप नेता आतिशी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अपनी पहली पीसी में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा किया। जिम्मेदारी देने के लिए मेरे नेता और गुरु केजरीवाल का धन्यवाद। आज जितना सुख उतना ही ज्यादा मुझे दुख भी हो रहा है।

*आतिशी ने कहा- मुझे कोई बधाई न दे*
मैं अगले कुछ महीने तक चुनाव तक सीएम होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम केजरीवाल की वापसी के लिए प्रयास करें। जबतक इस जिम्मेदारी को निभाऊंगी मैं दिल्ली के लोगों की रक्षा करने की कोशिश करूंगी। मेरा सभी कार्यकर्ताओं से, विधायक साथियों से आग्रह करूंगी कि आप में से कोई बधाई नहीं दीजिए। मेरे लिए यह बहुत दुख की घड़ी है कि दिल्ली के चहेते सीएम को इस्तीफा देना पड़ेगा।

*केजरीवाल को झूठे मुकदमे में 6 महीने जेल भेजा- आतिशी*
प्रेस कॉन्फ्रेंन में आतिशी ने बीजेपी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 2 साल तक अरविंद केजरीवाल को परेशान किया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत थी। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया।

*दिल्ली का एक ही सीएम है, उसका नाम अरविंद केजरीवाल-आतिशी*
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और वो केजरीवाल हैं। केजरीवाल के इस्तीफे से पूरी दिल्ली को लोगों को दुख है। दिल्ली वाले बीजेपी के षड्यंत्र से नाराज हैं।
आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसले

#atishi_will_be_next_chief_minister_of_delhi 

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है। बैठक में सीएम केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। केजरीवाल के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकार कर लिया गया। वहीं आज शाम को अरविंद केजरीवाल एलजी से मिलकर पद से इस्तीफा देंगे।

आपको बता दें कि वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल लंबे समय बाद जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। इसके बाद केजरीवाल ने इस्तीा देने का ऐलान किया था। आज मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी का नए सीएम के रूप में चुनाव गया है। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी विधायकों ने खड़े होकर प्रस्ताव को स्वीकार किया।

आतिशी इसी हफ्ते मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। आतिशी आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में शामिल हैं। उन्हें अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को शिक्षा मंत्रालय समेत कई बड़ी जिम्मेदारी दी गईं थी। वो दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं।

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर काबिज हो चुकी हैं।