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सीएम ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का किया समर्थन, कहा - मैं भी छात्र आंदोलन का हिस्सा हूं

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर हुआ, जिसके बाद से ही जूनियर डॉक्टर पीड़िता के लिए न्याय मांगने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. राज्य की सीएम ममता बनर्जी शनिवार को आंदोलन स्थल पहुंची. ममता बनर्जी जैसे ही आंदोलन के मंच पर पहुंचीं, जूनियर डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए नारे लगने लगे, ‘हमें न्याय चाहिए’ हर तरफ गूंजने लगा.

सीएम बनर्जी ने आंदोलनकारियों से शांत होने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “अगर आप मुझे बताएंगे, आप क्या चाहते हैं तो मुझे खुशी होगी, मैं आपके आंदोलन का समर्थन करती हूं, मैं भी छात्र आंदोलन का हिस्सा हूं.

सीएम ने कहा, “मैं खुद छात्र आंदोलन करके आगे आई हूं, मैंने अपने जीवन में भी बहुत संघर्ष किया है, मैं आपके संघर्ष को समझती हूं. मुझे मेरे पद की चिंता नहीं है. कल रात भर बारिश हुई आप यहां विरोध पर बैठे थे मैं रात भर परेशान रही.मुझे भी इस घटना से काफी तकलीफ हुई है, जिस तरह से आप यहां बैठे हैं, मैं मानसिक रूप से पीड़ा झेल रही हूं.

कोलकाता रेप मर्डर केस को हुए 33 से 34 दिन हो गए हैं, जिसको लेकर सीएम ने कहा,33-34 दिन से मैं भी रात-रात भर सोई नहीं, जब आप सड़क पर होते हैं तो मुझे चौकीदार की तरह जागना पड़ता है.

काम पर वापस लौटने के लिए कहा

सीएम ममता ने सभी रोगी कल्याण संघों (Patient Welfare Associations) को भंग कर दिया. सीएम ने जूनियर डॉक्टर को कहा, आप काम पर लग जाइए, मैं आपकी मांगों पर गौर करूंगी. सीएम ने आगे कहा, मैं अकेले सरकार नहीं चलाती. मैं अधिकारियों से बात करूंगी, मुझे थोड़ा समय दीजिए, मैं आपके साथ कोई अन्याय नहीं करूंगी. काम पर वापस लौटिए, बहुत से लोग मर रहे हैं.

दोषी को सजा जरूर मिलेगी”

सीएम ने कहा, मैं आपकी मांगों का समाधान जरूर निकालूंगी, जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सजा जरूर मिलेगी. मैं आपसे थोड़ा समय मांग रही हूं. आपके(विरोध कर रहे डॉक्टरों के) खिलाफ राज्य सरकार कोई एक्शन नहीं लेगी, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप काम पर वापस लौंटे, अस्पताल के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा से जुड़े सभी काम शुरू कर दिए गए हैं और आगे भी किए जाएंगे.

सीएम ने जूनियर डॉक्टर्स को आश्वासन देते हुए कहा, मैं सभी अस्पताल रोगी कल्याण समितियों में प्रिंसिपल की अध्यक्षता करूंगी. इसमें जूनियर डॉक्टर, सीनियर डॉक्टर, नर्स और पुलिस होगी

दिल्ली में पटाखों पर बैन के बावजूद केजरीवाल की रिहाई पर आतिशबाजी, AAP ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में पूरे 156 दिन जेल में गुजारने के बाद शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए हैं. शुक्रवार शाम जब सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आए तो तिहाड़ जेल के बाहर ढोल नगाड़े और आतिशबाजी से केजरीवाल का जोर-शोर से स्वागत किया गया.

केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर पटाखों और आतिशबाजी के इस्तेमाल को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. विपक्ष का कहना है कि जब दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाया गया है तो फिर केजरीवाल की रिहाई पर क्यों जमकर आतिशबाजी हुई.

आतिशबाजी को लेकर AAP ने दिया जवाब

इस सवाल पर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, ये ऐसी पार्टी (बीजेपी)है कि कभी आलू पूड़ी, कभी मिठाई, कभी कोई, कभी कोई मुद्दा लेकर आ जाते हैं. अभी जो जरूरी काम है वो है हमारी योजनाओं को दिल्ली के लोगों के लिए लागू करना.

संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, देश को शर्मसार करने वाला एक वीडियो जरूर सामने आया है. अपने आप को योद्धा और हीरो बताने वाले प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार पुतिन को सफाई दे रहे हैं, वो देखकर एक-एक भारतीय का सिर शर्म से झुक गया. सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री किसी भी देश की यात्रा करने जाएं तो वो 140 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं. पहले कहते थे कि पापा ने युद्ध रुकवा दिया, और अब पापा यूक्रेन चले गए तो सफाई दे रहे हैं.

BJP ने पटाखों को लेकर AAP पर किया हमला

बीजेपी पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने आप पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर पटाखे फोड़े जा रहे हैं, यह उनके ही बनाए कानून का सीधा उल्लंघन है. सवाल यह उठता है कि जब खुद के नियमों का पालन नहीं किया जा सकता, तो आम जनता पर किस उम्मीद से यह नियम थोपे जा रहे हैं? यह दोहरे मापदंड क्यों?

प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने क्या कहा?

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, दिल्ली में आज सुबह (13 सितंबर) से न जाने किस बात का जश्न मनाया जा रहा है, एक अभियुक्त जेल से रिहा हो रहा है जमानत पर, एक मुख्यमंत्री रिहा नहीं हो रहा है. एक सीएम रिहा होता तो वो ऑफिस जाता सरकारी फाइलों पर साइन करता. उन्होंने आगे आप पर निशाना साधते हुए कहा, लेकिन उत्सव मनाया जा रहा है, इस उत्सव को मनाने के लिए आम आदमी पार्टी एक विशेष किस्म के पटाखे लाई है, जिसमें से शायद वायुमंडल में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन निकल कर जाएंगे.

3 दिन पहले हमें बताया गया था पटाखों से दिल्ली में प्रदूषण होता है, बताने वाले गोपाल राय से मैं पूछता हूं पटाखों से अब कुछ नहीं होगा, क्या जो मुख्यमंत्री के दरवाजे पर जल रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं गोपाल राय को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है, ईमानदारी है तो दीवाली पर जलने वाले पटाखों से भी प्रतिबंध हटाए, रामलीला पर जलने वाले पटाखों से भी प्रतिबंध हटाए. साथ ही उन्होंने कहा, जिन लोगों ने पटाखे जलाए हैं उन पर एक्शन लिया जाए

गणेश विसर्जन के दौरान सोने की चेन विसर्जित होने से मचा हड़कंप, 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाली गई चेन,जाने पूरी खबर को

देश भर में इन दिनों गणपति पूजन और विसर्जन किया जा रहा है. घरों में पूजा-अर्चना कर नदियों और तालाबों में पहुंच रहे हैं, ताकि वहां भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित कर सकें. लेकिन कर्नाटक के बेंगलुरु में मूर्ति पूजन के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि 10 घंटे तक गोताखोरों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ गया. यहां एक परिवार ने पूजा के वक्त भगवान गणेश की मूर्ति को सोने की चेन पहना दी थी. विसर्जन के वक्त वो सोने की चेन को उतारना भूल गए और प्रतिमा विसर्जित कर दी. बाद में याद आया तो चेन की तलाश शुरू की गई.

10 घंटे की मेहनत के बाद आखिरकार चेन को पानी से निकाल लिया गया. जानकारी के मुताबिक, घटना बेंगलुरु के विजयनगर के दसाराहल्ली इलाके की है. यहां रमैया और उमादेवी ने अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की थी. उन्होंने प्रतिमा को फूलों और ज्वेलरी से खूब सजाया था. उन्हें 60 ग्राम की सोने की चेन भी पहनाई थी, जिसकी कीमत 4 लाख रुपये थी.

भूल गए थे चेन निकालना

गुरुवार रात को वे लोग प्रतिमा को विसर्जन के लिए मोबाइल टैंक ले गए. विसर्जन के बाद उन्हें याद आया कि प्रतिमा को सोने की चेन पहनाई थी और उसे उतारना भूल ही गए. घर लौटने के एक घंटे के बाद वे दोबारा वहां पहुंचे. कुछ लोगों ने बताया कि विसर्जन के दौरान उन्होंने गणपति के गले में चेन देखी थी लेकिन उन्हें लगा कि वह नकली होगी. इसके बाद दंपति ने मगाडी रोड थाने में जानकारी दी.

टैंक को करवाया गया खाली

विधायक प्रिया किशोर भी मदद के लिए पहुंचीं. एमएलए ने टैंक के कॉन्ट्रैक्टर लंकेश डी से बात की. टैंक के आसपास मौजूद लोगों ने चेन को ढूंढना शुरू किया. इसके बाद टैंक को खाली करने का फैसला किया गया. इसमें करीब 10 हजार लीटर पानी थी. सारा पानी निकालने के बावजूद चेन नहीं मिली. इसके बाद गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद बची मिट्टी में ढूंढा गया. इस काम में करीब 10 लोग लगे थे. अंत में मिट्टी में से सोने की चेन मिल गई. तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली.

बिहार में बनेगा 416 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, जानें किन जिलों से गुजरेगी सड़क

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित एक्सप्रेसवे का अधिकतर हिस्सा बिहार में रहेगा। बिहार में 8 जिलों के 305 गांव इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में आएंगे। एक्सप्रेसवे का डीपीआर तैयार कर लिया गया है। अगले एक महीने में जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू हो जाएगा। डीपीआर के अनुसार बिहार में 2755 हेक्टेयर निजी और 168 हेक्येटर सरकारी जमीन पर एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके लिए कुल 2923 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा।

यह एक्सप्रेसवे पश्चिम चंपारण के 15, पूर्वी चंपारण के 69, शिवहर के 7, सीतामढ़ी के 33, मधुबनी के 66 और सुपौल के 43, अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गावों से गुजरेगा। इससे यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिम चंपारण के नौतन में बिहार के अंदर प्रवेश करेगा। इसके निर्माण में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। सड़क की कुल लंबाई 550 किलोमीटर होगी, जिसमें से 416 किमी का हिस्सा बिहार में होगा।

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल लागत में से 7 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। बाकी की राशि निर्माण कार्य में लगाई जाएगी। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए गंडक नदी पर दो बड़े पुल बनाए जाएंगे। इनका कुछ हिस्सा यूपी तो कुछ बिहार में होगा। दोनों राज्यों को जोड़ने वाली गडंक नदी पर करीब 10 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।

गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच 25 जगहों पर वाहनचालकों को इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी। इन इंटरचेंज पर स्टेट हाइवे, नेशनल हाइवे और अन्य मुख्य सड़कों को जोड़ा जाएगा। एक्सप्रेसवे का कार्य 2028 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सर्वे का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

40 साल पुराना विमान हाईजैक: एस जयशंकर ने बताई अपने पिता की मौजूदगी की कहानी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करीब 40 साल पहले एक विमान हाईजैक से जुड़े उस वाकये का जिक्र किया जिसमें वह समस्या से निपटने वाली टीम का हिस्सा थे. हालांकि तब उनकी स्थिति ज्यादा विकट हो गई जब उन्हें पता चला कि जिस विमान को हाईजैक किया गया है, उसमें उनके पिता भी सवार हैं. विदेश मंत्री के इस खुलासे के बाद 4 दशक पुराने उस हाईजैक की कहानी फिर से चर्चा में आ गई है.

जयशंकर ने स्विटजरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया, “1984 में, बतौर अधिकारी मैं हाईजैक हुए विमान से निपटने वाली टीम का हिस्सा था. फिर कुछ घंटों बाद, जब मैंने अपनी मां को फोन किया कि विमान के हाइजैक होने की वजह से मैं घर नहीं आ सकता, तब मुझे पता चला कि मेरे पिता भी उसी विमान में सवार थे.” विदेश मंत्री के पिता के. सुब्रह्मण्यम, जो अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक मामलों के विश्लेषक और पत्रकार थे. हाइजैकर्स विमान को अमेरिका ले जाना चाहते थे, लेकिन यह लाहौर, कराची और दुबई तक का चक्कर लगाता रहा.

चंडीगढ़ से निकलते ही हाइजैक हुआ प्लेन

बात 24 अगस्त 1984 के तड़के सुबह की है. जब इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC- 421 (बोइंग 737-2A8) में सवार ऑल इंडिया स्टुडेंट्स फेडरेशन (AISSF) से जुड़े कुछ सिख लोगों ने विमान में टाइम बम रखे होने की बात करते हुए उसे हाईजैक कर लिया. विमान में कुल 122 लोग सवार थे. जिसमें से 67 यात्री चंडीगढ़ उतर गए और 31 यात्री श्रीनगर जाने के लिए सवार हुए. ये हाइजैकर्स सिख थे, जिनकी उम्र 20 साल के आसपास थी. वे कॉकपिट में घुस गए और कैप्टन वीके मेहता से विमान का कंट्रोल छीन लिया.

विमान को चंडीगढ़ से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद सुबह 7.30 बजे हाईजैक कर लिया गया. यह विमान दिल्ली के पालम से चंडीगढ़ होते हुए श्रीनगर के लिए रवाना हुआ था. इस विमान में सिविल सर्वेंट के सुब्रह्मण्यम भी सवार थे जो वर्तमान में विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता थे.

अमेरिका ले जाना चाहते थे विमान

हाइजैकर्स ने शुरुआत में विमान को भारत से बहुत दूर संयुक्त राज्य अमेरिका ले जाने की मांग की. बाद में उन्होंने विमान को पाकिस्तान के लाहौर में उतरवाया. लाहौर में विमान करीब 80 मिनट तक आसमान में चक्कर लगाता रहा, लेकिन विमान में फ्यूल कम होने के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुबह 9:50 बजे लाहौर एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति दी.

इस दौरान हाइजैकर्स ने यह भी दावा किया कि उनके पास विमान को उड़ाने के लिए पर्याप्त विस्फोटक हैं. साथ ही उनकी ओर से विमान में फ्यूल भरे जाने तक हर 15 मिनट में 74 यात्रियों में से एक-एक को मारने की धमकी भी दी गई.

लाहौर में 5 यात्रियों को छोड़ा गया

विमान में सवार 5 यात्रियों को शाम 7 बजे लाहौर में छोड़ दिया गया, फिर पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से विमान में ईंधन भरने और फिर उड़ान भरने की अनुमति दी गई. इसके बाद अपहृत विमान ने लाहौर से कराची के लिए उड़ान भरी, जहां हाईजैक ने ब्रिटिश पासपोर्ट वाली 2 महिलाओं को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वो बीमार हो गई थीं.

हालांकि हाइजैकर्स कराची की जगह बहरीन जाना चाहते थे लेकिन मौसम की वजह से विमान को कराची ले जाना पड़ा. कराची पहुंचे विमान में पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाइजैकर्स की मांग पर और फ्यूल भरा. फिर हाइजैकर्स इस विमान को दुबई ले गए.

बातचीत को एयरपोर्ट पहुंचे UAE के रक्षा मंत्री

एयर इंडिया का यह विमान अब दुबई में था. अगले दिन सुबह 8 बजे संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम दुबई एयरपोर्ट पहुंचे. उन्होंने यात्रियों की सकुशल रिहाई और सभी हाइजैकर्स को यूएई अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए बातचीत की. दोपहर 1:45 बजे, रक्षा मंत्री शेख रशीद के बार-बार अनुरोध के बाद, हाइजैकर्स ने अंततः बंधकों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने की अनुमति दी. इससे पहले हाइजैकर्स ने खाना और पानी लौटा दिया था.

यूएई अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान, हाइजैकर्स ने सुरक्षित अमेरिका पहुंचने और उन्हें राजनीतिक शरण दिए जाने की मांग की. लेकिन दुबई स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया कि अगर वे अमेरिका जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस बीच दुबई के अधिकारी भारतीय अधिकारियों के साथ हाइजैकर्स से बातचीत में लगे हुए थे. इस बीच हाइजैकर्स ने सुब्रह्मण्यम के जरिए यह बताने को मजबूर किया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे हर आधे घंटे में एक बंधक को मारना शुरू कर देंगे.

इंसुलिन के प्लेन से बाहर निकले सुब्रह्मण्यम

हाइजैकर्स के साथ बातचीत के दौरान दोपहर साढ़े 12 बजे विमान में 2 एंबुलेंस भी भेजी गई क्योंकि दिल्ली स्थित रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (Institute for Defence Studies and Analysis) के निदेशक के. सुब्रह्मण्यम ने शिकायत की कि उन्हें डायबटीज के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की जरुरत है. एंबुलेंस में इंसुलिन की खुराक दिए जाने के बाद सुब्रह्मण्यम और उनके साथ मौजूद हाइजैकर विमान में लौट आए.

विमान के हाईजैक हुए 36 घंटे बीत चुके थे. हाइजैकर्स और भारतीय अधिकारियों के बीच यात्रियों को सुरक्षित छोड़े जाने को लेकर लगातार बातचीत हो रही थी. कई दौर की बातचीत के बाद देर शाम 6.50 दुबई पुलिस के चीफ ने घोषणा की कि हाइजैकर्स ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया. उन्हें हिरासत में ले लिया गया. अपहरण के करीब 36 घंटे बाद दुबई में सभी शेष यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित रिहा कर दिया गया.

हाइजैकर्स को अमेरिका भेजने का वादा

वहीं बातचीत के दौरान दुबई के अधिकारियों ने हाइजैकर्स को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भेजे जाने से पहले सात दिन की शरण देने का वादा किया था. लेकिन बाद में उनके सामने 2 विकल्प रखे गए. पहला, भारत प्रत्यर्पित किया जाना. दूसरा यूएई कानून के तहत हवाई चोरी के लिए मुकदमा चलाना. बाद में हाइजैकर्स को भारत भेज दिया गया.

इन सिख आतंकवादियों को 3 सितंबर, 1984 को नई दिल्ली लाया गया. मामले की सुनवाई राजस्थान के अजमेर शहर में हुई और यह 9 साल तक चली. अजमेर की एक जेल के अंदर बनाए गए स्पेशल कोर्ट में अप्रैल, 1993 में सातों आरोपियों को सजा सुनाई गई. इन्हें दोषी ठहराए जाने के एक महीने के अंदर ही आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी गई.

आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में हाइजैकर्स कमलजीत सिंह संधू, देवेंद्र सिंह, अमरेंद्र सिंह, अवतार सिंह, तजिंदर सिंह, मान सिंह और सुरेंद्र सिंह थे.

बिहार में निवेश के लिए पीयूष गोयल का आग्रह, कहा - युवा आबादी सहित कई फायदे हैं

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित बिहार इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों को बिहार में निवेश करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में निवेश के लिए दृढ़ इरादे से जाना चाहिए। यदि निवेशक बिहार जाने में देरी करते हैं, तो उन्हें भविष्य में अधिक लागत का सामना करना पड़ सकता है। निवेशक सम्मेलन में मुंबई के दर्जनों उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इसमें बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा भी मौजूद रहे।

इन्वेस्टर्स मीट को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि बिहार उन छिपे हुए रत्नों में से एक है, जिसे दुनिया ने नहीं खोजा है। उन्होंने उद्योग जगत से जल्द ही बिहार जाने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि भाजपा समर्थित नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने उद्योग जगत के लिए बिहार की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित किया है और विश्वास जताया कि वित्तीय राजधानी के निवेशक राज्य में निवेश करना पसंद करेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में युवा आबादी सहित कई फायदे हैं।

बिहार में निवेश की अपार संभावनाएं : नीतीश मिश्रा

समारोह में बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी निवेशकों से बिहार में निवेश की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार अपार संभावनाओं वाला राज्य है। यहां कुशल मानवबल मौजूद है। राजनीतिक स्थिरता है। बिहार में कानून व्यवस्था का राज है। बिहार में निवेश के लायक बेहतर माहौल है। निवेशकों को सरकार की तरफ से सुविधाएं दी जा रही हैं। निवेशक इसे पसंद कर रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि आप बिहार की सफलता की कहानी का हिस्सा बनें। भारत के भविष्य को आकार देने में हमारी मदद करें।

उन्होंने बिहार सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। हाल में बनी औद्योगिक नीतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने दिसम्बर में पटना में होने वाले निवेशक सम्मेलन में आने का न्यौता भी दिया। उन्होंने कहा कि बिहार भारत का ग्रोथ इंजन बनने को तैयार है। राज्य अपनी निर्माण क्षमताएं बढ़ा रहा है। औद्योगिक नक्शे पर अपनी पहचान बना रहा है। इसलिए निवेशक बिहार में अपना उद्यम लगाएं।

बिहार आने का सही समय'

उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि निवेशकों के लिए बिहार आने का यह सही समय है। उन्होंने कहा कि बिहार एक महत्वपूर्ण निवेश स्थल बनने को तैयार है। समारोह में उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष भी मौजूद रहे।

कर्नाटक बीजेपी नेताओं के साथ आरएसएस पदाधिकारियों की हुई बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

कर्नाटक बीजेपी नेताओं के साथ आरएसएस पदाधिकारियों की बैठक हुई. सदाशिव नगर के राज्योत्सव परिषद कार्यालय में 6 घंटे तक चली बैठक में बीजेपी के 40 चुनिंदा नेताओं ने शिरकत की. सूत्रों के मुताबिक आरएसएस के पदाधिकारी पार्टी के क्रिया कलाप से खासे नाराज दिखे. बीजेपी नेताओं को संघ पदाधिकारियों ने फटकार भी लगाई.

बैठक में संगठन से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें पार्टी नेताओं के सार्वजनिक बयानबाजी से संघ के पदाधिकारी बिफरे नजर आये.

आरएसएस ने निर्देश दिया कि पार्टी के मुद्दों पर पार्टी के मंच पर चर्चा होनी चाहिए. सार्वजनिक चर्चा से परहेज किया जाना चाहिए.

पार्टी नेताओं को एकजुट होकर काम करने का निर्देश

सूत्रों के मुताबिक संघ पदाधिकारियों ने बीजेपी में एक तरफा फैसले लेने का भी विरोध किया और कहा कि फैसले पार्टी नेता सामूहिक तौर पर ले. संघ ने पार्टी नेताओं को ये भी निर्देश दिया कि सभी नेता आपस में मिलकर काम करें.

बैठक में पार्टी ने कई नेताओं खासकर वासन गौड़ा पाटिल, रमेश जरकिहोली, अरविंद लिंबवड़ी ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के कार्यशैली के खिलाफ बैठक में शिकायत दर्ज करवाई थी.

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने बैठक में सफाई देते हुए कहा कि वो संगठन के सभी लोगों से बातचीत करके ही फैसला लेते हैं. आगे से इसका और ख्याल रखा जायेगा.

आरएसएस ने सीधा-सीधा ये भी कहा कि हर मामले पर दिल्ली की तरफ देखने की जरूरत नहीं है. सब कुछ आलाकमान ही संभालेगा तो आप क्या करेंगे? राज्य स्तर पर भी चर्चा करके पार्टी के नेता आपस में कुछ मुद्दों पर फैसला ले सकते हैं.

दूसरे दलों से आये नेताओं के कल्चर पर जताई चिंता

संघ के तरफ से दूसरे दलों से आये हुए नेताओं के पार्टी में बढ़ते प्रभाव और कल्चर पर भी चिंता जताई गई. संघ ने बैठक के दौरान कहा कि बीजेपी कांग्रेस की तरह नहीं हो सकती. हमे हिंदू ,हिंदुत्व और हमारे संस्कृति की रक्षा के लिए आगे बढ़ना ही होगा.

बैठक में ही संघ पदाधिकारियों ने ये भी कहा कि अमूमन वो बीजेपी के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह और बिगड़ती स्थित को देखते हुए उन्हें हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

दरअसल ये बैठक बीजेपी समन्यवय और कर्नाटक बीजेपी में नेताओं के बीच आपसी सिर फुटव्वल को देखते हुए बुलाई गई थी.

बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद, बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, कर्नाटक के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल हुए.

मंगेश यादव एनकाउंटर: अखिलेश यादव ने की परिजनों से मुलाकात, बीजेपी पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर ज्वेलर्स लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर राजनीति तेज हो गई है. मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर विपक्ष सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर हमलावर है. हाल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उसके घर जाकर शोक व्यक्त किया था. वहीं, अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के परिजनों से मुलाकात की है.

शुक्रवार को सुल्तानपुर ज्वेलर्स लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के परिजनों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की. सपा प्रमुख ने खुद इसकी पुष्टी अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट पर की है. साथ ही मंगेश यादव के परिजनों के साथ एक तस्वीर भी साझा किए है. उन्होंने कहा कि इस घटना की गहन जांच और सख़्त कार्रवाई ही कानून-व्यवस्था में जनता के खोए हुए विश्वास को वापस ला सकती है.़

BJP ने शासन-प्रशासन का नैतिक आधार खो दिया है

सपा नेता अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर लिखा कि, ‘तथाकथित एनकाउंटर में जिस युवा मंगेश यादव का जीवन चला गया, उसके शोक-संतप्त परिवार का कहना है कि पुलिस मंगेश को 2 सितंबर को ले गई थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर दिखाया गया.’ उन्होंने मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने शासन-प्रशासन का नैतिक आधार खो दिया है. मंगेश यादव एनकाउंटर की गहन जांच और सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए. इससे कानून-व्यवस्था में जनता के खोए हुए विश्वास वापस आ सकती है. मंगेश यादव की मौत को लेकर समाजवादी पार्टी यादव और पीडीए कार्ड खेलने में लगी है. वहीं, कांग्रेस ने इस एनकाउंटर को मर्डर बताया है.

कांग्रेस नेता ने मंगेश यादव को बताया देश का भविष्य

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने 9 सितंबर को मंगेश यादव के घर पहुंचकर अपनी संवेदना व्यक्त की थी. इस दौरान उन्होंने एनकाउंटर की घटना की निंदा की और कहा कि जिसका पिता गाड़ी चलाता है वो अपराधी कैसे हो सकता है. मंगेश यादव अपने माता पिता का इकलौता बेटा था. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार की तरफ से अधिकारियों से दबाव में काम कराया जा रहा है. सरकार अपनी मनमानी चला रही है. देश के भविष्य और नौजवानों की हत्या करा रही है.

आधार अपडेट की लास्ट डेट नजदीक, 14 सितंबर के बाद लगेगी फीस

आधार कार्ड अपडेट करवाने की लास्ट डेट 14 सितंबर है, जिसके बाद मुफ्त में आधार अपडेट की सुविधा समाप्त हो जाएगी. अगर आपने अपने आधार में कोई जानकारी, जैसे कि नाम, बर्थ डेट या दूसरी डिटेल अपडेट करवानी है, तो आपके पास ये काम 14 सितंबर तक मुफ्त में करवाने का मौका है. इसके बाद आपको फीस भरनी होगी.

यूआईडीएआई (UIDAI) की ओर से यह घोषणा की गई थी कि आधार अपडेट के लिए फ्री सर्विस केवल कुछ समय के लिए दी जा रही है. तय समय के पूरा होने के बाद फिर से फीस (करीब 50 रुपये) लागू हो जाएगी. ये फ्री सर्विस ऑनलाइन तरीके से ही उपलब्ध है, जबकि ऑफलाइन (आधार केंद्र पर जाकर) अपडेट करवाने के लिए पहले से ही चार्ज लिया जा रहा है.

आधार अपडेट की लास्ट डेट: 14 सितंबर 2023

आधार अपडेट की फीस: 14 सितंबर के बाद, ऑनलाइन अपडेट के लिए ₹50 देना होगा.

ऑनलाइन आधार अपडेट: myAadhaar पोर्टल से मुफ्त में 14 सितंबर तक आधार अपडेट कर सकते हैं.

AADHAAR अपडेट करवाने का ऑनलाइन तरीका

आधार की वेबसाइट myaadhaar.uidai.gov.in पर जाएं.

आधार नंबर और रजिस्टर्ड नंबर पर आए OTP की मदद से लॉग इन करें.

अपनी पहचान और एड्रेस डिटेल को रिव्यू करें, जानकारी अपडेट करने के लिए ड्रॉप-डाउन मेन्यू से डॉक्यूमेंट का ऑप्शन सलेक्ट करें.

ध्यान रहे आप जो फाइल अपडेट कर रहे हैं, उसका साइज 2MB से कम हो और वो JPEG, PNG, या PDF फॉरमेट में हो.

बेहतर होगा कि आखिरी मौके पर सर्वर डाउन जैसी समस्या से बचने के लिए आप आधार डिटेल अपडेट करने का काम जल्द से जल्द निपटा लें.

बता दें आधार कार्ड भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए अनिवार्य डॉक्यूमेंट है, जिसे यूआईडीएआई (UIDAI) की तरफ से जारी किया जाता है. इसमें 12 डिजिट का खास नंबर होता है, जिसे हर भारतीय नागरिक के लिए जारी किया जाता है. आधार कार्ड में पर्सनल डिटेल जैसे नाम, बर्थडेट, पता और बायोमेट्रिक डेटा (उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन) शामिल होते हैं.

आधार एक वैलिड आईडी प्रूफ है, जिसे बैंक, सरकारी स्कीम और दूसरी सर्विस में पहचान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आधार अनिवार्य हो चुका है. आधार के जरिए किसी भी व्यक्ति की डिटेल जल्दी और सटीक तरीके से वेरिफाई की जा सकती है.

छोटे बच्चों में फोन की आदत को कम करने के लिए स्कूल की अनोखी पहल

स्कूल एक ऐसी जगह होती है जहां से बच्चे जिन्दगी के सबसे बड़े सबक सीखते हैं. यहां से बच्चे जो भी सीखते हैं अक्सर वो हर चीज उनके साथ हमेशा रहती है और इसलिए बहुत जरूरी है कि उनको शिक्षा के साथ अच्छी बातें भी सिखाई जाएं ताकी वो उनके साथ जीवनभर रहें. ऐसी ही कोशिश की उत्तर प्रदेश के बदायूं के एक स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर्स ने. उन्होंने बच्चों की फोन की आदत छुटाने के लिए एक ऐसा नाटक किया जिससे छोटे बच्चों में फोन ना इस्तेमाल करने की सीख मिली.

आज कल देखने में आ रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की आदत कुछ ज्यादा ही बढ़ती चली जा रही है और अक्सर घर वाले भी इस आदत को नजरअंदाज कर देते हैं जिससे बच्चों की आंखों पर बहुत छोटी सी उम्र से खराब प्रभाव पड़ने लगता है लेकिन बदायूं के एक प्राइवेट स्कूलों ने छोटे बच्चों की मोबाइल फोन छुड़ाने की आदत को एक नाटक के जरिए मासूम बच्चों के सामने पेश किया और वह नाटक खत्म होने के बाद जब बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन देने की कोशिश की गई तो बच्चे फोन से दूर होते नजर आए.

आंख पर पट्टी बांधकर किया नाटक

उन्होंने फोन छूने से मना कर दिया. बदायूं के एक प्राइवेट एचपी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल की कुछ शिक्षिकाओं ने आंख पर पट्टी बांधकर मासूम बच्चों के सामने रोने का नाटक किया और जब पूछा गया कि वह क्यों रो रही हैं तो उन्होंने बच्चों के सामने बताया कि वह मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करती थी और अब उनकी आंखों से खून आने लगा है. मासूम बच्चों को यह नहीं मालूम था कि उनके सामने नाटक हो रहा है लेकिन अपने टीचर की ऐसी हालत देखकर बच्चे घबरा गए.

बच्चों को दी बड़ी सीख

उन्होंने यह तय किया कि अब वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे और ऐसा हुआ भी. जब टीचर्स ने नाटक खत्म किया और उसके बाद बच्चों को मोबाइल फोन देने की कोशिश की गई तो बच्चों ने मोबाइल फोन छूने से इनकार कर दिया. स्कूल की टीचर्स की इस पहल को काफी जगह सराहा जा रहा है. इस पूरे एक्ट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था जहां लोगों ने स्कूल टीचर्स के इस नाटक की काफी तारीफ की और कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को ऐसे ही प्यार से समझाया जाना चाहिए.