वैशाली के स्कूलों मेंअधिकारियों के निरीक्षण का दिख रहा असर
हाजीपुर। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र के आलोक में और जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के निर्देश पर उप विकास आयुक्त, वैशाली शम्स जावेद अंसारी ने विद्यालयों के निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की बैठक कर विद्यालयों का सकारात्मक निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. वहीं गुरुवार तक जिले के कुल 2208 विद्यालयों में 1988 विद्यालयों का निरीक्षण कर निरीक्षण का प्रतिवेदन ई-शिक्षा कोष पर अपलोड कर दिया गया है।
जिले के 2110 सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए 301 पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। 301 में 138 पदाधिकारी जिला प्रशासन अथवा अन्य विभागों से हैं।जबकि 163 शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी हैं.
वैशाली के सरकारी स्कूलों में पदाधिकारियों के सकारात्मक निरीक्षण का असर 'दिखने लगा हैं.शैक्षणिक व्यवस्था सुदृढ और सशक्त हो रही है। वहीं स्कूली वातावरण भी खुशगवार हैं। अब जो भी विद्यालय का निरीक्षण करने आ रहे हैं। वह शिक्षकों की गलती पकड़ने के बजाय उन गलतियों को सुधारने और विद्यालय का माहौल कैसे बेहतर हो इस पर परिचर्चा करते हैं। इसके अलावा अन्य कारणों पर भी स्कूल के सदस्यों के साथ विस्तार से चर्चा की जाती है।
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निरीक्षण के बदले स्वरूप से शिक्षक और प्रधानाध्यापक में खुशी का माहौल है। बच्चे और अभिभावक भी शिक्षा प्रति ज्यादा सजग दिखते हैं। एक शिक्षक ने बताया कि जिला प्रशासन के जो अधिकारी विद्यालयों में आ रहे हैं वह बच्चों की कक्षा भी लेते हैंऔर शिक्षक तथा प्रधानाध्यापक के साथ बैठककर अपने अनुभवों को साझा भी करते हैं।
जिले के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, मार्केटिंग ऑफिसर जब कक्षाओं में बच्चों के बीच होते हैं तो वह अपने पढ़ाई के दिनों के संघर्ष को बच्चों के साथ के साझा करते हैं और बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते हैं।
कमियों को सुधारने को मिली एक सप्ताह की मोहलत
शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी लगातार विद्यालयों में पठन-पाठन के माहौल को बेहतर करने के लिए निरीक्षण करने लगे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण, डी पी ओ कुमार शशि रंजन, संतोष कुमार ने आवंटित चार विद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की वहीं जो कमियां मिली उनको सुधारने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी। हालांकि, अभी भी कुछ ऐसे निरीक्षक पदाधिकारी हैं जो विद्यालयों में सुधार की बजाय शिक्षकों का भयादोहन करने में लगे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बेहतर सुविधा भी उपलब्ध करवाने की सख्त जरूरत है। इसपर भी सभी को ध्यान देने की जरूरत है।
एडीपीसी शिक्षा विभाग डॉ उदय कुमार उज्वल का निरीक्षण शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। गुरुवार को जिन विद्यालयों में एडीपीसी द्वारा भ्रमण किया गया यहां संसाधनों की कमी नहीं है, परंतु बच्चों का नामांकन बहुत कम है, जिसे बढ़ाने को लेकर प्रधानाध्यापक, शिक्षक और स्थानीय जन समुदाय के साथ बैठक की गई और सबको क्षेत्र का भ्रमण कर नामांकन बढ़ाने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा अन्य कारणों की भी चर्चा की गई है।
Sep 13 2024, 11:37