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सेमीकंडक्टर पॉलिसी से निवेशकों की राह होगी आसान: सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ /ग्रेटर नोएडा। सेमीकॉन इंडिया 2024 के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी और केंद्र सरकार के आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्वनी वैष्णव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश के बदले हुए परसेप्शन का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 के पहले जहां उत्तर प्रदेश में कोई निवेश नहीं करना चाहता था, वहीं आज उत्तर प्रदेश के बदले हुए परसेप्शन के कारण यहां निवेश के ढेर लगे हैं। आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज है।

निवेश के अनुकूल नीतियां हैं। व्यापार के अनुरूप वातावरण है। इसके चलते आज हर कोई उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आना चाहता है। 2017 के पहले और 2017 के बाद के उत्तर प्रदेश में अंतर को स्पष्ट करते हुए योगी ने कहा कि 2017 में जब हम इन्वेस्टर्स समिट की प्लानिंग कर रहे थे तो हमें कहा गया कि सिर्फ 20 हजार करोड़ रुपये तक का ही निवेश संभव हो सकेगा। हालांकि, पिछले साल हमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला। इसमें से इसी वर्ष फरवरी माह तक हमने 10 लाख करोड़ रुपये तक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता प्राप्त की है।

यह बदले हुए उत्तर प्रदेश के वर्क कल्चर को दिखाता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को निवेश के अनुकूल राज्य बनाने के लिए विगत सात वर्ष में सभी ने काफी मेहनत की है। आज हम निवेशकों की प्रत्येक समस्याओं का निश्चित समय में समाधान करते हैं। आॅनलाइन पोर्टल निवेश मित्र के जरिए निवेश की प्रक्रिया को सबसे आसान बनाया गया है। पहले भी सिंगल विंडो सिस्टम की बात की जाती थी लेकिन हमने इसे गंभीरता से लागू किया। आज किसी भी निवेशक को अपने इंसेंटिव्स के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। आॅनलाइन ही सारे काम हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में सेमी कंडक्टर पॉलिसी 2024 को हमने लागू किया है। इसके माध्यम से हम निवेशकों की राह को आसान बना रहे हैं।

सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम ग्लोबल चैलेंजेस को सॉल्यूशंस देगा : पीएम मोदी

लखनऊ /ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत फोकस कर रहे हैं। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी भर नहीं है, हमारे लिए यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। भारत का फोकस अपने स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। भारत इस क्षेत्र में 360 डिग्री एप्रोच के साथ काम कर रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इकोसिस्टम को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से किए अपने संबोधन को उद्धृत करते हुए कहा कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सब करने वाला है। भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम सिर्फ भारत के नहीं बल्कि ग्लोबल चैलेंजेस को भी सॉल्यूशंस प्रोवाइड करेगा। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता डायोड्स से जरूर पड़ता है। डायोड में एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में जाती है लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में जाती है। यह भी बहुत रोचक है। मोदी ने कहा कि भारत के डिजाइनर्स और उनके जबर्दस्त टैलेंट को तो आप भलीभांति जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20 प्रतिशत टैलेंट का योगदान भारत करता है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम 85 हजार टेक्नीशियंस, इंजीनियर्स और आरएंडडी एक्सपर्ट्स की सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर है। हाल ही में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलेगी, नई ऊर्जा भी मिलेगी। इसके अलावा भारत में वन ट्रिलियन रुपये का स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया गया है। ऐसे इनीशिएटिव से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है।

सेमीकंडक्टर को लेकर भारत सरकार की नीतियों और निवेशकों की सहूलियत पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास एक थ्री डायमेंशनल पावर भी है। पहली, भारत की आज की रिफॉर्मिस्ट गवर्नमेंट। दूसरा, भारत में ग्रोइंग मैन्युफैक्चरिंग बेस और तीसरा, भारत का एस्पिरेशनल मार्केट। एक ऐसा मार्केट जो टेक्नोलॉजी का टेस्ट जानता है। उन्होंने कहा कि भारत की एस्पिरेशनल और टेक ओरिएंटेड सोसायटी बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी भर नहीं है, हमारे लिए यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ड किया है। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। हमारी राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने आॅयल डिप्लोमेसी का नाम सुना है, आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग है। इसी साल भारत इंडो पैसिफिक इकॉनमिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउंसिल का वाइस चेयर चुना गया है।

हम क्वॉड सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इनीशिएटिव के भी बड़े पार्टनर हैं। हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य देश को एक ट्रांसपेरेंट, इफेक्टिव और लीकेज फ्री गवर्नेंस देना था और आज हम इसके मल्टीप्लायर इफेक्ट को महसूस कर रहे हैं। एक दशक पहले हम मोबाइल फोन्स के बड़े इंपोर्टर्स में एक थे और आज हम दुनिया के नंबर 2 प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर हैं। अभी एक ताजा रिपोर्ट आई है कि आज भारत 5जी हैंडसेट्स का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। दो साल पहले ही हमने 5जी रोलआउट शुरू किया था और आज देखिए हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है और अब तो हमारा लक्ष्य और भी बड़ा है।

इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलिनयन यानि 60 लाख जॉब्स क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का शत प्रतिशत काम भारत में ही हो यानि भारत सेमीकंडक्टर चिप भी बनाएगा और उनके फिनिश गुड्स भी बनाएगा। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हो, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा फोकस एकदम क्लियर है। हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय भी रुके नहीं, ठहरे नहीं, निरंतर चलती रहे । इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, सांसद महेश शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के दुनिया भर से पधारे ग्लोबल लीडर्स, सीईओज और विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

श्री शिव महापुराण कथा 12 से


लखनऊ। श्री हरि हर सेवा समिति, लखनऊ द्वारा सेक्टर सात,जानकीपुरम विस्तार स्थित सूर्या एकैडमी लान में 12 सितंबर से शुरू होने वाली श्री शिव महापुराण कथा कल प्रातः 8 बजे से विशाल शोभायात्रा के साथ शुरू होगी।

कथा का प्रवर्तन अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती के श्रीमुख से होगा।

उक्त जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष राम किशोर मिश्र ने बताया कि शोभा यात्रा में महिला श्रद्धालुओं सहित भारी संख्या में कथाप्रेमी भाग लेंगे।

12 से 18 सितंबर तक अपराह्न तीन बजे से सायं सात बजे तक चलने वाली कथा के दौरान देश के तमाम जाने माने साधु संतों के अलावा अनेकों विशिष्ट जन शिरकत करेंगे। अंतिम दिन विशाल भंडारे के साथ कथा का समापन होगा।

उन्होंने बताया कि कथा व्यास स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज बीते दिन लखनऊ पहुंच चुके हैं और कथा मंडप सहित सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

मदरसा शिक्षा परिषद से यूपी के 513 मदरसों की मान्यता होगी खत्म, जानिये क्यों

लखनऊ । उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता खत्म होगी। मदरसा बोर्ड के कार्यकाल की अंतिम बैठक में मंगलवार को मान्यता समाप्त किये जाने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी गई। इनमें से अधिकांश मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए बोर्ड में अर्जी दी थी। वहीं, तमाम मदरसों में मानक से कम छात्र-छात्राएं होने से उनकी यू-डायस पर फीडिंग नही की गई, जबकि कई मदरसों का संचालन नही हो रहा था।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त प्रदेश में करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें से 560 अनुदानित मदरसे हैं। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि झांसी के 242 और मऊ के 10 मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिये बोर्ड को पत्र भेजा था, जबकि अंबेडकरनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने 234 मदरसों की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी। इनमें अधिकांश मदरसों ने यू-डायस कोड के जरिये विद्यार्थियों के दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड नही किये थे। इंदिरा भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के सभागार में मदरसा बोर्ड की बैठक में इन मदरसों की मान्यता समाप्त करने की मंजूरी दी गई।

मदरसे खुद बोर्ड से मान्यता खुद क्यों समाप्त करवाना चाहते हैं के सवाल पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफि्तखार अहमद जावेद ने कहा कि अधिकांश मदरसों में मदरसा आधुनिकीकरण योजना संचालित थी। योजना के शिक्षकों का बीते 5 साल का वेतन बकाया है वहीं अब योजना को खत्म कर दिया गया है। मदरसे उन्ही शिक्षकों से मदरसों में भी पढ़ाई करवाते थे। मदरसों में विद्यार्थियों की संख्या में घट रही है। ये वजह भी हो सकती हैं या फिर मदरसें बोर्ड की मान्यता छोड़ कर अन्य बोर्डों से मान्यता लेना चाहते हों। उन्होंने बताया कि सभी 513 मदरसों की मान्यता विनियमावली 2016 के अनुसार समाप्त की जाएगी।

मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में वर्ष 1995 से लेकर अब तक के रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करने का प्रस्ताव पर भी मंजूरी दी गई। बोर्ड की चेयरमैन डा. इफि्तखार अहमद जावेद ने बताया कि बोर्ड की वेबसाइट पर वर्ष 2018 से अब तक की मार्कशीट अपलोड की गई हैं। बैठक में तय हुआ है कि वर्ष 2018 से पहले की सभी मार्कशीट चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन की जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश के 560 अनुदानित मदरसों के लिए एक मॉडल प्रशासन योजना अनुमोदित की गई।

मदरसे इसी के आधार पर प्रशासनिक योजना तैयार करेंगे

अब मदरसे इसी के आधार पर प्रशासनिक योजना तैयार करेंगे। उन्होंने बताया कि मदरसों में सेवा व अनुशासन संबन्धी मामलों का समाधान आसानी से हो सकेगा। बैठक में मदरसा पोर्टल पर पंजीकरण से छूटे मदरसों को पोर्टल पर जोड़ने की अनुमति का प्रस्ताव शासन को भेजने, बोर्ड का बजट बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने, परीक्षा फरवरी 2025 में संपन्न कराने, मदरसा मिनी आईटीआई योजना में सुधार के लिए समिति का गठन करने पर सहमति दी गई।

मुख्य सचिव ने प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त एवं दुरुस्त करने के दिये निर्देश

लखनऊ । मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त एवं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंगलवार शाम इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन सभी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय को भेजी गई है।जारी निर्देश में स्वास्थ्य कर्मियों, मरीजों और तीमारदारों सहित सभी की सुरक्षा अनिवार्य की गई है। निर्देश दिया गया है कि अस्पताल में आपराधिक कृत्य पर होने वाली सजा के बारे में डिस्प्ले लगवाया जाए।

अस्पताल सुरक्षा समिति' और 'हिंसा रोकथाम समिति' का गठन किया जाए

अस्पताल सुरक्षा समिति' और 'हिंसा रोकथाम समिति' का गठन किया जाए जिसमें वरिष्ठ चिकित्सक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हों, ताकि उचित सुरक्षा उपायों की रणनीति बनाई जा सके और उन्हें लागू किया जा सके। आम जनता और मरीज के तीमारदारों/ रिश्तेदारों के लिए अस्पताल के प्रमुख क्षेत्रों में प्रवेश को विनियमित किया जाए। आगंतुक पास नीति जारी करें।विभिन्न ब्लॉकों एवं छात्रावास भवनों तथा अस्पताल के अन्य क्षेत्रों में रात्रि ड्यूटी के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों/नर्सों/अन्य चिकित्सा कार्मिकों के सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रावधान करें। आवासीय ब्लॉक, छात्रावास ब्लॉक तथा अस्पताल परिसर के अन्य सभी क्षेत्रों में प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। अस्पतालों के सभी प्रवेश व निकास बिंदुओं, रोगी कमरों तक जाने वाले गलियारों तथा परिसर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना और 24/7 मानवयुक्त सुरक्षा नियंत्रण कक्ष की स्थापना करें। निकटतम थाने का नंबर सार्वजनिक करें।

सुविधाओं के अनुरू में पुलिस चौकियां स्थापित करने की संभावना

चिकित्सा संस्थाओं में आने वाले लोगों की संख्या, बेड्स की संख्या व सुविधाओं के अनुरू में पुलिस चौकियां स्थापित करने की संभावना। कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम- अंतर्गत शिकायतों के समाधान के लिए 'आंतरिक शिकायत समिति' का गठन करें। किसी स्वास्थ्यकर्मी के प्रति हिंसक घटना होने पर पीडि़त स्वास्थ्यकर्मी से शिकायत प्राप्त होने की अपेक्षा न करते हुए संस्था द्वारा स्वयं की ओर से निकटस्थ पुलिस स्टेशन में एफआईआर की जाए तथा पुलिस के साथ तालमेल स्थापित करते हुए त्वरित कार्यवाही की जाय। स्वास्थ्य कर्मियों का वेरिफिकेशन करें। अस्पताल के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सामान और व्यक्तियों की जांच प्रणाली सुनिश्चित करना, ताकि चिकित्सा प्रतिष्ठान के अंदर कोई हथियार न ले जाए।

अखिलेश यादव का दावा, फर्जी एनकाउंटरों में 60 फीसदी लोग पीडीए के मारे गए

लखनऊ । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स के माध्य्म से कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि यदि एनकाउंटर पर कोई शक है तो न्यायालय में जाकर गुहार लगाएं। ऐसे लोगों से बस इतना पूछना है कि क्या न्यायालय से किसी की जान भी वापस मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा राज में एनकाउंटर का आंकड़ा गैर कानूनी हत्याओं की नाइंसाफी का भी आंकड़ा है। साथ ही पीडीए के विरुद्ध हुए अन्याय का भी। फर्जी मुठभेड़ में मारे गए 60 प्रतिशत लोग पीडीए से हैं, जबकि 21 प्रतिशत के बारे में जातिगत आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया है कि प्रदेश में जो एनकाउंटर हुए हैं उनमें से ज्यादातर फेक हैं और इनमें मारे जाने वाले 60 प्रतिशत पीडीए के लोग हैं।

पर्यटकों के लिए खोली गयी भारत-नेपाल सीमा,यह अंतरराष्ट्रीय सीमा कोविड-19 के प्रकोप के दौरान बंद कर दी गयी थी

लखनऊ। भारत और नेपाल के मध्य अंतरराष्ट्रीय सीमा को पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए खोल दिया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा कोविड-19 के प्रकोप के दौरान बंद कर दी गयी थी। पर्यटन के दृष्टिकोण से यह सीमा भारत और नेपाल के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके खुलने से पर्यटक भारत तथा नेपाल के प्राकृतिक एवं रमणीक स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे। इससे दोनों देशों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सम्बंधों को मजबूती मिलेगी। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

धनगढ़ी और गौरीफंटा क्रासिंग दो वर्षों से बंद थी

जयवीर सिंह ने बताया कि भारत नेपाल के बीच स्थित धनगढ़ी और गौरीफंटा क्रासिंग दो वर्षों से बंद थी। गौरीफंटा-धनगढ़ी सीमा को फिर से खोला जाना प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष महत्व है। यह मार्ग विभिन्न परिदृश्यों तथा विविध वन्य जीवन तक सीधी पहुंच प्रदान करता है। उप्र के लखीमपुर जनपद में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान संरक्षित वन क्षेत्र है। घने जंगलों से घिरा यह इलाका रॉयल बंगाल टाइगर के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र है। हर साल बड़ी संख्या में वन्य जीव प्रेमी यहां पहुंचते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के धनगढ़ी शहर से लगा हुआ है।

पर्यटकों को बर्दिया राष्ट्रीय उद्यान करता है खासा आकर्षित

पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत की ओर से नेपाल जाने के इच्छुक पर्यटकों को बर्दिया राष्ट्रीय उद्यान खासा आकर्षित करता है। नेपाल की सैर पर जाने वालों को बर्दिया उद्यान में बाघों और एक सींग वाले गैंडों की वृहद आबादी देखने को मिलती है। शुक्ला फांटा राष्ट्रीय पार्क लुभावने दृश्य और जैव विविधता का जीता-जागता उदाहरण है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा घास का मैदान है। वहीं, नेपाल में चितवन राष्ट्रीय उद्यान, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है, जाे पर्यटकों की पहली पसंद है। यह घने जंगलों, वन्यजीव सफारी और अद्भुत जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। लम्बे समय बाद भारत और नेपाल के पर्यटकों को एक-दूसरे देश में फिर से जाने और घूमने का अवसर मिलेगा। नेपाल में मौजूद पर्यटन स्थल न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है, बल्कि दोनों (भारत और नेपाल) देशों के बीच आध्यात्मिक साधकों के लिए एक प्रवेश द्वार भी है।

एक बार फिर खुलना बौद्ध पर्यटकों के लिए खुशखबरी

जयवीर सिंह ने बताया कि गौरीफंटा-धनगढ़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक बार फिर खुलना बौद्ध पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। यह मार्ग नेपाल से आने वाले पर्यटकों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न वन्य जीव अभ्यारण्यों तथा सारनाथ, कुशीनगर जैसे पवित्र बौद्ध स्थलों की यात्रा का अवसर प्रदान करता है। वहीं, बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले डेस्टिनेशन की रोमांचक यात्रा को प्रेरित करता है। इस द्विपक्षीय प्रवेश द्वार से निकट भविष्य में भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सम्बंधों को मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के आपसी सम्बंधों में प्रगाढ़ता के साथ प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत की गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है।

पुरानी रंजिश में डाले से कार व बाइक में मारी टक्कर,पिकअप डाले की टक्कर से आधा दर्जन से अधिक लोग घायल

मलिहाबाद, लखनऊ । पुरानी रंजिश को लेकर पिकअप डाला चालक ने जान से मारने की नियत से रेलवे फाटक तोड़ स्विफ्ट सवार परिवार को टक्कर मारते हुऐ पास में खड़ी बाइक सवार चार लोगों व एक सिपाही को टक्कर मार दी। जिससे आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये। पुलिस ने युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिकअप डाला चालक को जेल भेजा है।

सोमवार बीती रात रहीमाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम अन्नीपुर ससपन निवासी विनय प्रकाश द्विवेदी ने पुरानी रंजिश को लेकर रेलवे फाटक पर खड़ी जुगराजगंज निवासिनी सोनी सिंह व उसके भाई मोनू सिंह को जान से मारने की नियत से पिकअप डाला यूपी 32 जीएन 9940 से रेलवे फाटक तोड़ते हुऐ स्विफ्ट कार यूपी 32 केएन 9330 में जोरदार टक्कर मार फाटक पर खड़े माल थाना क्षेत्र के ग्राम सैदापुर चक निवासी दंपति दिनेश कुमार, पत्नी रूपरानी, पुत्री प्रिंसी व स्तुति को टक्कर मारने के साथ रहीमाबाद थाने में तैनात सिपाही शिवम सिंह को टक्कर मार दी। जिससे स्विफ्ट कार सवार सहित बाइक सवार व सिपाही बुरी तरह से घायल हो गये। गंभीर घायलों बाइक सवारों को ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया गया है।

घायल सिपाही ने दिखाया ज़ज्बा, पकड़ा आरोपी चालक

पिकअप डाले की टक्कर से घायल हुऐ सिपाही शिवम सिंह ने घायल होने के बाद भी घटना कर भागने की कोशिश करने वाले पिकअप डाला चालक विनय प्रकाश द्विवेदी को दौड़ाकर पकड़ लिया। रहीमाबाद पुलिस ने मंगलवार को सोनी सिंह की तहरीर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी चालक को जेल भेजा है।

लापरवाही -भ्रष्टाचार पर फिर चला सीएम योगी का हंटर, चार पर गिरी गाज,चकबंदी कार्यों में लेटलतीफी, अनियमितता पर कई के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक बार फिर सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर दो चकबंदी अधिकारियों समेत चार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही कई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई समेत आरोप पत्र जारी किये गये हैं।

लापरवाही पर बांदा के कई चकबंदी कर्मचारी-अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महाराजगंज के ग्राम बैठवलिया में प्रारंभिक चकबंदी योजना तैयार करने में अनियमितता पर सहायक चकबंदी अधिकारी अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उप संचालक चकबंदी को अनियमितताओं को दुरुस्त करने तथा लंबित निगरानियों का ग्राम अदालत के माध्यम से शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिये गये हैं।

इसी तरह बांदा के ग्राम सिलेहटा में अनियमितताओं पर चकबंदी अधिकारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इसी ग्राम के संबंध में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण नारायण सिंह के खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने और तत्कालीन चकबंदीकर्ता कामता प्रसाद, संप्रति सहायक चकबंदी अधिकारी को अनियमितता के लिए निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये।

वहीं चकबंदी लेखपाल विकास सिंह, जो पूर्व से इसी ग्राम में अनियमितताओं के लिए निलंबित हैं, उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप (जो पूर्व से ही निलम्बित हैं), उनके खिलाफ भी अतिरिक्त आरोप पत्र निर्गत करने के निर्देश दिये गये।

अनियमितता पर मुजफ्फरनगर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी निलंबित

चकबंदी आयुक्त ने बताया कि बिजनौर में चल रही चकबंदी में अनियमितता को लेकर विभिन्न गांव के किसानों ने शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में चकबंदी के दौरान अनियमितता की शिकायत सही मिलने पर तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी विजय कुमार, सम्प्रति बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी मुजफ्फरनगर को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये। साथ ही उप संचालक चकबन्दी को अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा गोंडा के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी देवेंद्र सिंह को वादों के निस्तारण न करने एवं शिथिल पर्यवेक्षण पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने यहां संबद्ध मीरजापुर के चकबंदी लेखपाल राजेंद्र कुमार यादव द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की थी। इस पर सम्बद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए मीरजापुर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी को लेखपाल के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये।

लापरवाही पर सेवानिवृत्त चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश

आजमगढ़ जिलाधिकारी की आख्या के आधार पर चकबन्दी कार्यों के शिथिल पर्यवेक्षण एवं कार्य में शिथिलता के दोषी चकबन्दी अधिकारी (से.नि.) शैल राजीव कमल, सहायक चकबंदी अधिकारी (से.नि.) मोहन लाल श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, चक्रधर त्रिगुनायत और जैनेंद्र प्रताप के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। मुजफ्फरनगर में चकबंदी कार्यों में अनियमितता पर चकबन्दी अधिकारी तत्कालीन वीरेन्द्र प्रकाश सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी के खिलाफ पिछले दस वर्ष से चल रही जांच रिपोर्ट अब तक निदेशालय को न दिये जाने पर जांच अधिकारी उप संचालक चकबंदी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

प्रदेश के 5 और नये मेडिकल कॉलेज को केंद्र ने दी मान्यता,वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प को मिली बड़ी उपलब्धि, योगी सरकार का प्रयास लाय

लखनऊ। वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प को पूरा करने में जुटी योगी सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि दूसरी अपील में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के 5 और नये मेडिकल कॉलेज को मान्यता देते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है जबकि कानपुर देहात और ललितपुर में मेडिकल कॉलेज की सीटों को बढ़ाकर 50 से 100 कर दिया गया है।

इसी के साथ प्रदेश में एमबीबीएस की 600 और सीटों में बढ़ोतरी हुई। इस प्रकार वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 एमबीबीएस पाठ्यक्रम की नयी सीटों की संख्या 1200 पहुंच गयी है। इससे पहले प्रदेश के 7 नए मेडिकल कॉलेज को मान्यता दे दी गई थी। इसमें पांच मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटों और कानपुर देहात और ललितपुर मेडिकल कॉलेज में 50-50 सीटों पर एमबीबीएस की मान्यता दी गयी थी।

उल्लेखनीय है कि इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी बात की थी, जिसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मान्यता के लिए एनएमसी में अपील दायर की थी। इसमें पहली अपील में प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेज को मान्यता दी गयी थी। इसी के साथ प्रदेश में अब कुल एमबीबीएस की 11200 सीटें हो गयी हैं। इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेज की 5150 और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 6050 एमबीबीएस की सीटें शामिल है।

औरैया समेत पांच जिलों के मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश के पांच जिले औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति और कानुपर देहात, ललितपुर की 50-50 सीटों के स्थान पर 100-100 एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर प्रवेश की अनुमति के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष दोबारा अपील की गई थी। इसी क्रम में इन सभी मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए अनुमति दे दी गयी है।

सौ एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश को एनएमसी के समक्ष अपील की थी

वहीं इससे पहले बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, कानपुर देहात, ललितपुर और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एनएमसी के समक्ष अपील की थी। ऐसे में एनएमसी ने पांच जिले बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत और सुल्तानपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी जबकि कानुपर देहात और ललितपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 50-50 सीटों पर एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी।डीजीएमई ने बताया कि एनएमसी एक्ट 2019 की धारा 28 (6) के तहत यदि पहली अपील करने के बाद भी एनएमसी द्वारा एलओपी प्रदान नहीं की जाती है तो उक्त धारा के तहत 30 दिन के अंदर दोबारा अपील की जा सकती है। इसी नियम के तहत दोबारा अपील की गई थी।