बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद तिहाड़ जेल से रिहा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले मिले जमानत के क्या हैं मायने?
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जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा हो गए हैं। आतंकी फंडिंग मामले में दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद इंजीनियर राशिद को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए 2 अक्टूबर, 2024 तक अंतरिम जमानत दी गई है।
जेल से बाहर आने के बाद रशीद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र किया। इंजीनियर रशीद ने कहा, "मैं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से कहना चाहता हूं कि मेरी लड़ाई लोगों के लिए है। उनकी बात करके मैं अपने कद और कुर्बानी को छोटा नहीं करना चाहता।" उन्होंने बीजेपी का बाहर से समर्थन करने के सवाल पर कहा, "आप ऐसा कह सकते हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के ख़िलाफ आख़िरी सांस तक लड़ता रहूंगा।"
इंजीनियर रशीद ने दावा करते हुए कहा, "पीएम मोदी कह रहे हैं कि कश्मीर में पहली बार इतने प्रतिशत वोट पड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि ये पीएम मोदी के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 25ए हटाने के निर्णय के ख़िलाफ थे।" उन्होंने कहा, "पहले कश्मीर के लोग शांतिपूर्ण तरीके़ से बात रखते थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर पाबंदी लगी। वोट (लोकसभा चुनाव में) मोदी के प्यार में नहीं बल्कि ये बताने के लिए लोगों ने डाला कि कश्मीर के लोग क्या चाहते हैं।
रशीद बीजेपी के कहने पर काम कर रहे?
उमर अब्दुल्ला ने इंजीनियर रशीद को ज़मानत मिलने पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उमर ने मंगलवार को कहा था, "मुझे अफ़सोस बारामूला के लोगों के लिए है। इंजीनियर रशीद को ज़मानत बारामूला के लोगों की ख़िदमत के लिए नहीं मिली है। संसद में उपस्थित रहने और सांसद के तौर पर काम करने के लिए नहीं मिली।इंजीनियर रशीद को ज़मानत सिर्फ़ वोट के लिए मिली है। इसके बाद उन्हें फिर से तिहाड़ भेज दिया जाएगा। इसके बाद उत्तर कश्मीर के लोग दोबारा फिर से प्रतिनिधि के बिना होंगे।" उमर अब्दुल्ला ने बताया कि महबूबा मुफ़्ती ने तो खुलकर कहा है कि इंजीनियर रशीद बीजेपी के कहने पर काम कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर बने हैं सांसद
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था। जेल में रहते राशिद ने इस साल बारामूला सीट से बतौर निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने राजनीतिक पंडितों को हैरान करते हुए एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को हरा दिया। अब उन्होंने अपनी खुद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी बना ली है, जो प्रदेश की कई सीटों पर असेंबली चुनाव लड़ रही है। इन चुनावों में अपने उम्मीदवारों का प्रचार करने की अर्जी पर एनआईए कोर्ट ने उन्हें 2 अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। उन्हें कोर्ट में 3 अक्टूबर को सरेंडर करना होगा।
आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ में बंद थे राशिद
राशिद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में न्यायिक हिरासत में राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में बंद थे। कथित आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आरोपित किए जाने के बाद से वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे। लेकिन दिल्ली कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद ही उन्हें बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा किया है। इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) विधानसभा चुनाव लड़ रही है और हाल में पार्टी ने मेनिफेस्टो जारी किया था और राशिद की रिहाई की मांग की थी।
Sep 11 2024, 19:05