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कोलकाता डॉक्टर केस में ममता बनर्जी से मिलने को तैयार प्रदर्शनकारी डॉक्टर, ई-मेल से माँगा मिलने का समय

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के दो दिन बाद, कोलकाता के डॉक्टर जो सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करने के लिए सहमत हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से अपना आंदोलन खत्म करने और काम पर लौटने को कहा था। हालांकि, डॉक्टरों ने मंगलवार को अदालत की समयसीमा का उल्लंघन किया और अपना आंदोलन जारी रखा।

हालांकि, अब उन्होंने बनर्जी के कार्यालय को ईमेल भेजकर उनसे मिलने का समय मांगा है। वे पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। वे अपराध को छिपाने की कोशिश करने वालों को भी सजा दिलाना चाहते हैं। डॉक्टरों के प्रतिनिधि डॉक्टर अनिकेत मंडल ने एनडीटीवी से कहा कि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने चैनल से कहा, "इस बात को स्पष्ट करने के लिए हम सीएम कार्यालय को मेल भेजेंगे और अपनी मांगें रखेंगे। हम मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं।"

डॉक्टर को अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मृत पाया गया। पुलिस ने बाद में सिविल स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया, जिसे सीसीटीवी पर सुबह 4.03 बजे सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था। बाद में उसने सीबीआई को बताया कि वह निर्दोष है और जब वह हॉल में दाखिल हुआ तो महिला बेहोश पड़ी थी।

सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी कथित तौर पर भ्रष्ट आचरण में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। हत्या के बाद उसकी भूमिका जांच के दायरे में आ गई है। उसने कथित तौर पर महिला के माता-पिता को महिला का शव देखने से पहले तीन घंटे तक इंतजार करवाया था। उस पर अपराध स्थल के पास मरम्मत कार्य का आदेश देने का भी आरोप है।

बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद तिहाड़ जेल से रिहा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले मिले जमानत के क्या हैं मायने?

#baramulla_mp_rashid_engineer_released_from_tihar_jail 

जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा हो गए हैं। आतंकी फंडिंग मामले में दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद इंजीनियर राशिद को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए 2 अक्टूबर, 2024 तक अंतरिम जमानत दी गई है। 

जेल से बाहर आने के बाद रशीद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र किया। इंजीनियर रशीद ने कहा, "मैं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से कहना चाहता हूं कि मेरी लड़ाई लोगों के लिए है। उनकी बात करके मैं अपने कद और कुर्बानी को छोटा नहीं करना चाहता।" उन्होंने बीजेपी का बाहर से समर्थन करने के सवाल पर कहा, "आप ऐसा कह सकते हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के ख़िलाफ आख़िरी सांस तक लड़ता रहूंगा।"

इंजीनियर रशीद ने दावा करते हुए कहा, "पीएम मोदी कह रहे हैं कि कश्मीर में पहली बार इतने प्रतिशत वोट पड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि ये पीएम मोदी के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 25ए हटाने के निर्णय के ख़िलाफ थे।" उन्होंने कहा, "पहले कश्मीर के लोग शांतिपूर्ण तरीके़ से बात रखते थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर पाबंदी लगी। वोट (लोकसभा चुनाव में) मोदी के प्यार में नहीं बल्कि ये बताने के लिए लोगों ने डाला कि कश्मीर के लोग क्या चाहते हैं।

रशीद बीजेपी के कहने पर काम कर रहे?

उमर अब्दुल्ला ने इंजीनियर रशीद को ज़मानत मिलने पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उमर ने मंगलवार को कहा था, "मुझे अफ़सोस बारामूला के लोगों के लिए है। इंजीनियर रशीद को ज़मानत बारामूला के लोगों की ख़िदमत के लिए नहीं मिली है। संसद में उपस्थित रहने और सांसद के तौर पर काम करने के लिए नहीं मिली।इंजीनियर रशीद को ज़मानत सिर्फ़ वोट के लिए मिली है। इसके बाद उन्हें फिर से तिहाड़ भेज दिया जाएगा। इसके बाद उत्तर कश्मीर के लोग दोबारा फिर से प्रतिनिधि के बिना होंगे।" उमर अब्दुल्ला ने बताया कि महबूबा मुफ़्ती ने तो खुलकर कहा है कि इंजीनियर रशीद बीजेपी के कहने पर काम कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर बने हैं सांसद

शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था। जेल में रहते राशिद ने इस साल बारामूला सीट से बतौर निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने राजनीतिक पंडितों को हैरान करते हुए एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को हरा दिया। अब उन्होंने अपनी खुद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी बना ली है, जो प्रदेश की कई सीटों पर असेंबली चुनाव लड़ रही है। इन चुनावों में अपने उम्मीदवारों का प्रचार करने की अर्जी पर एनआईए कोर्ट ने उन्हें 2 अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। उन्हें कोर्ट में 3 अक्टूबर को सरेंडर करना होगा।

आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ में बंद थे राशिद

राशिद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में न्यायिक हिरासत में राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में बंद थे। कथित आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आरोपित किए जाने के बाद से वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे। लेकिन दिल्ली कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद ही उन्हें बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा किया है। इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) विधानसभा चुनाव लड़ रही है और हाल में पार्टी ने मेनिफेस्टो जारी किया था और राशिद की रिहाई की मांग की थी।

जेल में रहने लायक हैं ये लोग...', जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में BJP पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा को निशाने पर लिया। खड़गे ने कहा कि यदि कांग्रेस को 20 सीटें और मिल जातीं, तो भाजपा के कई नेता जेल में होते। खड़गे ने कहा, "कहां गए 400 पार वाले? वे 240 सीटों पर सिमट गए। यदि हमें 20 सीटें और मिल जातीं, तो ये सभी लोग जेल में होते। ये लोग जेल जाने लायक हैं। भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन उनके काम और कथनी में बड़ा अंतर है। चाहे भाजपा जितना भी प्रयास कर ले, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है तथा हम उसी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे।"

आगे उन्होंने कहा, "भाजपा यहां हिंदू-मुस्लिम को बांटने का प्रयास कर रही है, किन्तु उनकी ये साजिश कभी सफल नहीं होगी। भाजपा और RSS के कितने भी कार्यकर्ता आएंगे और चले जाएंगे, किन्तु यहां के लोग झुकने वाले नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी यहां के लोगों के साथ खड़ी है, हम सभी एक हैं और हमेशा एक रहेंगे।" खड़गे ने यह भी कहा कि कांग्रेस एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन से भाजपा परेशान हो गई है। इसलिए भाजपा बार-बार जम्मू-कश्मीर की प्रत्याशियों की सूची बदल रही है।

उन्होंने कहा, भाजपा इतनी घबराई हुई है कि अब तक दो-तीन बार लिस्ट बदल चुकी है। बगावत आरम्भ हो गई है, जो यह दिखाता है कि इंडिया गठबंधन की एकता से वे कितने डरे हुए हैं। रैली में खड़गे ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक सबसे बड़ी यात्रा निकाली और कश्मीर में यात्रा का समापन हुआ। भारत जोड़ो यात्रा, जिसमें मैं और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे, को यहां भारी समर्थन मिला।

'इनको देशविरोधी बातों की आदत हो गई है...', राहुल गांधी पर अमित शाह ने किया हमला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के चलते आरक्षण पर एक विवादास्पद बयान दिया है, जिससे राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को हमेशा देश को बांटने तथा देशविरोधी बयान देने वाली ताकतों के खिलाफ खड़ा होना आदत हो गई है। शाह ने आरोप लगाया कि चाहे जम्मू-कश्मीर में देशविरोधी एवं आरक्षण विरोधी एजेंडा हो या विदेशी मंच पर भारत के खिलाफ बयान देना, राहुल गांधी ने हमेशा देश की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।

अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषाई मतभेदों को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की राजनीति को उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने आरक्षण के खिलाफ बयान देकर कांग्रेस के आरक्षण विरोधी रुख को फिर से सामने लाया है। शाह ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के रहते, कोई भी आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता और ना ही देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर सकता है। अमेरिका यात्रा के चलते राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों से बातचीत की। इस के चलते उन्होंने कहा कि RSS कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारत में राजनीति का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बुनियादी अधिकार की लड़ाई है, जैसे कि एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं और क्या वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं।

राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया। पन्नू ने कहा कि राहुल गांधी का बयान साहसिक है तथा इससे सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की खालिस्तान की मांग को समर्थन प्राप्त होता है। पन्नू ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत में सिखों की स्थिति पर जो बयान दिया है, वह 1947 के बाद से सिखों पर हो रहे अत्याचार को उजागर करता है तथा पंजाब की स्वतंत्रता के लिए SFJ के रुख की पुष्टि करता है।

'भारत ने 9 साल पहले ही पूरा किया टारगेट...', ग्रीन हाइड्रोजन पर बोले PM मोदी


पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "विश्व एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ भविष्य की बात नहीं है; इसके प्रभाव हम अभी महसूस कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि अब कार्रवाई का वक्त है। ऊर्जा संक्रमण एवं स्थिरता जैसे मुद्दे वैश्विक नीतिगत चर्चा का केंद्र बन गए हैं। भारत एक स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मोदी ने कहा, "हम ग्रीन ऊर्जा पर अपनी पेरिस की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाले G20 देशों में पहले थे। ये प्रतिबद्धताएँ 2030 के लक्ष्य से नौ वर्ष पहले पूरी हो गईं। भारत ने पिछले दस वर्षों में गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।" आगे उन्होंने कहा कि इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता में 3,000 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, हम इन उपलब्धियों पर संतुष्ट नहीं हैं। हम मौजूदा समाधानों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तथा नए व इनोवेटिव क्षेत्रों पर विचार कर रहे हैं। यहीं पर ग्रीन हाइड्रोजन की भूमिका सामने आती है। ग्रीन हाइड्रोजन दुनिया के ऊर्जा परिदृश्य में एक उम्मीद भरी वृद्धि के रूप में उभर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उन उद्योगों को डीकार्बोनाइज करने में मदद कर सकता है जिन्हें विद्युतीकृत करना मुश्किल है। रिफाइनरियां, उर्वरक, इस्पात, भारी शुल्क वाले परिवहन और कई अन्य सेक्टर्स को इससे लाभ होगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन सरप्लस रीन्यूएबल एनर्जी के स्टोरेज सॉल्यूशन के रूप में भी काम कर सकता है। भारत ने 2023 में पहले ही राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू कर दिया है और हम भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं। आगे पीएम ने कहा, "राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन नवाचार, बुनियादी ढांचे, उद्योग और निवेश को बढ़ावा दे रहा है। हम अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास में निवेश कर रहे हैं। उद्योग और शिक्षा जगत के बीच साझेदारी बनाई जा रही है, और इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "ग्रीन जॉब ईको सिस्टम के विकास की भी काफी उम्मीद है। इसे सक्षम करने के लिए, हम इस क्षेत्र में अपने युवाओं के लिए कौशल विकास पर भी ध्यान दे रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण वैश्विक चिंताएँ हैं, और हमारे उत्तर भी वैश्विक होने चाहिए।" अंत में मोदी ने कहा कि डीकार्बोनाइजेशन पर ग्रीन हाइड्रोजन के प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी महत्वपूर्ण है। उत्पादन को बढ़ाना, लागत को कम करना और बुनियादी ढांचे का निर्माण सहयोग के जरिए तेजी से संभव हो सकता है।

किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ गए सोयाबीन के दाम, अब मिलेंगे इतने पैसे, केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति

 मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दामों को लेकर किसानों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि मोहन सरकार ने मोदी सरकार के पास सोयाबीन के दाम बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृति मिल गई है. सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन के दामों को बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसे मोदी सरकार को भेजा गया था.

सीएम मोहन यादव रात में ही दिल्ली रवाना हो गए थे. ऐसे में प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर मानी जा रही है. क्योंकि लंबे समय से सोयाबीन के दाम बढ़ाने की मांग चल रही है. मोहन सरकार ने सोयाबीन के दाम 4892 रुपए समर्थन मूल्य पर करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे मोदी सरकार ने पास कर दिया है. सीएम मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित है मध्य प्रदेश सरकार.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सदैव किसानों की चिंता की है इसी क्रम में सोयाबीन खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ₹4,892 प्रति क्विंटल की प्रस्तावित MSP को कल केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे तुरंत आज स्वीकृति मिल गई है. किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय कृषि मंत्री जी एवं वाणिज्य मंत्री का प्रदेश के अन्नदाताओं की ओर से हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.

बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश को फिर से सोयाबीन को लेकर सोया स्टेट का दर्जा मिला है. मध्य प्रदेश राजस्थान और महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर सोया स्टेट बना है. प्रदेश में लंबे समय से सोयाबीन को लेकर मांगों को बढ़ाए जाने की मांग चल रही थी. जिसके बाद अब मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी. हालांकि किसान सोयाबीन की एमएसपी 6 हजार रुपए करने की मांग लेकर कई जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश में देश के कुल सोयाबीन का 41.92 प्रतिशत हिस्सा देश को देता है. 2023-24 में मध्य प्रदेश ने 54.72 उत्पादन सोयाबीन का लाख टन में किया है. इस बार भी प्रदेश में बंपर सोयाबीन की फसल आने की उम्मीद है. हालांकि सोयाबीन की एमएसपी पिछले कुछ महीनों से बढ़ी नहीं थी. लेकिन अब सोयाबीन के दाम बढ़ गए हैं.

जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-कठुआ के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकी ढेर

#kathua_khandar_encounter_jaish_e_mohammed_terrorist_killed_by_indian_army 

जम्मू और कश्मीर के उधमपुर और कठुआ जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है।ये दोनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर थे।इनके पास सेएक एम-4 और एक एके सीरीज की राइफल, गोला-बारूद और खाद्य सामग्री बरामद हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इलाके में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी ग्रुप के भारी हथियारों से लैस 4 आतंकवादी फंसे हुए हैं। इन्हें सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। जानकारी मिल रही है कि सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ में 2 आतंकवादियों को मार गिराया है। 

थोड़ी देर पहले डिफेंस प्रवक्ता ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया था कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर कठुआ में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया और कठुआ-बसंतगढ़ बॉर्डर पर आतंकवादियों को घेरा गया। पुलिस ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और दोनों तरफ से कुछ राउंड फायरिंग भी हुई थी। 

जम्मू रीजन में मौजूद आतंकियों की तलाश और खात्मे के लिए सुरक्षाबलों की टीमें अलग-अलग इलाकों लगातार ऑपरेशन चला रही हैं। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमें अंजाम दे रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को खंडारा इलाके में आतंकियों की मौजूदगी का इनपुट मिलने पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी शुरू की। इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरता देख फायरिंग की। इस पर सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला। कई घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है।

सुनील सांगवान जिनके जेलर रहते हुए राम रहीम को मिली 6 बार परोल, बीजेपी ने क्यों की टिकट देने के मेहरबानी?

#bjp_gives_ticket_to_sunil_sangwan_who_had_given_parol_to_ram_rahim

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे है। बीजेपी ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची में एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। यह नाम उस पूर्व जेल अधिकारी का है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा चीफ को छह बार पैरोल दी है।गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के दोषी हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में क़ैद हैं। जिसे बार-बार पैरोल देने वाले जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी मेहरबान दिखी। पार्टी ने सुनील सांगवान को चरखी दादरी से टिकट दिया है।

जेल अधीक्षक पद से वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद सुनील सांगवान बीते दिनों बीजेपी में शामिल हुए हैं।सुनील सांगवान को बीजेपी में शामिल कराने में इतनी जल्दी दिखाई गई कि हरियाणा सरकार ने रविवार यानी 1 सितंबर को ही गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक पद से वीआरएस के उनके आवेदन को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

बीबीसी की खबर के मुताबिक जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने उसी दिन 'नो ड्यूज' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। डीजी की तरफ़ से जारी पत्र में कहा गया, "सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इसलिए आग्रह है कि सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, गुरुग्राम के पक्ष में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र शाम 4 बजे तक जारी कर दिया जाए।''

सुनील सांगवान ने जेल विभाग में 22 साल से अधिक काम किया है। वो साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। उन्होंने राज्य की कई जेलों में बतौर जेल अधीक्षक काम किया है, इसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है जहां उन्होंने पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। ये वो ही जेल है जहां राम रहीम सज़ा काट रहे हैं। राम रहीम को कुल 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर भेजा जा चुका है। इनमें से 6 बार ऐसा सुनील सांगवान के बतौर जेल अधीक्षक रहते हुआ।

उनके कार्यकाल के दौरान ये वो मौके हैं जब राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया।

• 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 21 मई 2021 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 से 28 फरवरी तक 21 दिन की फरलो दी गई थी।

• हरियाणा नगर निगम चुनाव 2022 से पहले 17 जून से 16 जुलाई तक 30 दिन की पैरोल।

• आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 2022 से पहले 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक 40 दिन की पैरोल।

• 21 जनवरी से 3 मार्च, 2023 तक 40 दिन की पैरोल।

हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल

बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था।

सुनील सांगवान जिनके जेलर रहते हुए राम रहीम को मिली 6 बार परोल, बीजेपी ने क्यों की टिकट देने के मेहरबानी?

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे है। बीजेपी ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची में एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। यह नाम उस पूर्व जेल अधिकारी का है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा चीफ को छह बार पैरोल दी है।गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के दोषी हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में क़ैद हैं। जिसे बार-बार पैरोल देने वाले जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी मेहरबान दिखी। पार्टी ने सुनील सांगवान को चरखी दादरी से टिकट दिया है।

जेल अधीक्षक पद से वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद सुनील सांगवान बीते दिनों बीजेपी में शामिल हुए हैं।सुनील सांगवान को बीजेपी में शामिल कराने में इतनी जल्दी दिखाई गई कि हरियाणा सरकार ने रविवार यानी 1 सितंबर को ही गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक पद से वीआरएस के उनके आवेदन को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

बीबीसी की खबर के मुताबिक जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने उसी दिन 'नो ड्यूज' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। डीजी की तरफ़ से जारी पत्र में कहा गया, "सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इसलिए आग्रह है कि सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, गुरुग्राम के पक्ष में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र शाम 4 बजे तक जारी कर दिया जाए।''

सुनील सांगवान ने जेल विभाग में 22 साल से अधिक काम किया है। वो साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। उन्होंने राज्य की कई जेलों में बतौर जेल अधीक्षक काम किया है, इसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है जहां उन्होंने पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। ये वो ही जेल है जहां राम रहीम सज़ा काट रहे हैं। राम रहीम को कुल 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर भेजा जा चुका है। इनमें से 6 बार ऐसा सुनील सांगवान के बतौर जेल अधीक्षक रहते हुआ।

उनके कार्यकाल के दौरान ये वो मौके हैं जब राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया।

• 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 21 मई 2021 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 से 28 फरवरी तक 21 दिन की फरलो दी गई थी।

• हरियाणा नगर निगम चुनाव 2022 से पहले 17 जून से 16 जुलाई तक 30 दिन की पैरोल।

• आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 2022 से पहले 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक 40 दिन की पैरोल।

• 21 जनवरी से 3 मार्च, 2023 तक 40 दिन की पैरोल।

हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल

बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था।

विनेश फोगाट और पूनिया कांग्रेस के मोहरे थे’ बृजभूषण शरण सिंह के बयान में कितनी सच्चाई?

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ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पार्टी की तरफ से विनेश को जुलाना से टिकट भी दे दिया गया है। वहीं, पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।फोगट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया।

बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और बीजेपी की विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह बात सच साबित हुई कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की साजिश थी। राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है।’ अब सवाल है कि बृज भूषण शरण सिंह के बयान का आधार क्या? भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख की बातों में कितनी सच्चाई है?

वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, यह तो होना ही था। पूरे देश में सबको पता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और उसके पूरे कर्ता-धर्ता दीपेंद्र हुड्डा और पूरी हुड्डा फेमिली थी। इसकी चिंगारी हरियाणा से लगाई गई। इस धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की तारीफ़ की थी और कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। यह ओलंपिक का साल था और आंदोलन करके जो पांच छह मेडल आने वाले थे, उसे भी डिस्टर्ब किया गया।

विनेश के साथ ही बजरंग पुनिया ने हरियाणा के चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान व‍िनेश ने कांग्रेस में शाम‍िल होने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने और अन्य महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई, तो दुर्भाग्य की बात रही कि बीजेपी ने हमारा साथ देना जरूरी नहीं समझा। इस मुश्किल वक्त में किसी ने हमारा साथ दिया, तो वो कांग्रेस ही थी, इसलिए हमने कांग्रेस में शाम‍िल होने का फैसला किया।

अब सवाल है क्या कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए पहलवानों के प्रदर्शन को सियासी रंग दिया? विनेश फोगाट के कांग्रेस का दामन थामने और चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक परिस्थिति पर कितना असर पड़ेगा, ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा। लेकिन हरियाणा की राजनीति पर क़रीबी नज़र रखने वालों की मानों तो ओलंपिक खेलों के बाद विनेश के पक्ष में बने सेंटीमेंट का कांग्रेस को फायदा होगा। हरियाणा में किसान पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को किसानों ने समर्थन दिया था। विनेश की छवि एक किसान की बेटी की है। ऐसे में विनेश को टिकट देने से किसानों के बीच कांग्रेस की छवि और पुख़्ता होगी और इससे राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी उसे फायदा मिलेगा।