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किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ गए सोयाबीन के दाम, अब मिलेंगे इतने पैसे, केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति

 मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दामों को लेकर किसानों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि मोहन सरकार ने मोदी सरकार के पास सोयाबीन के दाम बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृति मिल गई है. सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन के दामों को बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसे मोदी सरकार को भेजा गया था.

सीएम मोहन यादव रात में ही दिल्ली रवाना हो गए थे. ऐसे में प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर मानी जा रही है. क्योंकि लंबे समय से सोयाबीन के दाम बढ़ाने की मांग चल रही है. मोहन सरकार ने सोयाबीन के दाम 4892 रुपए समर्थन मूल्य पर करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे मोदी सरकार ने पास कर दिया है. सीएम मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित है मध्य प्रदेश सरकार.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सदैव किसानों की चिंता की है इसी क्रम में सोयाबीन खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ₹4,892 प्रति क्विंटल की प्रस्तावित MSP को कल केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे तुरंत आज स्वीकृति मिल गई है. किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय कृषि मंत्री जी एवं वाणिज्य मंत्री का प्रदेश के अन्नदाताओं की ओर से हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.

बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश को फिर से सोयाबीन को लेकर सोया स्टेट का दर्जा मिला है. मध्य प्रदेश राजस्थान और महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर सोया स्टेट बना है. प्रदेश में लंबे समय से सोयाबीन को लेकर मांगों को बढ़ाए जाने की मांग चल रही थी. जिसके बाद अब मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी. हालांकि किसान सोयाबीन की एमएसपी 6 हजार रुपए करने की मांग लेकर कई जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश में देश के कुल सोयाबीन का 41.92 प्रतिशत हिस्सा देश को देता है. 2023-24 में मध्य प्रदेश ने 54.72 उत्पादन सोयाबीन का लाख टन में किया है. इस बार भी प्रदेश में बंपर सोयाबीन की फसल आने की उम्मीद है. हालांकि सोयाबीन की एमएसपी पिछले कुछ महीनों से बढ़ी नहीं थी. लेकिन अब सोयाबीन के दाम बढ़ गए हैं.

जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-कठुआ के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकी ढेर

#kathua_khandar_encounter_jaish_e_mohammed_terrorist_killed_by_indian_army 

जम्मू और कश्मीर के उधमपुर और कठुआ जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है।ये दोनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर थे।इनके पास सेएक एम-4 और एक एके सीरीज की राइफल, गोला-बारूद और खाद्य सामग्री बरामद हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इलाके में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी ग्रुप के भारी हथियारों से लैस 4 आतंकवादी फंसे हुए हैं। इन्हें सुरक्षाबलों ने घेर रखा है। जानकारी मिल रही है कि सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ में 2 आतंकवादियों को मार गिराया है। 

थोड़ी देर पहले डिफेंस प्रवक्ता ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया था कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर कठुआ में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया और कठुआ-बसंतगढ़ बॉर्डर पर आतंकवादियों को घेरा गया। पुलिस ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और दोनों तरफ से कुछ राउंड फायरिंग भी हुई थी। 

जम्मू रीजन में मौजूद आतंकियों की तलाश और खात्मे के लिए सुरक्षाबलों की टीमें अलग-अलग इलाकों लगातार ऑपरेशन चला रही हैं। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमें अंजाम दे रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को खंडारा इलाके में आतंकियों की मौजूदगी का इनपुट मिलने पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी शुरू की। इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरता देख फायरिंग की। इस पर सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला। कई घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है।

सुनील सांगवान जिनके जेलर रहते हुए राम रहीम को मिली 6 बार परोल, बीजेपी ने क्यों की टिकट देने के मेहरबानी?

#bjp_gives_ticket_to_sunil_sangwan_who_had_given_parol_to_ram_rahim

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे है। बीजेपी ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची में एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। यह नाम उस पूर्व जेल अधिकारी का है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा चीफ को छह बार पैरोल दी है।गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के दोषी हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में क़ैद हैं। जिसे बार-बार पैरोल देने वाले जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी मेहरबान दिखी। पार्टी ने सुनील सांगवान को चरखी दादरी से टिकट दिया है।

जेल अधीक्षक पद से वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद सुनील सांगवान बीते दिनों बीजेपी में शामिल हुए हैं।सुनील सांगवान को बीजेपी में शामिल कराने में इतनी जल्दी दिखाई गई कि हरियाणा सरकार ने रविवार यानी 1 सितंबर को ही गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक पद से वीआरएस के उनके आवेदन को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

बीबीसी की खबर के मुताबिक जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने उसी दिन 'नो ड्यूज' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। डीजी की तरफ़ से जारी पत्र में कहा गया, "सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इसलिए आग्रह है कि सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, गुरुग्राम के पक्ष में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र शाम 4 बजे तक जारी कर दिया जाए।''

सुनील सांगवान ने जेल विभाग में 22 साल से अधिक काम किया है। वो साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। उन्होंने राज्य की कई जेलों में बतौर जेल अधीक्षक काम किया है, इसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है जहां उन्होंने पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। ये वो ही जेल है जहां राम रहीम सज़ा काट रहे हैं। राम रहीम को कुल 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर भेजा जा चुका है। इनमें से 6 बार ऐसा सुनील सांगवान के बतौर जेल अधीक्षक रहते हुआ।

उनके कार्यकाल के दौरान ये वो मौके हैं जब राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया।

• 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 21 मई 2021 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 से 28 फरवरी तक 21 दिन की फरलो दी गई थी।

• हरियाणा नगर निगम चुनाव 2022 से पहले 17 जून से 16 जुलाई तक 30 दिन की पैरोल।

• आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 2022 से पहले 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक 40 दिन की पैरोल।

• 21 जनवरी से 3 मार्च, 2023 तक 40 दिन की पैरोल।

हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल

बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था।

सुनील सांगवान जिनके जेलर रहते हुए राम रहीम को मिली 6 बार परोल, बीजेपी ने क्यों की टिकट देने के मेहरबानी?

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे है। बीजेपी ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची में एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। यह नाम उस पूर्व जेल अधिकारी का है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा चीफ को छह बार पैरोल दी है।गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के दोषी हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में क़ैद हैं। जिसे बार-बार पैरोल देने वाले जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी मेहरबान दिखी। पार्टी ने सुनील सांगवान को चरखी दादरी से टिकट दिया है।

जेल अधीक्षक पद से वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद सुनील सांगवान बीते दिनों बीजेपी में शामिल हुए हैं।सुनील सांगवान को बीजेपी में शामिल कराने में इतनी जल्दी दिखाई गई कि हरियाणा सरकार ने रविवार यानी 1 सितंबर को ही गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक पद से वीआरएस के उनके आवेदन को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

बीबीसी की खबर के मुताबिक जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने उसी दिन 'नो ड्यूज' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। डीजी की तरफ़ से जारी पत्र में कहा गया, "सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इसलिए आग्रह है कि सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, गुरुग्राम के पक्ष में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र शाम 4 बजे तक जारी कर दिया जाए।''

सुनील सांगवान ने जेल विभाग में 22 साल से अधिक काम किया है। वो साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। उन्होंने राज्य की कई जेलों में बतौर जेल अधीक्षक काम किया है, इसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है जहां उन्होंने पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। ये वो ही जेल है जहां राम रहीम सज़ा काट रहे हैं। राम रहीम को कुल 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर भेजा जा चुका है। इनमें से 6 बार ऐसा सुनील सांगवान के बतौर जेल अधीक्षक रहते हुआ।

उनके कार्यकाल के दौरान ये वो मौके हैं जब राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया।

• 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 21 मई 2021 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल

• 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 से 28 फरवरी तक 21 दिन की फरलो दी गई थी।

• हरियाणा नगर निगम चुनाव 2022 से पहले 17 जून से 16 जुलाई तक 30 दिन की पैरोल।

• आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 2022 से पहले 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक 40 दिन की पैरोल।

• 21 जनवरी से 3 मार्च, 2023 तक 40 दिन की पैरोल।

हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल

बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था।

विनेश फोगाट और पूनिया कांग्रेस के मोहरे थे’ बृजभूषण शरण सिंह के बयान में कितनी सच्चाई?

#vinesh_phogat_bajrang_poonia_were_pawns_of_congress  

ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पार्टी की तरफ से विनेश को जुलाना से टिकट भी दे दिया गया है। वहीं, पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।फोगट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया।

बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और बीजेपी की विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह बात सच साबित हुई कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की साजिश थी। राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है।’ अब सवाल है कि बृज भूषण शरण सिंह के बयान का आधार क्या? भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख की बातों में कितनी सच्चाई है?

वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, यह तो होना ही था। पूरे देश में सबको पता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और उसके पूरे कर्ता-धर्ता दीपेंद्र हुड्डा और पूरी हुड्डा फेमिली थी। इसकी चिंगारी हरियाणा से लगाई गई। इस धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की तारीफ़ की थी और कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। यह ओलंपिक का साल था और आंदोलन करके जो पांच छह मेडल आने वाले थे, उसे भी डिस्टर्ब किया गया।

विनेश के साथ ही बजरंग पुनिया ने हरियाणा के चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान व‍िनेश ने कांग्रेस में शाम‍िल होने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने और अन्य महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई, तो दुर्भाग्य की बात रही कि बीजेपी ने हमारा साथ देना जरूरी नहीं समझा। इस मुश्किल वक्त में किसी ने हमारा साथ दिया, तो वो कांग्रेस ही थी, इसलिए हमने कांग्रेस में शाम‍िल होने का फैसला किया।

अब सवाल है क्या कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए पहलवानों के प्रदर्शन को सियासी रंग दिया? विनेश फोगाट के कांग्रेस का दामन थामने और चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक परिस्थिति पर कितना असर पड़ेगा, ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा। लेकिन हरियाणा की राजनीति पर क़रीबी नज़र रखने वालों की मानों तो ओलंपिक खेलों के बाद विनेश के पक्ष में बने सेंटीमेंट का कांग्रेस को फायदा होगा। हरियाणा में किसान पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को किसानों ने समर्थन दिया था। विनेश की छवि एक किसान की बेटी की है। ऐसे में विनेश को टिकट देने से किसानों के बीच कांग्रेस की छवि और पुख़्ता होगी और इससे राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी उसे फायदा मिलेगा।

राम मंदिर निर्माण से सरकार के खजाने में आएंगे 400 करोड़ रुपए, 42 दिन में लोगों ने दिया 2800 करोड़ का दान

अयोध्या में स्थित राम मंदिर निर्माण में लगने वाली सामग्री को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमने मंदिर निर्माण के लिए उपयोग की गई हर एक सामग्री का भुगतान कर दिया है. राम मंदिर निर्माण के लिए जो सामग्री लाई गई उससे सरकार को करीब 400 करोड़ रुपए का जीएसटी मिलेगा. चंपत राय ने ये जानकारी मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित एक समारोह में दी.

इंदौर में एक कार्यक्रम को लेकर राम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण में लगे रुपयों को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमने मंदिर में लगने वाली हर एक सामग्री का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमने राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में 42 दिन तक समर्पण निधि अभियान चलाया था.

चंपत राय ने कहा कि 42 दिन चले समर्पण अभियान के दौरान देश के 10 करोड़ लोगों ने भगवान के प्रति आस्था दिखाते हुए मंदिर निर्माण के लिए पैसे दिए. 42 दिन में लोगों ने 2800 करोड़ रुपए दान दिए. लोगों ने मंदिर निर्माण ही नहीं, बल्कि सरकार का भी सहयोग किया है. लोगों ने जो पैसा दिया उससे मंदिर निर्माण के लिए सामग्री लाई गई. उससे सरकार को जीसटी के तौर पर करोड़ों रुपए मिले हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट के एवज में एक रुपया दिया था. जिसे फ्रेम कराकर मंदिर के लॉकर में रखा गया है.

चंपत राय ने कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर में लगे पत्थर और लकड़ी का भुगतान कर दिया गया है. बता दें कि मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से पत्थर मंगवाया गया था और महाराष्ट्र से लकड़ी मंगवाई गई थी. यहीं अलग शहरों और राज्यों से मंदिर निर्माण के लिए जरूरी सामान मंगवाया गया था. जिसको लेकर चंपत राय ने कहा कि सभी सामग्री का भुगतान किया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी आजादी की लड़ाई से कम नहीं था.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को लेकर दिया बड़ा बयान, मचा बवाल! आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की धरती से मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखा है। वर्जीनिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए। हम चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है। मैंने कहा देखी जाएगी, देखते हैं क्या होता है। लेकिन चुनावों के बाद कुछ बदल गया है।

कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब। मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर​ फैलाया और छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव, सबकुछ एक सेकेंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और लेकिन ये डर एक सेकेंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।

इससे पहले 8 सितबंर को नेता विपक्ष ने बेरोजगारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं को लेकर संघ की दकियानूसी सोच की आलोचना की थी। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में चर्चा के दौरान राहुल गांधी के विचारों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने राहुल गांधी को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताया, जो विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करता है।

दरअसल अमेरिका में छात्रों के साथ चर्चा कर रहे राहुल गांधी से बेरोजगारी की समस्या के बारे में पूछा गया था। इस बारे में राहुल गांधी ने कहा कि 1960 तक अमेरिका प्रोडक्शन का केंद्र का हुआ करता था, इसके बाद नौकरियां कोरिया, जापान और चीन में पैदा होने लगीं। आज आप देखिए ग्लोबल प्रोडक्शन में चीन का दबदबा है। भारत में आप देखेंगे फोन, फर्नीचर और कपड़े चीन के बने हुए हैं। और ये सच्चाई है। राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत ने नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोडक्शन के आइडिया पर काम करना बंद कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि आपने सबकुछ चीन को सौंप दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि टेक्सटाइल के मामले में बांग्लादेश ने भी भारत को पीछे छोड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष ने चेताते हुए कहा कि प्रोडक्शन में आई गिरावट बहुत सारी सामाजिक समस्याओं को पैदा करेगी। और यही वजह है कि राजनीति में ध्रुवीकरण हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच विचाराधारा की लड़ाई है।

बीजेपी और आरएसएस के लोग मानते हैं कि महिलाओं को एक भूमिका तक सीमित रहना चाहिए। उन्हें घरों में रहना चाहिए। खाना बनाना चाहिए। उन्हें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। और हम मानते हैं कि महिलाओं को वह सब करने की आजादी होनी चाहिए जो वे अपनी जिंदगी में करना चाहती हैं।

आरएसएस और भारत बनाम चीन के मुद्दे पर बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, देश के प्रति जवाबदेही है उनकी, लेकिन वह बार-बार विदेशी धरती से देश की छवि को खराब कर रहे हैं, ये राष्ट्रद्रोह है।

उन्होंने कहा कि कोई भी देशभक्त ऐसा नहीं करेगा, लेकिन राहुल गांधी निराश हो गए हैं। लेकिन लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस का सफाया होने के बाद राहुल गांधी अमेरिका में अपना फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं, देश की छवि को बदनाम कर रहे हैं। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल सकते हैं, वे भारत को कमजोर कर रहे हैं। वह चीन के साथ खड़े हैं।

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा…राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब विपक्ष के नेता हैं। एक तरफ वह भारत जोड़ो की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ मौका मिलने पर आलोचना भी करते हैं। उनके चीन के साथ बहुत गहरे संबंध हैं…”

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को लेकर दिया बड़ा बयान, मचा बवाल! आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की धरती से मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखा है। वर्जीनिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए। हम चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है। मैंने कहा देखी जाएगी, देखते हैं क्या होता है। लेकिन चुनावों के बाद कुछ बदल गया है।

कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब। मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर​ फैलाया और छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव, सबकुछ एक सेकेंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और लेकिन ये डर एक सेकेंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।

इससे पहले 8 सितबंर को नेता विपक्ष ने बेरोजगारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं को लेकर संघ की दकियानूसी सोच की आलोचना की थी। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में चर्चा के दौरान राहुल गांधी के विचारों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने राहुल गांधी को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताया, जो विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करता है।

दरअसल अमेरिका में छात्रों के साथ चर्चा कर रहे राहुल गांधी से बेरोजगारी की समस्या के बारे में पूछा गया था। इस बारे में राहुल गांधी ने कहा कि 1960 तक अमेरिका प्रोडक्शन का केंद्र का हुआ करता था, इसके बाद नौकरियां कोरिया, जापान और चीन में पैदा होने लगीं। आज आप देखिए ग्लोबल प्रोडक्शन में चीन का दबदबा है। भारत में आप देखेंगे फोन, फर्नीचर और कपड़े चीन के बने हुए हैं। और ये सच्चाई है। राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत ने नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोडक्शन के आइडिया पर काम करना बंद कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि आपने सबकुछ चीन को सौंप दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि टेक्सटाइल के मामले में बांग्लादेश ने भी भारत को पीछे छोड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष ने चेताते हुए कहा कि प्रोडक्शन में आई गिरावट बहुत सारी सामाजिक समस्याओं को पैदा करेगी। और यही वजह है कि राजनीति में ध्रुवीकरण हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच विचाराधारा की लड़ाई है।

बीजेपी और आरएसएस के लोग मानते हैं कि महिलाओं को एक भूमिका तक सीमित रहना चाहिए। उन्हें घरों में रहना चाहिए। खाना बनाना चाहिए। उन्हें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। और हम मानते हैं कि महिलाओं को वह सब करने की आजादी होनी चाहिए जो वे अपनी जिंदगी में करना चाहती हैं।

आरएसएस और भारत बनाम चीन के मुद्दे पर बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, देश के प्रति जवाबदेही है उनकी, लेकिन वह बार-बार विदेशी धरती से देश की छवि को खराब कर रहे हैं, ये राष्ट्रद्रोह है।

उन्होंने कहा कि कोई भी देशभक्त ऐसा नहीं करेगा, लेकिन राहुल गांधी निराश हो गए हैं। लेकिन लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस का सफाया होने के बाद राहुल गांधी अमेरिका में अपना फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं, देश की छवि को बदनाम कर रहे हैं। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल सकते हैं, वे भारत को कमजोर कर रहे हैं। वह चीन के साथ खड़े हैं।

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा…राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब विपक्ष के नेता हैं। एक तरफ वह भारत जोड़ो की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ मौका मिलने पर आलोचना भी करते हैं। उनके चीन के साथ बहुत गहरे संबंध हैं…”

दिल्ली-एनसार में महसूस किए गए भूकंप के झटके, यूपी से कश्मीर तक कांपी धरती,पाकिस्तान था केंद्र

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दिल्ली एनसीआर में बुधवार दोपहर एक बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूपी से लेकर कश्मीर तक धरती कांपी है। भूकंप के ये झटके हरियाणा, पंजाब और कश्मीर से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक में महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के करूर इलाके में था। जिसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई है। फिलहाल, इस भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

बताया गया कि बुधवार को दोपहर में उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान के पेशावर, इस्लामाबाद और लाहौर में भी झटके महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान में 12 बजकर 58 मिनट पर यह भूकंप आया था। इसके झटके ही भारत और अफगानिस्तान में महसूस किए गए। इस भूकंप का सेंटर पंजाब के अमृतसर से 415 किलोमीटर पश्चिम पाकिस्तान में था।

वहीं, भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में धरती हिली है। दिल्ली-एनसीआर में दो हफ्ते के अंदर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले 29 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर में धरती हिली थी।

डोनाल्ड ट्रंप-कमला हैरिस के बीच तीखी बहस, जानें प्रेसिडेंशियल डिबेट में किसकी हुई जीत?

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में आमने-सामने आए। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला हुआ। 1 घंटे 45 मिनट की बहस में कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कैपिटल हिल दंगा, गर्भपात कानून जैसे मुद्दों पर घेरा। हैरिस ने कहा कि लोग थकान और ऊब के चलते ट्रंप की रैलियों से चले गए। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस को अप्रवासन, बॉर्डर और इजरायल को लेकर निशाने पर लिया।

इस मुकाबले में कमला हैरिस रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ती दिखीं। सीएनएन के एक पोल के अनुसार, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार की बहस देखने वाले पंजीकृत मतदाताओं 63 प्रतिशत ने माना कि हैरिस ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, ट्रंप के प्रदर्शन को 37 प्रतिशत ने अच्छा बताया। खास बात यह है कि बहस से पहले मतदाता दोनों के प्रदर्शन पर समान रूप से बंटे थे। 50% ने हैरिस और 50% ने ट्रंप के मजबूत प्रदर्शन की बात कही थी। बता दें कि, पोल के नतीजे केवल उन मतदाताओं के विचारों को दर्शाते हैं जो इसे देख रहे थे। यह सभी वोटरों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

इस डिबेट की शुरुआत में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और अपना-अपना परिचय भी दिया। बता दें कि अमेरिका के इतिहास में पिछले आठ सालों से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की तरफ से हाथ नहीं मिलाया गया था। डिबेट की शुरुआत के बाद दोनों उम्मीदवारों की तरफ से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप को दौर शुरू हुआ। इस दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि ट्रंप हमारे लिए सबसे खराब इकोनॉमी और लोकतंत्र छोड़कर गए थे। इस दौरान कमला हैरिस ने कहा कि वे एक मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं और अकेली उम्मीदवार हैं जिनके पास अमेरिका के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजना है।

इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने देश की मौजूदा बाइडन सरकार पर आरोप लगाया कि देश में महंगाई का सबसे खराब दौर है। डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने वो काम क्यों नहीं किए जिन्हें करने का वादा किया था। कमला ने ऐसा क्यों नहीं किया? ट्रंप ने कहा कि हम एक असफल राष्ट्र हैं। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो गंभीर गिरावट में है। दुनिया भर में हमारा मजाक उड़ाया जा रहा है। हम नेता नहीं हैं। हमारे मध्य पूर्व में युद्ध चल रहे हैं, रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा हैं और हम तीसरे विश्व युद्ध में समाप्त होने जा रहे हैं।

डिबेट के दौरान ट्रंप बहस में बार-बार बाइडन की चीन को लेकर पॉलिसी पर कमला हैरिस पर निशाना साध रहे थे। जिसपर कमला हैरिस ने कहा आप की सरकार तो चीन को सप्लाई कर रही थी।

इस डिबेट के दौरान जब ट्रंप ने अपराध नियंत्रण को लेकर बाइडन सरकार के रिकॉर्ड पर हमला किया, तो हैरिस ने जवाब दिया कि यह टिप्पणी किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से की जा रही है, जिस पर कई बार आपराधिक आरोप लगे हैं। जिस पर ट्रंप ने कहा कि उनके खिलाफ मामले न्याय विभाग के हथियारीकरण का एक उदाहरण हैं, ताकि एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाया जा सके। फिर उन्होंने 13 जुलाई की हत्या के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, शायद मैंने उन बातों के कारण सिर पर गोली खाई है। वे लोकतंत्र की बात करते हैं, मैं लोकतंत्र के लिए खतरा हूं, आप लोग लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

वहीं इस पर पलटवार करते हुए कमला हैरिस ने कहा कि मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में दुनिया की यात्रा की है। विश्व के नेता डोनाल्ड ट्रंप पर हंस रहे हैं। वे कहते हैं कि आप एक कलंक हैं।

इस डिबेट से ऐसा लग रहा है कि कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाजी पलट दी है। इसकी वजह है कि डिबेट से पहले तक मुकाबला 50-50 का था। डिबेट से पहले वही वोटर्स यह तय नहीं कर पा रहे थे कि कौन कैंडिडेट बेहतर है। डिबेट से पहले तक 50 फीसदी वोटर्स का कहना था कि कमला हैरिस बेहतर प्रदर्शन करेंगी। वहीं, 50 फीसदी वोटर्स का मानना था कि डोनाल्ड ट्रंप ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कुल मिलाकर डिबेट से पहले मुकाबला बराबरी का था। मगर अब जो लेटेस्ट सर्वे के रिजल्ट आए हैं, उससे साफ है कि कमला ने बाजी मार ली है और ट्रंप पिछड़ गए हैं।