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चीन फुटबॉल एसोसिएशन का बड़ा एक्शन, मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में 43 लोगों पर लाइफटाइम के लिए किया बैन

चीन फुटबॉल एसोसिएशन ने 43 लोगों पर मैच फिक्सिंग और दूसरे भ्रष्टाचारों के आरोप में लाइफटाइम बैन लगाया है. एसोसिएशन के इस एक्शन में 38 खिलाड़ी और 5 मैच ऑफिशियल्स शामिल हैं. चीन का रिकॉर्ड आमतौर पर दूसरे खेलों में अच्छा है. इस वजह से ओलंपिक के दौरान वह 40 गोल्ड मेडल के साथ दूसरे नंबर पर रहा था. लेकिन फुटबॉल में भ्रष्टाचार के कारण उसकी स्थिति हमेशा से बहुत बुरी रही है. इसकी सुधार और इस खेल में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए चीन के फुटबॉल एसोसिएशन ने दो साल की लंबी जांच के बाद ये कदम उठाया है.

2 साल चली जांच

चीन फुटबॉल एसोसिएशन के इस जांच में 120 मैच, 128 संदिग्ध और 41 क्लब निशाने पर थे. एसोसिएशन ने दो साल तक लंबी जांच की, जिसके बाद 38 खिलाड़ी और 5 मैच ऑफिशियल दोषी पाए. शिनहुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, जांच में पता चला कि ये सभी ऑनलाइन जुआ, मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल थे. वहीं कुछ विदेशी खिलाड़ियों और ऑफिशियल्स पर शॉर्ट टर्म बैन लगाए गए हैं. इनमें कुछ विदेशी खिलाड़ी भी शामिल थे, जो ज्यादा सैलरी के लिए चीन शिफ्ट हो गए थे.

2026 वर्ल्ड कप के लिए एशिया क्वालिफिकेशन राउंड में तीसरे दौर की शुरूआत हो चुकी है. पिछले ही हफ्ते जापान ने चीन को 7-0 से रौंद दिया था. यह जापान के खिलाफ चीन की सबसे बड़ी हार थी. अब उसका मुकाबला सऊदी अरब से है. 2026 वर्ल्ड कप अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा के मेजबानी में होना है और इसमें 48 टीमें हिस्सा लेंगी. चीन मौजूदा फीफा रैंकिंग में 87वें नंबर पर है.उसके पास अभी भी में इसमें क्वालिफाई करने का मौका है. बता दें चीन ने 2002 में वर्ल्ड कप के लिए एक बार क्वालीफाई किया था.

क्वालिफायर में कौन आगे?

फीफा वर्ल्ड कप 2026 के लिए 18 टीमें मुकाबला कर रही हैं. इन्हें 6-6 की 3 ग्रुप (A,B,C) में बांटा गया है. हर ग्रुप की टॉप-2 टीम सीधे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर जाएंगी, जबकि नंबर 3 और 4 की टीम को चौथे राउंड में फिर से मशक्कत करनी पड़ेगी. सभी टीमों ने फिलहाल एक-एक मैच खेलें हैं. इसके बाद ग्रुप ए में युएई और ईरान, ग्रुप बी में इराक और जॉर्डन, वहीं ग्रुप सी में जापान और बहरीन की टीम टॉप-2 पर बनी हुई हैं. चीन ग्रुप सी में जापान से हारकर सबसे अंतिम पर है.

सौरव गांगुली की बड़ी भविष्यवाणी: ऋषभ पंत बन सकते हैं टेस्ट क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ी

टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली को मॉडर्न क्रिकेट का सबसे महान खिलाड़ी माना जाता है. वहीं, टेस्ट फॉर्मेट की बात आती है तो इस दिनों जो रूट का नाम सबसे आगे है. माना जा रहा है कि रूट टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं. इन सब के बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ी भविष्यवाणी की है. उन्होंने उस खिलाड़ी का नाम बताया है जो आने वाले समय में टेस्ट का सबसे महान खिलाड़ी बन सकता है.

सौरव गांगुली ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी

सौरव गांगुली ने भविष्यवाणी की है कि भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल हो सकते हैं. गांगुली ने एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मैं ऋषभ पंत को भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक मानता हूं. उनकी टेस्ट क्रिकेट में वापसी से मैं हैरान नहीं हूं. वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में खेलते रहेंगे. अगर वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहे तो टेस्ट क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल हो जाएंगे. मेरा मानना है कि उन्हें छोटे फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है. वह प्रतिभाशाली है और मुझे यकीन है कि वह जल्द ही ऐसा करने में सफल रहेगा.’

लंबे समय बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी

दिसंबर 2022 में कार दुर्घटना में चोटिल होने के बाद पंत को पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है. उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज के लिए टीम में चुना गया है. वहीं, पूरी उम्मीद है कि बांग्लादेश के खिलाफ 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल किया जाएगा.

मोहम्मद शमी की वापसी पर कही ये बात

मोहम्मद शमी को टखने के ऑपरेशन के कारण टीम में शामिल नहीं किया गया लेकिन गांगुली को विश्वास है कि यह तेज गेंदबाज इस साल के आखिर में होने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरे से पहले पूरी तरह फिट हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मोहम्मद शमी चोटिल होने के कारण टीम में शामिल नहीं है लेकिन वह जल्द ही वापसी करेगा क्योंकि भारत को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है. भारत का आक्रमण अभी बहुत अच्छा है.’

गांगुली ने आगे कहा, ‘मैं भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का इंतजार कर रहा हूं. टीम की वहां असली परीक्षा होगी. इसके बाद टीम को जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करना है और यह दोनों दौरे बेहद महत्वपूर्ण होंगे. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की मौजूदगी तथा शमी की वापसी से तब भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत होगा.’

मयंक रावत की तूफानी बल्लेबाजी से दिल्ली राइडर्स ने जीता DPL का खिताब

DPL यानी दिल्ली प्रीमियर लीग खत्म हो गया. 8 सितंबर को इसका फाइनल मैच ईस्ट दिल्ली राइडर्स और साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स के बीच खेला गया. इस मुकाबले को जीतकर ईस्ट दिल्ली राइडर्स की टीम चैंपियन बनीं. ईस्ट दिल्ली राइडर्स की टीम को चैंपियन बनाने में मयंक रावत की तूफानी बल्लेबाजी का बड़ा हाथ रहा. ईस्ट दिल्ली राइडर्स की इनिंग के आखिरी ओवर में मयंक रावत ने 5 छक्के लगाए, जिसमें 4 छक्के लगातार जड़े. ये ओवर साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स के कप्तान आयुष बडोनी डाल रहे थे.

200 की स्ट्राइक रेट से मयंक रावत का विस्फोट

DPL के फाइनल मुकाबले में ईस्ट दिल्ली राइडर्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी की और 20 ओवर में 5 विकेट पर 183 रन बनाए. ईस्ट दिल्ली की टीम की ओर से मयंक रावत ने सबसे ज्यादा नाबाद 78 रन बनाए. उन्होंने ये रन 200 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 39 गेंदों पर बनाए. मयंक रावत की इस इनिंग में 7 चौके और 6 छक्के शामिल रहे.

आयुष बडोनी डालने आए आखिरी ओवर, मयंक रावत ने जमाए 5 छक्के

मयंक रावत ने अपनी धुआंधार इनिंग में जमाए 6 छक्कों में 5 छक्के सिर्फ एक ओवर में जमाए. उन्होंने ऐसा आयुष बडोनी के खिलाफ किया, जो कि ईस्ट दिल्ली राइडर्स की पारी का आखिरी ओवर डालने आए थे. आयुष बडोनी, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्सके कप्तान हैं और DPL में अपनी बल्लेबाजी को लेकर छाए रहे हैं. लेकिन, फाइनल में मयंक रावत ने उनकी गेंदों का जिस तरह से धागा खोला है, वो देखने लायक रहा है.

ईस्ट दिल्ली राइडर्स ने 3 रन से जीता मैच

मयंक रावत की विस्फोटक बैटिंग का शिकार सिर्फ कप्तान आयुष बडोनी ही नहीं बने, बल्कि उनकी टीम साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स भी बनी, जिसे आखिरी गेंद तक चले मैच में 3 रन से हार का सामना करना पड़ा. ईस्ट दिल्ली राइडर्स से मिले 184 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स की टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 180 रन ही बना सकी. यानी तमाम कोशिशों के बाद भी वो 3 रन से मुकाबला हार गए.

कौन हैं मयंक रावत, जिनका नाम है छाया?

अब सवाल है कि मयंक रावत कौन हैं, जिन्होंने फाइनल में अपनी जबरदस्त इनिंग से ईस्ट दिल्ली राइडर्स को DPL का चैंपियन बनाया? मयंक रावत, दिल्ली क्रिकेट के तूफानी बल्लेबाज का नाम है. वो शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ वाली अंडर 19 टीम का भी हिस्सा रहे थे, जिसने 2018 में वर्ल्ड कप जीता था. हालांकि, मयंक रावत को उस अंडर 19 वर्ल्ड कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था, ताकि जमाना उन्हें जान पाए. मयंक रावत के नाम एक ही वनडे मैच में 139 गेंदों पर नाबाद 408 रन जड़ने का कारनामा दर्ज है. और, अब ईस्ट दिल्ली राइडर्स ने जब DPL का पहला सीजन जीता है तो मयंक रावत का नाम चर्चा में है. उम्मीद है इस नाम का शोर आने वाले वक्त में अभी और मचेगा.

टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान, ये हैं 16 सदस्य

बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान हो गया है. बीसीसीआई ने रविवार 8 सितंबर को 16 सदस्यों वाले स्क्वॉड का ऐलान किया, जिसकी कमान रोहित शर्मा के हाथों में रहेगी. टीम में स्टार बल्लेबाज विराट कोहली, विकेटकीपर ऋषभ पंत और तूफानी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की वापसी हुई है. वहीं केएल राहुल भी टीम में लौटे हैं, जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल को पहली बार टीम इंडिया से बुलावा मिला है. टेस्ट सीरीज का पहला मैच 19 सितंबर से चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा.

21 महीनों बाद लौटे पंत, कोहली की भी वापसी

मार्च 2024 के बाद टीम इंडिया पहली बार टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रही है. इंग्लैंड के खिलाफ हुई उस टेस्ट सीरीज में स्टार बल्लेबाज विराट कोहली टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे. वो अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए परिवार के साथ थे. तब वो पांचों टेस्ट से बाहर रहे थे लेकिन अब वो टीम में वापसी कर रहे हैं. कोहली के साथ ही सबसे ज्यादा उत्सुकता ऋषभ पंत को लेकर थी, जो दिसंबर 2022 के बाद पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे. रोड एक्सीडेंट से उबरने के बाद पंत ने 3 दिन पहले ही दलीप ट्रॉफी से रेड बॉल क्रिकेट में वापसी की. संयोग से पंत का पिछला टेस्ट भी 21 महीने पहले बांग्लादेश के खिलाफ ही था.

ढाई महीने बाद दिखेंगे बुमराह

वहीं स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर बना हुआ कंफ्यूजन भी अब दूर हो गया है. माना जा रहा था कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे को देखते हुए बुमराह को रेस्ट दिया जा सकता है लेकिन उन्हें इस टेस्ट के लिए स्क्वॉड में शामिल किया गया है. हालांकि सेलेक्शन कमेटी और टीम मैनेजमेंट पहले भी साफ कर चुके हैं कि बुमराह का वर्कलोड मैनेज किया जाएगा. ऐसे में समझा जा रहा है कि बुमराह को दूसरे टेस्ट से रेस्ट दिया जाएगा. वैसे टी20 वर्ल्ड कप की जीत के बाद बुमराह ढाई महीने से भी ज्यादा वक्त के बाद पहली बार क्रिकेट मैदान पर उतरेंगे.

यश दयाल की पहली बार एंट्री

वहीं इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में ही फिटनेस के कारण बाहर हुए केएल राहुल को भी फिर जगह मिली है लेकिन वो विकेटकीपर नहीं रहेंगे. सेलेक्शन कमेटी ने पंत के अलावा ध्रुव जुरेल को भी विकेटकीपर के रूप में शामिल किया है. साथ ही सरफराज खान भी अपनी जगह बरकरार रखने में सफल रहे हैं, जबकि दलीप ट्रॉफी में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले पेसर आकाश दीप को भी मौका मिला है. इस स्क्वॉड में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल के रूप में एकमात्र नया चेहरा है. दयाल को पहली बार किसी भी फॉर्मेट में टीम इंडिया से बुलावा आया है. दयाल ने दलीप ट्रॉफी में इंडिया-बी की ओर से दूसरी पारी में 3 विकेट हासिल करते हुए टीम को जीत दिलाई.

पहले टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया

रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, सरफराज खान, केएल राहुल, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप और यश दयाल

दलीप ट्रॉफी 2024-शुभमन गिल के बर्थडे पर इंडिया-ए को मिली हार, आकाश दीप ने झटके 5 विकेट

दलीप ट्रॉफी 2024 के पहले राउंड के मुकाबले खत्म हो गए और श्रेयस अय्यर की तरह स्टार भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम को भी करारी हार का सामना करना पड़ा. बेंगलुरु में खेले गए इस मुकाबले के आखिरी दिन अभिमन्यु ईश्वरन की कप्तानी में इंडिया-बी ने इंडिया-ए को 76 रन से हरा दिया. शुभमन गिल के लिए ये हार इसलिए भी ज्यादा चुभने वाली रही क्योंकि वो बल्ले से नाकाम रहे, कप्तानी में भी असर नहीं डाल सके और फिर अपने बर्थडे वाले दिन हर मोर्चे पर फेल होकर टीम की हार के गवाह बने. मैच के आखिरी दिन इंडिया ए को जीत के लिए 275 रन चाहिए थे लेकिन पूरी टीम 194 रन पर ढेर हो गई.

आकाश दीप ने झटके 5 विकेट

चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच के आखिरी दिन रविवार 8 सितंबर को इंडिया-बी ने अपनी दूसरी पारी 6 विकेट पर 150 रन से आगे बढ़ाई. वॉशिंगटन सुंदर क्रीज पर थे लेकिन इंडिया-ए ने बचे हुए 4 विकेट चटकाने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया. तेज गेंदबाज आकाश दीप एक बार फिर स्टार रहे और उन्होंने इन 4 में से 3 विकेट अपने नाम किये और इंडिया-बी को 181 रनों पर ढेर कर दिया. पहली पारी में 4 विकेट लेने वाले आकाश ने दूसरी पारी में भी 5 विकेट झटक कर टेस्ट सीरीज के लिए अपना दावा मजबूत किया

सिर्फ राहुल ने दिखाया दम, बाकी सब फेल

पहली पारी में 90 रनों की बढ़त का फायदा इंडिया-बी को हुआ और उसने इंडिया-ए को 275 रन का लक्ष्य दिया. अब शुभमन गिल, केएल राहुल, मयंक अग्रवाल जैसे स्टार और रियान पराग, ध्रुव जुरेल और शिवम दुबे जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाजों से भरी टीम से तो उम्मीद थी कि वो इसे हासिल कर लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सिर्फ 99 रन तक ही मयंक, शुभमन गिल, रियान और शिवम समेत 6 विकेट गिर गए और इसने टीम की हार लगभग पक्की कर दी थी. ऐसे में नजरें केएल राहुल पर थीं कि क्या वो अकेले दम पर कुछ कमाल कर सकते हैं? जीत नहीं तो कम से कम ड्रॉ तक मुकाबले को ले जाएं?

राहुल ने इसको लेकर कोशिश काफी की. पहली पारी में काफी देर तक जमने के बावजूद बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे राहुल ने दूसरी पारी में भी कुछ ऐसा ही किया. इस बार उन्होंने अर्धशतक जरूर जमाया लेकिन इसके बाद तुरंत ही आउट भी हो गए. यश दयाल, मुकेश कुमार और नवदीप सैनी के पेस अटैक ने इंडिया-ए को दहला दिया. गेंद से कमाल करने वाले आकाश ने आखिर में कुछ बड़े शॉट खेलकर तेजी से 43 रन बनाए लेकिन ये हार टालने के लिए काफी नहीं था.

शुभमन गिल ने विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा, बने सबसे युवा कप्तान

पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर जब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे, तब उनके उत्तराधिकारी के तौर पर विराट कोहली के नाम की चर्चा हो रही थी. वो टीम इंडिया में आ भी चुके थे और धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहे थे. इसके बाद कोहली ने अपने करियर में जो हासिल किया, वो सब जानते हैं और सही मायनों में वो सचिन की जगह के हकदार साबित हुए. इसी तरह विराट कोहली की लेगेसी को आगे बढ़ाने वाले बल्लेबाज के तौर पर पिछले कुछ सालों से शुभमन गिल का नाम ही सबसे ज्यादा लिया जाता है. गिल पूरी तरह रंग में तो नहीं आए हैं लेकिन उनका असर भी दिखने लगा है और कोहली के कुछ रिकॉर्ड तोड़ने लगे हैं लेकिन बल्ले से कोहली के रिकॉर्ड तोड़ने से पहले गिल ने कप्तानी में विराट का एक रिकॉर्ड तोड़ा था, वो भी सिर्फ 20 साल की उम्र में. शुभमन गिल के जन्मदिन के मौके पर आपको इस रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं.

अंडर-19 वर्ल्ड कप से हिट, टीम इंडिया में एंट्री

8 सितंबर 1999 को पंजाब के फाजिल्का में जन्मे शुभमन गिल पर क्रिकेट जगत का ध्यान तब गया, जब 2018 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. उनसे ठीक 10 साल पहले विराट कोहली भी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. बस फर्क ये था कि कोहली कप्तान थे, जबकि गिल टीम के अहम बल्लेबाज थे. गिल ने तब सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन शतक जमाया था और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन के साथ प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.

गिल की इस सफलता के बाद से ही भारतीय क्रिकेट के कर्ता-धर्ताओं की नजर उन पर लगी रही और जल्द ही वो आईपीएल में भी आ गए, जहां कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 1.8 करोड़ रुपये की मोटी बोली के साथ खरीदा था. इसके एक साल बाद जनवरी 2019 में न्यूजीलैंड दौरे पर गिल ने टीम इंडिया के लिए वनडे क्रिकेट से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उनका डेब्यू खास अच्छा नहीं रहा था और सिर्फ 9 रन बना सके थे. अगले वनडे में भी वो 7 रन तक ही पहुंच पाए. इसके बाद गिल की टीम इंडिया में वापसी सीधे दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुई, जहां उन्होंने वनडे मैच में 33 रन बनाए थे और फिर मेलबर्न में टेस्ट डेब्यू किया था.

कप्तानी में तोड़ा विराट का रिकॉर्ड

वनडे डेब्यू और टीम इंडिया में वापसी के बीच गिल ने काफी डॉमेस्टिक क्रिकेट खेला और साथ ही इंडिया-ए के साथ अलग-अलग दौरों में हिस्सा लिया. यही वो वक्त था जब गिल ने एक खास रिकॉर्ड बनाया. डॉमेस्टिक क्रिकेट में उनके दमदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर सेलेक्टर्स ने 2019-20 की देवधर ट्रॉफी में गिल को इंडिया-C टीम का कप्तान नियुक्त किया. गिल की कप्तानी में टीम फाइनल तक पहुंचने में सफल रही लेकिन खिताब से चूक गई और इंडिया-B ने ट्रॉफी अपने नाम की. टीम जरूर हार गई लेकिन गिल ने एक खास रिकॉर्ड बना दिया. वो इस टूर्नामेंट के फाइनल में कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. गिल तब सिर्फ 20 साल 57 दिन के थे और उन्होंने विराट का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 2009-10 सीजन के फाइनल में 21 साल 112 दिन की उम्र में नॉर्थ जोन की कप्तानी की थी.

शुभमन गिल का करियर और रिकॉर्ड

इसके बाद से गिल इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना जलवा दिखा रहे हैं. उनके नाम टी20 इंटरनेशनल में भारत के लिए सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 63 गेंदों में 126 रन जड़े थे और कोहली के 122 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा था. इतना ही नहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 साल की उम्र में उन्होंने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमा दिया था और ऐसा करने वाले दुनिया के सबसे युवा बल्लेबाज बने.

सिर्फ इतना ही नहीं, अपने 25वें जन्मदिन से ठीक पहले गिल को वनडे और टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया का नया उप-कप्तान भी बना दिया गया, जो ये संकेत देता है कि उन्हें ही भविष्य का कप्तान देखा जा रहा है. गिल ने अभी तक टीम इंडिया के लिए 25 टेस्ट मैच में 1492 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 47 वनडे मैच में वो 2328 रन बना चुके हैं और 6 शतक, 13 अर्धशतक जड़ चुके हैं. 21 टी20 इंटरनेशनल मैच में वो 1 शतक-3 अर्धशतक की मदद से 578 रन बना चुके हैं.

पेरिस पैरालंपिक में नवदीप सिंह का कमाल, जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए मेडल आने का सिलसिला जारी है. 8 सितंबर को खेलों का यह भव्य इवेंट समाप्त हो जाएगा, लेकिन उससे एक दिन पहले शनिवार 7 सितंबर को भारत की झोली में 1 और गोल्ड मेडल आया. इसके साथ ही भारत के पास अब 7 गोल्ड हो गए हैं. ये कारनामा नवदीप सिंह ने मेंस जैवलिन थ्रो F41 कैटेगरी में किया. इस कैटेगरी में मेडल जीतने वाले में वो पहले खिलाड़ी हैं. इस कैटेगरी में कम हाइट वाले एथलीट हिस्सा लेते हैं. नीरज चोपड़ा तो पेरिस में गोल्ड नहीं जीत सके थे लेकिन उन्हें अपना प्रेरणा का स्त्रोत मानने वाले नवदीप ने समाज से मिलते तानों के बीच ये गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. 4 फुट 4 इंच के हरियाणा इस खिलाड़ी के लिए सफलता के इस मुकाम तक पहुंचने का सफर कठिनाइयों से भरा रहा है.

कम हाइट के कारण घर से निकलना मुश्किल

24 साल के नवदीप ने तीसरे प्रयास में 47.32 मीटर का थ्रो किया था, लेकिन ईरान के एथलीट सादेग बेत सयाह ने 47.64 मीटर थ्रो करके गोल्ड पर कब्जा जमाया लिया. हालांकि, इवेंट के बाद पैरालंपिक के नियमों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई किया गया और नवदीप का सिल्वर गोल्ड में अपग्रेड हो गया. इससे नवदीप के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ये सफलता उनके जुनून का फल है, क्योंकि हरियाणा के बुआना लाखू गांव में पले-बढ़े नवदीप बचपन से ही बौनेपन का शिकार थे. पड़ोस के बच्चें उन्हें “बौना” कहकर ताने देते थे. इसके कारण उनका घर से निकलना मुश्किल हो जाता था

नवदीप ने जब ये कारनामा किया तब उनके भाई मनदीप श्योराण और मां मुकेश रानी उन्हें चीयर कर रहे थे. मुकाबले के बाद उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के इंटरव्यू में खुलासा किया कि पड़ोस के सभी बच्चे उनकी हाइट को लेकर चिढ़ाते थे. इससे नवदीप परेशान होकर खुद को कमरे में बंद कर लेते थे. वह कई दिनों तक घर से बाहर तक नहीं निकलते थे, लेकिन 2012 से ये तस्वीर धीरे-धीरे बदलनी शुरू हुई. दरअसल, 2012 में नवदीप को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा.

पिता के कारण शुरू हुआ सफर, नीरज ने किया प्रेरित

नवदीप का जन्म साल 2000 में हुआ था. जब वो दो साल के हुए तब माता-पिता एहसास हुआ कि उनका बच्चा बौनेपन से पीड़ित है. दोनों इलाज करवाने की खूब कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जब उनकी उम्र बढ़ी तो गांव के बच्चों ने चिढ़ाना शुरू कर दिया. इसके बाद उनके पिता ने उन्हें बढ़ावा देना शुरू किया. नवदीप के पिता ग्राम सचिव के साथ-साथ एक रेसलर भी थे. उन्होंने नवदीप को एथलेटिक्स में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया. इससे उनके जीवन सकारात्मक बदलाव आने शुरू हुए. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल प्रतियोगिता जीता और 2012 में उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरष्कार से सम्मानित किया गया.

अवॉर्ड पाने के 4 साल बाद नवदीप ट्रेनिंग के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए, जहां उनके कोच नवल सिंह ट्रेन करना शुरू किया. नवदीप गांव में रेसलिंग की ट्रेनिंग करते थे, लेकिन उन्होंने अंडर-20 में नीरज चोपड़ा को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए देखा. इससे वो काफी प्रेरित हुए और रेसलिंग छोड़कर जैवलिन का खेल शुरू कर दिया. उनके भाई मनदीप ने बताया कि जैवलिन उन्हें मेरठ या विदेश से मंगवाना होता था. इसके लिए उनके पिता लोन भी लेना पड़ा.

ऋषभ पंत ने द्रविड़ और गंभीर के कोचिंग स्टाइल में अंतर का किया खुलासा

राहुल द्रविड़ को 2021 में टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी मिली थी. उनके कार्यकाल में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. द्रविड़ के रहते भारत ने 2024 का टी20 वर्ल्ड कप और 2023 का एशिया कप जीता. इसके अलावा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल भी खेला. इस अपार सफलता के बाद द्रविड़ अपने पद से मुक्त हो चुके हैं. अब उनकी जगह भारत के दिग्गज क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ले ली है. टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत दोनों की कोचिंग में खेल चुके हैं. अब उन्होंने द्रविड़ और गंभीर के कोचिंग स्टाइल में अंतर का खुलासा किया है. उनका मानना है कि भारत के वर्तमान हेड कोच ज्यादा एग्रेसिव हैं.

गंभीर और द्रविड़ में क्या अंतर?

ऋषभ पंत ने हाल ही में जियो सिनेमा पर द्रविड़ और गंभीर को लेकर बात की. उन्होंने खुलासा किया कि भारत के पूर्व हेड कोच एक इंसान और एक कोच के तौर पर ज्यादा बैलेंस थे. वहीं दूसरी ओर गंभीर ज्यादा एग्रेसिव हैं. मौजूदा हेड कोच लेकर उन्होंने कहा कि वो जीत को लेकर काफी एकतरफा हैं. वो हर हाल में जीतना चाहते हैं. हालांकि, पंत ने ये भी कहा कि दोनों के ही अपने पॉजिटिव और निगेटिव साइड हैं. हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस चीज पर फोकस करना चाहता है.

दलीप ट्रॉफी में फ्लॉप रहे पंत

ऋषभ पंत ने जानलेवा हादसे के बाद टी20 वर्ल्ड कप से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी. इसके बाद श्रीलंका दौरे पर उन्हें वनडे सीरीज में भी मौका दिया गया था. उन्हें टेस्ट मैच खेले हुए करीब 2 साल होने को है. ऐसे में अब उनकी नजर टीम इंडिया की टेस्ट टीम पर है. हालांकि, दलीप ट्रॉफी की पहली पारी में वो फ्लॉप रहे.

इंडिया बी के लिए खेलते हुए वो केवल 7 रन ही बना सके. बता दें पंत अभी तक सबसे ज्यादा टेस्ट में सफल रहे हैं. उन्होंने इस फॉर्मेट में 43 की औसत से 2271 रन बनाए हैं. साथ ही कई मैच जिताउ पारियां भी खेली हैं. इसमें ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में खेली गई 89 रन की पारी सबसे यादगार है. अब 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से टेस्ट में वापसी की उम्मीद लगाए हुए हैं.

द्रविड़ बने राजस्थान के हेड कोच

द्रविड़ की बात करें तो टीम इंडिया से विदाई लेने के बाद उन्होंने एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी एंट्री की है. द्रविड़ ने अगले सीजन के लिए आईपीएल की राजस्थान रॉयल्स का दामन थाम लिया है. फ्रेंचाइजी ने उन्हें अपना हेड कोच नियुक्त किया है. 9 साल बाद इस टीम में उन्होंने फिर से वापसी की है.

पीएम मोदी ने पैरालंपिक मेडल विजेताओं से की बात, दी बधाई

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा-एथलीट्स के दमदार प्रदर्शन ने पूरे देश को खुश कर दिया है. भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक इन गेम्स में 26 मेडल जीत लिए हैं, जो पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सबसे शानदार प्रदर्शन है. पैरा-एथलीट्स की सफलताओं पर सिर्फ आम फैंस ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेहद खुश हैं और लगातार खिलाड़ियों का हौसला बना रहे हैं. इसी क्रम में पीएम मोदी ने बीते दो दिनों मेडल जीतने वाले हरविंदर सिंह, सचिन खिलारी, कपिल परमार, प्रणव सूरमा और धरमबीर से फोन पर बात की और उन्हें मेडल जीतने पर बधाई दी. पीएम ने इन मेडल विजेताओं की उपलब्धि को देश के लिए तोहफा बताया

पैरालंपिक मेडल्स को बताया देश के लिए गिफ्ट

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा था और भारतीय खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक के 7 मेडल की सफलता को भी नहीं दोहरा सके थे. पेरिस में भारतीय एथलीट्स 6 मेडल जीतकर लौटे, जिसमें एक भी गोल्ड मेडल नहीं था. पैरालंपिक में कहानी एकदम अलग रही है और यहां भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालंपिक के 19 मेडल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. भारतीय एथलीट्स की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार उनसे बात करते हुए बधाई दे रहे हैं और बाकी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे हैं.

शुक्रवार 6 सितंबर को पीएम मोदी ने ऐसे ही मेडल विजेताओं से बात की. पीएम ने पैरा आर्चरी के गोल्ड मेडलिस्ट हरविंदर सिंह, शॉट पुट में सिल्वर जीतने वाले सचिन खिलारी समेत अन्य पदक विजेताओं से फोन पर बात कर सफलता के लिए बधाई दी. इस दौरान पीएम ने इन खिलाड़ियों के हौसले की तारीफ की और उन्हें प्रेरणा बताया. सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि पीएम ने इन खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाने वाले सभी कोच को सराहा और उनकी मेहनत की जमकर प्रशंसा की. हरविंदर और सचिन के अलावा जूडो में पहली बार भारत को मेडल दिलाने वाले कपिल परमार, क्लब थ्रो में एशियन रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीतने वाले धरमबीर और इसी इवेंट का सिल्वर मेडल जीतने वाले प्रणव सूरमा से भी प्रधानमंत्री ने बात की.

अभी तक रिकॉर्ड प्रदर्शन

भारत की झोली में अभी तक कुल 26 मेडल आए हैं, जिसमें से 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल हैं. भारत अभी मेडल टेबल में 14वें स्थान पर है और इन मेडल्स की संख्या बचे हुए 2 दिनों में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. शुक्रवार 6 सितंबर को भारत की झोली में एक गोल्ड मेडल आया, जहां पुरुषों की T64 कैटेगरी की हाई जंप में प्रवीण कुमार ने एशियन रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया. प्रवीण ने 2.08 मीटर ऊंची छलांग के साथ ये गोल्ड जीता. इसके साथ ही उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में जीते सिल्वर मेडल के रंग को बदलने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया.

9 साल बाद राहुल द्रविड़ की राजस्थान रॉयल्स में वापसी,RR को मिलेगी नई दिशा*

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज, कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ की एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी हो गई है.

टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद राहुल द्रविड़ को अब आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स ने अपना हेड कोच नियुक्त किया है. पिछले कई दिनों से इसकी हलचल हो रही थी और अब खुद फ्रेंचाइजी ने इस राज से पर्दा हटा दिया. शुक्रवार 6 सितंबर को राजस्थान ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए द्रविड़ को टीम का नया हेड कोच बनाए जाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया. राहुल द्रविड़ इससे पहले भी राजस्थान से जुड़े थे और 2014-2015 में लगातार 2 सीजन तक टीम के मेंटॉर रहे थे.

9 साल बाद राजस्थान में वापसी

राजस्थान रॉयल्स के सीईओ जेक लश मैक्करम ने राहुल द्रविड़ को टीम की आईपीएल जर्सी सौंपते हुए फ्रेंचाइजी में फिर से स्वागत किया. द्रविड़ ने भी कहा कि वर्ल्ड कप के बाद उनके लिए वापस कोचिंग में लौटने का ये सबसे अच्छा जरिया था. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप के बाद नई चुनौती शुरू करने के लिए यही आदर्श वक्त था और उनके लिए राजस्थान रॉयल्स ही इस काम के लिए सबसे सही जगह थी. फ्रेंचाइजी ने एक बयान में बताया कि द्रविड़ ने अगले कई साल के लिए ये डील साइन की है.

राहुल द्रविड़ 2021 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे और ढाई साल तक इस पद पर रहे थे, जहां 29 जून को बारबाडोस में उन्होंने टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. इसके साथ ही द्रविड़ ने टीम इंडिया के साथ अपने सफर का अंत किया था. इसके बाद से ही द्रविड़ का नाम अलग-अलग आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ रहा था. आखिरकार द्रविड़ फिर से अपनी पुरानी फ्रेंचाइजी में लौट आए, जहांं वो 2011 से 2013 तक कप्तान रहे थे और फिर 2014 से 2015 तक 2 सीजन के लिए टीम के मेंटॉर रहे. अब 9 साल बाद वो फिर से इस फ्रेंचाइजी में लौटे हैं

ऐसा रहा है द्रविड़ का कोचिंग करियर

राहुल द्रविड़ के कोचिंग करियर की बात करें तो इसकी शुरुआत राजस्थान रॉयल्स से ही हुई थी. यहां 2 सीजन तक मेंटॉर रहने के बाद 2015 में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (दिल्ली कैपिटल्स) का दामन थामा था. यहां भी वो मेंटॉर की भूमिका में थे और इसी दौरान संजू सैमसन और ऋषभ पंत जैसे युवा सितारों की दिल्ली के जरिए आईपीएल में पहचान बनी थी. फिर 2017 में उन्होंने दिल्ली का साथ भी छोड़ दिया था क्योंकि बीसीसीआई ने उन्हें इंडिया-ए और अंडर-19 टीम का कोच बनाया था. इसी दौरान 2019 में बीसीसीआई ने उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी का डाइरेक्टर भी नियुक्त किया और इस दौरान भी वो दोनों जूनियर टीमों के कोच की भूमिका निभाते रहे. फिर नवंबर 2021 में उन्हें टीम इंडिया का कोच बनाया गया था.