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17 आईपीएस अफसरों का तबादला,बदले गए अलीगढ़ के आईजी, आठ जिलों के कप्तान हुए इधर से उधर

लखनऊ । शासन के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने 17 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया। डीजीपी मुख्यालय में एडीजी स्थापना संजय सिंघल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की वजह से अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर को आईजी स्थापना बनाया गया है। इसके अलावा झांसी, सोनभद्र, उन्नाव, औरैया, महोबा, शाहजहांपुर, रायबरेली, संभल के पुलिस कप्तान बदले गए हैं। डीजीपी मुख्यालय में डीआईजी स्थापना प्रभाकर चौधरी को अलीगढ़ रेंज का डीआईजी बनाया गया है।

झांसी के एसएसपी राजेश एस. को शाहजहांपुर का एसपी बनाया गया है। वहीं गाजियाबाद स्थित 47वीं वाहिनी पीएसी में तैनात सुधा सिंह को झांसी का एसएसपी बनाया गया है। सोनभद्र के एसपी डॉ. यशवीर सिंह को रायबरेली का एसपी बनाया गया है। उन्नाव के एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना को प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। औरैया की एसपी चारू निगम को 47वीं वाहिनी पीएसी भेजा गया है। महोबा की एसपी अपर्णा गुप्ता को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। शाहजहांपुर के एसपी अशोक कुमार मीना को सोनभद्र का एसपी बनाया गया है।

प्रयागराज कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त दीपक भूकर को उन्नाव का एसपी बनाया गया है। संभल के एसपी कुलदीप सिंह गुनावत को प्रयागराज कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। गोरखपुर में एएसपी सिटी कृष्ण कुमार को संभल का एसपी बनाया गया है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अभिजीत आर. शंकर को औरैया और अलीगढ़ में एएसपी ग्रामीण पलाश बंसल को महोबा का एसपी बनाया गया है। कुशीनगर के एएसपी अभिनव त्यागी को गोरखपुर का एएसपी सिटी बनाया गया है।

अलीगढ़ में सहायक पुलिस अधीक्षक अमृत जैन को अलीगढ़ में प्रभारी एएसपी ग्रामीण बनाया गया है। रायबरेली के एसपी अभिषेक कुमार अग्रवाल को शिकायतों के बाद हटाया गया है। उनको आगरा पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। उनके खिलाफ टैक्सी आॅपरेटर को प्रताड़ित करने के मामले में अदालत के आदेश पर डीजीपी मुख्यालय ने जांच भी कराई थी। वहीं हाल ही में एक युवक को लूट के झूठे मुकदमे में फंसाने की वजह से रायबरेली पुलिस की कार्यशैली पर तमाम सवाल उठे थे।

उत्तर प्रदेश बनेगा देश का फूड बास्केट, जानिये कैसे

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुरू से मंशा रही है कि उत्तर प्रदेश देश का "फूड बास्केट" बने। इस मंशा के पीछे उनके ठोस तर्क हैं। मसलन इंडो गेंगेटिक बेल्ट की सबसे उर्वर भूमि, अलग-अलग फसलों और फलों की खेती के लिए नौ तरह की कृषि जलवायु, वर्ष पर्यन्त पानी की उपलब्धता वाली गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियां, सर्वाधिक आबादी के नाते प्रचुर मात्रा में श्रम और बाजार की उपलब्धता आदि।

योगी सरकार लगातार कर रही उत्पादन बढ़ाने का प्रयास

विभिन्न योजनाओं के जरिए योगी सरकार लगातार फसलों की उपज बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके नतीजे भी निकले हैं। पर राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अलग-अलग फसलों के उत्पादन पर गौर करें तो अब भी उपज बढ़ाने की बहुत सम्भावना है। सरकार अब इस पर ही फोकस कर रही है। यूपी एग्रीज जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के केंद्र में भी उपज बढ़ाने को मुख्य घटक माना गया है।

प्रमुख फसलों के उत्पादन के गैप को पाटने का चल रहा कार्य

करीब दो साल पहले भी सरकार ने जिलेवार और फसलवार अधिकतम और न्यूनतम उत्पादकता के आंकड़े निकलवाए थे। इसका मकसद यह जानना था कि किन वजहों से किसी फसल के अधिकतम और न्यूनतम

उत्पादन में इतना अंतर है। इस अंतर को पाटने के लिए न्यूनतम उत्पादन वाले जिलों में सम्बंधित फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या किया जाना चाहिए।

यूपी एग्रीज में अब कम उत्पादन वाले बुंदेलखंड व पूर्वांचल पर फोकस

अब यही कवायद एक बार फिर योगी सरकार विश्वबैंक की मदद से यूपी एग्रीज (उत्तर प्रदेश: कृषि एवम ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम) के जरिए अधिक संसाधनों के साथ व्यापक इलाके में समयबद्ध और नियोजित तरीके से जा रही है।उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश करीब 24% उत्पादन के साथ कुल कृषि उत्पादन में देश में नम्बर एक है। रबी की प्रमुख फसल गेंहू के मामले में यह नम्बर एक (31%) तो खरीफ की प्रमुख फसल धान के उत्पादन में इसका देश में दूसरा (15%) है।

सर्वाधिक उत्पादन वाले राज्यों की तुलना में यूपी पीछे

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कुछ फसलों को छोड़ दें तो इनका प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्रति कुंतल राष्ट्रीय एवरेज से कम है। प्रति हेक्टेयर, प्रति कुंतल सर्वाधिक उत्पादन लेने वाले राज्यों की तुलना में तो कम है ही, वैश्विक स्तर के अधिकतम उत्पादन से तो कोई तुलना ही नहीं है। उदाहरण के तौर पर चावल, गेंहू, बाजरा, ज्वार और चना को छोड़ दें तो बाकी प्रमुख फसलों में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक उत्पादन करने वाले राज्यों से पीछे है। उत्तर प्रदेश में प्रति हेक्टेयर चावल की उत्पादकता 27.59 कुंतल है तो पंजाब की उत्पादकता 43.66 कुंतल।

इसी तरह यूपी में गेंहू का उत्पादन 36.04 पंजाब में 48.62, ज्वार 15.78 आंध्र प्रदेश 30.70, बाजरा 22.21 हरियाणा 23.72, मक्का 23.31 तमिलनाडु 68.20, उर्द 4.98 महाराष्ट्र 5.68 , मूंग 3.58 महाराष्ट्र 5.55, तिल 2.26 पश्चिम बंगाल 9.74, चना,13.76, गुजरात 15.68, अरहर 9.88 झारखंड 11.38, मसूर 9.88 मध्य प्रदेश 11.39, दलहन 10.79 गुजरात 12.75, राई सरसो 14.12, हरियाणा 22.17, तिलहन 10.54 तमिलनाडु 20.43 प्रति हेक्टेयर कुंतल।इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए यूपी एग्रीज ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के उन जिलों को चुना है, जिनका उत्पादन अपेक्षाकृत कम है।

छह साल में 30 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य

सरकार और संस्था को उम्मीद है कि वह किसानों, वैज्ञानिकों के जरिए नवाचार और तकनीक के प्रयोग इनपर 4000 करोड़ रुपये के निवेश के जरिए उत्पादकता में 30 फीसद तक वृद्धि कर सकते हैं। चूंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की उत्पादकता पहले से अधिक है। ऐसे में बुंदेलखंड और पूर्वांचल के जिलों की बढ़ी उत्पादकता यूपी को दुनिया का फूड बास्केट बनने के राह पर अग्रसर करेगी। क्योंकि इसके बावजूद भी संभावना अभी बाकी रहेगी।

वरासत, नामांतरण, पैमाइश, जैसे मामले कतई लंबित न रहें, अभियान चलाकर तत्काल कराएं समाधान : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नामांतरण, पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार तथा भूमि उपयोग से जुड़े मामलों के तत्काल निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी, एसडीएम और तहसीलदार अपने क्षेत्र में ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित करें और तेजी के साथ निर्णय लेते हुए यथोचित समाधान कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आम आदमी के हितों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले मामले हैं, हर हाल में इनका समयबद्ध निस्तारण होना ही चाहिए। व्यापक जनमहत्व के इन मामलों के अनावश्यक लंबित रहने पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए हैं।

सोमवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व, पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को और लोकोपयोगी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार जैसे जनता से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों का जनता से सतत संवाद बना रहना चाहिए। लोगों की परेशानियों को सुनें और एक तय समय सीमा के भीतर मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडलायुक्त तहसीलों/जिलों तथा ज़ोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधीन सरकारी कार्यालयों/थानों/मालखानों का औचक निरीक्षण करें।

भूमि/भवन आदि पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ पूरी कठोरता से कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को ऐसे सभी मामलों को सूचीबद्ध करते हुए अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। इसमें जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई की जाए। कब्जा हटाने की कार्रवाई के साथ ही अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी पंजीकृत कराया जाए।

चकबन्दी के मामलों को लेकर होने वाले विवादों का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने चकबन्दी कार्यों के गहन समीक्षा की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी चकबन्दी हो रही है, अथवा लंबित है, उसे सावधानी के साथ नियमों के अनुरूप किया जाए। एक निश्चित समय-सीमा में यह सभी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। ग्रामीण क्षेत्र में पैमाइश के मामलों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पैमाइश का कार्य पूरी गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। प्रकरण के निस्तारित होने के बाद दोबारा अवैध कब्जा करने वाली हर गतिविधि के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई करें।

जनहित के दृष्टिगत राजस्व परिषद की महत्ता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद तथा राजस्व विभाग को और सुदृढ़ बनाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम (न्यायिक),कानूनगो और लेखपाल के रिक्त सभी पदों को यथाशीघ्र भरा जाए। उन्होंने जनपदों के मानचित्र को अपडेट करने के भी निर्देश दिए। वहीं, अवैध खनन की गतिविधियों रोकने के लिए अलर्ट रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 'जीरो पॉइंट' पर ही कार्रवाई किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई पूरी तैयारी से हो और एक व्यवस्थित टास्कफोर्स द्वारा ही की जाए।

शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों के हक की लड़ाई जारी रखेगी अपना दल (एस) : अनुप्रिया पटेल

लखनऊ। उप्र में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि उप्र में हुई 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अस्थाई रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है तथा अगली सुनवाई में दोनों पक्षों से मामले के संबंध में अपनी-अपनी दलील पेश करने के लिए कहा है। जहां तक अपना दल (एस) का सवाल है तो पार्टी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ मज़बूती के साथ खड़ी है।

केन्द्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर जारी अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा कि हमारी पार्टी का प्रारंभ से मानना है कि 69000 भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है, जिसकी पुष्टि माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नई सूची जारी करने का आदेश दे कर की थी। हम अब भी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं। हम न सिर्फ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की हक की लड़ाई पहले की तरह जारी रखेंगे, बल्कि वादे के मुताबिक इस मामले को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए हर संभव कानूनी मदद देना भी जारी रखेंगे। हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को अन्याय का शिकार हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। क़ानूनी प्रक्रिया से अलग उत्तर प्रदेश सरकार को राजनीतिक रूप से तमाम उपलब्ध विकल्पों में से सब को स्वीकार्य एक ऐसा विकल्प लागू करना चाहिए, जिससे किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।

स्वस्थ शरीर ही समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकता है : मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। प्राचीन काल से ही भारत की परंपरा में खेल और खेलकूद की गतिविधियों को महत्व दिया गया है। भारतीय ऋषि इस बात का उद्घोष करता है कि 'शरीरमाद्यम् खलु धर्म साधनम्' यानी धर्म के जितने भी साधन हैं, वह स्वस्थ शरीर से ही संभव हैं। स्वस्थ शरीर के लिए खेलकूद, योगासन, प्राणायाम आदि क्रियाएं अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ शरीर ही समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को भी साकार कर सकता है।उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने 73 वें अखिल भारतीय पुलिस रेसलिंग क्लस्टर-2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। सीएम योगी ने प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।

दिव्यांग खिलाड़ियों ने मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत की संकल्पना के लिए जो कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे, उनमें खेल और खेलकूद की गतिविधियां भी महत्वपूर्ण हैं। खेलो इंडिया खेलो, फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेलकूद प्रतियोगिता, गांव-राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। हर तबके का व्यक्ति इन आयोजनों के साथ जुड़ रहा है। पेरिस में पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के जज्बे को पूरा देश और दुनिया देख रही है कि कैसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और तेज का लोहा मनवाने का भी काम किया है। यह दृश्य हमारे लिए इसलिए भी प्रसन्नता का है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री की 'एक भारत श्रेष्ठ भारत की' परिकल्पना को भी साकार कर रहा है।

कई बार पराजय भी बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त करता है

योगी ने कहा कि खेल अपने कार्य के प्रति समर्पण के भाव के साथ तो जोड़ता ही है, साथ ही साथ जीवन में उतार-चढ़ाव के हर एक मोड़ पर जीतने की भी प्रेरणा देता है। अति प्रफुल्लित होकर अन्य के जीवन में बाधा पैदा करने की जो कुत्सित चेष्टाएं होती है, उसे रोकने का सामर्थ्य भी देता है। अगर किसी कारणों से सफलता नहीं प्राप्त हुई तो हर खिलाड़ी के अंदर शालीनता से उसे स्वीकार करने का भी सामर्थ्य भी पैदा करता है और जीवन इसी से चलता है। बहुत बार पराजय भी बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त करता है।

हमें रचनात्मक कार्यों के साथ भी जुड़ना होगा

मुख्यमंत्री ने पुलिस बल के उपस्थित जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा रहा हो या विभिन्न प्रदेशों में कानून व्यवस्था, सुरक्षा का बेहतरीन माहौल बनाने का मुद्दा। पुलिस अपने इन उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ करने का प्रयास करती है, लेकिन इन सभी के बावजूद अन्य ऐसी गतिविधियां जो समाज को जोड़ती हो, एक दूसरे के मन में विश्वास पैदा करती हो, उन आयोजनों के साथ जुड़ना उतना ही रचनात्मक है और इसीलिए केवल पुलिसिंग ही नहीं, बल्कि हमें अन्य रचनात्मक कार्यों के साथ भी जुड़ना होगा।

मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सीधी भर्ती से जोड़ा गया

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में खेल और खेलकूद की गतिविधियों के लिए व्यापक कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है। हम लोगों ने खेल नीति भी बनाई। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड व विश्व चैंपियनशिप में जो खिलाड़ी मेडल प्राप्त करते हैं, उन्हें सीधी भर्ती के माध्यम में उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बनाने की कार्रवाई हो रही है। अब तक ऐसे 500 से अधिक खिलाड़ियों को हम लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस में सीधी भर्ती करने की कार्रवाई के साथ जोड़ा है। उनके बेहतरीन प्रदर्शन आज उत्तर प्रदेश पुलिस बल को नई गति देने में योगदान दे रहे हैं। खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए 57000 ग्राम पंचायत में खेल का मैदान, 825 विकास खंडों में मिनी स्टेडियम और 75 जनपदों में स्टेडियम निर्माण के कार्यक्रम को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है।

नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन मिशन सबका एक है-भारत की सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाम भले ही अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सबका कार्य व मिशन एक ही है और वह है भारत की सुरक्षा। यह हम सभी के लिए सर्वोच्च मायने रखती है। भारत नेपाल सीमा हो या भारत भूटान सीमा, वहां पर इन देशों के साथ भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों पर कोई आंच आए बगैर एसएसबी इन सीमाओं की सुरक्षा के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश के अंदर साढ़े पांच सौ किमी. की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस एसएसबी के साथ ज्वाइंट पेट्रोलिंग में भाग लेती है। राष्ट्रीय सुरक्षा का उत्तरदायित्व मिलकर हम एक साथ निभाएंगे तो सीमाओं के क्षेत्र में आमजन का विश्वास भी अर्जित करेंगे। सुरक्षा के साथ कहीं पर कोई खरोच भी नहीं आने देंगे, इस विश्वास के साथ बेहतरीन तालमेल के माध्यम से यह कार्यक्रम आगे बढ़ते हैं तो अनेक रचनात्मक गतिविधियों को भी वहां पर उस क्षेत्रवासियों के लिए एसएसबी द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, सशस्त्र सीमा बल के डीजी दलजीत सिंह चौधरी आदि मौजूद रहे।

मायावती ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सपा-भाजपा काे समानरूप से घेरा

लखनऊ। यूपी के सुलतानपुर जनपद में हुए एनकाउंटर मामले में बहुजन समाज पार्टी  की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा और सपा को चोर-चोर मौसेरे भाई करारा दिया है।

मायावती ने सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुलतानपुर जिले में एनकाउंटर की घटना के बाद से भाजपा व सपा में कानून-व्यवस्था को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। अपराध, अपराधी व जाति के नाम पर जबरदस्ती की राजनीति की जा रही है, जबकि इस मामले में ये दोनों दल चोर-चोर मौसेरे भाई जैसे हैं।

अर्थात भाजपा की तरह सपा सरकार में भी तो कई गुणा ज्यादा कानून-व्यवस्था का बुरा हाल था। दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों, गरीबों व व्यापारियों आदि को सपा के गुंडे, माफिया दिन-दहाड़े लूटते व मारते-पीटते थे, ये सब लोग भूले नहीं हैं।

जबकि उत्तर प्रदेश में वास्तव में ’’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’’, बसपा के शासन में ही रहा है। जाति व धर्म के भेदभाव के बिना लोगों को न्याय दिया गया। कोई फर्जी एनकाउंटर आदि भी नहीं हुए। अतः भाजपा व सपा के कानूनी राज के नाटक से सभी सजग रहें।
यूपी में ट्रेन उड़ाने की साजिश, कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर और झोले में बारुद रखा, ट्रेन टकराने के बाद नहीं फटा सिलेंडर, बड़ा हादसा टला


लखनऊ/कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर-फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर रविवार रात गैस सिलेंडर व कुछ अन्य संदिग्ध सामान रखा गया। इस बीच भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस गैस सिलेंडर से टकरा गई। गनीमत रही की गैस सिलेंडर फटा नहीं और दूर जा गिरा। इससे बड़ा हादसा होते-होते बच गया।अगर रेलगाड़ी पलट जाती तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती थी।

कानपुर सेंट्रल से अनवरगंज स्टेशन होते हुए कालिंदी एक्सप्रेस भिवानी की ओर जा रही थी। अभी वह शिवराजपुर रेलवे स्टेशन के करीब ही पहुंची थी कि अचानक धड़ाम की आवाज आई। गति अधिक होने कारण चालक ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लिया और कुछ ही दूरी पर शिवराजपुर स्टेशन पहुंचने पर मेमो दिया। इसमें कहा गया कि ट्रेन किसी लोहे की वस्तु से टकराई है। इस पर आरपीएफ इंस्पेक्टर ओपी मीना ने मौके पर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। रेलवे ट्रैक पर कुछ संदिग्ध सामान मिला और गैस सिलेंडर दूर पड़ा मिला, जो फटा नहीं था और उसमें गैस भरी हुई थी। यह देख इंस्पेक्टर भांफ गया कि ट्रेन को पलटाने की साजिश रची गई है। इज्जत नगर पूर्वोत्तर रेलवे मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई है। मामले की जांच की जा रही है और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

वस्त्र और हथकरघा की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित करने का ग्रेटर नोएडा में मिलेगा मंच,25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाले इंटरनेशन


लखनऊ। वस्त्र और हरकरघा की कृतियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का सुनहरा मौका मिल रहा है। चूंकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे संस्करण में उत्तर प्रदेश का हैंडलूम और टेक्सटाइल्स अपनी खास पहचान बनाएगा। इस शो में कपड़ों और ड्रेसिंग सामग्री की विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे राज्य की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल को दुनिया के सामने रखने का मौका मिलेगा।

इसलिए यह मौका आपके हाथ से निकलने न पाये। यूपी के उद्यमी और कारीगर ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके इस मेगा शो का हिस्सा बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की वेबसाइट https://upinternationaltradeshow.com/ पर जाकर एग्जिबिटर या विजिटर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। विभाग के अनुसार यहां उनके प्रोडक्ट्स को न सिर्फ राष्ट्रव्यापी बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक्सपोजर मिलेगा। संभावना है कि बड़ी संख्या में स्टॉल पर बायर और विजिटर पहुंचेंगे।

दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित करने का मंच मिलेगा

इस ट्रेड शो में राज्य के वस्त्र और हथकरघा की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित करने का मंच मिलेगा, जो देश-विदेश के व्यापारियों और फैशन प्रेमियों का ध्यान आकर्षित करेगा। इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के कलाकार और शिल्पकार अपनी कारीगरी का प्रदर्शन करेंगे, जिससे राज्य के हथकरघा और टेक्सटाइल्स को नई पहचान और बाजार मिलेगा। इस आयोजन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प और वस्त्र उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे राज्य के शिल्पियों और कारीगरों को नई संभावनाओं और अवसरों का लाभ मिल सकेगा।
उत्तर प्रदेश में हैंडलूम्स और टेक्सटाइल उद्योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। उत्तर प्रदेश देश का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल प्रोड्यूसर है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है। यहां के प्रमुख हैंडलूम्स और टेक्सटाइल उत्पादों में बनारसी साड़ी, लखनऊ की चिकनकारी और भदोही के कालीन शामिल हैं। वाराणसी की बनारसी साड़ियां अपनी उत्कृष्ट कारीगरी और जटिल डिजाइनों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये साड़ियां देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय हैं।

लखनऊ की चिकनकारी एक पारंपरिक कढ़ाई कला

जानकारी के लिए बता दें कि  लखनऊ की चिकनकारी एक पारंपरिक कढ़ाई कला है, जो कपड़ों पर की जाती है। यह कला सैकड़ों साल पुरानी है और आज भी बहुत लोकप्रिय है। इसके साथ ही, भदोही के कालीन अपनी गुणवत्ता और डिजाइन के लिए जाने जाते हैं। यहां के कालीन निर्यात भी किए जाते हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी बड़ी मांग है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक विकास हो सके।

वेबसाइट पर करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कपड़ा एवं हथकरघा इकाइयों के लिए 500 स्टॉल्स निर्धारित किए गए हैं। इनमें ज्यादातर स्टॉल्स अब तक आरक्षित भी हो चुके हैं। प्रदेश के एमएसएमई विभाग के अनुसार, प्रदेश के हथकरघा और कपड़ा इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक बड़ी जगह सुनिश्चित की गई है। इसके लिए प्रदेश भर के जिलों के कारीगरों और उद्यमियों को शो का हिस्सा बनने के लिए आग्रह किया गया है।यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में हैंडलूम्स और टेक्सटाइल्स के साथ-साथ दुनिया खादी के परिधानों की भी चमक देखेगी। भारतीय संस्कृति पर आधारित खादी के बने परिधानों का फैशन शो भी आयोजित किया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश समेत देश के कई नामचीन मॉडल भी हिस्सा लेंगे। यह फैशन शो 28 सितंबर (शनिवार) को आयोजित किया जाएगा। हॉल नंबर दो में शनिवार को पूरे दिन यह आयोजन चलेगा। इसमें उत्तर प्रदेश के कलाकार जातीय परिधान (चिकनकारी, जीआई व अन्य) आदि से जुड़े फैशन शो में हिस्सा लेंगे।

सपा हर अन्याय और जुल्म का विरोध करेगी: अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी  के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा है कि समाजवादी पार्टी गरीब,निदोर्षों और बेकसूरों के साथ खड़ी है। हर अन्याय और जुल्म का विरोध करेगी। अन्याय के खिलाफ समाजवादी पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये पार्टी घोर पीडीए विरोधी है। हर स्तर पर भेदभाव करती है।

मुख्यमंत्री और भाजपाई पीडीए से नफरत करते है। भाजपा सरकार पीडीए विरोधी फैसले ले रही है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी 69 हजार शिक्षक भर्ती में पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका हक नहीं दिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इशारे पर शासन सत्ता में ऊपर से लेकर नीचे तक पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है। भाजपा की सात साल की सरकार में नौकरियों में पीडीए का आरक्षण हक छीना है।

सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने पीडीए के साथ अन्याय, अत्याचार, भेदभाव किया। निदोर्षों पर मुकदमें लगवाएं, फर्जी एनकाउण्टर कराए, जेलों में डाल कर प्रताड़ित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता और शासन, प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। लोकसभा चुनाव में पीडीए की एकजुटता से समाजवादी पार्टी ताकत मिली। भाजपा को पराजय मिली। इससे भाजपाई और बौखला गये है। सत्ता का नंगानांच शुरू कर दिया हैं गरीबों पर कहर ढा रहे हैं। भाजपा सरकार असली अपराधियों को संरक्षण दे रही है। निदोर्षों को फंसा रही है।
लखनऊ हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
लखनऊ। सरोजनी नगर क्षेत्र में शनिवार को एक तीन मंजिला इमारत ढहने और आठ लोगों की मौत मामले में जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। जो अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे, उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।

ट्रांसपोर्ट नगर में हुए हादसे में अब भी रेस्क्यू अभियान चल रहा है। इस घटना में आठ लोगों की जा चुकी और 28 घायल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लोकबंधू अस्पताल में पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। तीमारदारों से उन्होंने कहा कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार साथ है। हर किसी की हरसंभव मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने इस घटना का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री के सख्त रवैये के बाद पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच गृह विभाग के सचिव डॉ संजीव गुप्ता के नेतृत्व में होगी। उनके सहयोग के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के सचिव बलकार सिंह, लोक निर्माण विभाग लखनऊ के मुख्य अभियन्ता (मध्य क्षेत्र) के. विजय कनौजिया मौजूद रहेंगे। उक्त जांच समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह घटना के कारणों की समग्र रूप से जांच कर अपनी जांच रिपोर्ट यथाशीघ्र शासन को प्रस्तुत करेगी।