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उदयपुर में तेंदुए के हमले से एक महिला की मौत, दो महिलाएं घायल

राजस्थान के उदयपुर में आए दिन तेंदुए के हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. दिनदहाड़े तेंदुए के हमले और शहर में उसके बेखौफ घूमने से यहां लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उदयपुर में तेंदुए का इतना आतंक है कि वह कभी लोगों के बेडरूम में तो कभी गर्ल्स हॉस्टल में घंटों बेखौफ घूमता रहता है. ताजा मामला भी यहीं से आया है, जहां तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई. वहीं, दो अन्य महिलाएं घायल हो गई हैं.

राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार को तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं झाड़ोल में पहाड़ी इलाके के पास लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं, जहां तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. तेंदुए ने महिला को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गया जिससे महिला की मौत हो गई.

तेंदुए ने किया सिर धड़ से अलग

झाड़ोल के पहाड़ी क्षेत्र के पास महिलाएं लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं. इस दौरान तेंदुए ने महिला को इस तरह से शिकार बनाया की महिला का धड़ ही सिर से अलग हो गया. तेंदुए के हमले में मारी गई महिला का नाम मीरा है, उसकी उम्र करीब 40 साल थी. जबकी उसके साथ रही दो महिलाएं भी इस हमले में जख्मी हो गईं.

वहीं, इसकी सूचना जब स्थानीय लोगों को लगी तो वो गुस्से से भर गए. उनका गुस्सा करना जायज भी है क्योंकि यहां के लोग प्राय: तेंदुए के हमले का शिकार बनते रहते हैं. सूचना मिलने पर ये लोग पहाड़ियों के पास राजमार्ग पर एकत्र हुए. उन्होंने घटना के विरोध में उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग को जाम कर दिया. और तेंदुए को गोली मारने और आर्थिक मुआवजे की मांग पर अड़े रहे.

ग्रामीण नाराज, अधिकारियों पर लगाया आरोप

उदयपुर जिले के झाड़ोल में तेंदुए के बार-बार हमलों से ग्रामीण नाराज हैं. उनका आरोप है कि अधिकारी इन घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं. इससे पहले भी इस तरह के हादसे का शिकार यहां के ग्रामिण होते रहे हैं. लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

झाडोल एसडीएम, डिप्टी ,डीएफओ ने ग्रामीणों से समझाइश की उसके बाद आर्थिक सहायता देने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ. जिसके बाद बाधित नेशनल हाईवे को फिर से शुरू कराया गया है. वहीं, वन विभाग की टीमें भी तेंदुए की तलाश कर रही है.

अरुणाचल प्रदेश,सेप्पा में भीषण आग की चपेट में आने से 23 मकान जलकर खाक,लाखों का हुआ नुकसान

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के सेप्पा में भीषण आग की चपेट में आने से 23 मकान जलकर खाक हो गए हैं. मकानों में आग शनिवार शाम को लगी थी और देखते ही देखते बस्ती के 23 मकान जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गए. घर जलने की वजह से लाखों का नुकसान भी हुआ है, लेकिन राहत की बात रही है कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच में जुटी हुई है कि आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई. पुलिस घटना को लेकर हर एंगल से जांच कर रही है ताकि तह तक पहुंचा जा सके.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कामेंग जिले के पुलिस अधीक्षक कामदास सिकोम ने बताया कि शनिवार शाम को करीब 7 बजे अबोटानी कॉलोनी में यह घटना घटी. आग की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन संदेह है कि इलेक्ट्रिक शॉट सर्किट की वजह से आग लगी है. घटना में जिनका घर जल गया है उनके रहने के लिए पास के ही एलबीएस-2 स्कूल में राहत शिविर स्थापित किया गया है.

मुख्यमंत्री बोले- घटना पर सरकार की नजर

घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि सरकार की स्थिति पर नजर बनाई हुई है. 23 मकानों के जलने की बात सुनकर दुख हुआ है. उन्होंने लोगों से कहा कि कृपया घबराइए मत, हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों को नियमों के अनुसार हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. घटना के बाद एक राहत शिविर स्थापित किया गया है. मैं सभी प्रभावितों से अपील करता हूं कि वे शिविर का लाभ उठाएं और सुरक्षा एहतियात भी बरतें ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सके.

सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट के विरोध कर्मचारियों को नोटिस

दूसरी ओर प्रदेश के अपर सियांग में ‘सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट’ के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों और ग्राम प्रधान को लेकर सरकार सख्त हो गई है. जिला प्रशासन ने कथित तौर पर प्रदर्शन में शामिल होने तथा बांध विरोधी आंदोलन का समर्थन करने के लिए नोटिस जारी किया है.

31 अगस्त को विरोध में शामिल हुए थे कई कर्मचारी

प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर पूछा है आखिर उनके खिलाफ केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के तहत अवज्ञ3 और कदाचार के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए. जिले में कई बांध विरोधी ग्रुपों ने 31 अगस्त को सियांग जिले के डाइट डाइम में एक प्रदर्शन रैली निकाली थी. ये लोग एक विशाल प्रस्तावित पनबिजली परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नजर आए थे.

केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं, जाने CBI ने नई चार्जशीट में क्या-क्या कहा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में हैं, जिसके बाद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सीबीआई ने इस मामले में पांचवीं और आखिरी चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने अपनी पूरक चार्जशीट (Supplementary Charge Sheet) में आरोप लगाया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल शुरू से ही दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और उसको लागू करने की “आपराधिक साजिश में शामिल” थे.

हालांकि, जहां एक तरफ सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि सीएम केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में शुरू से शामिल है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का कहना है कि एजेंसी को अब तक केजरीवाल मामले में भ्रष्टाचार का एक रुपया भी नहीं मिला है.

CBI की चार्जशीट में क्या-क्या?

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के “निजीकरण का विचार ” था, जिसे बाद में भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है, जब साल 2021 में मनीष सिसोदिया (मामले में सह आरोपी) और अन्य मंत्री इस नीति को तैयार कर रहे थे, उस समय सीएम केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए वित्तीय समर्थन की मांग की थी.

सीबीआई ने कहा, 2021 में मार्च के महीने में सीएम केजरीवाल के मीडिया एवं संचार प्रभारी जोकि सीएम के करीबी हैं,आरोपी विजय नायर दिल्ली आबकारी कारोबार के कई हितधारकों से बातचीत कर रहे थे और आबकारी नीति के बदले उनसे अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे.

AAP ने क्या कहा?

सीबीआई के इन आरोपों के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है. साथ ही पार्टी ने कहा, अगर इतने आरोप है तो अभी तक सीबीआई को एक भी रुपया क्यों बरामद नहीं हुआ? पार्टी ने कहा, 500 गवाहों से पूछताछ और 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल करने के बावजूद, किसी भी आप नेता के पास से भ्रष्टाचार का एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ.

आम आदमी पार्टी ने कहा, आप एक ईमानदार पार्टी है और बीजेपी हमारे नेताओं पर झूठे आरोप लगा रही है. पार्टी ने कहा, ईडी कोर्ट ने साफ कहा है कि सीएम केजरीवाल के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है, बीजेपी और उसकी एजेंसियां ​​बिना किसी सबूत के उनकी गिरफ्तारी को टालने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं, लेकिन आखिर में सच्चाई सामने आएगी और अरविंद केजरीवाल जल्द ही रिहा हो जाएंगे.

क्या है पूरा मामला?

सीएम केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जब वह (ईडी) द्वारा दर्ज कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में बंद थे. हालांकि, सीएम केजरीवाल को ईडी ने 9 बार समन भेजा था, जिसके बाद उन्हें ईडी ने 21 मार्च को हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद उन्हें 1 मई को तेहाड़ जेल भेजा गया था. कथित शराब घोटाला मामले में आप के दिग्गज नेता संजय सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी जेल जाना पड़ा था, लेकिन उन्हें राहत मिल गई.

सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को सुनवाई कर 10 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया है.

काम की बात - यूपीआई लेनदेन में गलती से पैसे ट्रांसफर होने पर तुरंत करें ये काम

देश में अप्रैल – जुलाई 24 के बीच यूपीआई से 80 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ. तेजी से बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शन के दौर में गलती से दूसरे व्यक्ति की यूपीआई आईडी पर पैसे ट्रांसफर होने के मामले आ रहे हैं.

ऐसी स्थिति में तेजी से उठाए गए कुछ कदम आपकी कमाई को बचा सकती है. आइए समझते हैं.

बैंक या यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें

फंड वापस पाने के लिए गलती की तत्काल रिपोर्ट करना अहम है. तुरंत अपने बैंक या यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें.

आप जितनी जल्दी शिकायत दर्ज कराएंगे आपके गलत भुगतान की वापसी की उतनी ही ज्यादा संभावना रहेगी. अगर आप शिकायत करने में देरी करेंगे तो ऐसा भी हो सकता है कि आपका भुगतान वापस नहीं आएगा.

गलत यूपीआई की पूरी जानकारी दें

गलत यूपीआई आईडी, राशि और तारीख सहित लेनदेन विवरण अपने बैंक या यूपीआई प्रोवाइडर से साझा करें. क्योंकि अधिकांश बैंकों और यूपीआई प्रोवाइडर के पास ऐसे विवादों से निपटने की प्रक्रियाएं हैं.

प्राप्तकर्ता से सीधे संपर्क करें

यदि संभव हो तो उस व्यक्ति से संपर्क करें जिन्हें आपने गलती से पेमेंट किया है. विनम्रतापूर्वक गलती बताएं और धन वापसी का अनुरोध करें. इससे सबसे तेज समाधान मिल सकता है. यहां आपको शालीनता का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा.

एनपीसीआई के पास शिकायत दर्ज करें

यदि अन्य तरीके विफल हो जाते हैं, तो एनपीसीआई से शिकायत करें, जो यूपीआई प्रणाली की देखरेख करता है. वह जांच करेगा और समाधान करेगा. इसके लिए आपको एनपीसीआई की वेबसाइट पर जाकर या फिर उसके टोल फ्री नंबर 1800-120-1740 पर जाकर 24×7 शिकयत कर सकते हैं.

कानूनी मदद लें

ट्रांजैक्शन और शिकायत से संबंधी सभी दस्तावेज सुरक्षित रखें. अंतिम उपाय के रूप में, धोखाधड़ी के संदेह में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने पर विचार करें. अगर पुलिस आपकी शिकायत को सीरियस नहीं लेती है तो आप कोर्ट की भी शरण ले सकते हैं.

फिलिस्तीन ने गाजा में शांति के लिए भारत से मांगी मदद, NSA अजीत डोभाल रूस जाएंगे

रूस यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. रूस यूक्रेन में युद्ध विराम की कोशिश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. अब फिलिस्तीन ने भी गाजा में शांति के लिए भारत का रुख किया है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा, “हम हमेशा मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए भारत जैसे दोस्त की तलाश में हैं.”

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी मध्यस्थ युद्ध विराम समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. रूस-यूक्रेन के बाद अब भारत से फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे पर भी मध्यस्थ की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.

भारत एक शांतिपूर्ण देश”- अबू अल-हैजा

फिलिस्तीनी राजदूत अबू अल-हैजा ने कहा, “मुझे पता है कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है इसलिए हम भारत से अपील कर रहे हैं कि वे मध्यस्थ भूमिका निभाएं. भारत के दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) से अच्छे संबंध हैं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि वे युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 के सीमाओं के आधार पर एक राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करें.

युद्ध विराम के लिए रूस जा रहे डोभाल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी ऐसा ही बयान दिया और दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था.

अब खबर आई है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. खबर है कि वे यहां BRICS देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे. इन मुलाकातों में रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए भी चर्चा हो सकती है

हरियाणा चुनाव: आप-कांग्रेस गठबंधन पर सोमनाथ भारती ने उठाए सवाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक और नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की ताकत और कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए.

सोमनाथ भारती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन AAP उम्मीदवारों खासकर मुझे दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं की ओर से बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया गया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेस नेता चल रहे चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

मिलने से किया इनकार

सोमनाथ भारती ने बताया कि कांग्रेस के सीनियर लीडर अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसों के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. सोमनाथ भारती ने कहा कि कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.

सभी सीटों पर चुनाव

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आम आदमी पार्टी को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए. हरियाणा बीजेपी अपने आखिरी दिन पर है. कांग्रेस बड़े पैमाने पर अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है और हरियाणा केजरीवाल जी का गृह राज्य है, ऐसे में आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पहली गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

अजय माकन पर आरोप

सोमनाथ भारती ने आगे कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार करने की वजह दी. उसकी साजिश अजय माकन ने रची और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया गया. जब आम आदमी पार्टी को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों खुले तौर पर या चुपके से एक साथ काम करते हैं.

मणिपुर में हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात

मणिपुर पिछले एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है, जिसमें न जाने कितने ही लोगों की जान चली गई. कुछ दिन पहले ही राज्य में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया गया था. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस बीच पुलिस ने ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात करने का फैसला किया है. ये घोषणा जिरीबाम जिले में ताजा हिंसा की खबरों के बाद की गई है.

पुलिस महानिरीक्षक (आसूचना) के. कबीब के मुताबिक सूबे में एक मजबूत ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात की गई है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि राज्य में पुलिस और नागरिकों पर हमलों का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त हथियार खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होने कहा पुलिस प्रशासन हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तैनात किया गया है. साथ ही ड्रोन-रोधी प्रणाली तैनात की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस अतिरिक्त ड्रोन-रोधी हथियार खरीदेगी.

संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मी तैनात

के. कबीब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेना के हेलीकॉप्टर इलाकों में हवाई गश्त कर रहे हैं. साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जो चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी भी घटना को होने से रोका जा सके. उन्होंने बताया कि दोनों तरफ पहाड़ियों और घाटियों में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है, हर आने जाने लोगों पर पैनी निगाह रखी जा रही है. उन इलाकों पर खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है जहां से लंबी दूरी के रॉकेट और ड्रोन दागे गए थे.

कम से कम 3-5 किलोमीटर के दायरे में चलेगा अभियान

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया ये अभियान कम से कम 3-5 किलोमीटर के दायरे में चलेगा. इस संयुक्त अभियानों का मकसद पहाड़ियों और घाटी दोनों जगहों पर किसी भी तरह के हमले को रोकना है, जहां रॉकेट दागे गए थे और ड्रोन लॉन्च किए गए थे. वहीं जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा पर उन्होंने कहा कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने नुंगचाबी गांव पर हमला किया था जिसमें कुलेन्द्र सिंहा नाम के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि रशीदपुर गांव के पास ग्रामीण स्वयंसेवकों और अज्ञात बदमाशों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि वर्दी पहने बदमाशों के तीन शव बरामद किए गए.

भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

इसके आगे उन्होंने ये भी बताया कि बीते दिन शाम के समय राजधानी इंफाल में सातवीं मणिपुर राइफल्स खाबेइसोई और दूसरी मणिपुर राइफल्स में हथियार लूटने की कोशिश की गई. हालांकि सुरक्षाबलों ने इस कोशिश को नाकामयाब कर दिया. इस दौरान उपद्रवियों के कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. हालांकि इस दौरान हुई गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि शनिवार सुबह कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर मौजूद लोइबोल खुल्लेन और टिंगकाई खुल्लेन में तलाशी अभियान के दौरान भारी तादाद में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है, जिसमें अत्याधुनिक हथियार, स्नाइपर राइफल, विस्फोटक और ग्रेनेड के साथ ही एक वायरलेस सेट शामिल थे.

मानसून का कहर: जयपुर में मूसलाधार बारिश, आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

मानसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. वहीं, मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान जताया है. IMD के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के 9 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही उन सभी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के एलुरु, अल्लुरी सीताराम राजू (एएसआर), पार्वतीपुरम मान्यम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम, पश्चिम गोदावरी, पूर्वी गोदावरी, एनटीआर और कृष्णा जिलों के लिए ‘अलर्ट’ जारी किया है. मौसम विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘एलुरु, एएसआर, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी और एनटीआर के एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के साथ अत्यंत भारी बारिश होने की आशंका है.’

आंध्र प्रदेश में रविवार को भी भारी बारिश होने का अनुमान

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के कोनसीमा, काकीनाडा, अनकापल्ली, यानम, विशाखापट्टनम, विजयनगर, श्रीकाकुलम, पार्वतीपुरम मान्यम और कृष्णा जिलों के अलग-अलग स्थानों पर रविवार को अत्याधिक बारिश होने का भी अनुमान व्यक्त किया है. इन सभी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. वहीं, मानसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से राजस्थान में मूसलाधार बारिश हो रही है.

राजस्थान में अगले दो दिन मानसून सक्रिय रहने का अनुमान

मौसम केंद्र के अनुसार, राजस्थान में पिछले चौबीस घंटे में बांसवाड़ा के लोहारिया में सबसे अधिक 169 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं, राज्य में भारी बारिश का दौर अभी कुछ दिन जारी रहने का अनुमान है. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक के 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर स्थानों और पश्चिमी में कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ वर्षा दर्ज की गई.

मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर भागों में आगामी 2-3 दिन मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है. सात सितंबर को उदयपुर, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में मध्यम, कहीं-कहीं भारी और अति भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह कोटा, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में 8-9 सितंबर को भी बारिश की गतिविधियां जारी रहने और कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है.

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की दो दिवसीय भारत यात्रा,कई क्षेत्रों में होगी साझेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष निमंत्रण पर अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भारत आ रहे हैं. मोहम्मद बिन जायद 9 और 10 सितंबर को भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे.

हमास इजरायल संघर्ष के बीच उनकी भारत यात्रा अहम मानी जा रही है. बतौर अबू धाबी के युवराज उनकी यह पहली भारत यात्रा होगी. उनके साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि अल नाहयान की यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के संबंधों को और मजबूत करेगी. उनकी इस यात्रा विकास के नए क्षेत्रों में साझेदारी के नये रास्ते खोलेगी.

द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर मिलकर बातचीत करेंगे. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच इज़राइल-हमास संघर्ष से उत्पन्न हालात को लेकर भी विचार-विमर्श की संभावना है.

भारत और यूएई के ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. हाल के सालों में भारत और यूएई के बीच राजनीतिक, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पहले से गहरी हुई है.

भारत में क्राउन प्रिंस के प्रोग्राम

प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता के साथ ही इस दौरान वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. अबू धाबी के प्रिंस राष्ट्रपिता गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे. दिल्ली यात्रा के बाद अल नाहयान एक बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई जाएंगे. इस फोरम में दोनों देशों के शीर्ष व्यापारिक नेता भाग लेंगे.

भारत-यूएई के बढ़ते संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2015 में यूएई की यात्रा की थी. तब से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ा. दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते किए तो जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर हस्ताक्षर किए. पिछले कुछ सालों में भारत-यूएई ने रक्षा सहयोग में भी हाथ बढ़ाया है. इस साल जनवरी में प्रथम भारत-यूएई द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन राजस्थान में संपन्न हुआ था.

केसरीवाड़ा, पुणे: जहां बाल गंगाधर तिलक ने पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजित किया, जाने

1857 की क्रांति की विफलता के बाद अंग्रेजी दासता से मुक्ति के लिए संघर्ष का यह दूसरा चरण था. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इस संघर्ष के जनक थे. राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने और समाज को संगठित करने के लिए उन्होंने अनूठे तरीके अपनाए. विघ्ननाशक आराध्य श्री गणेश के पूजन को उन्होंने घरों की चहारदीवारी से बाहर निकालकर सार्वजनिक उत्सव के रूप में प्रस्तुत किया. शौर्य-साहस के नायक छत्रपति शिवाजी के उत्सव आयोजित करके उन्होंने युवाओं को संगठित किया और उन्हें स्वतंत्रता के संघर्ष के लिए प्रेरित किया. तिलक ने यह तब किया जब अंग्रेजी हुकूमत ने सार्वजनिक तौर पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा रखी थी.

जाहिर तौर पर ये धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम थे. लेकिन इनका असली उद्देश्य जनता को ब्रिटिश दासता के विरुद्ध संघर्ष के लिए जागृत और संगठित करना था. अंग्रेजों ने जल्दी ही इस खतरे को पहचाना. दमन चक्र चलाया. तिलक को बार-बार जेल यात्राएं करनी पड़ी. लेकिन स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, के प्रणेता तिलक का जीवन देश के लिए समर्पित था और इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को वे हमेशा तैयार रहे.

गजानन राष्ट्रीय एकता के प्रतीक

तिलक ने 20 अक्तूबर, 1893 को पुणे के अपने निवास स्थल केसरीबाड़ा में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजित किया. इसके कार्यक्रम दस दिन तक चले. इतिहासकारों के अनुसार, शिवाजी महाराज के बाल्यकाल में उनकी मां जीजाबाई ने ग्रामदेवता कसबा गणपति की स्थापना की थी. बाद में पेशवाओं ने इसका विस्तार किया. लेकिन तिलक के गणेशोत्सव के आयोजन धार्मिक कर्मकांडों तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने गजानन को राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के तौर पर स्थापित किया. इस उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए सामाजिक कुरीतियों और छुआछूत दूर करने के प्रभावी संदेश दिए गए. सामाजिक एकता और राष्ट्रीय भावना का विकास इन आयोजनों के मूल में था.

पूजन के बहाने अंग्रेजी राज के विरुद्ध संदेश

गणेशोत्सव के आयोजनों की लोकप्रियता को जल्दी ही विस्तार मिला. स्थान-स्थान पर इस उत्सव से सक्रिय रूप से जुड़ने वालों की भीड़ बढ़ती ही गई. प्रत्यक्ष तौर पर उत्सव का उद्देश्य आराध्य श्री गणेश का पूजन था. लेकिन आयोजन के दौरान युवकों की टोलियां देशभक्ति के गीत गाती भ्रमण करतीं. पर्चे वितरित करतीं. अंग्रेजी राज के विरुद्ध लोगों को खड़े होने के लिए संगठित होने और इसके लिए आपसी मतभेद भुलाने और क्षुद्र स्वार्थों के परित्याग का संदेश दिया जाता था.सार्वजनिक तौर ऐसे आयोजनों के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं थी. धार्मिक पूजन – अर्चन के उत्सव के नाम पर सरकार के विरुद्ध निर्मित हो रहे वातावरण से अंग्रेज चिंतित थे. खुफिया रिपोर्टों में इस पर चिंता भी जाहिर की गई. इसके चलते इस आयोजन के सूत्रधार तिलक किसी न किसी बहाने अंग्रेजो के निशाने पर बने रहे.

मुगलों से शिवाजी लड़े, अंग्रेजों से आप लड़ो

तिलक को अंग्रेजी राज की नाराजगी या उत्पीड़न की चिंता नहीं थी. 15 अप्रैल 1895 को उन्होंने शिवाजी उत्सव की शुरुआत रायगढ़ किले में की. शौर्य – साहस के पर्याय छत्रपति शिवाजी महाराज भारत वर्ष के प्रेरक अग्रणी नायकों की सूची में काफी ऊंचे स्थान पर रहे हैं. उन्होंने मुगलों के विरुद्ध निरंतर संघर्ष करके मराठा साम्राज्य को अक्षुण्ण रखा था.

असलियत में शिवाजी के अदम्य साहस, शौर्य और संघर्ष के जरिए तिलक विशेषकर युवाओं में उनकी ही भांति जोश और जागृति उत्पन्न करना चाहते थे. इस उत्सव के दौरान शिवाजी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों और मुगलों के विरुद्ध उनके साहसपूर्ण संघर्ष की याद दिलाकर संदेश दिया जाता कि देश के सामने आज भी ऐसी ही परिस्थिति है. तब विदेशी मुगलों से संघर्ष था. अब अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है.

ईश्वर ने भारत का पट्टा विदेशियों को नहीं दिया

12 जून 1897 को शिवाजी उत्सव में तिलक का भाषण संघर्ष प्रारम्भ करने का खुला आह्वान था. उन्होंने कहा, “क्या शिवाजी ने अफजल खान को मार कर कोई पाप किया था? इस प्रश्न का उत्तर महाभारत में मिल सकता है. गीता में श्रीमन कृष्ण ने अपने गुरूओं और बांधवों तक को मारने का उपदेश दिया है. उनके अनुसार अगर कोई व्यक्ति निष्काम भाव से कर्म करता है तो वह किसी पाप का भागी नही बनता है.

शिवाजी ने अपनी उदर पूर्ति के लिए कुछ नही किया था. बहुत नेक इरादे के साथ, दूसरों की भलाई के लिए उन्होंने अफजल खान का वध किया था. अगर चोर हमारे घर में घुस आए और हमारे अन्दर उनको बाहर निकालने की ताकत न हो तो हमे बेहिचक दरवाजा बन्द करके उसे जिन्दा जला देना चाहिए. ईश्वर ने हिन्दुस्तान के राज्य का पट्टा ताम्रपत्र पर लिखकर विदेशियों को तो नहीं दिया है.

शिवाजी महाराज ने उनको अपनी जन्मभूमि से खदेड़ने की कोशिश की. ऐसा करके उन्होंने दूसरे की वस्तु हड़पने का पाप नही किया. कुएं के मेढ़क की तरह अपनी दृष्टि संकुचित मत करो. ताजीराते – हिन्द की कैद से बाहर निकलो. गीता के अत्यन्त उच्च वातावरण में पहुंचो और महान व्यक्तियों के कार्यों पर विचार करो.”

विलक्षण प्रतिभा के धनी

23 जुलाई 1856 को जन्मे बाल गंगाधर तिलक ने 1880 में वकालत पास की. नौ वर्षों तक कानून की कक्षाएं लीं. अपने अखबार ‘केसरी’ में कानून पर तमाम विद्वतापूर्ण लेख लिखे. 40 साल के अपने सार्वजनिक जीवन मे लगातार मुकदमों और अदालतों में उलझे रहे. इसमें लंदन की अदालतें भी शामिल थीं. तीन बार राजद्रोह के मुकदमों का सामना किया. कानूनी कौशल ऐसा विलक्षण कि जब 1897 में पहली बार राजद्रोह के मामले में सजा के बाद उन्हें जेल भेजा गया तो अगले ही दिन जेल से उन्होंने प्रिवी काउंसिल में की जाने वाली अपील का ड्राफ्ट तैयार कर अपने वकीलों को सिपुर्द कर दिया.

यह अपील अदालत में फैसला सुनकर तैयार की गई थी. दिग्गज वकील आश्चर्य में पड़ गए थे. न्यायिक प्रक्रिया का राजनीतिक इस्तेमाल उन जैसा शायद ही कोई नेता कर सका हो.